शनिवार, मई 22, 2021

लुत्फ़ वो इश्क़ में पाए हैं कि जी जानता है कविता सेठ... Lutf Wo Ishq Mein

विक्रम सेठ की किताब A Suitable Boy को भले आप सबने ना पढ़ा हो पर नाम जरूर सुना होगा। नब्बे के दशक में लिखे गए उनके इस वृहत उपन्यास ने उन्हें भारत के अग्रणी अंग्रेजी लेखकों में खड़ा कर दिया। विक्रम की इसी किताब पर बीबीसी ने एक वेब सिरीज़ बनाने की सोची। निर्देशन का काम मीरा नायर को सौंपा गया। छः भागों में बने इस धारावाहिक में उपन्यास के एक चरित्र सईदा बाई से कुछ ग़ज़लें भी गवाई गयीं 

इस वेब सिरीज़ में मीरा नायर ने ग़ज़लों को संगीतबद्ध करने और गाने का जिम्मा जानी मानी सूफी गायिका कविता सेठ को दिया था। कविता जी की आवाज़ मुझे हमेशा से इस तरह की गायिकी के लिए एकदम मुफ़ीद लगती रही है। गूँजा सा है इकतारा और तुम्हीं हो बंधु के बाद हाल फिलहाल गॉन केश में उनके गाए नुस्खा तराना भी मुझे बेहद पसंद आया था। 


उत्तर प्रदेश के बरेली से ताल्लुक रखने वाली कविता जी ने अपने कैरियर की शुरुआत में मुंबई आने के पहले आकाशवाणी और दूरदर्शन के लिए गाया। मैंने कहीं पढ़ा था कि स्कूल में पढ़ते वक़्त ही उनके मन में ये सपना घर कर चुका था कि मेरा गाना रेडियों में बजे या मैं कन्सर्ट में गाऊँ और लाखों लोग उसे सुनें। 

जब मीरा नायर की तरफ से उन्हें इस शृंखला के लिए काम करने का न्योता आया तो वो फूली नहीं समाई। मीरा ने वो ग़ज़लें पहले से ही चुन रखी थीं जिनपर कविता जी को धुनें बनानी थीं। बतौर निर्देशक उनकी सोच बहुत स्पष्ट थी जिसकी वज़ह से उनकी जरूरतों को कविता कुछ ही मुलाकातों में अंतिम धुनों में परिवर्तित कर पायीं। 

वैसे तो शायद मीरा जी ने कुल छः ग़ज़लों पर कविता से काम करवाया पर मुझे उनमें दो तो बहुत ही पसंद आई। एक तो दाग़ देहलवी साहब की एक ग़ज़ल लुत्फ़ जो इश्क़ में पाए हैं कि जी जानता है और दूसरी महफिल बरखास्त हुई..। कुछ महीने पहले यू ट्यूब खँगालते हुए अचानक एक वीडियो में मेरी नज़र सईदा बाई बनी तब्बू पर पड़ी और साथ ही इस ग़जल का मतला सुनाई पड़ा और मन एकदम से झूम उठा।

ऐसा नहीं कि दाग कि ये ग़ज़ल मैंने पहली बार सुनी हो। इससे पहले नूरजहाँ और फरीदा खानम की आवाज़ में इसे सुना था पर कविता जी की कम्पोजिशन में कुछ तो ऐसा था जो एक बार सुनते ही मन ग़ज़ल में डूब सा गया। क्या धुन क्या आलाप और फिर उनकी गहरी आवाज़। जी जानता है दोहराते हुए उनका लहज़ा मन खुश कर देता है।

 दाग़ साहब ने लिखा भी तो बहुत खूब है..

लुत्फ़ वो इश्क़ में पाए हैं कि जी जानता है रंज भी ऐसे उठाए हैं कि जी जानता है जो ज़माने के सितम हैं वो ज़माना जाने तू ने दिल इतने सताए हैं कि जी जानता है

सच ही तो है इश्क़ एक बेहद प्यारा एहसास तो है ही पर इसके साथ शिकायतों का पुलिंदा भी हम बटोरे चलते हैं क्यूँकि जिससे प्रेम होता है उसकी हल्की सी बेरुखी दिल को दुखा भी तो देती है


 

इस ग़ज़ल के बाकी शेर तो इस कहानी में नहीं फिल्माए गए पर हाल ही में अपने एक वीडियो में कविता जी ने अगला शेर भी शामिल किया है।

तुम नहीं जानते अब तक ये तुम्हारे अंदाज़ वो मिरे दिल में समाए हैं कि जी जानता है इन्हीं क़दमों ने तुम्हारे इन्हीं क़दमों की क़सम ख़ाक में इतने मिलाए हैं कि जी जानता है दोस्ती में तिरी दर-पर्दा हमारे दुश्मन इस क़दर अपने पराए हैं कि जी जानता है 

ये शृंखला तो अभी तक मैं नहीं देख पाया पर तब्बू और ईशान खट्टर बहुत जँच रहे हैं अपने अपने किरदारों में। इस क्लिप में कविता जी को महफिल बरखास्त हुई गाते हुए भी सुन पाएँगे।

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11 टिप्पणियाँ:

Ivanna Herrera ने कहा…

Amazing movie ! Love from Argentina

Manish Kumar on मई 24, 2021 ने कहा…

Nice Ivanna that you liked this movie.

Manish on मई 24, 2021 ने कहा…

बहुत सुंदर संगीत...अभी तक वेब सीरीज़ देखने का मौका नही मिला! पर अब लगता है समय निकालना पड़ेगा!😊

Manish Kumar on मई 24, 2021 ने कहा…

Manish देखी तो मैंने भी नहीं है पर ग़ज़लों का चस्का मुझे इसके एल्बम तक ले गया। :)

Smita Rajan on मई 24, 2021 ने कहा…

मुझे भी इसका संगीत / ग़ज़लें बहुत पसंद आईं

Manish Kumar on मई 24, 2021 ने कहा…

@Smita Rajan जी बिल्कुल सारी जानी हुई ग़ज़लें पर एक अलग रंगत दे दी उन सबको कविता जी ने :)

Smita Rajan on मई 24, 2021 ने कहा…

Manish Kumar सही
बहुत ही कम या न के बराबर म्यूज़िक , कविता जी की बेहतरीन गायकी , तब्बू की करिश्माई अदायगी , कॉस्ट्यूम्स सबकुछ बहुत खूबसूरत

Disha Bhatnagar on मई 24, 2021 ने कहा…

वाह.. कितने नपे तुले शब्द...बेहतरीन लेखन। आपसे बहुत कुछ सीखा है....पर अभी बहुत कुछ सीखना बाकी है। Manish Kumar जी 🙏👍

Manish Kumar on मई 24, 2021 ने कहा…

Disha अरे हम क्या सिखा पाएंगे डॉक्टर साहिबा को। हाँ इस बात से खुशी जरूर होती है जब आप जैसे संगीत को समझने वाले लोग ऐसे आलेख को पसंद करते हैं😊

Amita Mishra on मई 24, 2021 ने कहा…

बेहतरीन लेखन ख़ूबसूरत गज़ल के साथ

Manish Kumar on मई 24, 2021 ने कहा…

पसंद करने के लिये शुक्रिया अमिता जी

 

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