बुधवार, फ़रवरी 12, 2020

वार्षिक संगीतमाला : एक शाम मेरे नाम के संगीत सितारे 2019

वार्षिक संगीतमाला की ये समापन कड़ी है 2019 के संगीत सितारों के नाम। पिछले साल रिलीज़ हुई फिल्मों के  बेहतरीन गीतों से तो मैंने आपका परिचय पिछले दो महीनों में तो कराया ही पर गीत लिखने से लेकर संगीत रचने तक और गाने से लेकर बजाने तक हर विधा में किस किस ने उल्लेखनीय काम किया यही चिन्हित करने का प्रयास है मेरी ये पोस्ट। तो आइए मिलते हैं एक शाम मेरे नाम के इन संगीत सितारों से।



साल के बेहतरीन गीत
पुराने गीतों पर रिमिक्स बनाने का चलन कोई नया नहीं है पर पिछले साल तो हद ही हो गयी। कुछ ऐसे एलबम आए जिनमें उनके आलावा कुछ था नहीं। इतने प्रतिभाशाली संगीतकारों के रहते हुए भी लोग मेहनत से बच कर इस तरह के शार्ट कट इख्तियार करने लगें तो ये सचमुच चिंता का विषय है। अगर संगीतमाला के आधे गीत महज चार पाँच एलबम में सिमट जाएँ तो सोचिए कि जो हर साल सौ से अधिक फिल्में बनती हैं उनमें कैसा संगीत परोसा गया होगा?

आइटम नंबर की तरह रैप सांग को हर एलबम बनाने की प्रवृति भी इस साल नज़र आई।  गली ब्वॉय ने रैप गीतों से कुछ सार्थक संदेश देने में एक अच्छी पहल की। मल्टी कंपोसर एलबमों की संख्या में और वृद्धि हुई। वहीं इस प्रवृति ने एक संगीत उद्योग में म्यूजिक सुपरवाइसर का एक नए पद ही ईजाद कर दिया जिसका काम अलग अलग संगीतकारों से फिल्म की कहानी के हिसाब से गाने बनवाना है। कुछ बेहद कम बजट की गुमनाम फिल्मों में भी ऐसे गीत निकल कर आए जो बेहद मधुर थे। कई नए युवा संगीतकारों, गायक और गीतकारों ने मिलकर सुरीले रंग बिखेरे। जैसे मैंने पिछली पोस्ट में बताया था मेरे लिए इस साल का सरताज गीत तेरी मिट्टी रहा। वार्षिक संगीतमाला में शामिल सारे गीतों की सूची एक बार फिर ये रही।



साल का सर्वश्रेष्ठ गीत :  तेरी मिट्टी, केसरी (अर्को प्रावो मुखर्जी, मनोज मुंतशिर, बी प्राक)

03. रुआँ रुआँ, रौशन हुआ Ruan Ruan
04. तेरा साथ हो   Tera Saath Ho
05. मर्द  मराठा Mard Maratha
06. मैं रहूँ या ना रहूँ भारत ये रहना चाहिए  Bharat 
07. आज जागे रहना, ये रात सोने को है  Aaj Jage Rahna
08. तेरा ना करता ज़िक्र.. तेरी ना होती फ़िक्र  Zikra
09. दिल रोई जाए, रोई जाए, रोई जाए  Dil Royi Jaye
10. कहते थे लोग जो, क़ाबिल नहीं है तू..देंगे वही सलामियाँ  Shaabaashiyaan
11 . छोटी छोटी गल दा बुरा न मनाया कर Choti Choti Gal
12. ओ राजा जी, नैना चुगलखोर राजा जी  Rajaji
13. मंज़र है ये नया Manzar Hai Ye Naya 
14. ओ रे चंदा बेईमान . बेईमान..बेईमान O Re Chanda
15. मिर्ज़ा वे. सुन जा रे...वो जो कहना है कब से मुझे Mirza Ve
16. ऐरा गैरा नत्थू खैरा  Aira Gaira
17. ये आईना है या तू है Ye aaina
18. घर मोरे परदेसिया  Ghar More Pardesiya
19. बेईमानी  से.. 
20. तू इतना ज़रूरी कैसे हुआ? Kaise Hua
21. तेरा बन जाऊँगा Tera Ban Jaunga
22. ये जो हो रहा है Ye Jo Ho Raha Hai
23. चलूँ मैं वहाँ, जहाँ तू चला Jahaan Tu chala 
24.रूह का रिश्ता ये जुड़ गया... Rooh Ka Rishta 

साल के बेहतरीन एलबम

अगर पूरे एलबम के लिहाज़ से देखा जाए तो कुछ छोटे बजट की फिल्मों ने भी अच्छा संगीत दिया जैसे कि गॉन केश, मोतीचूर चकनाचूर और घोस्ट। देशप्रेम के जज़्बे को उभारते केसरी और URI का भी संगीत काफी सराहा गया पर खिताबी जंग का मुकाबला इस बार त्रिकोणीय था। कलंक, मणिकर्णिका और कबीर सिंह के लगभग सभी गाने खासे लोकप्रिय हुए। जहाँ कबीर सिंह युवाओं की आवाज़ बना वही कलंक और मणिकर्णिका जैसी पीरियड फिल्मों ने पुरानी मेलोडी की यादें ताज़ा कर दीं। पर साल का सबसे बेहतरीन एलबम रहा कलंक जिसने
मणिकर्णिका से थोड़े अंतर से बाजी मारी ।

  • मणिकर्णिका : शंकर एहसान लॉय
  • कलंक  : प्रीतम
  • Uri: The Surgical Strike  : शाश्वत सचदेव
  • कबीर सिंह : कई संगीतकार
  • गॉन केश : कई संगीतकार

साल का सर्वश्रेष्ठ एलबम      :  कलंक, प्रीतम  

साल के कुछ खूबसूरत बोलों से सजे सँवरे गीत
इस साल कुछ नए और कुछ पुराने गीतकारों के बेहद अर्थपूर्ण गीत सुनने को मिले। नए लिखने वालों में अभिरुचि चंद  ने मंज़र है ये नया में मन में जोश भरने के साथ अपने प्रतीकों से गुलज़ार साहब की याद दिला दी वहीं अभिषेक मजाल अपने रूमानी गीत बेईमानी से में नए खूबसूरत बिंब भरते नज़र आए। प्रसून जोशी और जावेद अख्तर ने देशप्रेम के जज़्बे को कविता सरीखे शब्दों से नवाज़ा तो मनोज तेरी मिट्टी में सैनिक के दिल की आवाज़ बन कर उभरे। सीमा सैनी की बेइमान चंदा से नोक झोंक बड़ी प्यारी रही, वहीं रुआँ रुआँ में वरुण ग्रोवर ने अपने गहरे शब्दों से दिल जीता। अमिताभ ने कलंक के शीर्षक गीत इश्क़ का जोग विजोग फिर उभारा तो इरशाद कामिल ने आईना में रूमानियत से भरी बेहद दिलकश पंक्तियाँ रचीं। इतने सारे प्यारे गीतों में किसी एक को चुनना मेरे लिए बड़ा कठिन रहा और अंत में मैंने प्रसून जोशी की काव्यात्मकता और मनोज के दिल छूते भावों के आधार पर इन दोनों को ही संयुक्त रूप से साल के बेहतरीन लिखे गीतों में जगह दी है।

