जिन्दगी यादों का कारवाँ है.खट्टी मीठी भूली बिसरी यादें...क्यूँ ना उन्हें जिन्दा करें अपने प्रिय गीतों, गजलों और कविताओं के माध्यम से!
अगर साहित्य और संगीत की धारा में बहने को तैयार हैं आप तो कीजिए अपनी एक शाम मेरे नाम..
पिछले साल की हिट फिल्मों में स्त्री 2 का नाम खास तौर पर लिया जाता है। एक हॉरर कॉमेडी के हिसाब से मुझे ये फिल्म बस ठीक ठाक ही लगी थी पर इसके गीतों को जिस तरह चौक चौराहों पर बजाया गया उससे ये तो जरूर लगता है कि इस फिल्म की सफलता में इसके संगीत का बहुत बड़ा योगदान था।
इस गीत के वैसे तो दो गाने इस संगीतमाला में शामिल हैं पर दसवीं पायदान का ये गीत पिछले साल एक बार सुनते ही मेरी इस फेरहिस्त में शामिल हो गया था। एक समय बारहवीं सीढ़ी पर विराजमान इस गीत ने छलांग लगा कर आठवीं सीढ़ी पर कब्जा जमाया था पर जैसे जैसे 25 गीतों की पूरी सूची तैयार होती गई तो ये दो सीढ़ियां नीचे गिरते जा पहुंचा प्रथम दस के दसवें पड़ाव पर।
कुछ गीतों की मेलोडी ऐसी होती है जिन्हें आप नज़र अंदाज़ नहीं कर पाते। अब तुम्हारे ही रहेंगे हम ऐसा ही सुरीला गीत है जो एक बार सुनते ही आपका हो के रहेगा। अमिताभ भट्टाचार्य शाश्वत रहने वाले प्रेम को सहज शब्दों में इस तरह बांधते हैं कि वरुण जैन और शिल्पा राव को सुनते हुए श्रोता इस गीत को साथ साथ गुनगुनाना शुरू कर देते हैं। अंग्रेजी का एक मुहावरा है Easy on the ears वो इस गीत के लिए बिल्कुल दुरुस्त बैठता है ।
वरुण जैन और शिल्पा राव
सच तो ये है कि सचिन जिगर ने जब ये गीत बनाया था तब उन्हें भी नहीं पता था कि ये गीत किस फिल्म का हिस्सा बनेगा? जब ये गीत स्त्री 2 के लिए चुना गया तो इसके शब्दों और संगीत में थोड़े बहुत सुधार किए गए। गायक वरुण जैन जिनकी आरंभिक संगीत यात्रा की चर्चा मैंने यहां की थी, ने गीत का अपना हिस्सा अलग रिकॉर्ड किया था। यही हाल शिल्पा का भी था। फिल्म के रिलीज़ के कुछ दिनों पहले दोनों गायक पहली बार जीवन में एक दूसरे से मिले।
वरुण बताते हैं कि शिल्पा राव के साथ किसी गीत में उनका नाम आना और अमिताभ भट्टाचार्य के रचे बोलों को अपनी आवाज़ देना उनके लिए एक स्वप्न के समान था क्योंकि बचपन से वो इन कलाकारों की गायिकी और रचनाधर्मिता का आनंद लेते आए थे।
सचिन - जिगर
बॉलीवुड में जैसा आजकल का चलन है कि अंतरों के बीच एक कोरस के इस्तेमाल का। यही trend सचिन जिगर ने यहां भी इस्तेमाल किया है जो कि सुनने में अच्छा ही लगता है।
फिर से मिलने की जहाँ पे, दे गए थे तुम कसम
देख लो आ कर वहीँ पे, आज भी बैठे हुए है हम
तुम्हारे थे तुम्हारे हैं, तुम्हारे ही रहेंगे हम
तुम्हारे थे तुम्हारे हैं, तुम्हारे ही रहेंगे हम
मुद्दतें भी चंद लम्हों, जैसी लगती हैं सनम
बात ही ऐसी तुम्हारे, इश्क़ में कुछ है..मेरे हमदम
तुम्हारे थे तुम्हारे हैं....
वादा था कब का अब जा के आए, फिर भी गनीमत आए तो हैं
आइए आइए शौक़ से आइए, आइए आके इस बार ना जाइए
बिछड़ के भी हमसफ़र से, वफ़ा जो कर पाए है
इस आतिश के समन्दर से, वही तो गुज़र पाए है
नहीं मिली हीर तो क्या, रहे उसी के वो फिर भी
तभी रांझे वही सच, मायने में कहलाए है..कहलाए है
वही सच्ची मोहब्बत है, कभी होती नहीं जो कम
तुम्हारे थे तुम्हारे हैं..
तो आइए सुनते हैं ये गीत जिसे राजकुमार राव और श्रद्धा कपूर पर फिल्माया गया है।
इस चिट्ठे का उद्देश्य अच्छे संगीत और साहित्य एवम्र उनसे जुड़े कुछ पहलुओं को अपने नज़रिए से विश्लेषित कर संगीत प्रेमी पाठकों तक पहुँचाना और लोकप्रिय बनाना है। इसी हेतु चिट्ठे पर संगीत और चित्रों का प्रयोग हुआ है। अगर इस चिट्ठे पर प्रकाशित चित्र, संगीत या अन्य किसी सामग्री से कॉपीराइट का उल्लंघन होता है तो कृपया सूचित करें। आपकी सूचना पर त्वरित कार्यवाही की जाएगी।
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