रविवार, जनवरी 06, 2019

वार्षिक संगीतमाला 2018 पायदान # 20 : मैनू इश्क़ तेरा लै डूबा Lae Dooba

वार्षिक संगीतमाला में अब दौर आ गया है प्रथम बीस गीतों का और आज इस पड़ाव पर फिल्म अय्यारी का एक ऐसा गीत है जो आपकी ये शाम रूमानी बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। इस गीत को गाया है सुनिधि चौहान ने। जब श्रेया और सुनिधि अपने कैरियर के सबसे व्यस्ततम मोड़ पर थीं तो अक्सर ऐसा होता था कि श्रेया की झोली में रोमांटिक और गंभीर गीत ज्यादा आते थे और सुनिधि तेज बीट्स वाले डांस और आइटम नंबर्स में छाई रहती थीं। ऐसी छवि की वजह से उनके कैरियर में उन्हें कई अच्छी रचनाओं से हाथ धोना पड़ा। 


सुनिधि एक ऐसी गायिका हैं जो हर मूड के गीत को बखूबी निभाने की काबिलियत रखती हैं। सुनिधि ग्यारह साल की उम्र से ही हिंदी फिल्म संगीत का हिस्सा हैं। सालों बाद उन्होंने अपने होने वाले बच्चे के लिए ब्रेक लिया पर माँ बनने के बाद से फिर से काम शुरु भी कर दिया। अब बच्चे का भाग्य कहिए कि साल 2018 सुनिधि चौहान के लिए एक बेहद सफल वर्ष साबित हुआ है। उन्हें काफी अच्छे गाने मिले और उसे उन्होंने पूरी लगन से निभाया भी। यही वजह है कि इस साल उनके तीन एकल गीत इस गीतमाला का हिस्सा हैं, वो भी तब जबकि इस इंडस्ट्री में जितने एकल गीत बनते हैं उनका लगभग एक चौथाई हिस्सा ही महिला गायिकाओं के हिस्से में आता है। 
सुनिधि चौहान
सुनिधि ने अय्यारी के इस मधुर गीत को अपनी अदाएगी से और मधुर बना दिया है। जिस तरह वो गीत में बार बार लै डूबा दोहराती हैं तो दिल डूबता सा ही महसूस होता है। सुनिधि अपनी गायिकी से  ऍसा प्रभाव ला सकीं क्यूँकि रोचक कोहली और मनोज मुन्तशिर की जोड़ी ने धुन और बोलोँ काउन्हें  ऍसा गुलदान दिया जिसे उन्होंने अपनी फूल सी आवाज़ से खूबसूरत बना दिया। 

अय्यारी सेना पर आधारित फिल्म थी। छोटा सा एलबम था तीन गीतों का। इसमें सबसे ज्यादा लोकप्रियता लै  डूबा ने हासिल की। गीत की धुन इतनी सुरीली है कि रोचक कोहली को संगीत संयोजन के नाम पर गिटार के कुछ तार ही झनझनाने पड़े हैं प्रील्यूड व इंटरल्यूड में। वैसे क्या आप जानते हैं कि गिटार से इतनी अच्छी धुनें निकालने वाले रोचक कोहली  वकालत की पढ़ाई कर चुके थे  और संगीत के क्षेत्र में अपना दखल देने के पहले उन्होंने आठ साल तक रेडियो स्टेशन में नौकरी भी की थी?  मुझे लगता है कि व्यक्ति जीवन की किसी भी मोड़ पर सफलता हासिल कर सकता है बशर्ते कि वो हर समय अपने अंदर छुपे हुनर को टटोलता और माँजता रहे।

मनोज मुन्तशिर और रोचक कोहली
आखिर ले डूबा में ऐसा क्या है जो श्रोताओं को अपनी ओर खींचता है? जो लोग प्रेम में पड़े हों उन्हें अच्छी तरह पता होगा कि इसका शुरुआती दौर दिल के लिए कितनी उथल पुथल ले कर पाता है।  मनोज मुन्तशिर ने बस ऐसे ही कुछ लमहे पकड़े हैं इस गीत में जो हर किसी को इस दौर की खट्टी मीठी  याद दिलाने के लिए काफी हैं। 

तो आइए थोड़ा डूब के देखते हैं इन रूमानी भावों में मनोज, रोचक और सुनिधि के साथ..

मैनू इश्क़ तेरा लै डूबा, हाँ इश्क़ तेरा लै डूबा
ऐसा क्यूँ होता है, तेरे जाने के बाद 
लगता है हाथों में, रह गए तेरे हाथ 
तू शामिल है मेरे, हँसने में रोने में 
है क्या कोई कमी, मेरे पागल होने में
मैनू इश्क़ तेरा लै डूबा.... 