  • अमिताभ भट्टाचार्य :      कलंक नहीं, इश्क़ है काजल पिया ….  
  • प्रसून जोशी           :      मैं रहूँ या ना रहूँ भारत ये रहना चाहिए...  
  • प्रसून जोशी           :      बोलो कब प्रतिकार करोगे 
  • वरुण ग्रोवर,          :      रुआँ रुआँ, रौशन हुआ... 
  • सीमा सैनी             :     ओ रे चंदा बेईमान ...
  • इरशाद कामिल     :      ये आईना है या तू है...
  • मनोज मुंतशिर       :      तेरी मिट्टी 
  • अभिषेक मजाल     :      बेईमानी से
  • अभिरुचि चंद         :      मंज़र है ये नया
  • जावेद अख्तर         :      मर्द मराठा

साल के सर्वश्रेष्ठ बोल : तेरी मिट्टी.. मनोज मुंतशिर /मैं रहूँ या ना रहूँ ...प्रसून जोशी

साल के गीतों की कुछ बेहद जानदार पंक्तियाँ 

जब आप पूरा गीत सुनते हैं तो कुछ पंक्तियाँ कई दिनों तक आपके होठों पर रहती हैं और उन्हें गुनगुनाते वक़्त आप एक अलग खुशी महसूस करते हैं। पिछले  साल के गीतों  की वो  बेहतरीन पंक्तियों जिनके शब्दों के साथ मेरे दिल की मँगनी हुई वे कुछ यूँ हैं 😃

  • तू झील खामोशियों की... लफ़्ज़ों की मैं तो लहर हूँ..एहसास की तू है दुनिया..छोटा सा मैं एक शहर हूँ
  • जिस्म से तेरे मिलने दे मुझे, बेचैन ज़िन्दगी इस प्यार में थी...उँगलियों से तुझपे लिखने दे ज़रा, शायरी मेरी इंतज़ार में थी
  • रुआँ रुआँ, रौशन हुआ...धुआँ धुआँ, जो तन हुआ...हाँ नूर को, ऐसे चखा..मीठा कुआँ, ये मन हुआ
  • काँधे पे सूरज, टिका के चला तू..हाथों में भर के चला बिजलियाँ..तूफां भी सोचे, ज़िद तेरी कैसी..ऐसा जुनून है किसी में कहाँ
  • मेरी नस नस तार कर दो और बना दो एक सितार..राग भारत मुझपे छेड़ो झनझनाओ बार बार
  • तरसे जिसको मोरे नैन चंदा, तू दिखे उसे सारी रैन चंदा..मैं जल जाऊँ तुझसे ओ चंदा, हाय लगाऊँ तुझपे ओ चंदा
  • दुनिया की नज़रों में ये रोग है..हो जिनको वो जाने, ये जोग है...इकतरफा शायद हो दिल का भरम...दोतरफा है, तो ये संजोग है
  • ओ माई मेरे क्या फिकर तुझे, क्यूँ आँख से दरिया बहता है, तू कहती थी तेरा चाँद हूँ मैं, और चाँद हमेशा रहता है
  • अग्नि वृद्ध होती जाती है, यौवन निर्झर छूट रहा है...प्रत्यंचा भर्रायी सी है, धनुष तुम्हारा टूट रहा है..कब तुम सच स्वीकार करोगे, बोलो, बोलो कब प्रतिकार करोगे?
  • सोच की दीवारों पे. तारीख लिख के चला है..साँसों की मीनारों पे, ख़्वाहिश रख के चला है..रह गया है गर्दिशों में..ये सवाल कैसा..इक मलाल है ऐसा
  • अग्नि हो कर मँगनी हो गई पानी से..

साल के बेहतरीन गायक
गायिकी की बात करूँ तो ये साल पुराने के साथ नए उभरते गायकों का भी रहा। शांतनु सुदामे द्वारा  मंज़र है ये नया का  जोशीला गायन ध्यान खींचने में सफल रहा। पापोन की नमकीन आवाज़ तेरा साथ है को एक अलग ही स्तर पर ले गयी। सोनू निगम मिर्जा वे और शर्त में अपनी उसी पुरानी लय में दिखे। वही अरिजीत सिंह ने हमेशा की तरह कलंक के शीर्षक गीत के उतार चढ़ाव को बखूबी निभाया। अरमान मलिक की आवाज़ की मुलायमियत तेरा जिक्र में मन को सहलाने वाली थी। पर ये साल पंजाबी गायिकों के लिए खास तौर से अच्छा रहा। सूफी गायिकी के लिए मशहूर करण ग्रेवाल ने चिट्ठिये का दर्द अपनी आवाज़ में उतार लिया तो वहीं अर्जुन हरजाई बड़ी मासूमियत से छोटी छोटी गल में मान जाने की वकालत करते रहे पर जिस आवाज़ ने गीत की पहली पंक्ति से रोंगटे खड़े कर दिए वो थी बी प्राक की आवाज़ जिन्होंने पंजाबी फिल्मों से पहली बार इस साल बालीवुड का रुख किया है। उनके गाये इस गीत के लिए अक्षर कुमार को भी कहना पड़ा कि ये उनके कैरियर के सबसे शानदार गाए गीतों में से एक है।



  • अरिजीत सिंह        :  कलंक नहीं, इश्क़ है काजल पिया …
  • पापोन                   :  तेरा साथ है 
  • कँवर ग्रेवाल          :  चिट्ठिये 
  • शांतनु सुदामे         : मंज़र है ये नया 
  • बी प्राक                 : तेरी मिट्टी 
  • अर्जुन हरजाई        : छोटी छोटी गल 
  • सोनू निगम            :  मिर्जा वे
  • अरमान मलिक      :  तेरा ना करता जिक्र

साल के सर्वश्रेष्ठ गायक          :  बी प्राक, तेरी मिट्टी

साल की बेहतरीन गायिका
पिछले साल की अपेक्षा इस साल गायिकाओं को भी कई एकल गीत गाने का मौका मिला। कविता सेठ की आवाज़ बहुत सालों के बाद इस साल नुस्खा तराना में गूँजी। ज्योतिका टांगरी ने इस साल कई गीत गाए पर घोस्ट के लिए उनका गाया गीत काफी मधुर रहा। नई गायिकाओं में जिन आवाज़ों ने सबसे अधिक प्रभावित किया वो थीं आज जागे रहना में हिमानी कपूर और राजा जी में प्रतिभा सिंह बघेल। आशा है आने वाले सालों में इनके और गीत सुनने को मिलेंगे। बेहतरीन गायिका के लिए जीत का सेहरा लगातार दूसरे साल श्रेया घोषाल की झोली में गया । घर मोरे परदेशिया के शास्त्रीय आलाप हों या या ओ रे चंदा की मीठी चुहल वो दोनों ही गीतों में अपनी बेहतरीन गायिकी का सिक्का जमा गयीं।



  • हिमानी कपूर     : आज जागे रहना, ये रात सोने को है.
  • श्रेया घोषाल       : ओ रे चंदा बेईमान  
  • प्रतिभा बघेल     : ओ  राजा जी 
  • श्रेया घोषाल       : घर मोरे परदेसिया
  • कविता सेठ       : नुस्खा तराना
  • ज्योतिका टांगरी : ये जो हो रहा है

साल की सर्वश्रेष्ठ गायिका     :  श्रेया घोषाल (घर मोरे परदेसिया, ओ रे चंदा बेईमान)   

