tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post6742341920116259022..comments2024-03-17T14:34:42.285+05:30Comments on एक शाम मेरे नाम: मैं हवा हूँ कहाँ वतन मेरा : हवा. मैं और सुरेश चोपड़ाUnknownnoreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-34888710777591152622012-07-15T23:22:42.453+05:302012-07-15T23:22:42.453+05:30Manish ji,
aapka blog padhke achha laga... aapko z...Manish ji,<br />aapka blog padhke achha laga... aapko zarur follow karungi... bohot dino baad purane hindi gaano par koi blog dekha... waahAparnahttp://quixotic-deceit.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-19316906179379991482012-05-01T20:39:51.462+05:302012-05-01T20:39:51.462+05:30रंजना जी शाम को जब आपके कमेंट की इस पंक्ति पर नज़...<b>रंजना जी</b> शाम को जब आपके कमेंट की इस पंक्ति पर नज़र गई<br /><i>आज की तरह नहीं कि मैं चलूँ तो हवाएं चलने लगती हैं, बल्कि उस वक्त हवाएं जोर से चलने लगें तो मेरे उड़ जाने का डर रहता था.</i><br />तो कार्यालय में रहते हुए भी अपनी हँसी रोक ना सका। भगवान आपका ये हास्य बोध बनाए रखे।<br /><br />पर आगे जो घटना आपने बताई वो आवाक करने वाली थी। सच है प्रकृति की दी हुई ये नियामतें अपनी सीमा में रहें तो Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-5319487589781122082012-05-01T20:33:10.999+05:302012-05-01T20:33:10.999+05:30प्रशांत गर्मी की बारिश जो जोर शोर से पर कुछ समय के...<b>प्रशांत</b> गर्मी की बारिश जो जोर शोर से पर कुछ समय के लिए होती मुझे भी अच्छी लगती है। पर ठंडी मदमस्त हवा की बात मेरे लिए कुछ और है। वैसे तुम तो अपने शहर के हो भाई। पिछले दो हफ्तों के मौसम को तो देख रहे हो ना फ..। सनसेट प्वाइंट का वो गाना तो सुना था पर जब शुभा जी के जिस गीत का जिक्र किया उसे अवश्य सुनूँगा। और बादल और बिजली की बात आती है तो सबसे पहले मुझे जो गीत याद आता है वो है नैनों में बदरा Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-15925810431454226432012-05-01T20:23:35.175+05:302012-05-01T20:23:35.175+05:30दीपिका शु्क्रिया ग़ज़ल, गीत और इस प्रविष्ति को पसं...<b>दीपिका</b> शु्क्रिया ग़ज़ल, गीत और इस प्रविष्ति को पसंद करने का ।<br /><br /><b>प्रवीण</b> आपने बिल्कुल सही कहा।<br /><br /><b>दीपक जी</b> सहमत हूँ आपसे। पसंदगी का शुक्रिया।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-44878069537534132992012-05-01T20:20:34.402+05:302012-05-01T20:20:34.402+05:30अनु : मर्लिन मुनरो की वो अदा तो ज़ाहिर है उस हवा क...<b>अनु</b> : मर्लिन मुनरो की वो अदा तो ज़ाहिर है उस हवा की वज़ह से नही आई होगी जो वायु देवता अक्सर बढ़ती गर्मियों को रोकने के लिए चलाया करते हैं। हाँ महिला टेनिस मैंचों में अक्सर छायाकार और Paparazzi ऐसी हवा के झोंके का इंतज़ार करते हैं ताकि उन्हे अखबार के लिए मुफ्त में मर्लिन जैसा पोज दिखाने को मिल जाए।<br /><br />प्रकृति का कोई भी रूप चाहे वो बहती हवा हो या बारिश का जल, समुद्री लहर हो या धूप अगरManish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-19568910802456562952012-05-01T15:44:56.131+05:302012-05-01T15:44:56.131+05:30अपने अनुभूतियों संग मर्मस्पर्शी जबरदस्त संस्मरण सु...अपने अनुभूतियों संग मर्मस्पर्शी जबरदस्त संस्मरण सुनवाया aapne ...<br /><br />गर्मियों में ठंढई लिए हुए कभी कभार बहने वाले ये झोंके सच में किसके मन को मदमस्त न कर दे..<br /><br />लेकिन अभी अचानक झटके में मुझे वह वाक्य याद आया जब मैं दसवीं कक्षा में पढ़ती थी..आज की तरह नहीं कि मैं चलूँ तो हवाएं चलने लगती हैं, बल्कि उस वक्त हवाएं जोर से चलने लगें तो मेरे उड़ जाने का डर रहता था..