tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post6339284072476502408..comments2024-03-27T11:21:05.807+05:30Comments on एक शाम मेरे नाम: अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए, जिसमे इंसान को इंसान बनाया जाए : 'नीरज' की कविता उन्हीं के स्वर में..Unknownnoreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-65454483778225232672009-08-27T20:44:44.590+05:302009-08-27T20:44:44.590+05:30नीरज को मुझे लाइव सुनने का मौका नहीं मिला। अच्छा ल...नीरज को मुझे लाइव सुनने का मौका नहीं मिला। अच्छा लगा आप सब की नीरज की कविताओं से प्रेम को देखकर। मेरा पास नीरज की कई कविताएँ हैं पर उनके आडिओ नहीं हैं। जब भी मेरी पसंद की किसी कविता से संबंधित कोई रिकार्डिंग मुझे मिलेगी उसे आपलोगों तक जरूर बाँटूगा।<br />अर्चना जी, रचना जी और प्रेमलता जी आप लोगों की पुरानी यादों का स्मरण हो आया जानकर खुशी हुई। आदमी को आदमी बनाने के लिए.. मुझे भी बेहद पसंद है।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-15045553249103286342009-08-27T15:38:51.481+05:302009-08-27T15:38:51.481+05:30’ऐसे माहौल में नीरज को बुलाया जाए..”
सचमुच बहुत ज़...’ऐसे माहौल में नीरज को बुलाया जाए..”<br /><br />सचमुच बहुत ज़रुरत है महान कवि को सुनने की। धन्यवाद!<br /> ’नीरज’ को सुनने के लिए हमने कवि-सम्मेलनों में रात आठ बजे से सुबह तक का इंताजार किया हुआ है। यह तब की बातें हैं जब रिकोर्डर आमलोगों के पास नहीं होते थे। तो डायरी के पन्नों पर कविताएँ सुनते-सुनते लिखी जाया करती थीं।premlatapandeyhttp://pasand.wordpress.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-84484658400649375212009-08-27T12:54:28.057+05:302009-08-27T12:54:28.057+05:30नीरज जी को सुनवाने का बहुत बहुत शुक्रिया... हैपी ब...नीरज जी को सुनवाने का बहुत बहुत शुक्रिया... हैपी ब्लॉगिंग :)Ashish Khandelwalhttps://www.blogger.com/profile/09509723253252348001noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-6490407665396455582009-08-26T16:32:25.513+05:302009-08-26T16:32:25.513+05:30अर्चना जी की तरह ही मेरी भी यादें ताजा हो गयीं.. श...अर्चना जी की तरह ही मेरी भी यादें ताजा हो गयीं.. शायद हमने एक ही जगह इन्हे सुना था. :):).. उसी सम्मेलन मे उन्होने एक और कविता- "आदमी को आदमी बनाने के लिये.. ".. वो मुझे अब भी याद आती है... शुक्रिया.रचना.http://www.rachanabajaj.wordpress.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-27704841281733372022009-08-26T14:01:47.628+05:302009-08-26T14:01:47.628+05:30नीरज जी को कवि सम्मेलनों में सुना है। उनका लिखा गी...नीरज जी को कवि सम्मेलनों में सुना है। उनका लिखा गीत, गज़ल सब बेहद पसंद है। बहुत-बहुत आभार इस प्रस्तुति के लिये। इसे जारी रखें, और भी सुनवाएं।रविकांत पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/14687072907399296450noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-85701491682289148642009-08-25T23:02:09.876+05:302009-08-25T23:02:09.876+05:30क्या बात है!!क्या बात है!!दिलीप कवठेकरhttps://www.blogger.com/profile/16914401637974138889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-63575913080664763502009-08-25T22:25:35.183+05:302009-08-25T22:25:35.183+05:30नीरज के क्या कहने !नीरज के क्या कहने !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-66689742835108328452009-08-25T22:12:45.434+05:302009-08-25T22:12:45.434+05:30दीवाने तो होते है बनाये नहीं जाते ... और इस फेहरिस...