गीत में प्रयुक्त हुए संगीत के कुछ बेहतरीन टुकड़े

संगीत जिस रूप में हमारे सामने आता है उसमें संगीतकार संगीत संचालक और निर्माता की  बड़ी भूमिका रहती है पर संगीतकार की धुन हमारे कानों तक पहुँचाने का काम हुनरमंद वादक करते हैं जिनके बारे में हम शायद ही जान पाते हैं। वैसे आजकल गीतों में लाईव आर्केस्ट्रा का इस्तेमाल बेहद कम होता जा रहा है। ज्यादातर अंतरों के बीच प्री मिक्सड टुकड़े बजा दिए जाते हैं। फिर भी इस साल कलंक, केसरी, मणिकर्णिका, पानीपत जैसी फिल्मों के गीतों में लाइव रिकार्ड किए हुए भांति भांति के वाद्य गूँजे। विशाल भारद्वाज ने रुआँ रुआँ में गिटार को गीत के शब्दों के साथ बड़े करीने से समायोजित किया। संगीत संचालकों में आदित्य देव के काम ने बार बार ध्यान खींचा। कुछ गीतों में स्वीडन और थाइलैंड के विदेशी वादक समूहों का भी प्रयोग हुआ। कानों को मधुर लगने वाली  धुनों की चर्चा तो नीचे है पर सबसे ज्यादा दिल खुश हुआ विपिन पटवा के  तेरा साथ है के लिए किए गए संगीत संयोजन ने । घड़े, सितार और शहनाई के साथ तार वाद्यों की स्वरलहरी गीत के खत्म होने के बाद भी ज़हन में बजती रही।


  • रूआँ रूआँ : गिटार अंकुर मुखर्जी, विशाल भारद्वाज
  • तेरा साथ है गीत के अंत में तार वाद्यों पर आधारित धुन : विपिन पटवा
  • तेरी मिट्टी अंत में तार वाद्यों पर आधारित धुन प्रकाश वर्मा, आदित्य देव, अर्को प्रावो मुखर्जी
  • ऐरा गैरा प्रील्यूड/इंटरल्यूड : बुलबुल तरंग राशिद खाँ, मेंडोलिन, तापस राय. सितार सलमान खाँ, प्रीतम  
  • तेरा ना करता जिक्र प्रील्यूड : गिटार - केबा जरमिया,  असद खाँ
  • मिर्जा वे सिग्नेचर ट्यून : जीत गाँगुली
  • रुह का रिश्ता,इंटरल्यूड : आदित्य देव, सोनल प्रधान
  • जहाँ तू चला मिडनाइट मिक्स इंटरल्यूड : जसलीन रॉयल, अक्षय राहेजा

संगीत की सबसे कर्णप्रिय मधुर तान  : तेरा साथ है, विपिन पटवा 

संगीतमाला के समापन मैं अपने सारे पाठकों का धन्यवाद देना चाहूँगा जिन्होंने समय समय पर अपने दिल के उद्गारों से मुझे आगाह किया। आपकी टिप्पणियाँ इस बात की गवाह थीं कि आप सब का हिंदी फिल्म संगीत से कितना लगाव है। इस साल गीतमाला शुरु होने के पहले मैंने आप सबसे अपनी पसंद के गीतों का चुनाव करने को कहा था और साथ में ये बात भी कही थी कि जिन लोगों की पसंद सबसे ज्यादा इस गीतमाला के गीतों से मिलेगी उन्हें एक छोटा सा तोहफा दिया जाएगा मेरे यात्रा ब्लॉग मुसाफ़िर हूँ यारों की तरफ से। इस बार की प्रतियोगिता के सभी विजेताओं बठिंडा से अरविंद मिश्र, पटना से मनीष, लखनऊ से कंचन सिंह चौहान और कोयम्बटूर से स्मिता जयचंद्रन को मेरी तरफ से ढेर सारी बधाई।



एक बार फिर आप सभी का दिल से शुक्रिया इस सफ़र में साथ बने रहने के लिए। 

शनिवार, फ़रवरी 08, 2020

वार्षिक संगीतमाला 2019 सरताज गीत : तेरी मिट्टी Teri mitti

वक़्त आ गया है एक शाम मेरे नाम की वार्षिक संगीतमाला 2019  का सरताज बिगुल बजाने का। धुन, शब्द और गायिकी तीनों ही लिहाज़ से बाकी सारे गीतों से कहीं बेहतर रहा फिल्म केसरी का वो नग्मा जिसने इस गीतमाला की पहली सीढ़ी पर अपने आसन जमाए हैं। उन्नीसवीं शताब्दी के आख़िर में हुए अफगान सेना और अंग्रेजों की सिख पलटन के बीच हुए सारागढ़ी के युद्ध पर आधारित फिल्म केसरी का गीत 'तेरी मिट्टी' हर उस सिपाही को समर्पित है जिसने अपनी मातृभूमि के लिए प्राणों की आहुति दी है। 

आज इस सरताज गीत के तीन नायकों अर्को, मनोज मुंतशिर, बी प्राक और उनके पीछे के उन लोगों की बात करेंगे जिनकी वज़ह से ये गीत आपके सामने इस रूप में आ सका।


सबसे पहले शुरुआत करते हैं गीतकार मनोज मुंतशिर से जिनके एक दर्जन से भी ज्यादा गीत पिछले कुछ सालों से संगीतमाला का हिस्सा बनते आए हैं। मेरी उनसे बस एक ही शिकायत रहती थी कि अपनी प्रतिभा को रूमानियत भरे गीतों तक ही सीमित ना रखें। अब देखिए, जैसे ही उन्हें मौका मिला उन्होंने एक सैनिक का दिल इतनी तबियत से पढ़ लिया कि उन भावनाओं को महसूस कर ही संगीतप्रेमियों की आँखें नम हो गयीं। मनोज ने सैनिक के शौर्य की बात करते हुए चंद पक्तियों उसके गाँव,  खेत खलिहान और घर परिवार का पूरा नक्शा ही उकेर दिया।

शुक्रवार, फ़रवरी 07, 2020

वार्षिक संगीतमाला 2019 रनर्स अप : कलंक नहीं, इश्क़ है काजल पिया

वार्षिक संगीतमाला का पिछले डेढ़ महीने का सफ़र अब समापन की ओर है। इस दौरान आपको मैंने पिछले साल के कई अनसुने नग्मों से मिलवाया।  जहाँ तक चोटी के दो गीतों की बात है, ये दोनों आपके जाने पहचाने गीत हैं और चहेते भी होंगे ऐसी मेरी उम्मीद है। 

एक शाम मेरे नाम की वार्षिक संगीतमाला के इस पन्द्रहवें संस्करण में रनर्स अप का खिताब जीता है फिल्म कलंक के शीर्षक गीत कलंक नहीं, इश्क़ है काजल पिया ने जिसे गाया अरिजीत सिंह ने, धुन बनाई प्रीतम ने और बोल लिखे अमिताभ भट्टाचार्य ने।


संगीतकार प्रीतम ने इस साल अपने चाहनेवालों को निराश नहीं किया। कलंक के आलावा उन्होंने इस साल The Sky is Pink और छिछोरे का भी संगीत दिया। छिछोरे तो खूब चली पर गाने सबसे ज्यादा कलंक के पसंद किए गए। आज़ादी के पहले की इस कहानी का संगीत देना प्रीतम के लिए चुनौती भरा था। प्रीतम ने इस बात का ख्याल रखा कि फिल्म के गीतों में ज्यादा से ज्यादा भारतीय वाद्यों का प्रयोग हो। फिल्म के कई गाने रागों और लोक धुनों से प्रभावित हैं। कलंक के इस शीर्षक गीत का मुखड़ा राग शिवरंजनी पर आधारित है।

