tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post4704310712891735572..comments2024-03-27T11:21:05.807+05:30Comments on एक शाम मेरे नाम: फिर कहीं कोई फूल खिला, चाहत ना कहो उसको : क्या आप निराशावादी हैं?Unknownnoreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-3132688781248385442012-05-08T15:46:57.705+05:302012-05-08T15:46:57.705+05:30रश्मि जी यथार्थवाद से जुड़े आपके कथन से बिल्कुल सह...<b>रश्मि जी</b> यथार्थवाद से जुड़े आपके कथन से बिल्कुल सहमत हूँ। <br /><br />उन्होंने बंगाली फिल्मों में सलिल दा के साथ काम किया। पर ज्यादा काम वहाँ भी नहीं कर सके। मुंबई वो संगीत निर्देशक बनने की तमन्ना ले कर आए भी नहीं थे। कनु दा के बारे में विस्तार से आपको अगली कुछ पोस्टों में बताऊँगा।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-43670547990615219152012-05-08T15:39:36.318+05:302012-05-08T15:39:36.318+05:30पूनम जी इस कड़ी में कनु राय के चार और गीतों की चर्...<b>पूनम जी</b> इस कड़ी में कनु राय के चार और गीतों की चर्चा होनी है जिसमें दो कपिल कुमार और दो गुलज़ार के लिखे हुए हैं। उम्मीद करता हूँ कि वो गीत भी आपके पसंदीदा होंगे। मुझे इस श्रृंखला की तैयारी करते वक़्त कनु दा के बारे में बहुत कुछ दिलचस्प जानने को मिला जिसे मैं अगली कुछ कड़ियों में आप से साझा करूँगा।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-49456454471481458482012-05-08T15:34:07.358+05:302012-05-08T15:34:07.358+05:30भूपेश सही कहा..बासु भट्टाचार्य के फिल्मों की पटकथा...<b>भूपेश</b> सही कहा..बासु भट्टाचार्य के फिल्मों की पटकथाएँ, उनके चुने कलाकारों का अभिनय और गीत संगीत बेहतरीन होता है। तीसरी कसम तो याद ही होगी आपको। अनुभव को हाल फिलहाल में देख नहीं पाया हूँ। आपने कल इसे देखा जान कर प्रसन्नता हुई। बासु दा और कनु रॉय से जुड़ी इस श्रृंखला की अगली कड़ी में आपको उनके व्यक्तित्व का एक अलग हिस्सा देखने को मिलेगा।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-21457790609909969492012-05-08T13:45:54.815+05:302012-05-08T13:45:54.815+05:30दीपिका जानकर खुशी हुई कि उस कच्ची कविता के भाव ओप...<b>दीपिका </b> जानकर खुशी हुई कि उस कच्ची कविता के भाव ओपको रुचिकर लगे।<br /><br /><b>अनु </b> वाह ये भी अच्छा है कम से कम आपके साथ जो ऐसी मुसीबत में फँसेगा उसे संबल देने वाला कोउ तो रहेगा। <br /><br /><b>दीपक जी</b> सही कहा आशाएँ और ख्वाब ही तो जीने की नई उर्जा देते हैं।<br /><br /><b>प्रवीण</b> गीत के लिए मधुर और फिलासफिकल कहना क्याा ज्यादा उचित नहीं रहेगा<br /><br /><b>वाणी</b> जी शुक्रियाManish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-30594649274399385152012-05-08T13:32:03.923+05:302012-05-08T13:32:03.923+05:30दिलीप जीआशावाद से किसी को कोई बैर नहीं पर आशाओं का...<b>दिलीप जी</b>आशावाद से किसी को कोई बैर नहीं पर आशाओं का दीपक तो कर्म रूपी दीये में जलकर ही पल्लवित हो पाता है। दिक्कत ये है कि लोग बिना उस मेहनत के वो उम्मीद लगा लेते हैं जिसके हम काबिल नहीं।<br /><br />आप बिल्कुल सही कह रहे हैं गाना सुनते समय मेंने भी मंदिर ही लिखा था पर अंतरजाल पर कई जगह मंजिल लिखा देखा तो भ्रम में पड़ गया। अभी फिर स्लो कर के सुना तो मंदिर ही लगा।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-11944358397881809092012-05-08T13:30:21.039+05:302012-05-08T13:30:21.039+05:30All is Well का आशावाद कोई पलायनवाद नहीं हैं.कुदरत ...All is Well का आशावाद कोई पलायनवाद नहीं हैं.कुदरत में या ईश्वर में आपकी आस्था या विश्वास का परिचायक है. विवेकानंद जी नें कहा था कि There is no difference in Life & Death. तो किसीने पूछा तो फ़िर हम मर क्यों नहीं जाते. तो उन्होने कहा था , कोई फ़र्क नहीं है तो जीना ही बेहतर है, क्योंकि जीवन से हम भगवान के रचे इस सुंदर रचना निसर्ग से रूबरू होते हैं, जिसे हमारे लिये ही बनाया है.