tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post7455493955344962345..comments2024-03-17T14:34:42.285+05:30Comments on एक शाम मेरे नाम: वार्षिक संगीतमाला 2009 : पायदान संख्या 7 - मन बावरा तुझे ढूँढता ..शाहाब के बोलों पर राहत का स्वरUnknownnoreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-44058570440623245792010-03-11T20:22:18.145+05:302010-03-11T20:22:18.145+05:30प्लीज इसका साउंड फ़ाइल मेरे मेल में भेज दीजिये न......प्लीज इसका साउंड फ़ाइल मेरे मेल में भेज दीजिये न....<br /><br />अग्रिम आभार :))रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-83048065173608531172010-03-08T21:57:27.990+05:302010-03-08T21:57:27.990+05:30मनीष जी ,
सुना आपकी पसंद का गीत......दर्दीले स्वर...मनीष जी ,<br /><br />सुना आपकी पसंद का गीत......दर्दीले स्वर में गहरे बोल ....शुक्रिया ....!!<br /><br /><br /><br />हाँ नज़्म में लय बनाये रखने कोशिश तो की थी ....फिर देखूंगी कहाँ कमी रह गयी ....!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-90897949662087961272010-03-08T15:25:52.944+05:302010-03-08T15:25:52.944+05:30गीत के बोल दिल को छूते है पर सुनकर शाम को बताऐगे।गीत के बोल दिल को छूते है पर सुनकर शाम को बताऐगे।सुशील छौक्कर https://www.blogger.com/profile/15272642681409272670noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-4514321235902360612010-03-07T23:27:14.958+05:302010-03-07T23:27:14.958+05:30मैंने तो पहली बार ही सुना ये गाना... ये आपके यहाँ ...मैंने तो पहली बार ही सुना ये गाना... ये आपके यहाँ ही संभव था. वर्ना पता नहीं कब सुनने को मिलता.Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-14278340568596440292010-03-07T22:37:23.244+05:302010-03-07T22:37:23.244+05:30जानकर खुशी हुई कि ये गीत आपको भी पसंद आया।जानकर खुशी हुई कि ये गीत आपको भी पसंद आया।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-6083063592602690032010-03-06T15:06:02.354+05:302010-03-06T15:06:02.354+05:30बहुत सुंदर, बेहतररीन आवाज ओर बेहतरीन गजल.
धन्यवादबहुत सुंदर, बेहतररीन आवाज ओर बेहतरीन गजल.<br />धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-60159596002811816532010-03-06T06:32:35.592+05:302010-03-06T06:32:35.592+05:30गाया तो सच में जबर्दस्त है राहत साहब ने !
पूरा गी...गाया तो सच में जबर्दस्त है राहत साहब ने ! <br />पूरा गीत लिखित रूप में पाना बेहतर रहा, साथ में उन कठिन शब्दों के अर्थ भी ! <br />'उन्सियत'पहली बार जाना । यह अन्तिम पंक्तियाँ तो लुभाने वाली हैं -<br />"बस तसव्वुर के सिलसिले हैं<br />रतजगे गुमसुम पड़े हैं<br />पलकों पे रायगाँ "<br /><br />सातवीं पायदान पर यह हाल है, आगे क्या होगा !Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-63908553261140941152010-03-05T18:49:12.489+05:302010-03-05T18:49:12.489+05:30आनन्द आ गया सुबह सुबह मान बावरा सुन कर...क्या गाया...आनन्द आ गया सुबह सुबह मान बावरा सुन कर...क्या गाया है..वाह वाह निकलती है, जब भी सुनते हैं.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com