प्रीतम के साथ अमिताभ भट्टाचार्य और अरिजीत सिंह का रिश्ता बहुत पुराना है। अरजीत तो एक समय में प्रीतम के सहायक का काम भी किया करते थे। आपको जानकर ताज्जुब होगा कि इस गीत की प्रोग्रामिंग में भी अरिजीत शामिल रहे। यहाँ तक कि गीत में हारमोनियम भी उन्होंने बजाया। गीत के पीछे हुई मेहनत का अगर अंदाजा लगाना हो तो सिर्फ इतना जान लीजिए कि  वरुण धवन ने अपने एक साक्षात्कार में कहा है कि अरिजीत ने इस गीत को बारह सौ बार गाने के बाद अंतिम रूप दिया। अब इसमें थोड़ी अतिश्योक्ति हो सकती है पर अगर प्रीतम और अरिजीत की अंत अंत तक लगातार सुधार करने की फितरत देखें तो ये सच भी हो सकता है। जिस दिन ये गाना इंटरनेट पर रिलीज़ होना था उस दिन नहीं हुआ क्यूँकि आखिरी क्षणों में भी ये पूरी टीम उसे और बेहतर बनाने में लगी थी।

अरिजीत सिंह और  प्रीतम
इश्क़ तो एक जोग और इबादत का रूप है तो इसमें पड़ना कलंक का सबब कैसे बन सकता है। इसी भाव को ध्यान में रखकर अमिताभ ने ये प्यारा मुखड़ा रचा कलंक नहीं, इश्क़ है काजल पिया।  इस गीत में आगे अमिताभ इकतरफा और दोतरफा  का भेद भी बड़े करीने से बता जाते हैं जब वो कहते हैं कि दुनिया की नज़रों में ये रोग है...हो जिनको वो जाने, ये जोग है इकतरफा शायद हो दिल का भरम.. दोतरफा है, तो ये संजोग है...दिल छू जाती है ये प्यारी पंक्तियाँ। 
अमिताभ भट्टाचार्य

सच्चा प्रेम हमें तो बिल्कुल तुच्छ बना देताा है और हम प्रियतम की इबादत पर उतर आते हैं। देखिए इसी भावना को अमिताभ गीत के अंत में कितने खूबसूरत शब्दों में पिरोते हैं...मैं गहरा तमस, तू सुनहरा सवेरा....मुसाफ़िर मैं भटका, तू मेरा बसेरा...तू जुगनू चमकता, मैं जंगल घनेरा... भई वाह !

प्रीतम ने फिल्म के समय को देखते हुए इस गीत में प्रमुखता से तार वाद्यों और तबले का प्रयोग किया है। गीत के बीच में उभरता कोरस उसके प्रभाव को और बढ़ाता है। गीत की लोकप्रियता जब बढ़ी तो इसका एक और वर्सन रिलीज़ हुआ जिसका एक अंतरा शिल्पा राव ने बखूबी गाया है


हवाओं में बहेंगे, घटाओं में रहेंगे
तू बरखा मेरी, मैं तेरा बादल पिया
जो तेरे ना हुए तो, किसी के ना रहेंगे
दीवानी तू मेरी, मैं तेरा पागल पिया

हज़ारों में किसी को तक़दीर ऐसी 
मिली है इक राँझा और हीर जैसी
ना जाने ये ज़माना, क्यूँ चाहे रे मिटाना?
कलंक नहीं, इश्क़ है काजल पिया
कलंक नहीं, इश्क़ है काजल पिया
पिया, पिया
पिया रे, पिया रे, पिया रे
पिया रे, पिया रे (पिया रे, पिया रे)

दुनिया की नज़रों में ये रोग है
हो जिनको वो जाने, ये जोग है
इकतरफा शायद हो दिल का भरम
दोतरफा है, तो ये संजोग है
लाई रे हमें ज़िन्दगानी की कहानी कैसे मोड़ पे
हुए रे खुद से पराए हम किसी से नैना जोड़ के

हज़ारों में .. काजल पिया
मैं तेरा, हो मैं तेरा
मैं गहरा तमस, तू सुनहरा सवेरा
मैं तेरा, हो मैं तेरा
मुसाफ़िर मैं भटका, तू मेरा बसेरा
मैं तेरा, हो मैं तेरा
तू जुगनू चमकता, मैं जंगल घनेरा
मैं तेरा
हो पिया मैं तेरा, मैं तेरा..

तो आइए सुनें अरिजीत की आवज़ में इस गीत को



वार्षिक संगीतमाला 2019 
01. तेरी मिट्टी Teri Mitti
02. कलंक नहीं, इश्क़ है काजल पिया 
03. रुआँ रुआँ, रौशन हुआ Ruan Ruan
04. तेरा साथ हो   Tera Saath Ho
05. मर्द  मराठा Mard Maratha
06. मैं रहूँ या ना रहूँ भारत ये रहना चाहिए  Bharat 
07. आज जागे रहना, ये रात सोने को है  Aaj Jage Rahna
08. तेरा ना करता ज़िक्र.. तेरी ना होती फ़िक्र  Zikra
09. दिल रोई जाए, रोई जाए, रोई जाए  Dil Royi Jaye
10. कहते थे लोग जो, क़ाबिल नहीं है तू..देंगे वही सलामियाँ  Shaabaashiyaan
11 . छोटी छोटी गल दा बुरा न मनाया कर Choti Choti Gal
12. ओ राजा जी, नैना चुगलखोर राजा जी  Rajaji
13. मंज़र है ये नया Manzar Hai Ye Naya 
14. ओ रे चंदा बेईमान . बेईमान..बेईमान O Re Chanda
15.  मिर्ज़ा वे. सुन जा रे...वो जो कहना है कब से मुझे Mirza Ve
16. ऐरा गैरा नत्थू खैरा  Aira Gaira
17. ये आईना है या तू है Ye aaina
18. घर मोरे परदेसिया  Ghar More Pardesiya
19. बेईमानी  से.. 
20. तू इतना ज़रूरी कैसे हुआ? Kaise Hua
21. तेरा बन जाऊँगा Tera Ban Jaunga
22. ये जो हो रहा है Ye Jo Ho Raha Hai
23. चलूँ मैं वहाँ, जहाँ तू चला Jahaan Tu chala 
24.रूह का रिश्ता ये जुड़ गया... Rooh Ka Rishta 

गुरुवार, फ़रवरी 06, 2020

वार्षिक संगीतमाला 2019 Top10 : रुआँ रुआँ, रौशन हुआ Ruan Ruan

अगर संगीतमाला की चौथी पायदान पर पापोन की गायिकी आपके दिल को सहला गयी थी तो आज वही काम तीसरी पायदान पर अरिजीत सिंह की आवाज़ कर रही है फिल्म सोनचिड़िया के इस गीत में जिसकी धुन बनाई विशाल भारद्वाज ने और बोल लिखे वरुण ग्रोवर ने। विशाल  अपनी फिल्मों में अरिजीत की आवाज़ का बखूबी इस्तेमाल करते आए हैं। हैदर, रंगून पटाखा और अब सोनचिड़िया के गीत इसकी मिसाल हैं। हाँ ये जरूर है कि विशाल अक्सर गुलज़ार के साथ काम करते हैं पर इस फिल्म के लिए उन्होंने वरूण को चुना जो आज के दौर के एक काबिल गीतकार हैं।


