tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post6109845839356500915..comments2024-03-17T14:34:42.285+05:30Comments on एक शाम मेरे नाम: दिखाई दिए यूँ, कि बेखुद किया.. : फिल्म बाज़ार से लिया मीर तकी 'मीर' का क़लामUnknownnoreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-69288185433480726132012-03-29T11:31:49.154+05:302012-03-29T11:31:49.154+05:30मैंने आज तक जितनी भी ग़ज़ल पढ़ी हे ये उनमे से सर्वश...मैंने आज तक जितनी भी ग़ज़ल पढ़ी हे ये उनमे से सर्वश्रेष्ठ ग़ज़ल हे..... सच कहू तो इसके कुछ शेर मुझे समझ नहीं आते थे पर यहाँ आपने हर शेर का बहुत बारीकी और ख़ूबसूरती के साथ वर्णन किया हे इसके लिए धन्यवाद्....<br /><br />अपने सही कहा यहाँ एक शेर में नायिका कहती हे की मैंने तुम्हारी इस तरह इबादत की हे की मेरे साथ साथ लोग भी तुम्हे खुदा समझने लगे हे...यहाँ मोहब्बत और इबादत में कोई फर्क नहीं हे....बस यहीAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-51746768993028562692007-08-07T14:23:00.000+05:302007-08-07T14:23:00.000+05:30स्मिता सही कहा आपने..सबने इस फिल्म में अपना किरदार...<B>स्मिता</B> सही कहा आपने..सबने इस फिल्म में अपना किरदार बखूबी निभाया । ये ग़ज़ल आपको भी पसंद है ,जानकर खुशी हुई।<BR/><BR/><B>लावण्या जी </B> तारीफ़ का शुक्रिया ! कोशिश तो यही रहेगी।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-82164962435859176672007-08-06T12:16:00.000+05:302007-08-06T12:16:00.000+05:30मनीष भाई,आपकी एस प्रस्तुति को पढकर हिन्दी जाल घरोँ...मनीष भाई,<BR/>आपकी एस प्रस्तुति को पढकर हिन्दी जाल घरोँ के ऊँचे स्तर पर पहुँचे पैरहन सुहावने लगने लगे हैँ <BR/>ऐसे ही उम्दा उम्दा आलेख लिखते रहिये <BR/>स स्नेह,<BR/>-- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-73194153251631489822007-08-05T21:38:00.000+05:302007-08-05T21:38:00.000+05:30manishji..kya ghazal pesh ki hai..wah..aur dekhiye...manishji..kya ghazal pesh ki hai..wah..aur dekhiye "acting" isse kehte hain...simple and pretty..supriya pathak...mirchi se smita patil...and khoobsoorat nisha...i like all 3 of them in that movie...so naturaljourneycalledlifehttps://www.blogger.com/profile/03419930305840412271noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-58781188337097931272007-08-05T21:32:00.000+05:302007-08-05T21:32:00.000+05:30अनामदास जी इस चिट्ठे पर आपका स्वागत है। जानकर खुश...<B>अनामदास जी</B> इस चिट्ठे पर आपका स्वागत है। जानकर खुशी हुई कि आपको शेर ओ शायरी में दिलचस्पी है। इससे पहले मैंने मज़ाज , फ़ैज और परवीन शाकिर की शायरी के बारे में कुछ लिखने की कोशिश की थी। वे लेख आप शेर ओ शायरी से जुड़ी श्रेणी में देख सकते हैं। और हाँ, आगे भी जरूर लिखूँगा।<BR/><BR/><B>प्रियंकर जी</B> वाह, वाह ! क्या क़माल के शेर उद्धृत किए आपने। मज़ा आ गया।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-58505199083998978082007-08-05T21:22:00.000+05:302007-08-05T21:22:00.000+05:30अमित तुम्हारी वजह से एक बार फ़िर इस खूबसूरत ग़ज़ल ...<B>अमित</B> तुम्हारी वजह से एक बार फ़िर इस खूबसूरत ग़ज़ल को पढ़ा, पुराने पन्ने पलटे.., मुझे भी लुत्फ़ आया हुजूर !<BR/><BR/><B>समीर जी, लावण्या जी, मान्या</B> पसंदगी का शुक्रिया !<BR/><BR/><B>यूनुस भाई</B> तारीफ़ का शुक्रिया ! रूप कुमार राठौड़ वाला एलबम तो अब तक नहीं सुन पाया हूँ। अब आपने अच्छा कहा है तो जरूर सुनूँगा।<BR/><BR/><BR/><B>कंचन </B> :) :)Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-49312737621096610002007-08-05T21:14:00.000+05:302007-08-05T21:14:00.000+05:30अनुराग जी बहुत शुक्रिया, इस जानकारी को यहाँ बाँटन...<B>अनुराग जी</B> बहुत शुक्रिया, इस जानकारी को यहाँ बाँटने के लिए। हमारे देश में वैसे भी पुरानी धरोहरों को उनका उचित सम्मान देने की परंपरा रही नहीं, वर्ना मीर की समाधि को ये दिन नहीं देखने पड़ते।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-92183919529477620692007-08-03T18:13:00.000+05:302007-08-03T18:13:00.000+05:30मनीष भाई,बहुत सँदर लिखा है आपने --एक खूबसुरत नज़्म,...मनीष भाई,<BR/>बहुत सँदर लिखा है आपने --एक खूबसुरत नज़्म, कमाल की बँदिश -<BR/>वाह ..बहुत खूब!<BR/>- सस्नेह,<BR/>-लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-67159679829181804132007-08-03T12:24:00.000+05:302007-08-03T12:24:00.000+05:30अब अगर हम आपको शिक्षक कहें तो बुरा मत मानियेगा.......