tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post7277017457519936611..comments2024-03-27T11:21:05.807+05:30Comments on एक शाम मेरे नाम: इस मोड़ से जाते हैं, कुछ सुस्त कदम रस्ते, कुछ तेज़ कदम राहें.. Is Mod Se Jate Hain...Unknownnoreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-20009776918594568642023-01-19T15:48:22.978+05:302023-01-19T15:48:22.978+05:30बहुत सुंदरबहुत सुंदरAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-29478417931584748352017-08-15T11:09:13.728+05:302017-08-15T11:09:13.728+05:30
इक दूर से आती है, पास आ के पलटती है
इक राह अकेली ...<br />इक दूर से आती है, पास आ के पलटती है<br />इक राह अकेली सी, रुकती है ना चलती है<br />ये सोच के बैठी हूँ, इक राह तो वो होगी<br />तुम तक जो पहुँचती है, इस मोड़ से जाती है<br />इस मोड़ से ...please इन का मतलब बताना जीAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/09719779800832231400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-38968615371121545862016-08-09T23:08:03.491+05:302016-08-09T23:08:03.491+05:30You have beautifully captured the essence of Gulza...You have beautifully captured the essence of Gulzar's poetry and I am reading it again and again to understand better than the last reading. Every new read is giving a deeper meaning.Alka Kaushikhttps://www.facebook.com/alkakaushik19noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-77169933505606674192016-08-08T21:46:03.319+05:302016-08-08T21:46:03.319+05:30यह गीत अक्सर सुनता हूँ.. आपकी व्याख्या ने इसका और ...यह गीत अक्सर सुनता हूँ.. आपकी व्याख्या ने इसका और गहरा अर्थ समझाया है.. मेरी पसंदीदा पंक्ति " यह सोंच के बैठी हूँ, इक राह तो वो होगी<br />तुम तक जो पहुचती है... जीवन के प्रति एक उम्मीद बंधाती सी लगती है... धन्यवाद सर जी...Manish Kaushalhttps://www.facebook.com/manish.kaushal.3910noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-2142835051227594162016-08-06T05:57:14.629+05:302016-08-06T05:57:14.629+05:30गुलज़ार साहब के लिखे गीतों को सुनकर एक अलग ही एहसास...गुलज़ार साहब के लिखे गीतों को सुनकर एक अलग ही एहसास मिलता है उनमें दर्द भी हो तो सुकून सा देते है और अगर यह कहूँगा की दिल को छु जाते है तो गलत कहूँगा ।यह ऐसे गीत है जो सीधे दिल में उतर जाते है एक और उम्दा पोस्ट के लिए आपका शुक्रियाkumar gulshanhttps://www.blogger.com/profile/18259759760285931200noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-47246130807025498182016-08-05T10:58:01.791+05:302016-08-05T10:58:01.791+05:30मनीष जी, मुझे नहीं पता था की जिस गीत को हज़ारो बार ...मनीष जी, मुझे नहीं पता था की जिस गीत को हज़ारो बार सुना हे गुनगुनाया हे, उसका मतलब तो मैं आज तक समझ ही नहीं पायी थी..<br />"पत्थर की हवेली को..<br />शीशे के घरोंदो में..<br />तिनकों के नशेमन तक.."<br /><br />इतनी गहरी बात..और इतनी सुन्दर व्याख्या दी आपने...<br />गुलज़ार जी के गीतों को आपसे बेहतर कोई नहीं समझा सकता..<br />इस पोस्ट के लिए दिल से शुक्रिया..<br /><br />Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/04493607193279990005noreply@blogger.com