दीवाने तो होते है बनाये नहीं जाते ... और इस फेहरिस्त में मैं भी हूँ.... बहुत ज्यादा नहीं पढा हूँ मगर दीवानगी की हद बढाती जा रही है ... सच कहूँ तो दूसरी बार आपके ब्लॉग पे उनकी आवाज़ में सुन रहा हूँ पहले कहाँ सूना है ये तो याद नहीं ... और उनके लिखने के बारे में मैं कुछ कहूँ तौबा तौबा....आभार मनीष जी ...<br /><br /><br />अर्श"अर्श"https://www.blogger.com/profile/15590107613659588862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-79554267325025597802009-08-25T19:26:53.573+05:302009-08-25T19:26:53.573+05:30और और की रटन लगाता जाता हर पीने वाला ।।
............और और की रटन लगाता जाता हर पीने वाला ।। <br />..............ज़रा 'खुश्बू सी आ रही है इधर ज़ाफ़रान की' सुनवाएं । जो कुछ है सब सुनवाएं । फिर हम भी सुनवाते हैं जी । खूब सारा हमारे पास भी है ।Yunus Khanhttps://www.blogger.com/profile/12193351231431541587noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-20801382293660537062009-08-25T17:47:50.285+05:302009-08-25T17:47:50.285+05:30you have done a great service to the cause of Hind...you have done a great service to the cause of Hindi poetry . There are people who read and write shit in the name of poetry 'cos they have never heard Neeraj. More bhai ...more Neeraj pls.मुनीश ( munish )https://www.blogger.com/profile/07300989830553584918noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-61728406342800612592009-08-25T17:32:56.271+05:302009-08-25T17:32:56.271+05:30मेरे कानो मे आज भी ये आवाज गूँजती है,आपको शायद जान...मेरे कानो मे आज भी ये आवाज गूँजती है,आपको शायद जानकार आश्चर्य होगा कि सालो पहले शायद १९७५-८० (या उससे भी पहले)के बीच मे मैने नीरज जी को खरगोन के कवि सम्मेलन में सुना था अपने पिताजी के साथ...एक छोटा सा-गाँव जहाँ गणेशोत्सव के कार्यक्रम मे कवि-सम्मेलम हुआ करता था....आज मन बहुत खुश हुआ उन्हे फ़िर उसी अन्दाज मे सुनकर...Archana Chaojihttps://www.blogger.com/profile/16725177194204665316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-40971592147578475762009-08-25T17:14:55.422+05:302009-08-25T17:14:55.422+05:30नीरज जी की तो मै जिस प्रकार से फैन हूँ, कुछ दिन पह...नीरज जी की तो मै जिस प्रकार से फैन हूँ, कुछ दिन पहले मुझे पता चला कि उसे दीवानगी कहते हैं...! कैसे ये तो खैर यहाँ नही ही बताऊँगी...! वर्ना मेरी जो थोड़ी बहुत छवि बनी है, वो धुल जायेगी .. :)<br /><br />मगर हाँ ये भी कहूँगी कि गज़लो की जगह उनके गीत अधिक छूते हैं मुझे....!कंचन सिंह चौहानhttps://www.blogger.com/profile/12391291933380719702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-57003723466392674562009-08-25T16:01:17.331+05:302009-08-25T16:01:17.331+05:30Behad Karnpriy hoti hai neeraj ji ki kavita aur sa...Behad Karnpriy hoti hai neeraj ji ki kavita aur sach me shabd to bahut hi chun kar likhe jate hai unaki kavitaon meविनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-43842070555761297112009-08-25T15:29:48.684+05:302009-08-25T15:29:48.684+05:30पिछले तीस वर्षों से नीरज जी को कवि सम्मेलनों में स...पिछले तीस वर्षों से नीरज जी को कवि सम्मेलनों में सुनता आया हूँ उनकी वाणी और कविता में भाव का दीवाना हूँ...आप का कोटिश आभार उन्हें सुनाने के लिए...<br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.com