अब अगर हम आपको शिक्षक कहें तो बुरा मत मानियेगा.....! <BR/>बहुत ही अच्छी तरह से किया गया बहुत ही अच्छी गज़ल का व्याख्यान। फिल्म वाली पंक्तियाँ तो सुनी हुई थी, अन्य पंक्तियो् की जानकारी देने के लिये धन्यवादकंचन सिंह चौहानhttps://www.blogger.com/profile/12391291933380719702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-39211338640440012552007-08-03T05:34:00.000+05:302007-08-03T05:34:00.000+05:30मनीष राँचवी साहबशुक्रिया.बहुत बेहतरीन काम किया है ...मनीष राँचवी साहब<BR/>शुक्रिया.<BR/>बहुत बेहतरीन काम किया है आपने, मीर और ग़ालिब का दीवाना हूँ. बेहतरीन लिखा आपने,मैं वाकिफ़ नहीं था इनमें से ज़्यादातर बातों से. <BR/>और लिखिए नायाब शायरों के बारे में.अनामदासhttps://www.blogger.com/profile/06852915599562928728noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-91278772593703678912007-08-03T00:07:00.000+05:302007-08-03T00:07:00.000+05:30एक और बेहतरीन पेश्कश.. मुझे ये गाना बेहद पसंद है.....एक और बेहतरीन पेश्कश.. मुझे ये गाना बेहद पसंद है.. और एक मुद्द्त के बाद आपकी वजह से सुन पाई.. याद दिलाने का बेहद शुक्रिया.. मुझे नहीं पता था की इसमें मीर साहब के शेर शामिल है.. इस जानकारी का भी शुक्रिया... शेर वाकई बहुत उम्दा हैं.. और इनके बारे में कुछ कहने की हिमाकत मैं नहीं कर सकती.. बस ये की एक बार फ़िर आपने बहुत अच्छा गीत याद दिलाया..Monika (Manya)https://www.blogger.com/profile/02268500799521003069noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-47551529466745935352007-08-02T21:20:00.000+05:302007-08-02T21:20:00.000+05:30मनीष बहुत अच्छी पोस्ट है । आपने अच्छी तरह इस ग़...मनीष बहुत अच्छी पोस्ट है । आपने अच्छी तरह इस ग़ज़ल के मायने समझाए हैं । लता जी ने जिस अंदाज़ में इसे गाया है, वो काबिले तारीफ है । बाज़ार में ख़ैयाम का संगीत था । मीर को थोड़े साल पहले मेरे ख्याल से रूप कुमार राठौड़ ने और शायद पंकज उधास ने भी गाया है । इसमें रूप जी वाला अलबम अच्छा है । <BR/>मीर का ये शेर मुझे नाज़ुक नज़र का खूबसूरत शेर लगता है-- <BR/>मीर इन नीमबाज़ आंखों में सारी मस्ती Yunus Khanhttps://www.blogger.com/profile/12193351231431541587noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-8728234567370725562007-08-02T20:47:00.000+05:302007-08-02T20:47:00.000+05:30अनुराग भाई! शेर कुछ यूं है : " सिराहने मीर के आहिस...अनुराग भाई! शेर कुछ यूं है :<BR/><BR/> " सिराहने मीर के आहिस्तः बोलो<BR/> अभी टुक रोते रोते सो गया है "<BR/><BR/>उन्हें अपनी शायरी पर बहुत भरोसा था तभी तो आत्मविश्वास से लबरेज़ वे कह पाए :<BR/><BR/> " जाने का नहीं शोर सुखन का मिरे हरगिज़<BR/> ता हश्र जहां में मिरा दीवान रहेगा "<BR/><BR/>मनीष को बधाई! बेहतरीन और बेहद ज़रूरी पोस्ट .Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-13919344135558587782007-08-02T20:10:00.000+05:302007-08-02T20:10:00.000+05:30क्या कहने आपके अंदाजे बयानी का. बहुत खूबसूरती से ग...क्या कहने आपके अंदाजे बयानी का. बहुत खूबसूरती से गज़ल की टोह ली है. आनन्द आ गया. आभार.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-41392000762643935872007-08-02T17:11:00.000+05:302007-08-02T17:11:00.000+05:30आपने मेरी गुज़ारिश को अमली जामा पहनाया मनीष भाई, आप...आपने मेरी गुज़ारिश को अमली जामा पहनाया मनीष भाई, आपका शुक्रगुज़ार हूं. आपने न केवल मीर साहब की ग़ज़ल के मानी समझाये, बल्कि उसे सुनवाया और दिखाया भी. इसे कहते हैं सोने पे सुहागा... [:)]Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-79733896772557377412007-08-02T13:42:00.000+05:302007-08-02T13:42:00.000+05:30मीर तक़ी 'मीर' साहब, नवाब आसफ़ुद्दौला की हुक़ूमत के द...मीर तक़ी 'मीर' साहब, नवाब आसफ़ुद्दौला की हुक़ूमत के दर्मयान लख़नऊ आये थे. नवाब ने उनको बाइज़्ज़त लख़नऊ में रखा, फिर भी मीर साहब को लख़नऊ कभी रास ना आया. उन्होंने खुद भी लिखा है कि लखनऊ में वो खुश नहीं थे. <BR/><BR/>मीर साहब का एक शेर है (मुझे याद नहीं पड़ रहा है इस वक़्त) जिसमें उन्होंने कहा था कि मेरी कब्र पर धीरे से आना, मैं सोया हुआ हूँ. <BR/><BR/>सुकून पसंद मीर साहब को उनके इंतकाल के बाद लखनऊ में जिस अनुराग श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/17660942337768973280noreply@blogger.com