बुधवार, जनवरी 22, 2020

वार्षिक संगीतमाला 2019 Top 15 : मंज़र है ये नया, मंज़र नया Manzar Hai Ye Naya

कलंक, मणिकर्णिका, कबीर सिंह और घोस्ट जैसी फिल्मों  के साथ साथ पिछले साल एक और फिल्म थी जिसका संगीत काफी सराहा गया था। ये फिल्म थी उरी दि सर्जिकल स्ट्राइक। फिल्म का संगीत दिया था प्रतिभाशाली संगीतकार शाश्वत सचदेव ने। अपने शानदार बोलों व संगीतके साथ इस फिल्म का जो गीत मेरी वार्षिक संगीतमाला की तेरहवीं पायदान पर जगह बनाने में सफल हुआ वो है अभिरुचि चंद का लिखा मंज़र है ये नया। 

पहली बार जब गीत का मुखड़ा मेरे कानों में गूँजा..... काँधे पे सूरज टिका के चला तू .....तो लगा कि अरे ये कहीं गुलज़ार साहब की रचना तो नहीं क्यूँकि वो इस तरह के बिंब का इस्तेमाल करने में माहिर हैं। बहुत बाद में मुझे ये जानकारी हुई कि इस गीत को नवोदित गीतकार अभिरुचि ने लिखा है और गीत की उनकी शैली को देख मुझे ये समझते देर नहीं लगी कि वो जरूर हम लोगों की तरह गुलज़ार की शैदाई होंगी।


देशप्रेम से ओतप्रेम इस फिल्म के गीत संगीत से यही अपेक्षा थी कि वो  श्रोताओं को एक जोश और उमंग से भर दे। आख़िर यही तो वो फिल्म थी जिसने How is the Josh ! वाले जुमले को हिंदुस्तान के बच्चे बच्चे की जुबाँ पर ला दिया था। अभिरुचि के लिखे शानदार बोलों की मदद से गायक शांतनु सुदामे और संगीतकार शाश्वत सचदेव ये करने में बेहद सफल रहे।

शाश्वत की प्रतिभा से तो मैं आपको फिल्लौरी के गीत साहिबा... साहिबा...चल वहाँ जहाँ मिर्जा में करा ही चुका हूँ। मैंने तब आपको बताया था कि डॉक्टर पिता और प्रोफेसर माँ का ये जयपुरी लाल संगीत में शुरुआत से रुचि रखने के बाद भी माँ के कहने पर कानून की पढ़ाई पढ़ गया। फिर विदेशों के अलग संगीत समूहों के साथ काम करके जब भारत लौटा तो अपनी पहली ही फिल्म में उसने अपनी प्रतिभा के झंडे गाड़ दिए। 

पियानों और की बोर्ड में निपुण शाश्वत का संगीत संयोजन यहाँ भी ध्यान खींचता है। गिटार पर यंगमिन और ताल वाद्यों पर शिवमणि की झंकार के साथ संगीत का सबसे सुरीला टुकड़ा गीत के अंत में तब आता है जब राजू धूमल की बजाई शहनाई गूँज उठती है। शाश्वत को नए नए वाद्ययंत्रों और आवाज़ के साथ प्रयोग करने का बड़ा शौक़ रहा है। इस फिल्म का संगीत तैयार करने के लिए वो जर्मनी से अपने मन का सिंथिसाइज़र उठा कर लाए।

अभिरुचि चंद व शाश्वत सचदेव
फिल्लौरी में शाश्वत का काम देख अभिरुचि ने उनके साथ काम करने की इच्छा ज़ाहिर की थी। शाश्वत ने उन्हें ये मौका उरी के एक गीत में दे दिया और क्या कमाल के बोल लिखे अभिरुचि ने।  पेशे से वो एक पत्रकार थीं पर कविता से अपने लगाव की वजह से टाइम्स आफ इंडिया की नौकरी छोड़कर दिल्ली से मुंबई आ गयीं। फिल्मों में पटकथा लेखन के आलावा बतौर गीतकार उन्होंने कपूर एंड संस, NH10, अक्टूबर जैसी फिल्मों के चंद गीत लिखे है।

अभिरुचि द्वारा लिखी गीत की शुरुआती पंक्तियों में वो ताकत है जिसे पढ़कर ही खून में एक गर्मी सी आने लगती है और मन गीत के साथ बहने लगता है। ये गीत यूँ तो फिल्म में सेना के खास मिशन में जा रहे सैनिकों में दम खम भरता है पर ये उन सभी लोगों को उतना ही भाएगा जो पूरे जोश व जुनून के साथ अपनी मंजिलों की तलाश में दिन रात कर्मठता से लगे हुए हैं। 


