रविवार, फ़रवरी 22, 2015

वार्षिक संगीतमाला 2014 पायदान # 5 : मैं तैनू समझावाँ की, न तेरे बिना लगदा जी .. Main Tenu Samjhawan Ki ..

वार्षिक संगीतमाला की पाँचवी पायदान पर गाना है 'हम्पटी शर्मा की दुल्हनिया' का। मेरे ख्याल से इस फिल्म के गीत समझावाँ से आप सभी भली भांति परिचित होंगे। पिछले साल ये गीत अपनी मधुरता की वज़ह से हम सभी के दिल में जगह बनाने में कामयाब रहा था। यूँ तो फिल्म में इस गीत को अरिजित सिंह और श्रेया घोषाल ने गाया है पर फिल्म के प्रदर्शित होने के समय इस गीत का एक और वर्सन अभिनेत्री अलिया भट्ट की आवाज़ में रिकार्ड हुआ। एक पेशेवर गायिका ना होने के बावज़ूद अलिया ने इस गीत को जितने करीने से निभाया है वो तारीफ़ करने योग्य है।


वैसे फिल्म में प्रयुक्त ये गीत सबसे पहले भारत व पाकिस्तान के संयुक्त प्रयास से बनी एक पंजाबी फिल्म विरसा यानि विरासत में राहत फतेह अली खाँ की आवाज़ में रिकार्ड हुआ था। उस फिल्म में इस गीत को संगीतबद्ध किया था जावेद अहमद ने और इसके पंजाबी बोल लिखे थे अहमद अनीस ने। पंजाबी व हिंदी फिल्मों के गीतकार कुमार ने गीत के कुछ हिस्सों को बदल दिया वहीं संगीतकार जोड़ी शरीब तोशी ने इसके संगीत संयोजन को परिवर्तित किया। जो वर्सन अलिया ने गाया है उसका संगीत संयोजन मुझे तो मूल गीत से भी लाजवाब लगता है। मुखड़े के पहले वाली ताल वाद्यों की हल्की हल्की ठपकी हो या फिर इ्टरल्यूड्स में गिटार के साथ उसका मधुर संगम .... उसे सुनते हुए कानों में शहद सा घुलता महसूस होता है।

अलिया ने इससे पहले फिल्म हाइवे  में जेब के साथ गीत सूहा साहा में एक अंतरे को गाया था जिसकी विस्तार से चर्चा हो चुकी है। पर यहाँ उनके सामने मुखड़े और दो अंतरे गाने के साथ गीत के ऊँचे सुरों को निभाने की भी चुनौती थी जिसे उन्होंने भली भांति निभाया। उन्होंने गीत की भावनाओं को अपनी आवाज़ में क़ैद करने की अच्छी कोशिश की है। कई बार फिल्म के प्रमोशन के दौरान इस गीत को गाते वक्त, गीत का दर्द उन्हें रुला भी गया। अपने गायन के बारे में अलिया को कोई मुगालता नहीं है। हाल ही में उन्होंने अपने साक्षात्कार में कहा था
"मुझे नर्म मुलायमित भरे गीत पसंद हैं। इस गीत को गाने का मतलब ये नहीं कि मैं पेशेवर पार्श्व गायिका बनने की सोच रही हूँ। ईमानदारी से कहूँ तो मैं एक बाथरूम सिंगर ही हूँ।"
इस साल हिंदी गीतों में पंजाबी का इस्तेमाल इतना बढ़ा है कि एक आम हिंदी संगीत प्रेमी भी उत्सुकतावश कुछ ना कुछ पंजाबी सीख ही गया है। वैसे तो इस गीत की पंजाबी समझने में उतनी मुश्किल नहीं है फिर भी आपकी सहूलियत के लिए उसका अनुवाद करने की कोशिश की है। तो आइए अब सुनते हैं हमारी नायिका की अपने प्रेमी को की गई ये करुण पुकार जिसे सुनकर मन कुछ गुमसुम और भींगा भींगा सा हो जाता है...



