'एक शाम मेरे नाम' पर आने वाले दोस्तों । साल का अंत आ पहुँचा है और हमेशा की तरह मेरे लिये ये मौका होता है अपनी वार्षिक संगीतमाला :) शुरु करने का । दरअसल बचपन से रेडियो सीलोन से आने वाली बिनाका गीत माला के हम लोग जबरदस्त फैन थे । जैसे ही बुधवार का दिन आता था और घड़ी की सुइयाँ सात के पास आती थीं हम तीनों भाई-बहन शार्ट वेव के २५ मीटर बैन्ड पर रेडियो सीलोन के स्टेशन लगाने की जुगत में भिड़ जाते थे । फिर अगले एक घंटे तक अमीन सयानी की दिलकश आवाज के साथ गीतों को पायदान पर चढ़ता उतरता देखना अपने आप में हमारे लिये एक जबरदस्त मनोरंजन था ।
जब से चिट्ठाकारी शुरु की गीत -संगीत मेरे चिट्ठे का अहम हिस्सा रहे हैं इसलिए संगीतमाला का ये सिलसिला मेरे रोमन ब्लॉग पर जारी रहा । गीतों को सुनना, उन्हें दिल से महसूस करना, गुनगुनाना और फिर उन्हें अपने दोस्तों में बाँटना मेरे दिल को हमेशा से बेहद सुकून देता है ।
इसीलिए २००४ एवं २००५ के बाद पहली बार ये सिलसिला पहली बार हिन्दी चिट्ठाजगत में शुरु कर रहा हूँ। २५ की उलटी गिनती से शुरु होगी ये श्रृंखला ... और अंत होगा सरताज गीत के साथ :) ।
पिछली बार रतिया अँधियारी रतिया और उसके पहले ये सेहरा पहना था खुल के मुस्करा दे तू ने !
मुझे यकीन है कि इनमें से कई गीतों ने आपके दिलों भी उतनी ही गहराई से छुआ होगा ।
चूंकि साल का अंत भी है तो गीतों के साथ थोड़ी मौज मस्ती भी चलेगी साथी चिट्ठाकारों के साथ !
नए साल की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ !
झारखंड ओड़िशा सीमा की वो मानसूनी शाम Monsoon magic at Jharkhand Odisha Border
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3 हफ़्ते पहले
7 टिप्पणियाँ:
गीतों के इस सफ़र में आप साथ हों तो कहने ही क्या
इन्तज़ार रहेगा इस संगीत यात्रा का ...
नव वर्ष की संगीतमय शुरुवात..वाह, इंतजार है. शुभकामनायें.
प्रथम 10 मे चुने जाने तथा नव वर्ष की शुभकामनाऐ
इसी संगीत सफर के साथ आपको नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
आपके इस संदेश ने हमारे साल की शुभ शुरूवात कर दी है। अब इन्तज़ार है इस संगीतमय सफ़र का।
अनूप जी, समीर जी, श्रीश, प्रमेन्द्र और भुवनेश आप सब को भी नव-वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ !
संगीत यात्रा के इस सफर में आप सब साथ होंगे ऐसी उम्मीद है ।
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