tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post5200066376090252569..comments2024-03-27T11:21:05.807+05:30Comments on एक शाम मेरे नाम: वार्षिक संगीतमाला 2015 पायदान # 12 : हाँ.. हँसी बन गए, हाँ.. नमी बन गए Hansi Ban GayeUnknownnoreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-54733041976758583172016-02-03T20:15:33.758+05:302016-02-03T20:15:33.758+05:30नहीं पसंद तो वही लिखिए या कुछ भी नहीं लिखने से भी ...नहीं पसंद तो वही लिखिए या कुछ भी नहीं लिखने से भी चलेगा। :)<br /><br />वैसे आपको आश्चर्य होगा कि गीतमाला की नीचे वाली पोस्टें ज्यादातर पढ़ी जाती हैं पिछले साल लोगों ने तेरी गलियाँ जैसे गीत को सबसे ज्यादा पढ़ा और इस बार गेरुआ, तू जो है तो मैं हूँ और तुर्रम खान सबसे ज्यादा पढ़े और पसंद किए जा रहे हैं। <br />Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-48901227995271142952016-02-03T14:23:28.053+05:302016-02-03T14:23:28.053+05:30कोई गीत खास पसंद ना हो टोप क्या लिखना ? इसलिए कमें...कोई गीत खास पसंद ना हो टोप क्या लिखना ? इसलिए कमेंट नहीं किया था. लेकिन देक्ल्ह रही हूँ कि इस पोस्ट पर टिप्पणियों की अभी तक बोहनी ही नहीं हुई है तो ये भी लिख दिया :)Kanchanhttp://kanchanc.blogspot.comnoreply@blogger.com