tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post2917465806060850097..comments2024-03-27T11:21:05.807+05:30Comments on एक शाम मेरे नाम: होली के रंग दोहों के संग...Unknownnoreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-20335512456117735362017-03-13T11:07:24.657+05:302017-03-13T11:07:24.657+05:30बहुत ही सुंदर शब्द रचना और होली के सभी भावोसे भरपू...बहुत ही सुंदर शब्द रचना और होली के सभी भावोसे भरपूर Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/15015168713510693185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-62783201028978798732016-03-28T15:13:57.136+05:302016-03-28T15:13:57.136+05:30लोरी अनुराधा और हाशमी साहब आप सब को पंकज जी के ल...लोरी अनुराधा और हाशमी साहब आप सब को पंकज जी के लिखे ये दोहे पसंद आए, जान कर खुशी हुई।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-87595475325752224432016-03-25T15:40:04.653+05:302016-03-25T15:40:04.653+05:30बेहतरीन, शानदार उपहार है इस त्यौहार का. शुक्रिया,...बेहतरीन, शानदार उपहार है इस त्यौहार का. शुक्रिया, पंकज जी के भंडार में क्या क्या समाया हुआ है! Mansoor ali Hashmihttps://www.blogger.com/profile/09018351936262646974noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-31397675129040607942016-03-25T12:27:43.735+05:302016-03-25T12:27:43.735+05:30पंकज जी व्हाटसएप की दुनिया बेहरम है। कट पेस्ट तकनी...पंकज जी व्हाटसएप की दुनिया बेहरम है। कट पेस्ट तकनीक में चंद लमहे लेखक के नाम को खोजने पर लोग ज़ाया नहीं करते। मुझे जब ये दोहे एक मेसेज के रूप में मिले तो मैंने इसके लेखक को ढूँढना शुरु किया और मुझे बड़ी खुशी हुई आपका नाम देखकर। पर आपके दोहे व नीरज जी की ग़ज़ल का इस तरह व्हाट्सएप पर वॉयरल होना इस बात को दर्शाता है कि आम जनता ने आपकी इन कृतियों को हाथों हाथ लिया है ।<br /><br />अब आप तो जानते ही Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-86466444304634833042016-03-25T10:03:42.586+05:302016-03-25T10:03:42.586+05:30अरे वाह मनीष जी । क्या बात है। असल में यह दोहे कु...अरे वाह मनीष जी । क्या बात है। असल में यह दोहे कुछ वर्षों पूर्व लिखे थे और कहीं पर प्रकाशित भी हुए थे। लेकिन कट पेस्ट की साहित्यिक दुनिया में यह दोहे पिछले साल और इस साल भी बेनामी होकर घूम रहे हैं। इस साल तो मेरे ही कई मित्रों ने मुझे यह दोहे बेनामी भेजे। यहां तक कि एक कवि मित्र जिनके साथ में पिछले साल दूरदर्शन पर यह दोहे पढ़ च़का था था उन्होंने भी बेनामी भेजे । खैर इस साल तो आपकी आवाज का परस पंकज सुबीरhttps://www.blogger.com/profile/16918539411396437961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-68252064236028903052016-03-24T23:05:53.001+05:302016-03-24T23:05:53.001+05:30Mazaa aa gaya padh kar Manish Ji.
Thank you :-)Mazaa aa gaya padh kar Manish Ji. <br /><br />Thank you :-)Anuradhahttp://www.inditales.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-3269911913963307772016-03-24T21:23:00.237+05:302016-03-24T21:23:00.237+05:30ताज़ा ताज़ा वेब्दुनिया पर पढे और आपके इधर भी ......स...ताज़ा ताज़ा वेब्दुनिया पर पढे और आपके इधर भी ......सभी प्यारे हैं lorihttps://www.blogger.com/profile/03402492232277005688noreply@blogger.com