सोमवार, जनवरी 04, 2016

वार्षिक संगीतमाला 2015 पायदान #25 : सपना है निज़ाम का ..अपने तुर्रम खाँ का Turram Khan

तो मेहरबान और कद्रदान हो जाइए तैयार एक शाम मेरे नाम की वार्षिक संगीतमाला के साथ, जो है तो वैसे ग्यारह बरस पुरानी पर इस हिंदी ब्लॉग पर आज अपनी दसवीं वर्षगाँठ मना रही है। हर साल की तरह इस साल भी पिछले साल प्रदर्शित मेरी पसंद के पच्चीस गीतों का ये सिलसिला दो महीनों तक ज़ारी रहेगा। जो लोग एक शाम मेरे शाम की वार्षिक संगीतमाला से वाकिफ़ ना हों वो पिछली संगीतमालाओं और गीतों की चयन प्रक्रिया से यहाँ रूबरू हो सकते हैं


पच्चीस वीं पायदान के लिए मैंने जो गाना चुना है वो है फिल्म हवाईज़ादा का। अगर गीत का शीर्षक देख आपके चेहरे पर मुस्कुराहट की रेखा उभर आई है तो यक़ीन मानिए इसे सुनने के बाद गीत की मस्ती से अपने आप को अछूता नहीं रख पाएँगे। पिछले साल जनवरी में प्रदर्शित ये फिल्म एक ऐसे शख़्स की कहानी है जिसका सपना एक  हवाईजहाज बनाने का है जिसमें बैठ कर लोग उड़ सकें। पर एक गरीब आदमी क्या इतने बड़े सपने देख सकता है?

यही वज़ह थी कि फिल्म के निर्देशक व गीतकार विभु वीरेंद्र पुरी के मन में गीत के लिए तुर्रम खाँ का चरित्र उभरा। वैसे अगर आपने बचपन में शेखचिल्ली की कहानियाँ पढ़ी हों तो वहाँ भी एक तुर्रम खाँ हुआ करते थे जो तीसमार खाँ के अग्रज होने के आलवा बड़े बड़े कामों को अंज़ाम दिया करते थे। इन कथा कहानियों ने तुर्रम खान के चरित्र को एक लोकोक्ति में ही ढाल दिया और हर औकात से ज्यादा सपने देखने वालों के लिए लोग कहने लगे कि बड़ा तुर्रम खान बना फिरता है। यही बात हवाइज़ादे पर भी लागू होती है। हमारा ये हवाईज़ादा अपने ख्वाबों को पूरा करने के लिए घर से भागता है पर पैसे कमाने के लिए जिस काम में हाथ लगाता है उसका सत्यानाश कर देता है। पर उसकी उम्मीद फिर भी मरती नहीं है।

गीत का संगीत दिया हे रोचक कोहली ने। चंडीगढ़ से ताल्लुक रहने वाले रोचक पिछले तीन चार सालों से आयुष्मान खुराना के साथ संगीत संयोजन करते रहें हैं। रोचक की पहचान विकी डोनर के गीत पानी दा रंग देख के से रही है। गिटार का प्रमुखता से इस्तेमाल करने वाले इस गीत में हल्की सी मायूसी, ढेर सारी आशा और जबरदस्त मस्ती है। सबसे मजा तब आता है जब गायक पापोन साथियों के साथ तु तु तु तुर्रू तु....तु तु तु तु तुर्रू ता.... तु तु तु तु तुर्रम खान का आलाप करते हैं  और मन गीत की लय के साथ झूमने लगता है।

तो चलिए आपको सुनाते हैं ये हल्का फुल्का नग्मा..


ज़िंदगी की सरकस में है सीखा
सब को सलाम करके जीता
अरे चाबुक खाते बेजुबान तुर्रम खाँ का
सपना निज़ाम तु तु तु तुर्रू तु
तु तु तु तु तुर्रू ता, तु तु तु तु तुर्रम खान का
सपना है निज़ाम का
अपने जैसे आम का
तु तु तु तु तुर्रम खाँ का
तु तु तु तुर्रू, तु तु तु तुर्रू
तु तु तु तु तुर्रम खाँ का


ऐ ज़िंदगी भर दो में दो है जोड़ा
हाथ में बचा हे फिर भी थोड़ा
करते करते काम नाकाम तुर्रम खाँ का
सपना निज़ाम तु तु तु तुर्रू तु
तु तु तु तु तुर्रू ता, तु तु तु तु तुर्रम खान का....