नहीं जीना तेरे बाजू, नहीं जीना, नहीं जीना
नहीं जीना तेरे बाजू, नहीं जीना, नहीं जीना

मैं तैनू समझावाँ की, न तेरे बिना लगदा जी
तू की जाने प्यार मेरा, मैं करूँ इंतजार तेरा
तू दिल, तुइयो जान मेरी
मैं तैनू समझावाँ की, न तेरे बिना लगदा जी

मेरे दिल ने चुन लईया ने, तेरे दिल दिया राहाँ
तू जो मेरे नाल तू रहता, तुरपे मेरीया साहां
जीना मेरा, हाए, हुण है तेरा, की मैं करां
तू कर ऐतबार मेरा, मैं करूँ इन्तज़ार तेरा
तू दिल तुइयो जान मेरी
मैं तैनू समझावाँ की, न तेरे बिना लगदा जी

मैं तुम्हारे बिना नहीं जीना चाहती। में तुम्हें कैसे समझाऊँ कि तुम्हारे बिना एक पल भी मन नहीं लगता मेरा। तुम्हीं तो मेरा हृदय, मेरी आत्मा हो। तुम्हारे इंतज़ार में घड़ियाँ गिनती रहती हूँ मैं। तुम क्या समझो मेरे प्रेम को? मेरे दिल ने तो तुम्हारे दिल की राहें चुन ली हैं। ये ज़िदगी मेरे लिए कितनी आसान हो जाती गर तू मेरे पास रहता। अब तो मैंने ये जीवन तेरे नाम कर दिया है। तुम्ही बताओ मैं तुम्हें ये यकीन दिलाने के लिए क्या करूँ ?


वे चंगा नईयों कीता बीवा
वे चंगा नईयों कीता बीवा
दिल मेरा तोड़ के
वे बड़ा पछताईयां अखाँ
वे बड़ा पछताईयां अखाँ
नाल तेरे जोड़ के

तेनु छड्ड के कित्थे जावाँ, तू मेरा परछावाँ

तेरे मुखड़े विच ही मैं तान, रब नू अपने पावाँ
मेरी दुआ हाय, सजदा तेरा करदी सदा
तू सुन इक़रार मेरा, मैं करूँ इंतज़ार तेरा
तू दिल तुइयो जान मेरी
मैं तैनु समझावां की

ओ साजन मेरा दिल तोड़ कर तुमने अच्छा नहीं किया । ये आँखे उस दिन को पछता रही हैं जिस दिन वो तुम्हारे नैनों से जुड़ गई थीं। तुम्हीं बताओ तुम्हें छोड़ कर अब मैं कहाँ जाऊँ? आख़िर तुम तो मेरी परछाई की तरह थे। तुम्हारे इस सलोने चेहरे में मैं अपना भगवान देखा करती थी। अब तो बस यही इच्छा है कि तेरी प्रार्थना में डूब कर जब मैं अपने प्रेम की स्वीकारोक्ति करूँ तो तू उसे सुन ले।

वार्षिक संगीतमाला 2014
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5 टिप्पणियाँ:

बेनामी ने कहा…

इस गीत के बारे में सिर्फ एक ही बात कही जा सकती है और वो है "जादुई"। ये गीत सबसे पहले मेरे कानों में आज से लगभग दो तीन साल पहले पड़ा था और उसके बाद जब तक मैंने यू ट्यूब में सर्च करके पूरा गीत सुन नहीं लिया मुझे चैन नहीं आया था । उसके बाद पिछले साल इस गीत के नए संस्करण सुनने को मिले और वो सब भी बहुत ही अच्छे लगे क्योंकि इस गीत की जो मूल धुन है उसके साथ ज्यादा छेड़छाड़ नहीं की गयी । मेरा बेहद पसंदीदा गीत एक बार फिर सुनवाने के लिए आभार

राजेश गोयल
ग़ाज़ियाबाद

Anurag Upadhyay on फ़रवरी 22, 2015 ने कहा…

Manish your analysis of the songs and song selections are superb.....really love the sangeetmala and the commentary.

Kanchan Khetwal on फ़रवरी 22, 2015 ने कहा…

One of my favorite songs of this year. I knew this will make to your 'Sangeetmala'. Some of the Punjabi words meaning I could know only now, by your Hindi translation, like 'तुरपे मेरीया साहां' .Excellent presentation.....

Manish Kumar on फ़रवरी 22, 2015 ने कहा…

Thank u Anurag sir ..आप लोगों के उत्साहवर्धन से ही इस संगीतमाला को साल दर साल चलाने की उर्जा मिलती है। आपको इस संगीतमाला में गीतों का चयन पसंद आया जान कर खुशी हुई।

Manish Kumar on फ़रवरी 22, 2015 ने कहा…

कंचन व राजेश गोयल जी

जानकर खुशी हुई कि ये आपका भी पसंदीदा नग्मा है :)। गीत की धुन और उसमें बहती उदासी दिल को छू ही जाती है।

 

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