tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post786168764076098882..comments2024-03-27T11:21:05.807+05:30Comments on एक शाम मेरे नाम: हाथ में मेंहदी मांग सिंदुरवा बर्बाद कजरवा हो गइले : आइए सुनें गायिका कल्पना की आवाज में ये मस्ती भरा भोजपुरी लोकगीतUnknownnoreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-76976632718372610712009-02-28T15:11:00.000+05:302009-02-28T15:11:00.000+05:30अफलातून जी का "हाथ में बल्टी" वाला गाना शायद मैंने...अफलातून जी का "हाथ में बल्टी" वाला गाना शायद मैंने भी सुना है...हों सकें तो अजित कुमार अकेला (हमारे पटना के) की गाई पुरवी सुनाये..."ननदी के बोलिया ना सोहाय पिया ले के अलगे रहब्"....amrish2jan@gmail.comAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-51817240555986760292008-07-26T04:12:00.000+05:302008-07-26T04:12:00.000+05:30i love this song. ali abbas sung it beautifully. i...i love this song. ali abbas sung it beautifully. i always listen this song on my laptop.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-43449223152791408372008-07-07T01:18:00.000+05:302008-07-07T01:18:00.000+05:30इस गीत को पसंद करने के लिए आप सबका धन्यवाद। इंदौरन...इस गीत को पसंद करने के लिए आप सबका धन्यवाद। <BR/>इंदौरनामा और कंचन जी सहमत हूँ आप दोनों के विचारों से।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-37453981959057161552008-07-04T13:44:00.000+05:302008-07-04T13:44:00.000+05:30Bahut khoob.Is sundar geet ko suwane ka shukriya.Bahut khoob.<BR/>Is sundar geet ko suwane ka shukriya.Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-50402618726457850182008-07-04T10:11:00.001+05:302008-07-04T10:11:00.001+05:30अब तो हुकूमत करनी ही है.भोजपुरी गायकी के आज के ये...अब तो हुकूमत करनी ही है.भोजपुरी गायकी के आज के ये महान धुरंधर इसीलिए तो हैं ही.डॉ. अजीत कुमारhttps://www.blogger.com/profile/10047691305665129243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-4484653329754212922008-07-04T10:11:00.000+05:302008-07-04T10:11:00.000+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.डॉ. अजीत कुमारhttps://www.blogger.com/profile/10047691305665129243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-5170963498881691982008-07-04T09:52:00.000+05:302008-07-04T09:52:00.000+05:30लोक-संगीत से गुरेज़ करने वाले कुछ दुष्ट आलोचक कहेंग...लोक-संगीत से गुरेज़ करने वाले कुछ दुष्ट आलोचक कहेंगे ये भी कोई तरीक़ा है ? इससे लोक-संगीत की पवित्रता भंग हो जाएगी.ऐसा कह कह कर ही हमने लोक-संगीत को कमज़ोर किया है.इस मामले में पंजाब को देखिये ...आज पूरी इंटरटेनमेंट इंडस्ट्री पर हुक़ुमत कर रहा है. कल्पना जैसा कलेवर हर प्रांत के लोक-संगीत को मिल गया तो समझिये ...छा जाएंगे हमारी मिट्टी के ये रंग.इन्दौरनामाhttps://www.blogger.com/profile/15197274150065119762noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-23865945010609181222008-07-04T09:10:00.000+05:302008-07-04T09:10:00.000+05:30कल्पना ने इसे कब गाया मालूम नहीं लेकिन ९२ के चुनाव...कल्पना ने इसे कब गाया मालूम नहीं लेकिन ९२ के चुनाव में रोहतास जिले के दिनारा क्षेत्र से हमारे प्रत्याशी शिवपूजन जी के पक्ष में गाया गीत -'हाथ में बलटी ,दिल में शिवपूजन,बल्टी छाप निशनवा पा गईने' याद आ गया ।<BR/>सुनवाने के लिए धन्यवाद।