tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post666045892506376034..comments2024-03-27T11:21:05.807+05:30Comments on एक शाम मेरे नाम: वार्षिक संगीतमाला गीत # १२ : कैसे ना हो कोई कैलाश का दीवाना !Unknownnoreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-10029703226768465692007-01-29T23:56:00.000+05:302007-01-29T23:56:00.000+05:30सागर भाई आपके विचार से पूर्णतः सहमत हूँ । कैलाश ...<b>सागर भाई</b> आपके विचार से पूर्णतः सहमत हूँ । कैलाश खेर की गायिकी में मौलिकता स्पष्ट दिखती है ।<br />वैसे बाकी गायकों को भी मैं प्रतिभाशाली मानता हूँ । रफी और किशोर जैसे महान गायकों से हमारी पीढ़ी के गायक कुछ ना कुछ प्रभावित होंगे ही, आखिर जिंदगी भर तो इन्हें ही सुना है इन्होंने ।:)Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-85031471906444095442007-01-29T23:49:00.000+05:302007-01-29T23:49:00.000+05:30समीर जी ,रचना जी शुक्रिया !
कान्ति दी हौसला ...<b>समीर जी ,रचना जी</b> शुक्रिया !<br /><br /><b>कान्ति दी</b> हौसला बढ़ाने का शुक्रिया !Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-79683038125534053342007-01-28T20:34:00.000+05:302007-01-28T20:34:00.000+05:30well done manish.lage raho.well done manish.lage raho.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-21584006039877231052007-01-27T12:27:00.000+05:302007-01-27T12:27:00.000+05:30सही कहा मनीष जी आपने कैसे ना हो कोई कैलाश का दीवान...सही कहा मनीष जी आपने कैसे ना हो कोई कैलाश का दीवाना। <br />किसी और गायक की नकल करने के बजाय कैलाश ने अपनी अलग शैली बनाई और कामयाब रहे बाकी आजकल के लगभग सारे गायकों पर रफ़ी साहब और किशोर दा का प्रभाव स्पष्ट महसूस होता है।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-28950008972838551732007-01-26T23:00:00.000+05:302007-01-26T23:00:00.000+05:30बढिया है!!बढिया है!!rachanahttps://www.blogger.com/profile/14183659688400073503noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-51710074647262933652007-01-26T07:56:00.000+05:302007-01-26T07:56:00.000+05:30वाह, वाह, क्या खुब मेरी पसंद समझ गये हो, बहुते सही...वाह, वाह, क्या खुब मेरी पसंद समझ गये हो, बहुते सही महाराज..खेंचे रहो.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com