tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post4158372856052856154..comments2024-03-17T14:34:42.285+05:30Comments on एक शाम मेरे नाम: मधुशाला की चंद रुबाईयाँ हरिवंश राय बच्चन , अमिताभ और मन्ना डे के स्वर में...Unknownnoreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-23474806347805691002010-01-18T16:43:27.835+05:302010-01-18T16:43:27.835+05:30मनीष जी काफी तलाश थी अमित जी की आवाज में मधुशाला क...मनीष जी काफी तलाश थी अमित जी की आवाज में मधुशाला की। आज इधर आए तो लोड कर ली। बाद में सुनेगे जी। आपका दिल से शुक्रिया।सुशील छौक्कर https://www.blogger.com/profile/15272642681409272670noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-77074808662800586652008-12-20T09:34:00.000+05:302008-12-20T09:34:00.000+05:30मृदुला जी सराहने का शुक्रिया। जिस कविता का आपने उल...मृदुला जी सराहने का शुक्रिया। जिस कविता का आपने उल्लेख किया है वो मैंने नहीं पढ़ी।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-23628429463354185122008-12-10T21:08:00.000+05:302008-12-10T21:08:00.000+05:30अतीव सुंदर.. मन उत्फुल्ल हुआ । ऐसे ही आनंद बाँटते ...अतीव सुंदर.. मन उत्फुल्ल हुआ । ऐसे ही आनंद बाँटते रहिएगा ।<BR/><BR/>कृपया यदि संभव हों तो कवि माणिक वर्माजी की "मांगीलाल और मैं" यह व्यंग्य कविता आपके ब्लाग पर अवश्य प्रकाशित किजिएगा ।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/04583130758431506372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-20175035675034205312007-10-04T10:53:00.000+05:302007-10-04T10:53:00.000+05:30कंचन शुक्रिया !काकेश भाई अच्छा किया आपने इसका उल्...<B>कंचन</B> शुक्रिया !<BR/><BR/><B>काकेश भाई</B> अच्छा किया आपने इसका उल्लेख कर दिया। लावण्या जी से पूछूँगा इस संबंध में।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-21710647406801274992007-10-03T17:14:00.000+05:302007-10-03T17:14:00.000+05:30एक बात जो पहले कहना चाहता था लेकिन नहीं कही वो ये ...एक बात जो पहले कहना चाहता था लेकिन नहीं कही वो ये कि मधुशाला की रचना बच्चन ने 1933 में की थी. ये किताब 1935 में छ्पी थी.श्यामा जी का निधन 1936 के अंत में हुआ था.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-39696375786932625732007-10-03T16:13:00.000+05:302007-10-03T16:13:00.000+05:30बच्चन जी के विषय में अच्छी जानकारी वाला लेख!बच्चन जी के विषय में अच्छी जानकारी वाला लेख!कंचन सिंह चौहानhttps://www.blogger.com/profile/12391291933380719702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-19884016214937014942007-10-02T12:42:00.000+05:302007-10-02T12:42:00.000+05:30काकेश जानकर प्रसन्नता हुईसमीर जी धन्यवाद !रचना जी...<B>काकेश</B> जानकर प्रसन्नता हुई<BR/><BR/><B>समीर जी</B> धन्यवाद !<BR/><BR/><B>रचना जी</B> समस्या फाइल बड़ी होने से आ रही होगी। अब उसे compress कर के भी डाल दिया है।<BR/><BR/><B>सागर भाई</B> पिकल प्लेयर में भी कभी कभी समस्या आती है। lifelogger अभी तक आजमाया नहीं है। आगे से try कर के देखूँगा।<BR/><BR/><B>सजीव </B>आशा है अमिताभ वाला वर्जन आपने सुन लिया होगा।<BR/><BR/><BR/><B>संजय</B> बिल्कुल Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-29004246456838712772007-10-01T15:41:00.000+05:302007-10-01T15:41:00.000+05:30वाह मनीष भाई मजा आ गया। सुबह से कम से कम बीस बार अ...वाह मनीष भाई मजा आ गया। सुबह से कम से कम बीस बार अमित जी की आवाज में मधुशाला सुन चुकाँ हुँ लेकिन दिल है कि भरता ही नही। मधुशाला पढने में तो मजा आया ही था लेकिन सुनने में और भी ज्यादा आनंद मिला। अगली पोस्ट का इंतजार रहेगा। साथ ही यह भी बताइयेगा कि इसकी आडिओ या mpg फ़ाइल नेट पर कहाँ मिल सकती है।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-69635436356853059182007-09-29T11:01:00.000+05:302007-09-29T11:01:00.000+05:30मनीष भाई कुछ तो तकलीफ है तभी प्ले ही नहीं हो रहा।...मनीष भाई कुछ तो तकलीफ है तभी प्ले ही नहीं हो रहा। ईस्निप से बेहतर है Lifelogger जिसका प्रयोग मैने कई बार गीतों की महफिल पर किया है तथा, Pickle Player जिसका प्रयोग रेडियोनामा पर इरफान भाई ने किया है। ये दोनो प्लेयर बहुत जल्दी लोड हो जाते हैं, और बजने लगते हैं।Sagar Chand Naharhttps://www.blogger.com/profile/13049124481931256980noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-87834595881169591272007-09-29T09:52:00.000+05:302007-09-29T09:52:00.000+05:30मनीष जी मन्ना डे की आवाज़ में मधुशाला सुनना बहुत अच...मनीष जी मन्ना डे की आवाज़ में मधुशाला सुनना बहुत अच्छा लगा और आपकी प्रस्तुति भी -<BR/>एक बरस में, एक बार ही जगती होली की ज्वाला,<BR/>एक बार ही लगती बाज़ी, जलती दीपों की माला,<BR/>दुनियावालों, किन्तु, किसी दिन आ मदिरालय में देखो,<BR/>दिन को होली, रात दिवाली, रोज़ मनाती मधुशाला।<BR/><BR/> <BR/>सस्नेह -<BR/>सजीव सारथी <BR/>sajeevsarathie@gmail.com<BR/>09871123997<BR/>www.hindyugm.com<BR/>Sajeevhttps://www.blogger.com/profile/08906311153913173185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-17956024011078987402007-09-28T22:03:00.000+05:302007-09-28T22:03:00.000+05:30मधुशाला के बारे मे हम जितना ज्यादा पढें या सुने, ह...मधुशाला के बारे मे हम जितना ज्यादा पढें या सुने, हम उसे उतना ही ज्यादा पसँद करने लगते हैं...किन्ही वजहों से मै इसे सुन नही पा रही हूँ..अफसोस है.rachanahttps://www.blogger.com/profile/14183659688400073503noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-20915285895643459482007-09-28T20:57:00.000+05:302007-09-28T20:57:00.000+05:30एक बार फिर हर दिल अजीज मधुशाला पर बेहतरीन प्रस्तुत...एक बार फिर हर दिल अजीज मधुशाला पर बेहतरीन प्रस्तुति. बहुत आभार, मनीष आपका और साथ ही लावण्या जी का जानकारी के लिये.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-47015021031566602922007-09-28T18:02:00.000+05:302007-09-28T18:02:00.000+05:30मधुशाला मेरी पसंदीदा रचनाओं में है. धन्यवाद पेश कर...मधुशाला मेरी पसंदीदा रचनाओं में है. धन्यवाद पेश करने के लिये.Anonymousnoreply@blogger.com