कोक स्टूडिओ (Coke Studio) का भारतीय संस्करण अपने तीसरे साल मे है। विगत दो सालों में अपने अग्रज पाकिस्तानी कोक स्टूडिओ की तुलना में ये फीका ही रहा है। पर अपने शैशव काल से बाहर निकलता हुआ ये कार्यक्रम हर साल कुछ ऐसी प्रस्तुतियाँ जरूर दे जाता है जिससे इसके भविष्य के प्रति और उम्मीद जगती है। इस बार मुझे अपनी चहेती पार्श्व गायिका सोना महापात्रा को इस कार्यक्रम में सुनने का बेसब्री से इंतज़ार था। मुझे हमेशा से लगता रहा है कि सोना की आवाज़ की गुणवत्ता बेमिसाल है और उनकी गायिकी की विस्तृत सीमाओं का हिंदी फिल्म जगत सही ढंग से इस्तेमाल नहीं कर पाया है। संगीतकार राम संपत जिनसे सोना परिणय सूत्र में बँध चुकी हैं इस मामले में अपवाद जरूर हैं पर सोना को अपने हुनर के मुताबिक अन्य संगीतकारों का साथ मिलता रहे तो मेरे जैसे संगीतप्रेमी को ज्यादा खुशी होगी।
MTV के इस कार्यक्रम में राम संपत ने सोना की आवाज़ का दो बार इस्तेमाल किया और दोनों बार नतीजा शानदार रहा। तो आइए सुनते हैं आज इन दोनों गीतों को
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पहले गीत में ईश भक्ति का रंग सर चढ़कर बोलता है। गीत की शुरुआत होती है सामंथा एडवर्ड्स की गाई इन पंक्तियों से, जिसमें दुख और सुख दोनों परिस्थितियों में ईश्वर की अनुकंपा से गदगद भक्त के प्रेम को व्यक्त किया गया है।
पहले गीत में ईश भक्ति का रंग सर चढ़कर बोलता है। गीत की शुरुआत होती है सामंथा एडवर्ड्स की गाई इन पंक्तियों से, जिसमें दुख और सुख दोनों परिस्थितियों में ईश्वर की अनुकंपा से गदगद भक्त के प्रेम को व्यक्त किया गया है।
When I am weak,
You give me strength,
You give me hope,
When I am down,
In the face of darkness,
You are my guide,
You are my love,
My love divine.
Help me forgive,
When I am hurt,
Help me believe,
When I am lost,
In times of trouble,
You ease my weary mind,
You are my love,
My love divine.
सामंथा, राम सम्पत के शब्दों को पूरे हृदय से आत्मसात करती दिखती हैं। मुंबई की ये बहुमुखी प्रतिभा पश्चिमी जॉज़ संगीत के साथ साथ हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में समान रूप से दक्ष हैं। पिछले दो दशकों में वो एक संगीत शिक्षक, संयोजक और गायिका की विविध भूमिकाओं को भली भांति निभाती आयी हैं। सामंथा की गायिकी और राम संपत के खूबसूरत इंटरल्यूड् से स्थिर हुए मन को बदलती रिदम के साथ सोना की आवाज़ नई उमंग का संचार करती है। गीतकार मुन्ना धीमन अपने शब्दों की लौ से भक्त को तरंगित अवस्था में ले आते हैं।
दम दम अंदर बोले यार
हरदम अंदर बोले यार
यार में मैं बोलूँ ना बोलूँ
मेरे अंदर बोले यार
घर के अंदर बोले यार
घर के बाहर बोले यार
छत के ऊपर नाचे यार
मंदिर मस्जिद बोले यार
हम ने यार दी नौकरी कर ली
कर ली प्यार दी नौकरी कर ली
उसके द्वार पर जा बैठे हैं
वो खोले ना खोले द्वार
लौ लागी ऐसी लौ लागी
फिरती हूँ मैं भागी भागी
मैं तुलने को राजी राजी
कोई तराजू तौले यार...
When I am weak...
हिंदी और अंग्रेजी शब्दों के मेल कर से बना ये गीत अपने बेहतरीन संगीत संयोजन दिल को सुकून पहुँचाता है।
इसी कार्यक्रम के अंत में सोना महापात्रा ने अमीर ख़ुसरो साहब की लिखी एक और रचना को पेश किया जिसे खुसरो साहब ने अपने गुरु निजामुद्दिन औलिया के लिए लिखा था। सोना की आवाज़ में जो उर्जा है वो अमीर खुसरों की भावनाओं और गीत के चुलबुलेपन से पूरा न्याय करती दिखती है..
मैं तो पिया से नैना लड़ा आई रे
घर नारी कँवारी कहे सो कहे
मैं तो पिया से नैना लड़ा आई रे
सोहनी सुरतिया मोहनी मुरतिया..
मैं तो हृदय के पीछे समा आई रे..
मैं तो पिया से..
खुसरो निज़ाम के बली बली जैये
मैं तो अनमोल चेली कहा आई रे
सोना इस गीत के बारे में कहती हैं
इस गीत में गिनती गिन कर ऊपर के सुरों तक पहुँचने के बजाए मैंने पूरी तरह गीत के उन्माद में अपने आप को झोंक दिया। अगर मैं ऐसा नहीं करती तो शायद गीत की भावनाओं से मेरा तारतम्य टूट जाता।दोनों ही गीतों में कोरस का राम संपत ने बड़ा प्यारा इस्तेमाल किया है।
तो बताइए सोना महापात्रा की गायिकी से सजी जनमाष्टमी की ये भक्तिमय सुबह आपको कैसी लगी?
एक शाम मेरे नाम पर सोना महापात्रा
एक शाम मेरे नाम पर सोना महापात्रा