tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post3015875384398841875..comments2024-03-27T11:21:05.807+05:30Comments on एक शाम मेरे नाम: वार्षिक संगीतमाला 2016 पायदान # 15 : आख़िर कैसे बना "तेरे संग यारा..." ? Tere Sang YaraUnknownnoreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-69435761257464207232017-02-06T21:35:48.707+05:302017-02-06T21:35:48.707+05:30मनोज ने अपने एक साक्षात्कार में आन रिकार्ड कहा है ...मनोज ने अपने एक साक्षात्कार में आन रिकार्ड कहा है कि उन्होंने इसे पीला चमकीला तारा के रूप में लिखा था। इसलिए आपकी टिप्पणी पर कुछ नहीं कहूँगा।<br /><br />गाना तो कर्णप्रिय है ही और इसकी धुन को दिमाग पर चढ़ते देर नहीं लगती।<br />Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-63059461568859401652017-02-06T17:17:36.822+05:302017-02-06T17:17:36.822+05:30नए गीत सुनवाने का काम आजकल भतीजियाँ करती हैं। यह ग...नए गीत सुनवाने का काम आजकल भतीजियाँ करती हैं। यह गीत भतीजी ने भेजा था और फिर कई दिन सुना गया था, मुखड़े और संगीत के कारण।<br /><br />अब मनोज जी ने लिख ही दिया है तो हम ये समझ लेते हैं कि कभी-कभी हुस्न के जलवे देख इश्क़ इश्क़ बस देखता रह जाता है, चुप,सफेद और हो सकता है उसी में कोई ज़र्द भी पड़ जाता है। देखिये हुस्न वह बला है जो कुछ भी करवा सकता है और रुस्तम मूवी में अभिनीत नायिका जैकलीन हों या मूल कथा कंचन सिंह चौहानhttps://www.blogger.com/profile/12391291933380719702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-89903223186470451282017-02-01T23:15:40.529+05:302017-02-01T23:15:40.529+05:30हा हा नहीं अजित भाई उन्होंने ख़ुद इस पोस्ट को अपन...हा हा नहीं अजित भाई उन्होंने ख़ुद इस पोस्ट को अपनी वॉल पर शेयर किया है और इस बाबत हमारी चर्चा को पढ़ रहे हैं। वे एक युवा प्रतिभावान गीतकार हैं और इंटरनेट पर ही सही पर जितना थोड़ा मैं उनके बारे में जानता हूँ वे बुरा नहीं मानेंगे। Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-42397543283398131722017-02-01T23:04:10.937+05:302017-02-01T23:04:10.937+05:30भाई, उन्हें बुरा न लग जाए। मैने सिर्फ आपके कहने से...भाई, उन्हें बुरा न लग जाए। मैने सिर्फ आपके कहने से थोड़ा बहुत शब्दविलास किया है। कवि का अपना नज़रिया होता है। उनसे सरस्वती लिखवाती है। वहाँ मैने दखल नहीं दिया। खुदा ख़ैर करेAjit Wadnerkarhttps://www.facebook.com/ajit.wadnerkarnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-87223469360370622042017-02-01T22:06:29.727+05:302017-02-01T22:06:29.727+05:30अजित भाई बहुत बहुत धन्यवाद मेरे आग्रह पर अपना बहुम...अजित भाई बहुत बहुत धन्यवाद मेरे आग्रह पर अपना बहुमूल्य समय निकाल कर इस संबंध में अपने विचार रखने का। मुझे जो ज़र्द शब्द से जो दुविधा थी उसे आपके स्पष्टीकरण ने दूर कर दिया है। आपके विचार मैं इस गीत के हुनरमंद गीतकार जो मेरे फेसबुक मित्र भी हैं तक पहुँचा दूँगा।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-5827414659243150902017-02-01T21:05:36.435+05:302017-02-01T21:05:36.435+05:30नए दौर के गीत, संगीत, फिल्म और कलाकारों से अंजान ह...नए दौर के गीत, संगीत, फिल्म और कलाकारों से अंजान हूँ। अलबत्ता प्रस्तुत सन्दर्भ में<br />आपकी विवेचना 100 टके खरी है।<br /><br />मुझे भी पढ़ते ही खटका। ज़र्द में उदासी, कमज़ोरी, निर्बलता, टूटन का भाव है।<br />पतझर का सबसे बड़ा प्रतीक पीला रंग है। सब्ज़ पत्ता खुशहाली का प्रतीक है तो ज़र्द पत्ता अमंगल का। इसीलिए घर-आंगन-दालान में सूखे पत्ते पड़े नहीं रहने देते। उन्हें इकट्ठा कर जला देते हैं।