चंबल के डाकुओं से जुड़ी कई कहानियाँ फिल्मी पर्दे का हिस्सा बन चुकी है। नब्ने के बाद की बात करूँ तो पान सिंह तोमर या फिर Bandit Queen जैसी सफलता तो सोनचिड़िया के हाथ नहीं लगी  पर फिल्म को समीक्षकों द्वारा सराहा जरूर गया था। 

इस गीत को समझने के लिए मुझे आपको इस फिल्म की कहानी से रूबरू कराना पड़ेगा। अपने सरदार के मारे जाने के बाद पुलिस से भागते गिरोह को एक महिला के साथ घायल बच्ची मिलती है जिसकी जान के पीछे उसी के परिवार वाले पड़े हैं।  गिरोह उस बच्ची की मदद करते हुए उसे अस्पताल पहुँचाने के लिए तैयार हो जाता है। गिरोह के द्वारा एक बार गलती से कुछ बच्चों की हत्या हो गयी थी। उनके मन में ये धारणा भी है कि ये पाप तभी कटेगा जब वो किसी बच्ची रूपी सोनचिड़िया को बचाएँगे।

इसी क्रम में ये गीत फिल्म में आता है। वरुण एक ऐसे गीतकार हैं जिनके शब्दों में एक गहराई होती है। उसकी तहों तक पहुँचने के लिए एक श्रोता को गीत की भावनाओं में डूबना होता है। अब इसी गीत को देखिए। रुआँ रुआँ एक आशा का, एक नए जीवन के संचार का गीत है। नायक द्वारा अपनी बीती हुई ज़िदगी के कलुष को धोने की चेष्टा की तुलना इस गीत में वरुण ने एक ऐसे पंक्षी से की है जो अँधेरी रातों से निकल वक़्त की पुरानी गाँठों को खोलते हुए एक नए आकाश, एक नई सुबह की ओर उड़ चला है। ऐसे करते हुए उसका रोयाँ रोयाँ पुलकित है। नायक की सदाशयता के इस नूर ने पूरे मन रूपी कुएँ को मीठा कर दिया है इसलिए वरूण ने लिखा


पंछी चला, उस देस को
है जहाँ, रातों में, सुबह घुली
पंछी चला, परदेस को
कि जहाँ, वक्त की, गाँठ खुली

रुआँ रुआँ, रौशन हुआ
धुआँ धुआँ, जो तन हुआ
रुआँ रुआँ...
हाँ नूर को, ऐसे चखा
मीठा कुआँ, ये मन हुआ
रुआँ रुआँ...


नायक की ज़िदगी के इस दुखद चरण के समापन और एक नए की शुरुआत की बात कुछ अन्य बिंबों के साथ वरुण  दूसरे अंतरे में भी करते हैं। माटी के मैले घड़े के टूटकर कंचन होने की उनकी सोच वाकई लाजवाब है। 

गहरी नदी, में डूब के
आखिरी साँस का, मोती मिला
सदियों से था, ठहरा हुआ
हाँ गुज़र ही गया, वो काफ़िला
पर्दा गिरा, मेला उठा
खाली कोई, बर्तन हुआ
माटी का ये, मैला घड़ा
टूटा तो फिर, कंचन हुआ
रुआँ रुआँ...


विशाल ने इस गीत में गिटार और सीटी का बेहतरीन इस्तेमाल किया है। गीत के बोलों के साथ गिटार की टुनटुनाहट इस बारीकी से गूँथी गयी है कि एक के बिना दूसरे की कल्पना ही नहीं की जा सकती है।  इस गीत में मधुर गिटार बजाया है अंकुर मुखर्जी ने।

विशाल भारद्वाज व वरुण ग्रोवर
गीत की शुरुआत में अरिजीत की रुआँ रुआँ की गूँज आपको एक अलग मूड में ले आती है और फिर तो उनकी गायिकी शब्द और संगीत के साथ ऐसे घुलती मिलती है कि आप  गीत खत्म होने तक उसके मोहपाश से अपने आप को अलग नहीं कर पाते। तो आइए सुनते हैं सोनचिड़िया का ये बेहद भावपूर्ण नग्मा। गीत में जो नदी नज़र आ रही है वो देश की सबसे साफ सुथरी नदियों में से एक चंबल नदी है।



वार्षिक संगीतमाला 2019 
01. तेरी मिट्टी Teri Mitti
02. कलंक नहीं, इश्क़ है काजल पिया 
03. रुआँ रुआँ, रौशन हुआ Ruan Ruan
04. तेरा साथ हो   Tera Saath Ho
05. मर्द  मराठा Mard Maratha
06. मैं रहूँ या ना रहूँ भारत ये रहना चाहिए  Bharat 
07. आज जागे रहना, ये रात सोने को है  Aaj Jage Rahna
08. तेरा ना करता ज़िक्र.. तेरी ना होती फ़िक्र  Zikra
09. दिल रोई जाए, रोई जाए, रोई जाए  Dil Royi Jaye
10. कहते थे लोग जो, क़ाबिल नहीं है तू..देंगे वही सलामियाँ  Shaabaashiyaan
11 . छोटी छोटी गल दा बुरा न मनाया कर Choti Choti Gal
12. ओ राजा जी, नैना चुगलखोर राजा जी  Rajaji
13. मंज़र है ये नया Manzar Hai Ye Naya 
14. ओ रे चंदा बेईमान . बेईमान..बेईमान O Re Chanda
15.  मिर्ज़ा वे. सुन जा रे...वो जो कहना है कब से मुझे Mirza Ve
16. ऐरा गैरा नत्थू खैरा  Aira Gaira
17. ये आईना है या तू है Ye aaina
18. घर मोरे परदेसिया  Ghar More Pardesiya
19. बेईमानी  से.. 
20. तू इतना ज़रूरी कैसे हुआ? Kaise Hua
21. तेरा बन जाऊँगा Tera Ban Jaunga
22. ये जो हो रहा है Ye Jo Ho Raha Hai
23. चलूँ मैं वहाँ, जहाँ तू चला Jahaan Tu chala 
24.रूह का रिश्ता ये जुड़ गया... Rooh Ka Rishta 

बुधवार, फ़रवरी 05, 2020

वार्षिक संगीतमाला 2019 Top 10 : तेरा साथ है Tera Saath Hai

असम के गायक अंगराग महन्ता  जिन्हें हम सब पापोन के नाम से जानते हैं की आवाज़ अपनी अलग बनावट की वज़ह से मुझे हमेशा से प्रिय रही है। एक शाम मेरे नाम की संगीतमालाओं में उनकी आवाज़ का जादू दो बार सरताज गीत बनकर गूँजा है। एक तो दम लगा के हइसा का मोह मोह के धागे और दूसरा बर्फी का क्यूँ ना हम तुम। 

आज एक बार फिर पापोन के स्वर में संगीतमाला की चौथी पायदान पर अनजान सी फिल्म का बेहद मधुर गीत है। ये फिल्म थी पिछले साल अक्टूबर में रिलीज़ हुई Jacqueline I Am Coming  जो अपने एक अलग  विषय के बावज़ूद प्रचार प्रसार के अभाव में सिनेमा के पर्दों पर ज्यादा दिन तक टिक नहीं पाई। इस फिल्म के इस एकमात्र गीत का शानदार संगीत दिया है विपिन पटवा ने और इसके बोल लिखे हैं उनके कई सालों के जोड़ीदार डॉक्टर सागर ने। अगर आपको याद हो तो कुछ साल पहले भी इस तिकड़ी का एक गीत इस संगीतमाला में दाखिल हुआ था। फिल्म थी बॉलीवुड डायरीज़ और गीत के बोल थे ख्बाबों को सच करने के लिए तितली ने सारे रंग बेच दिए