<br /><br />bahut hi Dilip Kawathekarhttps://www.facebook.com/dilip.kawathekarnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-4562983835721442242012-05-08T12:18:22.884+05:302012-05-08T12:18:22.884+05:30आशावादी और निराशावादी के बीच एक शब्द यथार्थवादी भी...आशावादी और निराशावादी के बीच एक शब्द यथार्थवादी भी होना चाहिए.... जो कुछ आस-पास घटता है..उस से वे आँखें नहीं चुरा सकते...<br /><br />बहुत ही ख़ूबसूरत गीत का जिक्र किया है....हो सकता है..कनु रॉय ने हिंदी फिल्मो में कम संगीत दिया हो पर बंगाली फिल्मो में सफल रहे हों...ये महज एक अनुमान है.rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-21131172900782768572012-05-08T08:40:23.519+05:302012-05-08T08:40:23.519+05:30गीत के साथ आपका सन्दर्भ भी उत्तम है !गीत के साथ आपका सन्दर्भ भी उत्तम है !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-32111286783095358692012-05-07T16:38:53.524+05:302012-05-07T16:38:53.524+05:30हर इंसान दिन में कितनी बार आशा और निराशा के दर्बिय...हर इंसान दिन में कितनी बार आशा और निराशा के दर्बियान झूलता रहता है - आशा न हो तो जीवन समाप्त करने में कितना समय लगता है..<br /><br /><br /><br />सब जीए चले जा रहे हैं - कुछ अच्छा होने की आशा में.... बाकि सब निराशा ही हैं.दीपक बाबाhttps://www.blogger.com/profile/14225710037311600528noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-68825854895366682172012-05-07T15:20:17.414+05:302012-05-07T15:20:17.414+05:30मधुर और कोमल..मधुर और कोमल..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-69444887260563280672012-05-07T15:16:05.301+05:302012-05-07T15:16:05.301+05:30'अनुभव' और 'आविष्कार'....आज भी इन ...'अनुभव' और 'आविष्कार'....आज भी इन दोनों फिल्मों के गीत और संगीत उतने ही refreshing लगते हैं....मुझे इनके गीतकार और संगीतकार के बारे में आज ही पता चला...कभी जानने की कोशिश भी न की ....क्यूंकि इनके नाम की तरफ कभी ध्यान भी न गया.....कपिल कुमार और कनु राय को बधाई....इतना सुंदर गीत और संगीत देने के लिए !!<br /> मनीष ! आप हमेशा ही कुछ न कुछ नई जानकारी के साथ गीतों को हम तक ***Punam***https://www.blogger.com/profile/01924785129940767667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-89530739489988765982012-05-07T14:21:55.508+05:302012-05-07T14:21:55.508+05:30Hi Manishji,
Nice post, and Luckily i happened to...Hi Manishji, <br />Nice post, and Luckily i happened to watch this MOVIE ANUBHAV yesterday only. <br />The song is really gr8, and movie is class apart, loved the way BASUDA has woven the charecters and script.Bhoopesh Dhurandharhttps://www.blogger.com/profile/01289591463224238885noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-62609048430216858242012-05-07T13:19:19.494+05:302012-05-07T13:19:19.494+05:30सब कुछ सुंदर.........................
और ये बात भी...सब कुछ सुंदर.........................<br />और ये बात भी कि मैं हद से ज्यादा आशावादी हूँ.............रेल की पटरी पर कोई मुझे रस्सी से बाँध कर पटक दे तब भी मुझे यकीं रहेगा कि किसी ना किसी वजह से ट्रेन रुकेगी ज़रूर..........<br /><br />बहुत मज़ा है आशाएं पालने में.............<br /><br />अनुANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-69240288904632100932012-05-07T13:13:19.079+05:302012-05-07T13:13:19.079+05:30बहुत बढ़िया... आपका चिंतन भी.. और कविता के भी भाव ...बहुत बढ़िया... आपका चिंतन भी.. और कविता के भी भाव उत्तम, अच्छा है कि आपने शिल्प संवारने के चक्कर में भाव को जाने नहीं दिया है। आपकी कविता का कच्चापन ही उसका सौंदर्य है। गीत तो मधुर है ही, इसे तसल्ली से सुनेंगे।दीपिका रानीhttps://www.blogger.com/profile/12986060603619371005noreply@blogger.com