tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post4150162081317256746..comments2024-03-27T11:21:05.807+05:30Comments on एक शाम मेरे नाम: वार्षिक संगीतमाला 2016 पायदान #8 क्या है कोई आपका भी 'महरम'? Mujhe Mehram Jaan Le...Unknownnoreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-53326399226023315352017-03-14T20:15:15.258+05:302017-03-14T20:15:15.258+05:30वाकई प्यारा तो है ये शब्द ! वाकई प्यारा तो है ये शब्द ! Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-77443913470882825042017-03-14T20:14:11.488+05:302017-03-14T20:14:11.488+05:30महरम... :)
बड़े प्यारे शब्द से परिचय कराया आपने। म...महरम... :)<br /><br />बड़े प्यारे शब्द से परिचय कराया आपने। मतलब क्या खूबसूरत डेफिनेशन है इस शब्द की। कभी प्रयोग में लाऊँगीKanchan Singh Chouhaanhttps://www.facebook.com/kanchancnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-67714943657815709452017-02-23T22:36:36.915+05:302017-02-23T22:36:36.915+05:30हम्म सहमत हूँ आपसे Aayush!हम्म सहमत हूँ आपसे Aayush!Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-42850993647270608982017-02-23T22:36:11.919+05:302017-02-23T22:36:11.919+05:30तेरे हिस्से का नीला आसमा होगा न बादल में छुपा &quo...तेरे हिस्से का नीला आसमा होगा न बादल में छुपा "<br />सबसे बेहतर पंक्ति लगी मुझकोAayush Kelde Ashhttps://www.facebook.com/lovingash.keldenoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-91728742074866594772017-02-21T21:01:06.566+05:302017-02-21T21:01:06.566+05:30गुलशन शुक्रिया मेरे साथ इस संगीत सरिता में डुबकी ल...गुलशन शुक्रिया मेरे साथ इस संगीत सरिता में डुबकी लगाते रहने के लिएManish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-43228167433043427092017-02-21T18:50:07.988+05:302017-02-21T18:50:07.988+05:30खुल के ना कह सके कानो में बोल दे
अपना हर राज तू आ...खुल के ना कह सके कानो में बोल दे <br />अपना हर राज तू आ मुझ पे खोल दे ...बहुत ही उम्दा लिरिक्स और उतना ही बढ़िया अरिजीत ने निभाया भी है और महरम की बात करे तो आप भी हमारे लिए महरम से कम नहीं हैं में तो ब्लॉग के पीछे के पन्ने भी पलटता हूँ तो कुछ ना कुछ शानदार सुनने को मिल जाता है ..दुष्यंत कुमार जी पर लिखी पोस्ट में वो मीनू पुरषोत्तम की ग़ज़ल ''एक जंगल है तेरी आँखों में ''उसको मैंने kumar gulshanhttps://www.blogger.com/profile/18259759760285931200noreply@blogger.com