हो ..मुस्कुराता बेबसी में
फूट फूट रोता है खुशी में
अरे मुस्कुराता साला बेबसी में
फूट फूट रोता है खुशी में
गरीबी में पलते महान तुर्रम खान का...
सपना निज़ाम तु तु तु तुर्रू तु
तु तु तु तु तुर्रू ता, तु तु तु तु तुर्रम खान का....

एक दिन चमकेगा मेरा तारा
मीठा लगेगा सुखारा
एक दिन चमकेगा मेरा तारा
ख़्वाब देखे जो बेलगाम तुर्रम खान का....
सपना निज़ाम तु तु तु तुर्रू तु
तु तु तु तु तुर्रू ता, तु तु तु तु तुर्रम खान का....


इस गीत को आयुष्मान खुराना व पल्लवी शारदा पर फिल्माया गया है..

वार्षिक संगीतमाला 2015

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14 टिप्पणियाँ:

Shailesh Kumar on जनवरी 04, 2016 ने कहा…

k Din Chamega Mera Taara
Meetha Lagega Sukhara
Ek Din Chamega Mera Taara
Khawaab Dekhe Jo Be-Lagaam
Turram Khan Ka Sapna Nizaam
Tu-Tu-Tu-Tur-Ru-Tu
Tu-Tu-Tu-Tur-Ru-Ta
Tu-Tu-Tu Turram Khan Ka
Sapna Hai Nizaam Ka Apne Jaise Aam Ka
Tu-Tu-Tu Turram Khan Ka
Tu-Tu-Tu-Tur-Ru
Tu-Tu-Tu-Tur-Ru
Tu-Tu-Tu Turram Khan Ka.

-Awesome :)

कंचन सिंह चौहान on जनवरी 04, 2016 ने कहा…

आगाज़ हेतु शुभकामनायें

Archana Chaoji on जनवरी 04, 2016 ने कहा…

पहली बार सुना ,बहुत मजा आया ..गीत सुनकर भी और शेखचिल्ली को याद करके भी ...
आपकी तो बात ही क्या.... सतत इतना श्रमसाध्य कार्य करना किसी और के बूते का नहीं ..... अभिनन्दन ..आगाज़ का

Mritunjay Kumar Rai on जनवरी 04, 2016 ने कहा…

I have been eagerly waiting for the series ...

Manish Kumar on जनवरी 04, 2016 ने कहा…

अर्चना जी हाँ मुझे भी मज़ेदार लगा smile emoticon ..शुक्रिया सालों साल इस संगीतमाला के साथ बने रहने के लिए !

Manish Kumar on जनवरी 04, 2016 ने कहा…

Shailesh Nice to know that u liked it.

कंचन शुक्रिया :)

मृत्युंजय जानकर खुशी हुई.. देखो इस बार तुम्हारी पसंद मेरी पसंद से मिलती है :)

Unknown on जनवरी 05, 2016 ने कहा…

Bahut badiya suruaat hai

Kumar Nayansingh on जनवरी 05, 2016 ने कहा…

मजा आया। शुक्रिया इस मजे से रूबरू कराने केलिए। आगे भी इन्तजार रहेगा। आभार।

मन्टू कुमार on जनवरी 06, 2016 ने कहा…

शुरुआत की बधाई
इस गाने को अब सुनेंगे :)

Manish Kumar on जनवरी 07, 2016 ने कहा…

चमन मिश्रा व कुमार नयन शुक्रिया आपका यूं ही साथ बने रहें.


मन कैसा लगा ये गीत बताना ?

मन्टू कुमार on जनवरी 08, 2016 ने कहा…

पापोन की आवाज़ के लिए गीत सुना जा सकता है पर ये गीत ख़ास नहीं लग मुझे।शुरुआत जिस धुन से हुई है वह बाद में कहीं नहीं है गाने में..भटकाव ज्यादा है।
इस एल्बम का "माय लार्ड" गीत अच्छा लगा ।गीत के बोल और मोहित-नीति की आवाज़ का उतार-चढ़ाव,गौरतलब है।

Manish Kumar on जनवरी 08, 2016 ने कहा…

माय लार्ड में निश्चय ही वैरियेशन ज्यादा हैं पर मुझे उस गीत को पूर्णता में सुनकर इतना आनंद नहीं आया जितना इस गीत में आया था। वैसे कुछ लोग इसी एलबम के डाक टिकट को भी पसंद करते हैं।

Sumit on जनवरी 11, 2016 ने कहा…

Pahli baar suna. Achchaa hai. Aapki pasand hat ke hoti hai. Yahi iss list ki khasiyat bhi hai.

Manish Kumar on जनवरी 11, 2016 ने कहा…

गीत पसंद करने का शुक्रिया सुमित !

 

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