उत्तर प्रदेश के एक व्यापारी परिवार में जन्मे विपिन का शुरुआत से संगीत के प्रति रुझान और फिर शास्त्रीय संगीत की विधिवत शिक्षा लेकर बतौर संगीतकार और गायक मुंबई की ओर रुख करने की बात तो मैं आपको पहले यहाँ बता ही चुका हूँ। 

रही बात गीतकार सागर की तो उनका ताल्लुक उत्तर प्रदेश के पूर्वी जिले बलिया से रहा है। अत्यंत गरीब परिवार में जन्मे सागर को स्कूल से ही भोजपुरी में कविता लिखने का शौक था। जिस स्कूल में वो पढ़ते थे वहाँ चार पाँच गाँवों के बच्चे पढ़ने आते थे। स्कूल में उनकी कविताई यूँ चमकी कि स्कूल तो स्कूल पूरे इलाके के लोकगीत कलाकार उनसे गीत लिखवाने के लिए उनके गाँव आने लगे। दो जून रोटी के संघर्ष ने उन्हें स्कूल के बाद कुछ सालों के लिए पढ़ाई लिखाई से दूर कर दिया पर उनकी जीवटता और कविता का प्रेम उन्हें ऐसे लोगों से मिलवाता गया जिनकी मदद से उन्होंने JNU से हिंदी में अपनी पीएचडी पूरी की। 

विपिन पटवा और डॉ सागर
दिल्ली में ही एक बार उनकी मुलाकात विपिन से हुई और बरसों बाद जब वे मुंबई पहुँचे तो ये पुरानी पहचान गीतकार संगीतकार की एक जोड़ी में तब्दील हो गई। विपिन के संगीत निर्देशन में उनका पहला गीत फिल्म ये स्टूपिड प्यार के लिए था जिसे विपिन के साथ श्रेया घोषाल ने गाया था। पिछले आठ सालों में इस जोड़ी ने बॉलीवुड डॉयरीज और दास देव जैसी फिल्मों के लिए अच्छा काम किया है। 

बहरहाल लौटते हैं Jacqueline I Am Coming के इस गीत की तरफ। Jacqueline I Am Coming  की कहानी एक अधेड़ अविवाहित पुरुष की कहानी है जो अकेला जीवन जीते जीते एक युवा ईसाई स्त्री से प्रेम कर बैठता है। प्रेम, सामाजिक विरोध के बीच विवाह और फिर नायिका की मानसिक बीमारी की वजह से आने वाली परेशानियों के बीच फिल्म का एकमात्र गीत आता है और नायक के मन की भावनाओं और कठिनाइयों पर विजय पाने की उसकी उम्मीदों की बात कह जाता है। 

आज ये गीत, गीतमाला के प्रथम दस गीतों में शामिल हुआ है तो उसकी सबसे बड़ी वजह विपिन पटवा की शानदार धुन और संगीत संयोजन है जिसे पापोन की दिल छूती गायिकी और सागर के सहज बोलों का भरपूर साथ मिला है। ये गीत इस बात को भी साबित करता है कि भारतीय वाद्य यंत्रों की अपनी एक अलग ही मिठास है जिसका स्वाद कभी फीका नहीं पड़ता।

गीत की शुरुआत में विपिन ने ताल वाद्य के रूप में घड़े का इस्तेमाल किया है तो अंतरे में सितार की झुनझुनाहट है। गीत के अंत में मुखड़े के साथ शहनाई बजती है और उसके बाद आख़िर के आधे मिनट में जो संगीत बजता है वो मेरी आँखें तो हमेशा नम कर जाता है। 

इन सब के बीच मुखड़े की मोहक धुन पापोन की आवाज़ के साथ फूल और खुशबू बन कर मन में समा जाती है। इतना ही नहीं पर्दे पर जब आप रघुबीर यादव जैसे अद्भुत कलाकार को इस गीत को अभिनीत करते देखते हैं तो गीत की सीधी सादी भावनाएँ और गहरी होकर उतर जाती हैं।


तेरा साथ है हाथों में हाथ है
फूलों सा दिन अब मेरा
खुशबू सी रात है

तेरे बिना कैसे रहूँ
मेरा अधूरा है आशियाँ
तेरे सिवा जाऊँ कहाँ
कोई  नहीं है मेरा यहाँ

तेरा साथ है हाथों में हाथ है
फूलों सा दिन अब मेरा
खुशबू सी रात है

पूरब से आने लगा है उजाला
बादल जो घेरे हैं वो छट जाएँगे
तेरे संग अब मेरी ज़िंदगी के
लमहे सुकूँ से कट जाएँगे

तेरा साथ है हाथों में हाथ है
फूलों सा दिन अब मेरा
खुशबू सी रात है

तो आइए सुनें पापोन की दिलकश आवाज़ में ये नग्मा जो पहले आपने शायद ही सुना हो



वार्षिक संगीतमाला 2019 
01. तेरी मिट्टी Teri Mitti
02. कलंक नहीं, इश्क़ है काजल पिया 
03. रुआँ रुआँ, रौशन हुआ Ruan Ruan
04. तेरा साथ हो   Tera Saath Ho
05. मर्द  मराठा Mard Maratha
06. मैं रहूँ या ना रहूँ भारत ये रहना चाहिए  Bharat 
07. आज जागे रहना, ये रात सोने को है  Aaj Jage Rahna
08. तेरा ना करता ज़िक्र.. तेरी ना होती फ़िक्र  Zikra
09. दिल रोई जाए, रोई जाए, रोई जाए  Dil Royi Jaye
10. कहते थे लोग जो, क़ाबिल नहीं है तू..देंगे वही सलामियाँ  Shaabaashiyaan
11 . छोटी छोटी गल दा बुरा न मनाया कर Choti Choti Gal
12. ओ राजा जी, नैना चुगलखोर राजा जी  Rajaji
13. मंज़र है ये नया Manzar Hai Ye Naya 
14. ओ रे चंदा बेईमान . बेईमान..बेईमान O Re Chanda
15.  मिर्ज़ा वे. सुन जा रे...वो जो कहना है कब से मुझे Mirza Ve
16. ऐरा गैरा नत्थू खैरा  Aira Gaira
17. ये आईना है या तू है Ye aaina
18. घर मोरे परदेसिया  Ghar More Pardesiya
19. बेईमानी  से.. 
20. तू इतना ज़रूरी कैसे हुआ? Kaise Hua
21. तेरा बन जाऊँगा Tera Ban Jaunga
22. ये जो हो रहा है Ye Jo Ho Raha Hai
23. चलूँ मैं वहाँ, जहाँ तू चला Jahaan Tu chala 
24.रूह का रिश्ता ये जुड़ गया... Rooh Ka Rishta 

मंगलवार, फ़रवरी 04, 2020

वार्षिक संगीतमाला 2019 Top 10 : तेरा ना करता ज़िक्र.. तेरी ना होती फ़िक्र Zikra

हर साल बॉलीवुड में जितनी फिल्में बनती हैं उसमें एक छोटा सा हिस्सा डरावनी यानी भुतहा फिल्मों का रहता है। ऐसी फिल्में ज्यादा बजट की होती नहीं हैं। कलाकार भी ज्यादातर नए ही होते हैं। हर तीन चार फिल्मों में ऐसी एक दो फिल्में हिट भी हो जाती हैं। राज़ को ही देख लीजिए उसकी सफलता ने ऐसी फिल्मों का सालाना चलन तो बढ़ा ही दिया, साथ ही बिपाशा बसु जैसे कलाकारों का कैरियर भी चमका दिया।

