शुक्रवार, फ़रवरी 20, 2009

आइए चलें २२ फरवरी को राँची, पूर्वी भारत के हिंदी चिट्ठाकारों के सम्मेलन में शिरकत करने..

पिछले तीन वर्षों में चिट्ठाकारिता यानि ब्लागिंग की बदौलत मेरा राँची, बनारस, दिल्ली, मुंबई, लखनऊ और बोकारो में चिट्ठाकारों से मिलना जुलना होता रहा है। दो साल पहले जब दिल्ली में हिन्द युग्म के नियंत्रक शैलेश से पहली बार मुलाकात हुई थी तो ये बात हुई थी कि हिंदी चिट्ठाकारों के बीच ऍसी मुलाक़ात छोटे शहरों में भी होनी चाहिए। पर उस वक़्त राँची क्या झारखंड में हिंदी ब्लागिंग करने वाले साथी नहीं थे। जो यहाँ के थे भी वो झारखंड से निकल कर देश के अलग अलग हिस्सों में रहते हुए ब्लॉगिंग कर रहे थे, इसलिए यहाँ कोई ब्लॉगर मीट कराने की सोचना दूर की कौड़ी थी।
पिछले एक डेढ़ वर्ष में स्थिति बदली जरूर है। देश के इस पूर्वी इलाके में बिहार, झारखंड से लेकर बंगाल तक ऍसे हिंदी ब्लॉगरों की संख्या में इज़ाफ़ा आया है जिन्होंने हिंदी ब्लॉग जगत में सकारात्मक उपस्थिति दर्ज कराई है। आज जहाँ शिव कुमार मिश्रा के व्यंग्यात्मक लेखन को चाव से पढ़ा जाता है तो वहीं बोकारो की संगीता पुरी ने गत्यात्मक ज्योतिष जैसा नया विषय चुनकर चिट्ठाकारिता के नए आयाम प्रस्तुत किए हैं। जमशेदपुर की रंजना सिंह साहित्यिक लेखन के साथ आध्यात्मिकता की बाते कर रही हैं तो लवली कंप्यूटर ज्ञान से लेकर भुजंग ज्ञान तक बाँट रही हैं। बोकारो की पारुल और कोलकाता के मीत जहाँ अपनी कविताओं के साथ पॉडकास्टिंग की विधा से अपनी सुरीली आवाज़ को आपके पास पहुँचा रहे हैं वहीं राँची के पत्रकारों ने भी अब राँची हल्ला के नाम से सामुदायिक चिट्ठा खोल दिया है जो हिंदी ब्लागिंग में रुचि रखने वालों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। और अंत में अपनी बात करूँ तो आपका ये नाचीज बंदा अच्छे संगीत और साहित्य को इस चिट्ठे के माध्यम से आप तक पहुँचाने के लिए पिछले तीन सालों से कटिबद्ध है और अब हिंदी ब्लागिंग में यात्रा लेखन को समर्पित नए चिट्ठे मुसाफ़िर हूँ यारों का आगाज़ कर चुका है।

इसलिए जब शैलेश ने २२ फरवरी राँची में इस क्षेत्र के सभी ब्लागरों की मीट (Hindi Blogger's Meet at Ranchi ) बुलाने की योजना का खुलासा किया तो मुझे बेहद खुशी हुई। भिन्न भिन्न तबकों और पेशों से जुड़े लोगों का एक जगह मिलना निश्चय ही हिंदी ब्लागिंग के प्रति आम जनों की रुचि को बढ़ाएगा। हम सभी एक मंच से ब्लागिंग के प्रति अपने रचनात्मक अनुभवों को साझा करने का प्रयास करेंगे। इस कार्यक्रम का संयोजन कर रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार घनश्याम श्रीवास्तव (09798765568) और कश्यप मेमोरियल आई हास्पिटल, राँची की निदेशिका डा. भारती कश्यप ने कार्यक्रम के आयोजन का जिम्मा लिया है। आशा है पूर्वी भारत में रहने वाले तमाम हिंदी ब्लॉगर इस मीट में अपनी उपस्थिति दर्ज़ कराकर इस आयोजन को सफल बनाएँगे। कार्यक्रम की रूपरेखा माननीय अतिथियों और प्रतिभागियों के बारे में आप यहाँ भी देख सकते हैं



स्थान : कश्यप आई मेमोरियल हॉस्पिटल , सभागार कक्ष, राँची
तिथि : 22.2.2009
समय : ग्यारह बजे से
यहाँ पहुँचने के लिए इस नक़्शे का प्रयोग करें...



तो कर दीजिए आने की तैयारियाँ शुरु राँची में आपका स्वागत है !
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18 टिप्पणियाँ:

Sajeev on फ़रवरी 15, 2009 ने कहा…

shubhkamnayen :)

संगीता पुरी on फ़रवरी 15, 2009 ने कहा…

बहुत अच्‍छा ..... 22 को मिलते हैं।

संगीता पुरी on फ़रवरी 15, 2009 ने कहा…

मेरे लिंक सही नहीं दिया गया है....इसे सुधारा जाए।

अनुनाद सिंह on फ़रवरी 15, 2009 ने कहा…

रांची ब्लागर मिलन की सफलता के लिये बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!