हर दफ़ा... वही जादू होता है, तू जो मिले 
हो.. सब संवर, जाता है, यारा अन्दर मेरे 
इक लम्हे में कितनी, यादें बन जाती हैं 
मैं इतना हँसती हूँ, आँखें भर आती हैं 
मैनू इश्क़ तेरा लै डूबा.... 

फुरसतें कहाँ आँखों को है मेरी आज कल 
हो.. देखने में तुझे, सारा दिन जाए निकल 
और फिर आहिस्ता से, जब छू के तू निकले 
तेरी आँच में दिल मेरा, धीमे धीमे पिघले
मैनू इश्क़ तेरा लै डूबा.... 





वार्षिक संगीतमाला 2018  
1. मेरे होना आहिस्ता आहिस्ता 
2जब तक जहां में सुबह शाम है तब तक मेरे नाम तू
3.  ऐ वतन, वतन मेरे, आबाद रहे तू
4.  आज से तेरी, सारी गलियाँ मेरी हो गयी
5.  मनवा रुआँसा, बेकल हवा सा 
6.  तेरा चाव लागा जैसे कोई घाव लागा
7.  नीलाद्रि कुमार की अद्भुत संगीत रचना हाफिज़ हाफिज़ 
8.  एक दिल है, एक जान है 
9 . मुड़ के ना देखो दिलबरो
10. पानियों सा... जब कुमार ने रचा हिंदी का नया व्याकरण !
11 . तू ही अहम, तू ही वहम
12. पहली बार है जी, पहली बार है जी
13. सरफिरी सी बात है तेरी
14. तेरे नाम की कोई धड़क है ना
15. तेरा यार हूँ मैं
16. मैं अपने ही मन का हौसला हूँ..है सोया जहां, पर मैं जगा हूँ 
17. बहुत दुखा रे, बहुत दुखा मन हाथ तोरा जब छूटा
18. खोल दे ना मुझे आजाद कर
19. ओ मेरी लैला लैला ख़्वाब तू है पहला
20. मैनू इश्क़ तेरा लै डूबा  
21. जिया में मोरे पिया समाए 
24. वो हवा हो गए देखते देखते
25.  इतनी सुहानी बना हो ना पुरानी तेरी दास्तां
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13 टिप्पणियाँ:

Rajesh Goyal on जनवरी 06, 2019 ने कहा…

अच्छा गीत। न्यूनतम संगीत जो गीत के total impact को उभारता है और सुनिधि की बेहतरीन गायिकी गीत के बोलों के साथ पूरा न्याय करती है।

Meena sharma on जनवरी 06, 2019 ने कहा…

ठीक ठीक। संगीत अच्छा है,शोर नहीं है। गीत के बोलों ने कुछ खास प्रभावित नहीं किया।

Manish Kumar on जनवरी 06, 2019 ने कहा…

Rajesh Goyal सुनिधि की गायिकी मुझे भी बेहद पसंद आई।

Manish Kumar on जनवरी 06, 2019 ने कहा…

Meena Sharma अपनी राय रखने के लिए धन्यवाद। शब्दों के लिहाज से आप इसके पहले प्रस्तुत कव्वाली जिया में मोरे पिया समाए सुनिएगा जिसे शकील आज़मी ने लिखा है।

Smita Jaichandran on जनवरी 06, 2019 ने कहा…

Arre yeh geet toh bhool hi gaye the...I likes!

Manish Kumar on जनवरी 06, 2019 ने कहा…

Smita ओह ऐसा क्या :)

कंचन सिंह चौहान on जनवरी 06, 2019 ने कहा…

यह गीत नई जनरेशन की ट्यून में सुना था शायद। अच्छा है मग़र उतना ही कि नई जनरेशन को पसंद आये :)

Manish Kumar on जनवरी 06, 2019 ने कहा…

कंचन पसंद नापसंद व्यक्तिगत होती है। इतना आसान नहीं होता इसका आयु वर्ग के हिसाब से सामान्यीकरण करना। वर्ना साँप सीढ़ी वाला साँप आप जैसों की पसंद कैसे बनता?

Sumit on जनवरी 08, 2019 ने कहा…

I had seen this movie. This song was the best thing in the movie. Nice.

Manish Kumar on जनवरी 08, 2019 ने कहा…

मैंनी टीवी पर देखी थी। गीत की मेलोडी और सुनिधि की आवाज़ मुझे खास पसंद आई इस गीत में।

Ankit on जनवरी 23, 2019 ने कहा…

वाक़ई इस गीत की मेलोडी और सुनिधि की रूमानी आवाज़ ही इस की ख़ासियत है।

मन्टू कुमार on जनवरी 25, 2019 ने कहा…

इस गाने में सुनिधि की आवाज़ जमती है।

"जो लोग प्रेम में पड़े हों उन्हें अच्छी तरह पता होगा कि इसका शुरुआती दौर दिल के लिए कितनी उथल पुथल ले कर पाता है।"

Manish Kumar on जनवरी 25, 2019 ने कहा…

हाँ, अंकित और मंटू !

 

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