अब ये फिल्में चाहे जैसी भी रहें इनका संगीत औसत से बेहतर रहता है। इसके लिए संगीत कंपनियाँ सीधा सा फार्मूला लगाती हैं। वो किसी एक कंपोज़र को इन फिल्मों के लिए अनुबंधित नहीं करती बल्कि अपने रिजर्व बैंक से अलग अलग संगीतकारों से लिए नगीने निकाल निकाल कर फिल्म की स्क्रिप्ट में फिट करती रहती हैं। यही वजह है कि ऐसी फिल्मों में तीन से चार संगीतकार भी दिखाई दे जाते हैं।


संगीतकार और गीतकार जब ऐसे गाने बनाते हैं तो उन्हें पता भी नहीं होता कि उनके गाने पारिवारिक, एक्शन या हॉरर फिल्मों में जाएँगे। बिना कहानी जाने जब गाने फिट करने हों तो अक्सर उनका ताना बाना रूमानियत के इर्द गिर्द ही बुना जाता है। 

इस संगीतमाला में फिल्म घोस्ट के जो दो गाने थे वे इसी प्रकृति के थे और आज गीतमाला की इस पायदान पर जो गीत जगह बना रहा है वो भटकती आत्माओं से जुड़ी कहानी पर बनी फिल्म अमावस से है। पिछले साल फरवरी में रिलीज़ हुई फिल्म अमावस का ये गीत भी प्रेम की चाशनी में डूबा हुआ गीत है जिसे संगीतबद्ध किया है असद खान ने, लिखा जुनैद वसी और अपनी आवाज़ से सँवारा है अरमान मलिक ने।

असद खान व  अरमान मलिक 
हिंदी फिल्म संगीत में जब जब सितार वादकों ने संगीत निर्देशन की कमान थामी है कुछ अच्छा ही सामने आया है। पंडित रविशंकर से लेकर निशात खान और फिर पिछले साल लैला मजनूँ का अद्भुत संगीत रचने वाले नीलाद्रि कुमार इसके जीते जागते उदाहरण हैं और इसी फेरहिस्त में नाम जुड़ गया है मेवात घराने से ताल्लुक रखने वाले असद खान का। असद खान को हिंदी फिल्मों से जोड़ने का श्रेय ए आर रहमान को जाता है। रहमान ने  स्लमडॉग मिलयनियर के साउंडट्रैक मौसम और एस्केप के लिए अपने संगीत के साथ असद खान से जिस तरह सितार का फ्यूजन कराया वो लोगों को बेहद पसंद आया। शास्त्रीय संगीत वादन के साथ साथ असद फिल्मों के इतर सिंगल्स में संगीत देते रहे हैं।


असद भले ही ख़ुद सितार वादक हों पर उन्होंने इस गीत का आगाज़ गिटार की मधुर धुन से किया है। जुनैद वसी की कलम प्रेम में डूबे दिल की तड़प को सहज शब्दों में बखूबी उभारती है। कानपुर से ताल्लुक रखने वाले इस गीतकार ने हिंदी फिल्मों में चुनिंदा गीत ही लिखे हैं पर इससे पहले उनका सबसे चर्चित गीत जौली एल एल बी 2 का बावरा मॅन राह ताके तरसे रे...नैना भी मल्हार बनके बरसे रे रहा है। 

इस गीत में अपने प्रिय से अतरंग होने के लम्हे तलाशते नायक की भावनाओं को वो कुछ ऐसी पंक्तियों से नवाज़ते हैं जिस्म से तेरे मिलने दे मुझे, बेचैन ज़िन्दगी इस प्यार में थी... उँगलियों से तुझपे लिखने दे ज़रा, शायरी मेरी इंतज़ार में थी... इसी गीत में आगे वो कहते है मुझको जगाये रख..खुद में लगाये रख..कि रातभर मैं अब ना सो सकूँ। असद का बनाई धुन इस रोमांटिक गीत की जान है और अरमान मलिक ने जुनैद के बोलों को बेहद दिल से गाया है। गीत सुनते ही इसके बोलों को उनके साथ गुनगुनाने की इच्छा होती है।

होने लगा इस तरह
मेरी गलती है
दिल को रोका तो ये
ज़ुबाँ चलती है
इश्क़  को मैंने बड़ा समझाया
इश्क़ के आगे कहाँ चलती है
तेरा ना करता ज़िक्र
तेरी ना होती फ़िक्र
तेरे लिये दिल रोता ना कभी
यूँ ना बहाता अश्क
मैं भी मनाता जश्न
खुद के लिये भी जीता ज़िंदगी

बाख़ुदा दिल गया
बाख़ुदा दिल गया...
तेरा ना करता ज़िक्र..

जिस्म से तेरे मिलने दे मुझे
बेचैन ज़िन्दगी इस प्यार में थी
उँगलियों से तुझपे लिखने दे ज़रा
शायरी मेरी इंतज़ार में थी
मुझपे लुटा दे इश्क़
मुझको सिखा दे इश्क़
किस्मत मेरे दर आ गया जो तू
मुझको जगाये रख
खुद में लगाये रख
कि रातभर मैं अब ना सो सकूँ
तेरा ना करता ज़िक्र


तो आइए सुनते हैं अमावस का ये रूमानी नग्मा





वार्षिक संगीतमाला 2019 
01. तेरी मिट्टी Teri Mitti
02. कलंक नहीं, इश्क़ है काजल पिया 
03. रुआँ रुआँ, रौशन हुआ Ruan Ruan
04. तेरा साथ हो   Tera Saath Ho
05. मर्द  मराठा Mard Maratha
06. मैं रहूँ या ना रहूँ भारत ये रहना चाहिए  Bharat 
07. आज जागे रहना, ये रात सोने को है  Aaj Jage Rahna
08. तेरा ना करता ज़िक्र.. तेरी ना होती फ़िक्र  Zikra
09. दिल रोई जाए, रोई जाए, रोई जाए  Dil Royi Jaye
10. कहते थे लोग जो, क़ाबिल नहीं है तू..देंगे वही सलामियाँ  Shaabaashiyaan
11 . छोटी छोटी गल दा बुरा न मनाया कर Choti Choti Gal
12. ओ राजा जी, नैना चुगलखोर राजा जी  Rajaji
13. मंज़र है ये नया Manzar Hai Ye Naya 
14. ओ रे चंदा बेईमान . बेईमान..बेईमान O Re Chanda
15.  मिर्ज़ा वे. सुन जा रे...वो जो कहना है कब से मुझे Mirza Ve
16. ऐरा गैरा नत्थू खैरा  Aira Gaira
17. ये आईना है या तू है Ye aaina
18. घर मोरे परदेसिया  Ghar More Pardesiya
19. बेईमानी  से.. 
20. तू इतना ज़रूरी कैसे हुआ? Kaise Hua
21. तेरा बन जाऊँगा Tera Ban Jaunga
22. ये जो हो रहा है Ye Jo Ho Raha Hai
23. चलूँ मैं वहाँ, जहाँ तू चला Jahaan Tu chala 
24.रूह का रिश्ता ये जुड़ गया... Rooh Ka Rishta 

शनिवार, फ़रवरी 01, 2020

वार्षिक संगीतमाला 2019 Top 10 : बोल उठा ये जग सारा, जय मर्द मराठा रे Mard Maratha

