रविवार, सितंबर 12, 2021

तू मिले दिल खिले .. अनूप शंकर Tu Mile Dil Khile Anoop Shankar

बदलते वक़्त के साथ एक शाम मेरे नाम में एक नया सिलसिला शुरु करने जा रहा हूँ और वो है मशहूर गानों को आज के कलाकारों द्वारा गाए जा रहे बिना आर्केस्ट्रा वाले अनप्लग्ड वर्सन का जो कि आलेख के हिसाब से भले छोटे हों पर आपके दिलों में देर तक राज करेंगे।


क्रिमिनल नब्बे के दशक में तब रिलीज़ हुई थी जब अस्सी के दशक के उतार के बाद हिंदी फिल्म संगीत फिर अपनी जड़ें जमा रहा था। फिल्म के संगीत निर्देशक थे एम एम क्रीम। तब नागार्जुन का सितारा दक्षिण की फिल्मों में पहले ही चमक चुका था और महेश भट्ट उसे हिंदी फिल्मों में उनकी लोकप्रियता भुनाने की कोशिश कर रहे थे। फिल्म तो कोई खास नहीं चली पर गीत संगीत के लिहाज से इस फिल्म का एक ही गीत बेहद पसंद किया गया था और वो था तू मिले दिल खिले और जीने को क्या चाहिए। हालांकि क्रीम साहब की ये कंपोजिशन पूरी तरह मौलिक नहीं थी औेर उस वक़्त के बेहद लोकप्रिय बैंड एनिग्मा की एक धुन से प्रेरित थी। पर इतना सब होते हुए भी इंदीवर के बोलों को गुनगुनाना लोगों को भला लगा था और आज भी इस गीत को पसंद करने वालों की कमी नहीं है।

कुछ दिन पहले केरल से ताल्लुक रखने वाले गायक अनूप शंकर ने एक समारोह में इस गीत को इतना बेहतरीन गाया कि सुनने वाले वाह वाह कर उठे। मजे की बात ये रही कि स्वयम् नागार्जुन भी अपनी पत्नी अमला के साथ वहाँ मौज़ूद थे। गीत को सुनते वक़्त उनके चेहरे की मुस्कान अनूप की बेहतरीन गायिकी पर मुहर लगा गयी। उस समारोह में अनूप ने कुछ और गीत भी गुनगुनाए थे और इस गीत को उन्होंने तीन मिनट के बाद गाया है। आशा है गीत का ये टुकड़ा आपको भी उतना ही पसंद आएगा जितना मुझे आया है।



42 वर्षीय शंकर संगीत से जुड़े परिवार से आते हैं। फिल्मों के लिए तो वो गाते ही रहे हैं। साथ ही साथ उन्होंने बतौर गीतकार भी काम किया है। इतना ही नहीं दक्षिण भारत में कई टीवी कार्यक्रमों में उन्होंने संचालक की भूमिका बखूबी निभाई है। अनूप की आवाज़ में पूरा गीत ये रहा।

Related Posts with Thumbnails

8 टिप्पणियाँ:

Prabhat Kumar on सितंबर 12, 2021 ने कहा…

बेहतरीन गायकी, आजकल अनप्लग्ड सुनने में ही ज्यादा रस मिल रहा है। अगर सहमत हों तो अनप्लग्ड के चलन पर एक सीरीज होनी चाहिए आपकी तरफ से।

Manish Kumar on सितंबर 12, 2021 ने कहा…

Prabhat बिल्कुल आपने देखा होगा मैं इधर वही कर रहा हूँ। नये कलाकारों में प्रतिभा की कमी नहीं है।

Kumar Nayan on सितंबर 12, 2021 ने कहा…

अनूप शंकर ने जितना बेहतरीन गाया है कि असली गायक हरिहरन भी हैरानी से देख रहे हैं उन्हें। नागार्जुन की मुस्कान बहुत कुछ कह ही जाती है और उनकी पनीली आँखें!❤️

Manish Kumar on सितंबर 12, 2021 ने कहा…

सही कह रहे हैं नयन

Pammi singh'tripti' on सितंबर 14, 2021 ने कहा…

आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 15 सितंबर 2021 को लिंक की जाएगी ....

http://halchalwith5links.blogspot.in
पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!
!

Manisha Goswami on सितंबर 15, 2021 ने कहा…

बहुत ही प्यारा लेख और बहुत ही प्यारा गीत सुनकर बहुत अच्छा लगा

Manish Kumar on सितंबर 19, 2021 ने कहा…

पम्मी हार्दिक आभार

Manish Kumar on सितंबर 19, 2021 ने कहा…

मनीषा आलेख व गीत पसंद करने के लिये शुक्रिया।

 

मेरी पसंदीदा किताबें...

सुवर्णलता
Freedom at Midnight
Aapka Bunti
Madhushala
कसप Kasap
Great Expectations
उर्दू की आख़िरी किताब
Shatranj Ke Khiladi
Bakul Katha
Raag Darbari
English, August: An Indian Story
Five Point Someone: What Not to Do at IIT
Mitro Marjani
Jharokhe
Mailaa Aanchal
Mrs Craddock
Mahabhoj
मुझे चाँद चाहिए Mujhe Chand Chahiye
Lolita
The Pakistani Bride: A Novel


Manish Kumar's favorite books »

स्पष्टीकरण

इस चिट्ठे का उद्देश्य अच्छे संगीत और साहित्य एवम्र उनसे जुड़े कुछ पहलुओं को अपने नज़रिए से विश्लेषित कर संगीत प्रेमी पाठकों तक पहुँचाना और लोकप्रिय बनाना है। इसी हेतु चिट्ठे पर संगीत और चित्रों का प्रयोग हुआ है। अगर इस चिट्ठे पर प्रकाशित चित्र, संगीत या अन्य किसी सामग्री से कॉपीराइट का उल्लंघन होता है तो कृपया सूचित करें। आपकी सूचना पर त्वरित कार्यवाही की जाएगी।

एक शाम मेरे नाम Copyright © 2009 Designed by Bie