tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post4434472023210556573..comments2024-03-17T14:34:42.285+05:30Comments on एक शाम मेरे नाम: वार्षिक संगीतमाला 2018 पायदान # 18 : खोल दे ना मुझे, आजाद कर Azaad KarUnknownnoreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-9735797362905238482019-01-25T09:12:01.080+05:302019-01-25T09:12:01.080+05:30मेरा पसंदीदा गीत है। स्वानंद साहब जैसे बोलते होंगे...मेरा पसंदीदा गीत है। स्वानंद साहब जैसे बोलते होंगे वैसे ही गा देते हैं, यही उनकी ख़ासियत है।<br /><br />गौरव जी की 'ग्यारहवीं a के लड़के' कहानी आपने पढ़ी ?मन्टू कुमारhttps://www.blogger.com/profile/00562448036589467961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-6664759942604585152019-01-12T09:55:38.669+05:302019-01-12T09:55:38.669+05:30मुझे तो सबका काम पसंद आया। गौरव की लेखनी और स्वानं...मुझे तो सबका काम पसंद आया। गौरव की लेखनी और स्वानंद की आवाज़ का तो मैं शैदाई हूँ ही। मेरी समझ से इस गीत में एक और अंतरा होता यो और असरदार होता। अचानक से ही खत्म हो गया ऐसा लगता है।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-83811451219691954782019-01-10T20:49:10.569+05:302019-01-10T20:49:10.569+05:30अच्छा गीत। गीत के बोल और गायिकी अच्छे हैं मगर शायद...अच्छा गीत। गीत के बोल और गायिकी अच्छे हैं मगर शायद कहीं कुछ कमी सी रह गयी, शायद संगीत में, जिसके कारण वो मैजिक क्रियेट होते होते रह गया। मगर afterall, एक अच्छा गीत। Rajesh Goyalhttps://www.blogger.com/profile/15255773413853609808noreply@blogger.com