<br /><Ajit Wadnerkarhttps://www.facebook.com/ajit.wadnerkarnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-5624177326844500802017-02-01T20:58:04.441+05:302017-02-01T20:58:04.441+05:30नहीं सुमित पहले गलती से निर्देशक लिखा गया था जिसे ...नहीं सुमित पहले गलती से निर्देशक लिखा गया था जिसे मैंने सुधार लिया है।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-86645278606389221192017-02-01T18:26:03.132+05:302017-02-01T18:26:03.132+05:30Aapne to Nirmata hi likha hai. Gana achcha hai. P...Aapne to Nirmata hi likha hai. Gana achcha hai. Popular hai. Sumithttps://www.blogger.com/profile/05871213787848120659noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-35599056600064452382017-01-31T23:39:00.605+05:302017-01-31T23:39:00.605+05:30हाँ वो निर्माता हैं भूल सुधार के लिए शुक्रिया। जो ...हाँ वो निर्माता हैं भूल सुधार के लिए शुक्रिया। जो लोग गीत को समझ कर उसका आनंद उठाते हैं उनको तो पड़ता है। बाकी गीत तो बेहतरीन है तभी मेरी संगीतमाला में है :)Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-81761107768333876252017-01-31T23:38:21.942+05:302017-01-31T23:38:21.942+05:30जर्द हो या सर्द, क्या फर्क पड़ता है सर जी। गीत बेहत...जर्द हो या सर्द, क्या फर्क पड़ता है सर जी। गीत बेहतरीन है,और जहाँ तक मुझे याद है, नीरज पाण्डे इसके निर्देशक नही हैं।Manish Kaushalhttps://www.facebook.com/manish.kaushal.3910noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-908307201376652772017-01-31T23:36:25.666+05:302017-01-31T23:36:25.666+05:30जी, सहमत, धन्यवाद एवं साधुवाद भी, सचमुच आप ऐसे ही ...जी, सहमत, धन्यवाद एवं साधुवाद भी, सचमुच आप ऐसे ही नहीं इतना कुछ लिख जाते हैं! इतनी गहराई से...Kumar Nayan Singhhttps://www.facebook.com/kumar.nayansingh.7noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-45250022727964770092017-01-31T23:34:57.706+05:302017-01-31T23:34:57.706+05:30नहीं नयन,,जो भी रूपक होता सकारात्मक ही होता । अब र...नहीं नयन,,जो भी रूपक होता सकारात्मक ही होता । अब रात दीवानी हो तो सितारा मचलेगा ना कि सर्द होगा। वैसे लेखक ने भी चमकता सितारा ही अर्थ लगाया है पर इस तरह से इस शब्द का प्रयोग होता नहीं मेरी जानकारी में।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-65290569047284662612017-01-31T23:34:25.468+05:302017-01-31T23:34:25.468+05:30जर्द की जगह सर्द सितारा भी हो सकता था, लेकिन कहते ...जर्द की जगह सर्द सितारा भी हो सकता था, लेकिन कहते हैं कि जो गीत एक बार बन जाता है वही बेस्ट होता है। हो सकता है, इसमें भी वही बात हो...Kumar Nayan Singhhttps://www.facebook.com/kumar.nayansingh.7noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-67798919184046001792017-01-31T23:30:02.610+05:302017-01-31T23:30:02.610+05:30शुक्रिया सुनील अब सुन लीजिए। वाकई मधुर धुन है। शुक्रिया सुनील अब सुन लीजिए। वाकई मधुर धुन है। Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-11965464889007609722017-01-31T23:29:25.308+05:302017-01-31T23:29:25.308+05:30मैं तो इस गीत को नहीं सुना, परन्तु आपके विश्लेषण क...मैं तो इस गीत को नहीं सुना, परन्तु आपके विश्लेषण को पढकर गीत की मार्मिकता समझ में आ रही है।Sunil Singhhttps://www.facebook.com/profile.php?id=100010750230863noreply@blogger.com