tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post5632835330546523569..comments2024-03-27T11:21:05.807+05:30Comments on एक शाम मेरे नाम: ये सराय है यहाँ किसका ठिकाना लोगों : इब्न ए इंशा एक उदास शायर या ज़िदादिल व्यंग्यकार ? Ye Sarai Hai by Ibn e InshaUnknownnoreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-3861595091547448892014-11-29T09:04:13.970+05:302014-11-29T09:04:13.970+05:30आग क़ायम रहे, जीवन का स्वाद क़ायम हैआग क़ायम रहे, जीवन का स्वाद क़ायम हैप्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-35635613363247786652014-11-28T00:18:41.487+05:302014-11-28T00:18:41.487+05:30प्रशांत मैंने तो इसे राजकमल प्रकाशन से नेट पर आर्ड...प्रशांत मैंने तो इसे राजकमल प्रकाशन से नेट पर आर्डर दे कर मँगवाया था। शायद आब आउट आफ प्रिंट हो गई हो।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-58888781925777519722014-11-27T23:47:09.143+05:302014-11-27T23:47:09.143+05:30लोरी वैसे तो चाँद से लगाव में इ्शा जी का कोई सानी ...लोरी वैसे तो चाँद से लगाव में इ्शा जी का कोई सानी नहीं है। इतनी नज़्में लिखी है इस चाँद पर। ऐसा ही लगाव मैं गुलज़ार में भी देखता हूँ। बहरहाल इंशा जी और चाँद पर एक लेखमाला लिखने का मन है। उसमें आपने जिस नज़्म का जिक्र किया है उसे भी स्थान दूँगा। वैसे मुझे उनकी लिखी चाँद के तमन्नाई बोल कर पढ़ना सबसे ज्यादा पसंद है।<br /><br />आपने जिस दूसरी नज़्म का जिक्र किया है वो मेरे पास है। उस नज़्म का नाम है Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-1288298800508778802014-11-27T19:14:48.702+05:302014-11-27T19:14:48.702+05:30अदब की दुनिया में जीने वालों के लिए जन्नत है आपका...अदब की दुनिया में जीने वालों के लिए जन्नत है आपका ब्लॉग <br />इन्शाँ जी की याद दिला कर शाम खुशनुमा डाली आपने।<br /><br />आपसे गुज़ारिश है,कभी "चाँद" पूरी सुनवाइये : <br /><br />" रोशनियों की पीली किरचें , पूरब पच्छम फैल गयीं <br />तूने ये किस शै के धोखे में पत्थर पर दे पटका चाँद " <br /><br />अदब की स्टूडेंट हूँ, और इन्शाँ साहब की एक नज़्म की तलाश में हूँ, जिसमे उन्होंने &lorihttps://www.blogger.com/profile/03402492232277005688noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-58442033350809322622014-11-27T18:50:15.226+05:302014-11-27T18:50:15.226+05:30वो जिस बुक का जिक्र आपनें किया है, वो हमनें भी आर्...वो जिस बुक का जिक्र आपनें किया है, वो हमनें भी आर्डर किया था, पर वो आया ही नहीं...<br />:(Prashant Suhanohttps://www.blogger.com/profile/13063081005432678937noreply@blogger.com