आशुतोष गोवारिकर एक ऐसे निर्देशक रहे हैं जिनकी फिल्में अपने लंबे चौड़े कैनवास के साथ साथ संगीत के लिए भी जानी जाती रही हैं। लगान, जोधा अकबर और स्वदेश में ए आर रहमान के साथ बनाए उनके गीत हर संगीतप्रेमी की पसंदीदा सूची में शामिल  होंगे। रहमान के बाद उन्होंने अपनी कुछ छोटी बजट की फिल्मों में संगीतकार सोहेल सेन का दामन थामा पर जब उन्होंने मराठा योद्धाओं पर केंद्रित फिल्म पानीपत बनानी शुरु की तो इसके लिए उन्होंने मराठी और हिंदी फिल्मों की चर्चित संगीत जोड़ी अजय अतुल को लिया। ये चुनाव वास्तव में बिल्कुल वाजिब था क्यूँकि ये विषय ऐसा था जिसके साथ अजय अतुल जैसे संगीकार पूरा न्याय कर सकते थे।



अजय अतुल कहते हैं कि बचपन से अब तक पानीपत के बारे में उन्होंने खूब पढ़ा था। इस युद्ध के पहले की परिस्थितियाँ उनके दिल के इतने करीब थीं कि अगर आशुतोष ने उन्हें इस फिल्म में मौका नहीं दिया होता तो वे ख़ुद इस विषय पर फिल्म बना देते। आशुतोष गोवारिकर ने इस फिल्म के लिए भले ही संगीतकार बदल दिया हो पर उनकी फिल्मों के गीतकार हमेशा से जावेद अख्तर रहे और इस फिल्म के सारे गीत भी जावेद साहब ने लिखे हैं। अजय अतुल के लिए भी ये पहला मौका था जावेद अख्तर के साथ काम करने का और छोटे से तीन गीतों के एलबम में अपना एक गीत वो संगीतमाला की छठी पायदान पर शामिल करवाने में सफल हुए हैं।

तन मन में जोश भरते जावेद अख्तर के शानदार बोल, ताल वाद्यों की अद्भुत रिदम और अजय अतुल, प्रियंका बार्वे के साथ ढेर सारे गायक गायिकाओं की फौज द्वारा गाया ये समूह गान मन को आनंदित कर देता है। इस गीत में अजय अतुल के साथ सुदेश भोसले और कुणाल गांजावाला जैसी कुछ पुरानी आवाज़ें भी गूँजी हैं। गीत में जो सबसे युवा आवाज़ अंत में उभरती है वो पद्मनाभ गायकवाड़ की है और प्रभावित करती है। अब जब सारे गायक मराठी हों तो गायिका भी मराठी ही होनी थी। अजय अतुल ने इस गीत के लिए प्रियंका बार्वे को चुना जिनकी अद्भुत गायिकी से मैं आपका यहाँ पहले ही परिचय करा चुका हूँ

आजकल की फिल्मों में ऐसे समूह गान कम ही सुनाई पड़ते हैं। ये गीत मराठा शूरवीरों के पराक्रम और जीवन मूल्यों की बात  बखूबी करता है और वो भी इस अंदाज़ में कि  गीत के बोलों के साथ आप भी बाकी गायकों के साथ सुर में सुर मिलाने के लिए तत्पर हो जाते हैं। जावेद साहब के बोल तो जबरदस्त हैं ही पर गीत के मुखड़े की शब्द रचना सबसे ज्यादा ध्यान आकर्षित करती है। तो आइए सुनते हैं पानीपत फिल्म का ये गीत..


हे बोले धरती जयकारा, गगन है सारा गूँजा रे
जग में लहराया न्यारा, ध्वज है हमारा ऊँचा रे
हम वो योद्धा वो निडर, हम जो भी दिशा में जाएँ
सारे पथ चरण छुएँ और पर्वत शीश नवाये
रास्ते से हट जाएँ नदियाँ हो के हवाएँ

हम हैं जियाले जीतने को हम, रण में उतरते हैं
हम सूरज हैं अंत हमी, रातों का करते हैं
युग युग की जंजीरों को हमने ही काटा रे
बोल उठा ये जग सारा, जय मर्द मराठा रे

जो रक्त है तन में बहता, वो हमसे है ये कहता
सम्मान के बदले जान भी दें, तो नही है घाटा रे
युग युग की जंजीरों ...... मर्द मराठा रे

वीरता हमने बोई और ये फल पाया
दूर तक अब है फैली अपनी ही छाया
हो.. जीवन जो रणभूमि में करता है तांडव
आज उसी ने है विजय का नगाड़ा बजाया
अपनी है जो गाथा अब है समय सुनाता
सब को है ये बताता कैसे सुख हमने बाँटा रे
युग युग की जंजीरों ...... मर्द मराठा रे

सच के सिपाही अलबेले राही
क्या जानते हो तुम
जब तुम नही थे हम कब यहीं थे
हम भी थे जैसे गुम
तुम ध्यान में थे तुम प्राण में थे
जैसे जनम जनम
जब तीर तुमपे बरसे तो
जैसे घायल हुए थे हम
हो.. देखो तो मुझसे कह के
मैं जान दे दूँ तुम पे
क्या तुम नहीं ये जानते
दुविधा के आगे जब नारी जागे
हिम्मत से काम ले
चूड़ी उतार कंगन उतार तलवार थाम ले

मैंने ली आज शपथ है
वीरों का पथ है मेरा रे
लक्ष्य अपना जो बना लूँ
वहीं पे डालूं डेरा रे

हम वो योद्धा....  मर्द मराठा रे

जितना इस गीत को सुनना मधुर लगता है उतना ही शानदार लगता है इसकी भव्यता को पर्दे पर देखना..



वार्षिक संगीतमाला 2019 
01. तेरी मिट्टी Teri Mitti
02. कलंक नहीं, इश्क़ है काजल पिया 
03. रुआँ रुआँ, रौशन हुआ Ruan Ruan
04. तेरा साथ हो   Tera Saath Ho
05. मर्द  मराठा Mard Maratha
06. मैं रहूँ या ना रहूँ भारत ये रहना चाहिए  Bharat 
07. आज जागे रहना, ये रात सोने को है  Aaj Jage Rahna
08. तेरा ना करता ज़िक्र.. तेरी ना होती फ़िक्र  Zikra
09. दिल रोई जाए, रोई जाए, रोई जाए  Dil Royi Jaye
10. कहते थे लोग जो, क़ाबिल नहीं है तू..देंगे वही सलामियाँ  Shaabaashiyaan
11 . छोटी छोटी गल दा बुरा न मनाया कर Choti Choti Gal
12. ओ राजा जी, नैना चुगलखोर राजा जी  Rajaji
13. मंज़र है ये नया Manzar Hai Ye Naya 
14. ओ रे चंदा बेईमान . बेईमान..बेईमान O Re Chanda
15.  मिर्ज़ा वे. सुन जा रे...वो जो कहना है कब से मुझे Mirza Ve
16. ऐरा गैरा नत्थू खैरा  Aira Gaira
17. ये आईना है या तू है Ye aaina
18. घर मोरे परदेसिया  Ghar More Pardesiya
19. बेईमानी  से.. 
20. तू इतना ज़रूरी कैसे हुआ? Kaise Hua
21. तेरा बन जाऊँगा Tera Ban Jaunga
22. ये जो हो रहा है Ye Jo Ho Raha Hai
23. चलूँ मैं वहाँ, जहाँ तू चला Jahaan Tu chala 
24.रूह का रिश्ता ये जुड़ गया... Rooh Ka Rishta 
 

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