tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post393448419253071606..comments2024-03-27T11:21:05.807+05:30Comments on एक शाम मेरे नाम: वार्षिक संगीतमाला 2017 पायदान #16 : मेरे रश्के क़मर तूने पहली नज़र Mere Rashke QamarUnknownnoreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-44569621119026506062018-02-27T09:44:17.149+05:302018-02-27T09:44:17.149+05:30हाँ कंचन बिल्कुल सहमत हूँ आपकी बात से। ऊपर कमेंट म...हाँ कंचन बिल्कुल सहमत हूँ आपकी बात से। ऊपर कमेंट में यही बात कही भी है मैंने।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-62521996423108601462018-02-27T02:04:54.521+05:302018-02-27T02:04:54.521+05:30इस गीत की धुन तो अच्छी लगती है लेकिन बोल के स्तर प...इस गीत की धुन तो अच्छी लगती है लेकिन बोल के स्तर पर मुझे यह गीत उतना अच्छा नहीं लगता जितना पब्लिक को लगा :) कंचन सिंह चौहानhttps://www.blogger.com/profile/12391291933380719702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-64109949975780761782018-02-21T11:37:53.918+05:302018-02-21T11:37:53.918+05:30सही कहा आपने मनीष जी, हम श्रोता लोग इस तरह से नहीं...सही कहा आपने मनीष जी, हम श्रोता लोग इस तरह से नहीं सोच पाते जैसे आप सोच लेते हे... और यही आपको सबसे अलग बनती हे..:)<br />आपके चुनाव पर तो पहले भी कभी संदेह नहीं था... ये तो बस एक जिज्ञासा थी जो आपने शांत कर दी..Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/04493607193279990005noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-29532283215851393942018-02-15T09:45:45.652+05:302018-02-15T09:45:45.652+05:30स्वाति आपको ये गीत बेहद पसंद है जानकर खुशी हुई। जह...स्वाति आपको ये गीत बेहद पसंद है जानकर खुशी हुई। जहाँ तक इस गीत को ऊपर की पॉयदान पे ना रखने की बात है तो आप ही बताइए कि जिस गीत की मूल धुन (जिसकी वजह से ये गीत इतना लोकप्रिय हुआ है) नुसरत साहब की बनाई है उसके लिए तनिष्क बागची को बतौर संगीतकार कैसे उनकी बेहतरीन रचना माना जा सकता है? यही बात गीत के बोलों के लिए भी लागू हैं।<br /><br />आप पहली कुछ पायदानों के बोलों पर गौर कीजिएगा तो निश्चय ही वो आपकोManish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-42001470878784482362018-02-08T11:26:43.731+05:302018-02-08T11:26:43.731+05:30मनीष जी ये गाना सोहलवें पायदान पर देखकर बहुत निराश...मनीष जी ये गाना सोहलवें पायदान पर देखकर बहुत निराशा हुई... में समझ रही थी की आप इसे पहले या दूसरे पायदान पर रखेंगे..<br />गीत के बोल, गायिकी.संगीत सब इतना अच्छा हे की हम अपने आप को इसे गुनगुनाने से रोक ही नहीं सकते... सबसे पहले ये गाना मैंने अरिजीत सिंह की आवाज़ में सुना था.. उन्होंने इसे बहुत ख़ूबसूरती से गाया हे.. बाद में पता चला की ये नुसरत साहब का गाया हुआ हे... और फिर बादशाहो में इसे सुनकर Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/04493607193279990005noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-36420157228632264812018-01-30T23:08:27.625+05:302018-01-30T23:08:27.625+05:30मूल कव्वाली की तो बात ही क्या जयश्री !मूल कव्वाली की तो बात ही क्या जयश्री !Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-48848055024266683912018-01-30T23:07:15.746+05:302018-01-30T23:07:15.746+05:30I loved the Nusarat and Fana version.I loved the Nusarat and Fana version.Jaishree Khamesrahttps://www.facebook.com/jaishree.khamesranoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-5451712305941489792018-01-30T23:04:06.709+05:302018-01-30T23:04:06.709+05:30शु्किया आपका आलेख पसंद करने के लिए !शु्किया आपका आलेख पसंद करने के लिए !Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-24625319407874647602018-01-29T08:55:18.059+05:302018-01-29T08:55:18.059+05:30गाना एवं धुन तो लोकप्रिय है ही।पुराने और नए वर्जन ...गाना एवं धुन तो लोकप्रिय है ही।पुराने और नए वर्जन को विश्लेषण सहित,उर्दू के शब्दों के हिंदी अर्थ देते हुए तुमने कव्वाली की आत्मा तक सबको पहुंचने का अवसर दिया है।बहुत अच्छा लगा। ऐसी अच्छी जानकारी का आगे भी इन्तज़ार रहेगा।बहुत बहुत धन्यवाद मनीष ।yadunathhttps://www.blogger.com/profile/17837469218969956895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-58456827920728801852018-01-28T12:23:30.932+05:302018-01-28T12:23:30.932+05:30मेरा लिखा पढ़ने वालों के विचार और फर्माइश तो हमेशा ...मेरा लिखा पढ़ने वालों के विचार और फर्माइश तो हमेशा मेरे दिमाग में रहते हैं। हाँ लिखना तभी हो पाता है जब मेरी पसंद भी उस फर्माइश से मेल खा जाए। :)Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-74708371824413498832018-01-28T12:16:02.744+05:302018-01-28T12:16:02.744+05:30राहत और नुसरत साहब वाले दोनों वर्जन मुझे बेहद पसन्...राहत और नुसरत साहब वाले दोनों वर्जन मुझे बेहद पसन्द हैं।इसके मूल गीतकार का नाम आपसे ही पता चला। बड़ी बात यह है की मेरी इतनी पुरानी फरमाइश आपको याद रही। ये मेरी फरमाइश पूरी होने का दूसरा मौका है। आप अपने सभी मित्रों का कितना ख्याल रखते हैं, ये बात मुझे भी प्रेरित करती है। अभिभूत हूँ..बहुत-बहुत धन्यवाद सर जी।Manish Kaushalhttps://www.facebook.com/manish.kaushal.3910noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-75709091494421195022018-01-28T01:19:47.826+05:302018-01-28T01:19:47.826+05:30अच्छा ऐसा ! :).इसकी धुन का जादू तो पूरे देश पे छाय...अच्छा ऐसा ! :).इसकी धुन का जादू तो पूरे देश पे छाया है। नुसरत साहब की मूल कव्वाली भी जानदार है। कभी फुर्सत से सुनिएगा।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-87814520454191434452018-01-28T01:19:26.559+05:302018-01-28T01:19:26.559+05:30My favourite for the past one year. I need to play...My favourite for the past one year. I need to play it at least once during my daily drive.Alka Kaushikhttps://www.facebook.com/alkakaushik19noreply@blogger.com