tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post6245211167201626839..comments2024-03-27T11:21:05.807+05:30Comments on एक शाम मेरे नाम: रातों के साये घने जब बोझ दिल पर बने..चोपिन से प्रेरित सलिल दा की यादगार धुनUnknownnoreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-77317815231035746912012-12-10T11:44:41.115+05:302012-12-10T11:44:41.115+05:30कुछ दिन पहले ही गीतकार योगेश की टी वी पे देखा था ....कुछ दिन पहले ही गीतकार योगेश की टी वी पे देखा था ... सलिल दा के साथ उनकी याद .... कई लाजवाब गीतों की यादें ताज़ा हो गयीं ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-22915847765616709432012-11-29T08:53:02.758+05:302012-11-29T08:53:02.758+05:30पोले सी कलात्मकता, गति और लय है सलिलदा के संगीत मे...पोले सी कलात्मकता, गति और लय है सलिलदा के संगीत में...प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-18805548465481206002012-11-29T00:34:46.360+05:302012-11-29T00:34:46.360+05:30सलिल दा के बारे में बहुत जानकारियां भर दी हैं आपने...सलिल दा के बारे में बहुत जानकारियां भर दी हैं आपने . सार्थक प्रस्तुति बधाई मनीष जी . .<a href="http://shalinikaushik2.blogspot.com" rel="nofollow">आत्महत्या -परिजनों की हत्या</a>Shalini kaushikhttps://www.blogger.com/profile/10658173994055597441noreply@blogger.com