अफ़लातूनhttps://www.blogger.com/profile/08027328950261133052noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-52421406885042975112008-07-04T08:39:00.000+05:302008-07-04T08:39:00.000+05:30ManishbhaiHeard something new and enjoyed too.Than...Manishbhai<BR/><BR/>Heard something new and enjoyed too.<BR/><BR/>Thanx.<BR/>-Harshad Jangla<BR/>Atlanta, USAHarshad Janglahttps://www.blogger.com/profile/00844983134116438245noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-59159673075823597092008-07-04T06:51:00.000+05:302008-07-04T06:51:00.000+05:30हमेँ भी बहुत आनँद आया मनीष भाई ..सुबह आपका ब्लोग ख...हमेँ भी बहुत आनँद आया मनीष भाई ..सुबह आपका ब्लोग खुला ही नहीँ - तो दुबारा आये ..कँचनजी कह रहीँ हैँ वो गीत भी सुनवा देँ तो आभार दुगना कहे देती हूँ -<BR/>- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-30978738426994947372008-07-03T20:05:00.000+05:302008-07-03T20:05:00.000+05:30गजब!!! आनन्द आ गया. सीधे गाना सुन लिया...नाचने का ...गजब!!! आनन्द आ गया. सीधे गाना सुन लिया...नाचने का मन हो आया. बहुत झुमवाये भाई. आभार.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-79712298416764122422008-07-03T18:36:00.000+05:302008-07-03T18:36:00.000+05:30कभी सुना नही किसी भोजपुरी गीत को....बस कंचन जी ने ...कभी सुना नही किसी भोजपुरी गीत को....बस कंचन जी ने जो कहा उसे पढ़ा ......कुछ ओर कहने की आवश्यकता नही है..मेहंदी हसन का जिंदगी में तो सभी प्यार किया करते है ...कभी सुनवाईये ........डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-25897555757445121582008-07-03T15:58:00.000+05:302008-07-03T15:58:00.000+05:30पोस्ट तो बढ़िया रही आपकी, साथ ही कंचन जी की टिप्पण...पोस्ट तो बढ़िया रही आपकी, साथ ही कंचन जी की टिप्पणी हमे बड़ी रास आई.. आपको और उन्हे, दोनो को बधाईकुशhttps://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-60341475613793587472008-07-03T15:53:00.000+05:302008-07-03T15:53:00.000+05:30समस्या कहे या असलियत ये है कि रेस्टोरेंट वो परोस र...समस्या कहे या असलियत ये है कि रेस्टोरेंट वो परोस रहे हैं जो हम खाना चाह रहे हैं.... अब समझ में नही आ रहा कि बाज़ारवाद के इस युग में गलती उपभोक्ता को दे या दुकानदार को ! भोजपुरी लोकगीतों को वही श्रोता सुन रहे हैं जो, बिलकुल नीचे तबके के हैं,..! पूरे दिन मेहनत कर के अनुराग जी के शब्दों मे जब वो अपनी सारी मेहनत का पसीना एक गिलास शराब बना कर पी जाता है, तब उसे जगजीत सिंह की गज़ल नही, ये कल्पना और कंचन सिंह चौहानhttps://www.blogger.com/profile/12391291933380719702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-49577038140924190652008-07-03T15:42:00.000+05:302008-07-03T15:42:00.000+05:30मैं तो ठहरा ठेठ भोजपुरी बोलने वाला... तो समझ में त...मैं तो ठहरा ठेठ भोजपुरी बोलने वाला... तो समझ में तो पूरा आया... हाँ लोकगीतों से लगाव न के बराबर ही रहा है... कारण शायद अजित जी वाली बात ही है... <BR/><BR/>एक रोचक बात बता दूँ आपको... हमारे हॉस्टल में मनोज तिवारी और कल्पना के गाने (विडियो) बहुत चलाये जाते थे... मस्ती के लिए ही सही :-)Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-14435661063422779202008-07-03T15:08:00.000+05:302008-07-03T15:08:00.000+05:30अश्लीलता की पराकाष्ठा भी इसी आवाज की उपज है.अश्लीलता की पराकाष्ठा भी इसी आवाज की उपज है.डॉ. अजीत कुमारhttps://www.blogger.com/profile/10047691305665129243noreply@blogger.com