tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post5255498358289918718..comments2024-03-17T14:34:42.285+05:30Comments on एक शाम मेरे नाम: यादें राजकुमार रिजवी की : तूने ये फूल जो जुल्फ़ों में सजा रखा हैUnknownnoreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-71350971613782750272022-03-07T00:01:13.414+05:302022-03-07T00:01:13.414+05:30@Unknown आप जिस ग़ज़ल की बात कर रहे हैं वो यहाँ है...@Unknown आप जिस ग़ज़ल की बात कर रहे हैं वो यहाँ है<br /><br />https://www.youtube.com/watch?v=KsfXkptBSugManish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-7820649394144137302009-08-23T11:56:27.951+05:302009-08-23T11:56:27.951+05:30राज कुमार रिज़वी का गाया एक नगमा याद आता है, शायद ...राज कुमार रिज़वी का गाया एक नगमा याद आता है, शायद कुछ इस तरह :<br /><br />"मदभरे नैन शराबों वाले, <br />रसभरे होंट गुलाबों वाले, <br />अब कहाँ वो मेरे खाबों वाले..." <br /><br />आप को जानकारी हो तो ज़रूर बताएं...Classes4Englishhttps://www.blogger.com/profile/00407283122315799825noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-34881772544030415722009-05-29T00:53:40.196+05:302009-05-29T00:53:40.196+05:30आप सबने ग़ज़ल पसंद की शुक्रिया !
दिलीप भाई गुनगुना...आप सबने ग़ज़ल पसंद की शुक्रिया !<br />दिलीप भाई गुनगुनाना पुरानी आदत है ... बाथरूम सिंगर रहे हैं। पहले कॉलेज के मित्रगण झेलते थे अब आप लोगों की बारी है :)Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-55906714300046053732009-05-28T22:51:47.477+05:302009-05-28T22:51:47.477+05:30वैसे आपने गायी हुई गज़ल की धुन मेहदी जी की या तो अफ़...वैसे आपने गायी हुई गज़ल की धुन मेहदी जी की या तो अफ़सर , मेरा शायर ना बनाया.. से मिलती जुलती है, आखिर गुरु ही तो है..दिलीप कवठेकरhttps://www.blogger.com/profile/16914401637974138889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-82314777688284120562009-05-28T22:49:20.427+05:302009-05-28T22:49:20.427+05:30जगजीतजी नें सही फ़रमाया है,कि राजकुमार रिज़वी मेहदी...जगजीतजी नें सही फ़रमाया है,कि राजकुमार रिज़वी मेहदी साहब के काफ़ी करीब है.<br /><br />तूने ये फूल जो ... में वही रवानी , वही अंदाज़ है.<br /><br />वैसे आज की ताज़ा खबर ये है, कि आपने इस गीत को बखूबी सुरीले अंदाज़ में गाया है, जो तारीफ़े काबिल है. यूं ही सुनाते रहें, बात निकलेगी तो दूर तलक जायेगी... जाने दिजिये!!दिलीप कवठेकरhttps://www.blogger.com/profile/16914401637974138889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-16156362736713738892009-05-28T15:52:41.705+05:302009-05-28T15:52:41.705+05:30बहुत खूब। बहुत बहुत बधाई।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ ...बहुत खूब। बहुत बहुत बधाई।<br /><A HREF="http://alizakir.blogspot.com/" REL="nofollow">-Zakir Ali ‘Rajnish’</A> <br /><A HREF="http://tasliim.blogspot.com/" REL="nofollow">{ Secretary-TSALIIM </A><A HREF="http://sciblogindia.blogspot.com/" REL="nofollow">& SBAI }</A>adminhttps://www.blogger.com/profile/09054511264112719402noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-89459018356070293462009-05-26T13:38:21.808+05:302009-05-26T13:38:21.808+05:30मनीष जी, बेहद नाज़ुक गज़ल है। हर शेर दिल को छू लेने ...मनीष जी, बेहद नाज़ुक गज़ल है। हर शेर दिल को छू लेने वाला। इससे आगे क्या कहूं...एक शेर याद आ रहा है-<br /><br />एक ऐसा राज इस दिल के निहाखाने में है<br />जिसका मजा न समझने में है और न समझाने में हैरविकांत पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/14687072907399296450noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-26882000388657078042009-05-25T23:55:17.978+05:302009-05-25T23:55:17.978+05:30... लाजवाब !!!!!... लाजवाब !!!!!कडुवासचhttps://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-28541483995106715942009-05-23T18:56:46.788+05:302009-05-23T18:56:46.788+05:30मैथिली जी जानकर खुशी हुई कि ये ग़ज़ल आपकी पसंदीदा ...मैथिली जी जानकर खुशी हुई कि ये ग़ज़ल आपकी पसंदीदा है। आपने जिस ग़ज़ल का जिक्र किया है वो शायद मैंने नहीं सुनी पर अगर मिली तो जरूर सुनने की कोशिश करूँगा।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-80960865074277415012009-05-22T01:29:04.236+05:302009-05-22T01:29:04.236+05:30वाह ! कहाँ कहाँ से आप ढूंढ़ के ले आते हैं !वाह ! कहाँ कहाँ से आप ढूंढ़ के ले आते हैं !Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-57741536703902808392009-05-20T20:54:38.369+05:302009-05-20T20:54:38.369+05:30मनीष भाई, बहुत मज़ा आया
ये गज़ल मेरी बेहद पसन्ददीदा ...मनीष भाई, बहुत मज़ा आया<br />ये गज़ल मेरी बेहद पसन्ददीदा गज़लों में से एक हुआ करती थी. मेरे शुरूआती दिनों में यह एलबम बहुल मक़बूल हुआ करता था. इसे डाउनलोड करके सुबह से अनेकों बार सुन रहा हूं. <br /><br />इस एलबम की और भी गज़लें हुआ करतीं थीं, जैसे<br />मेरे पहलू से वो हटी है अभी<br />ये कहानी नई नई है अभी<br /><br />बहुत अच्छा लगामैथिली गुप्तhttp://astrobix.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-89952452636698280712009-05-20T20:22:03.160+05:302009-05-20T20:22:03.160+05:30मधुर अनुभव रहा इन्हें सुनना!!मधुर अनुभव रहा इन्हें सुनना!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com