काँधे पे सूरज, टिका के चला तू
हाथों में भर के चला बिजलियाँ
तूफां भी सोचे, ज़िद तेरी कैसी
ऐसा जुनून है किसी में कहाँ
बहता चला तू, उड़ता चला तू
जैसे उड़े बेधड़क आँधियाँ
बहता चला तू, उड़ता चला तू
जैसे उड़े आँधियाँ
मंज़र है ये नया, मंज़र नया
मंज़र है ये नया
कि उड़ रही है बेधड़क सी आँधियाँ
...
कँपते थे रस्ते, लोहे से बस्ते
बस्ते में तू भर चला आसमान
आएँगी सदियाँ, जाएँगी सदियाँ
रह जाएँगे फिर भी तेरे निशां
बहता चला तू..... आँधियाँ

तो आइए शांतनु की जानदार आवाज़ में सुनते हैं ये गाना


वार्षिक संगीतमाला 2019 
01. तेरी मिट्टी Teri Mitti
02. कलंक नहीं, इश्क़ है काजल पिया 
03. रुआँ रुआँ, रौशन हुआ Ruan Ruan
04. तेरा साथ हो   Tera Saath Ho
05. मर्द  मराठा Mard Maratha
06. मैं रहूँ या ना रहूँ भारत ये रहना चाहिए  Bharat 
07. आज जागे रहना, ये रात सोने को है  Aaj Jage Rahna
08. तेरा ना करता ज़िक्र.. तेरी ना होती फ़िक्र  Zikra
09. दिल रोई जाए, रोई जाए, रोई जाए  Dil Royi Jaye
10. कहते थे लोग जो, क़ाबिल नहीं है तू..देंगे वही सलामियाँ  Shaabaashiyaan
11 . छोटी छोटी गल दा बुरा न मनाया कर Choti Choti Gal
12. ओ राजा जी, नैना चुगलखोर राजा जी  Rajaji
13. मंज़र है ये नया Manzar Hai Ye Naya 
14. ओ रे चंदा बेईमान . बेईमान..बेईमान O Re Chanda
15.  मिर्ज़ा वे. सुन जा रे...वो जो कहना है कब से मुझे Mirza Ve
16. ऐरा गैरा नत्थू खैरा  Aira Gaira
17. ये आईना है या तू है Ye aaina
18. घर मोरे परदेसिया  Ghar More Pardesiya
19. बेईमानी  से.. 
20. तू इतना ज़रूरी कैसे हुआ? Kaise Hua
21. तेरा बन जाऊँगा Tera Ban Jaunga
22. ये जो हो रहा है Ye Jo Ho Raha Hai
23. चलूँ मैं वहाँ, जहाँ तू चला Jahaan Tu chala 
24.रूह का रिश्ता ये जुड़ गया... Rooh Ka Rishta 
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8 टिप्पणियाँ:

Manish on जनवरी 22, 2020 ने कहा…

मेरा पसंदीदा गीत। आपने सही कहा सर, गीत का अंदाज़ बिल्कुल गुलज़ार साहब के गीतों सा है।

Arvind Mishra on जनवरी 23, 2020 ने कहा…

ये गीत मेरी लिस्ट में था लेकिन अंतिम 25 की कांट छांट में एडिट हो गया।

Manish Kumar on जनवरी 24, 2020 ने कहा…

Manish संगीत और गायिकी तो फिल्म के अन्य गीतों की भी अच्छी है पर इस गीत के बोल मन में उर्जा सी भर देते हैं।

Manish Kumar on जनवरी 24, 2020 ने कहा…

अच्छा अरविंद ऐसा.. !

Swati Gupta on जनवरी 24, 2020 ने कहा…

ओह आपकी पोस्ट पढ़कर शहनाई पर ध्यान गया वरना मै तो अब तक बस इस गीत के बोल ही सुन रही थी। सच कहूं तो संगीत पर ध्यान नहीं दिया था ।

Manish Kumar on जनवरी 24, 2020 ने कहा…

Swati : मुझे बड़ा अच्छा टुकड़ा लगा वो !

Sumit on जनवरी 26, 2020 ने कहा…

शांतनु की आवाज़ और गीत के बोल दोनों दमदार हैं.

Manish Kumar on फ़रवरी 02, 2020 ने कहा…

हाँ बिल्कुल सुमित !

 

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