tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post3996918215679980146..comments2024-03-27T11:21:05.807+05:30Comments on एक शाम मेरे नाम: जो तुम आ जाते एक बार !Unknownnoreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-41588831207933210012011-06-04T10:30:25.732+05:302011-06-04T10:30:25.732+05:30जो तुम आ जाते एक बार निःसंदेह महादेवी जी की यादगार...जो तुम आ जाते एक बार निःसंदेह महादेवी जी की यादगार कविता है और इन महान कवियों को इस ब्लॉग के माध्यम से पाठकों तक पहुँचाना अपने आप में श्रेष्ठ कार्य है. कविता में एक संशोधन कर लें 'पद प्रखार' को कृपया 'पद पखार' कर लें. ऐसे ही अन्य कवियों को उद्घृत करते रहें पाठकों की दुआएं आपको मिलती रहेंगी .A B Shrivastavahttps://www.blogger.com/profile/11665315978107623078noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-31511828674606152102007-03-25T01:41:00.000+05:302007-03-25T01:41:00.000+05:30किम स्वागत है आपका इस ब्लॉग पर । तारीफ का शुक्रि...<B>किम </B> स्वागत है आपका इस ब्लॉग पर । तारीफ का शुक्रिया, आते रहें !<BR/><BR/><B>रचना जी </B> लगता है मैंने आपके मुँह की बात छीन ली :)Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-52701197822384200812007-03-24T00:21:00.000+05:302007-03-24T00:21:00.000+05:30// उस प्यारे से आगुंतक के लिए प्रतीक्षारत व्याकुल ...// उस प्यारे से आगुंतक के लिए प्रतीक्षारत व्याकुल मन से निकलती ये भावनाएँ हृदय को सहजता से छू लेती हैं।<BR/>// <BR/>टिप्पणी मे बस यही कहना है!rachanahttps://www.blogger.com/profile/14183659688400073503noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-91742277166901924232007-03-23T13:26:00.000+05:302007-03-23T13:26:00.000+05:30mann prasann hogaya aapke blog ko pad kar...!!! am...mann prasann hogaya aapke blog ko pad kar...!!! amazinf collection of hindi literature !!!Kimhttps://www.blogger.com/profile/17925627159497070846noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-91605076039654207742007-03-23T01:50:00.000+05:302007-03-23T01:50:00.000+05:30अनूप भाई :) :) समीर जी शुक्रिया !कांति दी बा...<B>अनूप भाई</B> :) :) <BR/><BR/><B>समीर जी</B> शुक्रिया !<BR/><BR/><B>कांति दी </B> बाप रे, यानि कनफ्यूजन और भी ज्यादा !<BR/><BR/><B>पूनम जी</B> अरे वाह ! चलिए उम्मीद करता हूँ की आपकी भेजी हुई पंक्तियाँ अपना असर दिखायेंगी ।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-85826007154529576802007-03-22T14:13:00.000+05:302007-03-22T14:13:00.000+05:30मेरे लिये बहुत ही ह्र्दय स्पर्शी पक्तियां है.आजकल ...मेरे लिये बहुत ही ह्र्दय स्पर्शी पक्तियां है.आजकल मैं ऐसी ही स्थिति से गुज़्रर रही हूँ.यह कविता मैंने विदेश में तैनात अपने पति को भेज दीं.Poonam Misrahttps://www.blogger.com/profile/08526492616367277544noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-35424821558710841812007-03-21T22:50:00.000+05:302007-03-21T22:50:00.000+05:30माना उम्र का तकाजा सही .एक और बात मेरे साथ थी.मेरी...माना उम्र का तकाजा सही .एक और बात मेरे साथ थी.मेरी हिंदी की शिक्षिका छायावाद को ईश्वर के साथ जोड देतीं थीं.जो मुझे कभी भी समझ नहीं आता था.archanahttps://www.blogger.com/profile/00956922974764373493noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-8705292078918438552007-03-20T23:14:00.000+05:302007-03-20T23:14:00.000+05:30बिल्कुल सही फरमाया मनीष भाई. सब उम्र का तकाजा है.-...बिल्कुल सही फरमाया मनीष भाई. सब उम्र का तकाजा है.<BR/>-कविता पेश करने के लिये साधूवाद!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-477819341814468592007-03-20T23:08:00.000+05:302007-03-20T23:08:00.000+05:30सही है। लेकिन चलो अब देर आये दुरुस्त आये।सही है। लेकिन चलो अब देर आये दुरुस्त आये।Anonymousnoreply@blogger.com