tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post6013472084582239058..comments2024-03-27T11:21:05.807+05:30Comments on एक शाम मेरे नाम: खोलो प्रियतम खोलो द्वार...'डा.राम कुमार वर्मा' रचित कुछ मनपसंद कविताएँ...Unknownnoreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-8736909538138399852007-08-08T21:39:00.000+05:302007-08-08T21:39:00.000+05:30ममता जी शुक्रिया !समीर जी उसी कविता को पढ़ कर रिक...<B>ममता जी</B> शुक्रिया !<BR/><BR/><B>समीर जी </B>उसी कविता को पढ़ कर रिकार्ड किया था। शायद कुछ बैंडविड्थ की समस्या की वजह से ना चल पाई हो।<BR/><BR/><B>अनूप जी</B> जरूर उनके बारे में लिखें, हमारी जानकारी बढ़ेगी।<BR/><BR/><B>घुघुति जी</B> आप को सबसे ज्यादा पसंद कौन आई ?Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-24239161517680836022007-08-08T21:38:00.000+05:302007-08-08T21:38:00.000+05:30कंचन रामकुमार वर्मा जी की कोई रचना हमारी पाठ्य पुस...<B>कंचन</B> रामकुमार वर्मा जी की कोई रचना हमारी पाठ्य पुस्तक में नहीं थी। इसलिए मैं उन्हें महादेवी जी की तरह ज्यादा नहीं पढ़ पाया हूँ। कभी मौका लगे तो दोनों की रचनाओं के बारे में एक तुलनात्मक समीक्षा कीजिएगा।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-84008068803930046262007-08-07T23:46:00.000+05:302007-08-07T23:46:00.000+05:30इतनी अच्छी कविताएँ पढ़वाने के लिए धन्यवाद ।घुघूती ब...इतनी अच्छी कविताएँ पढ़वाने के लिए धन्यवाद ।<BR/>घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-47569232906183341422007-08-07T23:15:00.000+05:302007-08-07T23:15:00.000+05:30बहुत अच्छे। आपके ब्लाग पर बहुत दिन का मसाला इकट्ठा...बहुत अच्छे। आपके ब्लाग पर बहुत दिन का मसाला इकट्ठा हो गया पढ़ने के लिये और टिपियाने के लिये। रामकुमार वर्मा जी के बारे में लिखना हमारी पेंडिंग लिस्ट में आ गया।:)अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-73766572251683594842007-08-07T22:14:00.000+05:302007-08-07T22:14:00.000+05:30माता जी को हमारा नमन. राम कुमार वर्मा जी की कविताय...माता जी को हमारा नमन. राम कुमार वर्मा जी की कवितायें पढ़कर मन आनन्दित हो गया. बहुत आभार. कुछ ऑडियो भी डाला है क्या? चला नहीं.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-32204356393588801472007-08-07T12:22:00.000+05:302007-08-07T12:22:00.000+05:30बहुत-बहुत बढ़िया। आपके ब्लॉग पर हमेशा कुछ अलग ही पढ...बहुत-बहुत बढ़िया। आपके ब्लॉग पर हमेशा कुछ अलग ही पढने को मिलता है।mamtahttps://www.blogger.com/profile/05350694731690138562noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-62832205314405038052007-08-07T12:15:00.000+05:302007-08-07T12:15:00.000+05:30छायावाद के चारों कवियों मे मुझे माहादेवी जी और राम...छायावाद के चारों कवियों मे मुझे माहादेवी जी और रामकुमार जी का काव्य मिलता जुलता लगता है। अब आप द्वारा उद्धृत एक दीपक किरण कण हूँ को लीजिये मुझे महादेवी जी के गीत मैं नीर भरी दुःख की बदली और उक्त गीट मे साम्यता सी नज़र आती है। ये गजरे तारों वाले अपनी गेयता के कारण तब से भाता था जब इसके अर्थ की गहराई भी नही समझ में आती थी। परंतु ये दोनो ही कवि मुझे बचपन से ही पसंद है।<BR/> इनके विषय मे बात करने काकंचन सिंह चौहानhttps://www.blogger.com/profile/12391291933380719702noreply@blogger.com