tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post116369699761220800..comments2024-03-17T14:34:42.285+05:30Comments on एक शाम मेरे नाम: अगले जनम मोहे बिटिया ना कीजो....Unknownnoreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-1164700504463459052006-11-28T13:25:00.000+05:302006-11-28T13:25:00.000+05:30मनीष जी जब से यह गीत सुना था उसी दिन से ही यह दिल ...मनीष जी जब से यह गीत सुना था उसी दिन से ही यह दिल में बस गया था। रिचा की आवाज का दर्द अमीरन के दर्द को जीवंतता से उकेरता है।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-1163935056518578032006-11-19T16:47:00.000+05:302006-11-19T16:47:00.000+05:30गिरीन्द्र जी स्वागत है आपका इस चिट्ठे पर !पसंदगी ...<B>गिरीन्द्र जी</B> स्वागत है आपका इस चिट्ठे पर !<BR/>पसंदगी का शुक्रिया !<BR/>लगता है आपने अपने चिट्ठे की फीड नारद से नहीं जोड़ी है ।<BR/>narad.akshargram.com पर जाएँ और वहाँ अपने चिट्ठे की जानकारी दें ।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-1163934738606599462006-11-19T16:42:00.000+05:302006-11-19T16:42:00.000+05:30अनुराग बिलकुल सही कहा है भाई । समाज में कुछ बदलाव...<B>अनुराग</B> बिलकुल सही कहा है भाई । समाज में कुछ बदलाव तो आया हे लोगों की सोच में पर अभी भी दीवार के उस तरह वाली सोच मिटी नहीं है । सबसे दुखद बात ये है कि दहेज, भ्रूण हत्या के मामले उत तबकों से भी आते हैं जो शिक्षित हैं । आपके विचार जानकर ऐसा लगा कि आप भी इस बारे में वैसा ही महसूस करते हैं ।<BR/>दूसरे गीत के बारे में याद दिलाने के लिए शुक्रिया !Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-1163934336891233772006-11-19T16:35:00.000+05:302006-11-19T16:35:00.000+05:30रचना जी, समीर जी, नीरज, भुवनेश और सिन्धु आप सब ने ...रचना जी, समीर जी, नीरज, भुवनेश और सिन्धु आप सब ने भी दिल से इस गीत के दर्द को महसूस किया ! शुक्रिया !Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-1163915390918621192006-11-19T11:19:00.000+05:302006-11-19T11:19:00.000+05:30manish bhai..kaphi achha laga..girindra nathmanish bhai..kaphi achha laga..<BR/>girindra nathGirindra Nath Jha/ गिरीन्द्र नाथ झाhttps://www.blogger.com/profile/12599893252831001833noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-1163878167262660472006-11-19T00:59:00.000+05:302006-11-19T00:59:00.000+05:30आ..हा...! "रो भी ना पावे ऐसी गुड़िया ना कीजोअगले जन...आ..हा...! <BR/><BR/>"रो भी ना पावे ऐसी गुड़िया ना कीजो<BR/>अगले जनम मोहे बिटिया ना कीजो<BR/>जो अब किये हो दाता, ऐसा ना कीजो..." <BR/><BR/>भाई, वाह वाह... क्या गीत है! रिचा शर्मा की आवाज़ तो... जादू है... <BR/><BR/>बहुत शुक्रिया, मनीष भाई।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-1163826201227475612006-11-18T10:33:00.000+05:302006-11-18T10:33:00.000+05:30मनीषजी वाकई बहुत संदर गीत है साथ ही आपका लेख भी।अन...मनीषजी वाकई बहुत संदर गीत है साथ ही आपका लेख भी।<BR/>अनु मलिक को वैसे लोग कुछ भी कहें पर जे.पी.दत्ता के साथ तो वे वाकई कमाल करते हैंbhuvnesh sharmahttps://www.blogger.com/profile/01870958874140680020noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-1163768290468238552006-11-17T18:28:00.000+05:302006-11-17T18:28:00.000+05:30यह मेरा प्रिय गीत है. अत्यंत मार्मिक गीत. ख़ुशी इस...यह मेरा प्रिय गीत है. अत्यंत मार्मिक गीत. ख़ुशी इस बात की हुई है कि रिचा शर्मा और अनु ने इस पर मेहनत अच्छी की है. धन्यवाद मनीष भाईAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-1163734113694926292006-11-17T08:58:00.000+05:302006-11-17T08:58:00.000+05:30मनीष,पुरानी वाली 'उमराव जान अदा' में भी ऐसा ही एक ...मनीष,<BR/><BR/>पुरानी वाली 'उमराव जान अदा' में भी ऐसा ही एक गीत था "भैया को दियो बाबुल महल-दुमहला, हमको दियो परदेस". दोनों ही गीतों में पीड़ा वही है.<BR/><BR/>कुछ लोग जागरूक हो रहे हैं - कुरीतियों को हटाने का प्रयास भी कर रहे हैं. कुछ ने पाखण्ड की दीवार को ही परंपरा का नाम दे दिया है, दीवार के भीतर सति के मंदिर बन रहे हैं - कन्या भ्रूण दफ्न हो रहे हैं. जब कि असली परंपरा दीवार के दूसरी तरफ है. <BR/Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-1163706290067044042006-11-17T01:14:00.000+05:302006-11-17T01:14:00.000+05:30बहुत सुंदर गीत पेश किया है और साथ ही आपकी टीप बहुत...बहुत सुंदर गीत पेश किया है और साथ ही आपकी टीप बहुत विचारणीय है.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-1163699879785942402006-11-16T23:27:00.000+05:302006-11-16T23:27:00.000+05:30मनीष जी, एक बढिया गीत के साथ आपने नीचे जो कुछ लिखा...मनीष जी, एक बढिया गीत के साथ आपने नीचे जो कुछ लिखा है उसे पढ कर मेरी एक कविता 'बेटी' याद आ गई..लिखती हूँ अपने चिट्ठे पर...rachanahttps://www.blogger.com/profile/14183659688400073503noreply@blogger.com