tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post8280500288210906717..comments2024-03-27T11:21:05.807+05:30Comments on एक शाम मेरे नाम: एक नौकरानी की डॉयरी : क्या आपने पढ़ी है कभी उनके मन की बात ? Ek Naukarani ki Diary Krishna Baldev VaidUnknownnoreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-61077879338821412342018-09-25T17:27:05.328+05:302018-09-25T17:27:05.328+05:30पढुंगा पढुंगा drhadi.masoomhttps://www.blogger.com/profile/05039313238318412560noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-54281696008389633872017-08-01T11:43:20.094+05:302017-08-01T11:43:20.094+05:30Very nice Very nice Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/03618701489227357256noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-46693263506048857342014-09-14T17:05:35.907+05:302014-09-14T17:05:35.907+05:30नौकरानी के आत्मसम्मान को दर्शाती बहुत अच्छी पोस्ट....नौकरानी के आत्मसम्मान को दर्शाती बहुत अच्छी पोस्ट...Jyoti Dehliwalhttps://www.blogger.com/profile/07529225013258741331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-26028009478727595892014-09-14T15:19:07.809+05:302014-09-14T15:19:07.809+05:30सच बात .. हम व्यक्ति के श्रम को मान नहीं देते ! कम...सच बात .. हम व्यक्ति के श्रम को मान नहीं देते ! कम पैसे वाला आदमी हमारे समाज की द्रष्टि मे छोटा आदमी होता है! व्यक्ति को आंकने का नजरिया बहुत अमानवीय है हमारे समाज में !Pallavi Trivedihttps://www.facebook.com/pallavi.trivedi.3noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-60774378894358187512014-09-11T14:16:51.538+05:302014-09-11T14:16:51.538+05:30मैंने पढ़ी है ये किताब....बहुत अच्छी लगी।मैंने पढ़ी है ये किताब....बहुत अच्छी लगी।रश्मि शर्माhttps://www.blogger.com/profile/04434992559047189301noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-56568597526537236632014-09-10T23:48:07.203+05:302014-09-10T23:48:07.203+05:30कितनी सहजता से लिखीं हैं बातें...बेहद सटीक...
खुद ...कितनी सहजता से लिखीं हैं बातें...बेहद सटीक...<br />खुद सुनती हूँ अपने आस पास ऐसा ही कुछ..<br />बढ़िया पोस्ट...<br />किताब पढूंगी ज़रूर !<br /><br />शुक्रिया<br />अनु ANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-47642003898479130252014-09-10T22:48:00.478+05:302014-09-10T22:48:00.478+05:30"सबसे बड़ी बात की उसके अंदर भी एक आत्मसम्मान क...<i>"सबसे बड़ी बात की उसके अंदर भी एक आत्मसम्मान की भावना है जिसे हम जानते तो हैं पर उसे तोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ते"</i><br /><br />बहुत अच्छी पोस्टShaily Sharmahttps://www.facebook.com/shaily.sharmanoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-15823451119648522682014-09-10T19:40:56.047+05:302014-09-10T19:40:56.047+05:30मनीष जी,‘नौकरानी की डायरी’ने तो दिल को छू लिया।आशा...मनीष जी,‘नौकरानी की डायरी’ने तो दिल को छू लिया।आशा करती हूँ इस किताब के जरिये लोगों की सोंच कुछ हद तक बदल जाये।इस पोस्ट को साझा करने के लिए धन्यवाद।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/13127771927292993754noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-86984386581314139112014-09-10T18:57:27.383+05:302014-09-10T18:57:27.383+05:30सही है ... हममें ये सोच विकसित होनी चाहिएसही है ... हममें ये सोच विकसित होनी चाहिएअर्चना चावजीhttps://www.facebook.com/archana.chaojinoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-43128658786067128692014-09-10T18:56:34.817+05:302014-09-10T18:56:34.817+05:30अनूप जी शुक्रिया ! जानकर अच्छा लगा।
मीनाक्षी जी व...अनूप जी शुक्रिया ! जानकर अच्छा लगा।<br /><br />मीनाक्षी जी वक़्त के साथ कुछ बदलाव तो आ रहा है ..पर हमें अभी अपनि सोच को उस स्तर तक लाने के लिए लंबा फासला तय करना है।<br /><br />Prashant इस किताब को पढ़कर आपने भी वैसा ही महसूस किया जानकर खुशी हुई।<br /><br />अर्चना जी ये किताब हमें उल्टे नज़रिए से अपनी ओर देखने के लिए बाध्य करती है।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-71065871233961768772014-09-10T18:49:05.575+05:302014-09-10T18:49:05.575+05:30जाना किताब के बारे में , मन हुआ कि कभी मिले तो खरी...जाना किताब के बारे में , मन हुआ कि कभी मिले तो खरीदूंगीअर्चना चावजीhttps://www.facebook.com/archana.chaojinoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-12964596481856815762014-09-10T18:47:39.814+05:302014-09-10T18:47:39.814+05:30अनूप जी जब पहली बार मिले थे तब उन्होंने भेंट दी थी...अनूप जी जब पहली बार मिले थे तब उन्होंने भेंट दी थी.. आपके लिखे से सहमत हूँ इस किताब के बारे में.Prashant Priyadarshihttps://www.facebook.com/prashant.pdnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-52296502246051419702014-09-10T12:19:58.630+05:302014-09-10T12:19:58.630+05:30शुक्रिया टिवटर का जिसके ज़रिए यहाँ पहुँचे...इतनी बढ...शुक्रिया टिवटर का जिसके ज़रिए यहाँ पहुँचे...इतनी बढिया समीक्षा को पढ़कर इच्छा है कि पूरा उपन्यास पढ़ा जाए...नौकरानी के चरित्र का गहन चित्रण प्रभावित करता है..वक्त इस सोच को बदलने में कामयाब हो यही कामना है ! मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-78896497142717815182014-09-10T06:47:18.976+05:302014-09-10T06:47:18.976+05:30हां हमने पढी है यह किताब! किताब के बारे में अच्छा ...हां हमने पढी है यह किताब! किताब के बारे में अच्छा लिखा है! अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.com