tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post1405327399989244448..comments2024-03-17T14:34:42.285+05:30Comments on एक शाम मेरे नाम: 'बुल्ला कि जाणां मैं कौण': आख़िर क्यूँ खींचता है ये गीत अपनी ओर ?Unknownnoreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-13508024664561874272010-09-07T16:17:52.619+05:302010-09-07T16:17:52.619+05:30मनीष साब ,कोई दिन ही ऐसा जाताहोगा जब ये सूफी कलाम ...मनीष साब ,कोई दिन ही ऐसा जाताहोगा जब ये सूफी कलाम मैंने ना सुना हो .क्या गिटार की अदायगी क्या रब्बी जी की गायकी सवेरे की शीतल पवन की तरह मस्त करते हैं .बाबा बुले शाह के कलाम पर टिप्पनी पर तो बड़े बड़ों का सर झुकता है .मैं एक अदना जुगनू सूरज पर क्या कमेन्ट करे सिवा उजाले में खोकर धन्य होने के . <br />आपने जिस इंटेंसिटी और गहराई से लिखा है ,तारीफ काबिल है .सोंग की आधुनिक हिस्ट्री जिसमें कई shaffkathttps://www.blogger.com/profile/06852895490171770181noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-83041452217568101322007-09-26T15:17:00.000+05:302007-09-26T15:17:00.000+05:30विमल भाई बेहद सही मुद्दा उठाया आपने की हिंदी इलाके...विमल भाई बेहद सही मुद्दा उठाया आपने की हिंदी इलाके में जमीन की खुशबू से निकला लोक संगीत क्यों नहीं उभर कर आ रहा है। शायद हिंदी फिल्म संगीत की तुलना से इस कोटि के संगीत के चलने में संशय इसकी एक वज़ह हो। दूसरी बात ये भी है कि इस इलाके में लोक संगीत के नाम पर भोंड़ें संगीत ने बाज़ार में अपनी जगह बना ली है। गीतों में अश्लीलता परोस कर उनका बिकना ज्यादा आसान हो तो फिर मेहनत कौन करे।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-36310540461504823482007-09-26T15:16:00.000+05:302007-09-26T15:16:00.000+05:30भीड़ समाज और धर्म के बीच कितना कितना अकेला है इंसा...<I>भीड़ समाज और धर्म के बीच कितना कितना अकेला है इंसान ।</I><BR/><BR/>सही कहा आपने यूनुस ! म्यूजिक टुडे की वो सीडी हाथ लगेगी तो जरूर सुनूँगा।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-87731620379584960352007-09-26T15:08:00.000+05:302007-09-26T15:08:00.000+05:30संजीत, अजय, पारुल, समीर जी और ममता जी आप सब का शु...<B>संजीत, अजय, पारुल, समीर जी और ममता जी </B> आप सब का शुक्रिया इस गीत को सुनने और इसके बारे में अपनी मनोभावना प्रकट करने का।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-11392548447376336632007-09-23T19:19:00.000+05:302007-09-23T19:19:00.000+05:30शुक्रिया मनीष जी इसका अनुवाद हिन्दी मे लिखने के लि...शुक्रिया मनीष जी इसका अनुवाद हिन्दी मे लिखने के लिए क्यूंकि पहली लाइन का अर्थ तो समझ मे आता था पर बाकी समझना मुश्किल था. पर फ़िर भी इसे सुनना अच्छा लगता था.mamtahttps://www.blogger.com/profile/05350694731690138562noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-14950990696331212952007-09-23T15:10:00.000+05:302007-09-23T15:10:00.000+05:30आपने अनुवाद करके एक धरोहर कम से कम मुझे तो दे ही द...आपने अनुवाद करके एक धरोहर कम से कम मुझे तो दे ही दी है, अब एक बात ये भी कि इस तरह के गईतों की रचना पंजाब,असम बंगला, आदि में तो हो रहे है जो जो हर जगह लोकप्रिय भी हुए है पर ये काम हमारे हिन्दी इलाके में तो हो ही नही रहा..भुपेन हजारिका के गीत जो हिन्दी में अनुवाद होकर आए हैअसके अलावा भी हिन्दी में कुछ इस तरह की रचना क्यों नही मिलती.....ये सोचनए की बात है.... पर रब्बी को सुनना दिव्य है,.. शुक्रिया VIMAL VERMAhttps://www.blogger.com/profile/13683741615028253101noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-9881395440683983862007-09-22T20:57:00.000+05:302007-09-22T20:57:00.000+05:30आनन्द आ गया, मनीष भाई. आप तो हमारी पसंद पर पसंद दे...आनन्द आ गया, मनीष भाई. आप तो हमारी पसंद पर पसंद देते चले जा रहे हैं. बहुत बहुत आभार.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-14767316923008870642007-09-22T12:56:00.000+05:302007-09-22T12:56:00.000+05:30काफ़ी दिनों से सुनना चाह रही थी ये बंदिश्………।बहुत श...काफ़ी दिनों से सुनना चाह रही थी ये बंदिश्………।बहुत शुक्रिया मनीश जीपारुल "पुखराज"https://www.blogger.com/profile/05288809810207602336noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-87433462048116009882007-09-22T12:17:00.000+05:302007-09-22T12:17:00.000+05:30मनीष भाई!इस गीत को लेकर अपनी पसंद के संदर्भ में पह...मनीष भाई!<BR/>इस गीत को लेकर अपनी पसंद के संदर्भ में पहले ही कह चुका हूँ. इसे सुनवाने के लिये आपका बहुत बहुत धन्यवाद!<BR/><BR/>-अजय यादव http://merekavimitra.blogspot.com<BR/>http://ajayyadavace.blogspot.comSahityaShilpihttps://www.blogger.com/profile/12784365227441414723noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-51216247283055390062007-09-22T12:00:00.001+05:302007-09-22T12:00:00.001+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.Yunus Khanhttps://www.blogger.com/profile/12193351231431541587noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-77732408766797916062007-09-22T12:00:00.000+05:302007-09-22T12:00:00.000+05:30इन्टेन्सिटी । वही तो है जो इस गाने को ज़ोरदार बना...इन्टेन्सिटी । वही तो है जो इस गाने को ज़ोरदार बनाती है । <BR/>वीडियो जिस विचार के तहत बनाया गया है । वो भी जबर्दस्त है ।<BR/>भीड़ समाज और धर्म के बीच कितना कितना अकेला है इंसान । <BR/>रब्बी हमारे समय के सबसे ज़हीन गायक हैं ।<BR/>शुक्रिया छोटा शब्द है इस पोस्ट के लिए । <BR/>सूफियाना माहौल कायम रखिए ।<BR/>अरे हां पिछले दिनों मैंने म्यूजिक टुडे की एकदम मिनी सी डी देखीं मुंबई के म्यूजिक शॉप Yunus Khanhttps://www.blogger.com/profile/12193351231431541587noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-83522980710206711752007-09-22T11:47:00.000+05:302007-09-22T11:47:00.000+05:30वाकई यह गाना सु्नने पर एक अलग ही अनुभूति दे जाता ह...वाकई यह गाना सु्नने पर एक अलग ही अनुभूति दे जाता है, दिल करता है सुनते रहें सुनते रहें!<BR/><BR/>शुक्रिया इसके बारे मे विवरण देने के लिए!Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.com