तो एक दिन इसी तरह स्कूलरंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-53865428402979159172012-04-30T22:54:41.769+05:302012-04-30T22:54:41.769+05:30वैसे आपकी पोस्ट हवाओं के बारे में थी, और मैंने बाद...वैसे आपकी पोस्ट हवाओं के बारे में थी, और मैंने बादलों के बारे में लिखा है.. उसके लिए 'सौरी' पर जब हवायें तेज चलती है, तो सबसे पहले मैं उपर बादलों को ही देखता हूँ और हवाओं से कहता हूँ- ऐ हवा मेरे संग संग चल/मेरे दिल में हुइ हलचल/ कहे दरिया का पानी कल कल/ तुझे आस मिलन की पल पल...<br />और ये भी इत्तेफाक ही है की अभी जब मै ये कमेंट लिख रहा हूँ तब भी मेरे पीसी पे यही गाना बज रहा है- ए री पवन/Prashant Suhanohttps://www.blogger.com/profile/13063081005432678937noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-4583541248668527582012-04-30T22:36:59.160+05:302012-04-30T22:36:59.160+05:30बारिश हमेशा से मुझे बहुत प्रिय रही है, खासकर गर्मि...बारिश हमेशा से मुझे बहुत प्रिय रही है, खासकर गर्मियों की.. जब गर्मी से मैं बेहाल हो जाता हूँ तो जो गीत मेरे जेहन में सबसे पहले आता है वो है गुलजार के एल्बम 'Sunset Point' का ये गीत- जल भर दे रे जल भर दे/ये कलसी प्यासी रे/ओ मेघावासी रे..<br />एक और गीत है जो की शुभा मुदगल जी कि आवाज में उनकी एल्बम 'The Awakening' का है- बादलों का चुपके से आना/ बादलों का चुपके से जाना/ धरती ये Prashant Suhanohttps://www.blogger.com/profile/13063081005432678937noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-47748783097588841492012-04-30T19:50:53.349+05:302012-04-30T19:50:53.349+05:30बेहतरीन साहेब, बेहतरीन,
हवा की तरह भावनायों की भी...बेहतरीन साहेब, बेहतरीन,<br /><br />हवा की तरह भावनायों की भी कोई सीमा रेखा नहीं होती.<br /><br />सुंदर प्रस्तुत्ति के लिए साधुवाद स्वीकार करें.दीपक बाबाhttps://www.blogger.com/profile/14225710037311600528noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-24514178979934499712012-04-30T19:40:59.105+05:302012-04-30T19:40:59.105+05:30कागज के पन्नों को और मन की भावनाओं को कहाँ कोई सीम...कागज के पन्नों को और मन की भावनाओं को कहाँ कोई सीमायें दिखती हैं।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-64708820402263612352012-04-30T11:37:22.337+05:302012-04-30T11:37:22.337+05:30हवा से मुझे याद आती है मर्लिन मोनरो की वो ऐतिहासिक...हवा से मुझे याद आती है मर्लिन मोनरो की वो ऐतिहासिक तस्वीर...............<br /><br />सभी हिरोइनों और मॉडल ने उस पोस को कॉपी किया मगर उन फोटो का जादू बेमिसाल था....<br /><br />वैसे हमे तो तेज हवा से डर लगता है...ना जाने क्यूँ...<br />लगता है सर से छत ना उड़ जाये....<br />:-(ANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-75906304423664964232012-04-30T11:35:46.513+05:302012-04-30T11:35:46.513+05:30बड़ा खूबसूरत अंदाज़ है हवाओं का, ग़ज़लों का और आपक...बड़ा खूबसूरत अंदाज़ है हवाओं का, ग़ज़लों का और आपका भी।दीपिका रानीhttps://www.blogger.com/profile/12986060603619371005noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-18153527230573477042012-04-30T09:27:30.145+05:302012-04-30T09:27:30.145+05:30सच है.............
हवा का ज़िक्र होते ही मर्लिन मु...सच है.............<br />हवा का ज़िक्र होते ही मर्लिन मुनरो की वो फेमस फोटो याद आती है.....जिसकी नक़ल हर हेरोइन और मॉडल कर चुके हैं पर मर्लिन जैसे चमत्कार को छू ना सके,,,,,,,,,,,,,,,<br /><br />इसके अलावा तेज हवा मुझे डराती है....ना जाने क्यूँ....<br />:-(ANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.com