भारत के विभिन्न हिस्सों में ऐसे ब्लागर-मिलन आयोजित किये जाने चाहिये। इसके साथ ही मेरा मानना है कि ऐसे सम्मेलनों की विषय-वस्तु पर भी विचार किया जाय कि कौन सि मुख्य बातें ऐसे सम्मेलनों मेंरखी जांय। क्या और कैसे किया जाय कि कम समय में अधिक प्रभाव पड़े? आदि

इस बारे में मेरा सुझाव कुछ इस प्रकार है-
१) यह बताया जाय कि अब कम्प्यूतरों पर हिन्दी लिखना-पढ़ना बायें हाथ का खेल हो गया है। लोगों को हिन्दी लिखने के कुछेक प्रमुख तरीकों का प्रदर्शन करके उनके विश्वास को पुख्ता किया जाय।

२) हिन्दी चिट्ठाकारी के बारे में बात हो। उसकी स्थिति के बारे में बात हो। चिट्ठाकारी का भी प्रदर्शन करके बताया जाय।

३) हिन्दी के प्रमुख आफलाइन टूल्स और ऑनलाइन टूल्स के बारे में बताया जाय।

४) हिन्दी के प्रमुख साइटों - जैसे नारद, ब्लागवाणी आदि एग्रीगेटर, हिन्दी विकिपिडिया, कविता कोश, हिन्द-युग्म, हिन्दी की पत्र-पत्रिकाएँ आदि के बारे में एव्ं उनके प्ते बताएं जाँय।

५) हिन्दी विकि पर लिखने के लिये अनुरोध किया जाय।

६) हिन्दी के चर्चा-समूहों पर चर्चा करने की सलाह दी जाय। उनके पते बताए जांय।

अभी तो इतना ही याद आ रहा है। और भाई लोग और उपयोगी बातें सुझाएँ।

Manish Kumar on फ़रवरी 15, 2009 ने कहा…

सजीव धन्यवाद !

संगीता जी लिंक सुधार दी गई है

अनुनाद भाई आपके सुझाव बहुत अच्छे हैं और इंटरनेट में हिंदी लेखन में रुचि रखने वालों के लिए बेहद उपयोगी होंगे। अगर ऍसे लोगों की संख्या ज्यादा हुई तो हम एक हिंदी ब्लागिंग पर प्रश्नोत्री सत्र का भी समय रखेंगे। वैसे हिंदी ब्लागिंग पर एक तकनीकी आलेख का पावरप्वाइंट पर प्रस्तुतिकरण शैलेश कर रहा है। इसी तरह हिंदी ब्लागिंग के विकास के बारे में भी श्रोताओं को बताने की योजना है।

इस संबंध में आप सब के अन्य सुझावों का स्वागत है।

Udan Tashtari on फ़रवरी 15, 2009 ने कहा…

काश मैं आ पाता...मेरी हार्दिक शुभकामनाऐं.

टेली कान्फ्रेसिंग का जुगाड़ करिये भाई.

Yunus Khan on फ़रवरी 15, 2009 ने कहा…

अग्रिम बधाईयां ।
इससे बाकी इलाकों में भी प्रेरणा मिलेगी ।
अनुनाद के सवाल महत्‍त्‍वपूर्ण है ।
आपकी ओर से रपटों का इंतज़ार रहेगा ।

यूनुस

Arvind Mishra on फ़रवरी 15, 2009 ने कहा…

आयोजन की सफलता के लिए शुभकामनाएं !

Anil Pusadkar on फ़रवरी 15, 2009 ने कहा…

हमारी भी शुभकामनाएं

महेन्द्र मिश्र on फ़रवरी 15, 2009 ने कहा…

मेरी हार्दिक शुभकामनाऐं.....

विष्णु बैरागी on फ़रवरी 15, 2009 ने कहा…

चिट्ठाकारी दुनिया को मुट्ठी में बन्‍द कर रही है। 'वसुधैव कुटुम्‍बकम्' को चरितार्थ कर रही है यह विधा।
मुझे तो इस दुनिया के रीति रिवाजो की अधिक जानकारी नही है। ऐसे में यही आशा कर रहा हूं कि इस बैठक से जो 'नवनीत' आएगा, उसका कुछ अंश मुझ जैसों तक भी पहुंचेगा।
आयोजन के प्रतिभागियों को मेरी ओर से सादर अभिवादन अर्नित कीजिए‍गा। आयोजकों को साधुवाद।
आयोजन की सफलता के लिए हार्दिक शुभ-कामनाएं।
हम भी होंगे वहीं, वहां न होकर भी।

Abhishek Ojha on फ़रवरी 15, 2009 ने कहा…

काश हम भी आ पाते ! चलिए रिपोर्ट का इंतज़ार रहेगा.

कंचन सिंह चौहान on फ़रवरी 16, 2009 ने कहा…

Karyakram ki safalta ke liye shubhkamane.n...... Karyakram me aap, Parul aur Meet Ji mere teen bahut priya blogger shirkat karenge.... man se to mai vahi rahungi us din....!

बेनामी ने कहा…

अनुनाद जी ने सटीक सुझाव दिए हैं और इस दिशा में शैलेश तन-मन-धन से जुटे हुए हैं। जमीनी स्‍तर पर उनका काम सराहनीय है। आयोजन के लिए अग्रिम शुभकामनाएं।

Anita kumar on फ़रवरी 16, 2009 ने कहा…

Sameer ji sahi kah rahe hain...Technology ka istemaal kiya jaaye Pranton ki seemayein todne mein. Aaap ki post ka ek faayadaa yeh hua ki mujhe bahut si aisi blogger mahilaaon ke baare mein pataa chal gayaa jinhe meine pahle dekha nahi tha..Dhanywaad and best wishes for the program ...waiting to hear the report of the program

अभिषेक मिश्र on फ़रवरी 17, 2009 ने कहा…

मनीष जी, अब रांची में मुलाकात हो ही जायेगी आपसे.

mamta on फ़रवरी 17, 2009 ने कहा…

हार्दिक शुभकामनाऐं .

seema gupta on फ़रवरी 17, 2009 ने कहा…

"आयोजन की सफलता के लिए शुभकामनाएं "

Regards

 

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