tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post8111176435757367735..comments2024-03-27T11:21:05.807+05:30Comments on एक शाम मेरे नाम: चराग दिल का जलाओ, बहुत अँधेरा है...Unknownnoreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-23915829914239804882006-12-21T18:17:00.000+05:302006-12-21T18:17:00.000+05:30अनुराग बिलकुल सही कहा आपने इस गीत के बारे में !
प...<b>अनुराग</b> बिलकुल सही कहा आपने इस गीत के बारे में !<br /><br /><b>पूनम </b> बहुत - बहुत शुक्रिया ! भावनाएँ ही लिखने के लिए प्रेरित करती हें ।<br /><br /><b>प्रेमलता और रचना जी</b> शुक्रिया सराहने का !Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-4884242809571949402006-12-21T18:12:00.000+05:302006-12-21T18:12:00.000+05:30समीर भाई जब तक कहीं और आप नहीं भेजेंगे तब तक तो हम...<b>समीर भाई </b>जब तक कहीं और आप नहीं भेजेंगे तब तक तो हम आपको इसी तरह झेलाते रहेंगे । :)<br />ये गीत आपका पसदीदा निकला जान कर खुशी हुई ।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-3331668461388668642006-12-20T23:55:00.000+05:302006-12-20T23:55:00.000+05:30धन्यवाद्, अच्छा गीत यहाँ प्रस्तुत करने के लिये.धन्यवाद्, अच्छा गीत यहाँ प्रस्तुत करने के लिये.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-24963136411342025192006-12-19T17:08:00.000+05:302006-12-19T17:08:00.000+05:30बहुत सुंदर प्रस्तुति।बहुत सुंदर प्रस्तुति।प्रेमलता पांडेhttps://www.blogger.com/profile/11901466646127537851noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-26957913015103477882006-12-19T14:56:00.000+05:302006-12-19T14:56:00.000+05:30एक बहुत ही खूबसूरत से चिट्ठे के लिये बधाई.हर पोस्ट...एक बहुत ही खूबसूरत से चिट्ठे के लिये बधाई.हर पोस्ट में आपकी भावुकता तथा कथावस्तु के साथ आपका लगाव झलकता है .Poonam Misrahttps://www.blogger.com/profile/08526492616367277544noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-12650295013268305252006-12-19T08:26:00.000+05:302006-12-19T08:26:00.000+05:30इस पोस्ट के लिये धन्यवाद, मनीष!
जितनी ख़ूबसूरती से...इस पोस्ट के लिये धन्यवाद, मनीष!<br /><br />जितनी ख़ूबसूरती से लिखा गया है, उतनी की संजीदगी से स्वरबद्ध और गाया भी गया है. <br /><br />रफ़ी और मदन मोहन का एक और बहुत ही सुंदर गीत है फ़िल्म "मेरा साया" - आप के पहलू में आ कर रो लिये. <br /><br />मदन मोहन और पंचम मेरे प्रिय संगीतकार हैं और दोनो के गीतों का विशाल और सुंदर संकलन मेरे पास है. :)अनुराग श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/03416309171765363374noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-61516337416741981392006-12-19T07:20:00.000+05:302006-12-19T07:20:00.000+05:30इस गीत को सुने एक समय बीता था..आज फिर से सुना कर आ...इस गीत को सुने एक समय बीता था..आज फिर से सुना कर आपने ध्न्य किया. बहुत साधुवाद, मनीष भाई. कहीं घुमने नहीं जा रहे फिर से-यात्रा वृतांत बहुत सालिड लिखते हैं आप...लगता है आपको तो स्पान्सर्ड टूर होना चाहिये. वैसे अन्यथा न लें बाकि भी आप अच्छा लिखते हैं :) :)<br />दो स्माईली हाजिर हैं.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com