tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post836747335246533192..comments2024-03-27T11:21:05.807+05:30Comments on एक शाम मेरे नाम: वार्षिक संगीतमाला 2014 पायदान # 13 : गुलों मे रंग भरे, बाद-ए-नौबहार चले.. Gulon Mein Rang BhareUnknownnoreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-7219756543757327792015-03-02T19:46:45.442+05:302015-03-02T19:46:45.442+05:30सुनते हुए भी पुरानी ही याद आ रही है , मगर नयापन भी...सुनते हुए भी पुरानी ही याद आ रही है , मगर नयापन भी है ...Archana Chaojihttps://www.blogger.com/profile/16725177194204665316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-55699848612478823672015-02-09T11:52:23.311+05:302015-02-09T11:52:23.311+05:30कंचन शायद आपने पोस्ट नहीं पढ़ी जब ग़ज़ल फिल्म में ...कंचन शायद आपने पोस्ट नहीं पढ़ी जब ग़ज़ल फिल्म में थी ही नहीं तो आप देखती कैसे !:)<br /><br />सुमित पॉडकास्ट पसंद करने के लिए हार्दिक आभार!Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-8738271941075559602015-02-09T11:50:08.265+05:302015-02-09T11:50:08.265+05:30अंकित : विशाल की आवाज़ में ये ग़ज़ल कैसी लगती ये त...अंकित : विशाल की आवाज़ में ये ग़ज़ल कैसी लगती ये तो मुझे पता नहीं पर अरिजित ने ठीक ठाक कोशिश की है। बाकी अरिजित ने इस साल अपनी गायिकी में जिस विविधता का परिचय दिया है वो तो काबिलेतारीफ़ है ही।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-25474718441377366972015-02-08T01:54:38.634+05:302015-02-08T01:54:38.634+05:30मूवी देखते समय पता नहीं कैसे ध्यान नहीं दिया... बह...मूवी देखते समय पता नहीं कैसे ध्यान नहीं दिया... बहुत सुंदर..कंचन सिंह चौहानhttps://www.blogger.com/profile/12391291933380719702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-39811246037540303082015-02-04T13:07:24.849+05:302015-02-04T13:07:24.849+05:30जब पहली दफ़ा हैदर में अरिजित द्वारा गाई ये ग़ज़ल सुनी...जब पहली दफ़ा हैदर में अरिजित द्वारा गाई ये ग़ज़ल सुनी तो अरिजित की आवाज़ बहुत कच्ची लगी, वो लगती भी क्यों न, आखिरकार जिस ग़ज़ल को मेहंदी हसन साहब की आवाज़ में कई मर्तबा सुना हो उसे दूसरी किसी आवाज़ में सुनना शुरुआत में थोड़ा अटपटा तो लगेगा ही। लेकिन जब रिवाइंड कर कुछ एक बार सुना तो ठीक लगने लगी। <br />हालाँकि मुझे ऐसा लगता है कि अगर स्वयं विशाल अपनी आवाज़ इस ग़ज़ल को देते तो शायद असर कुछ और बढ़ता। बहरहाल जो Ankithttps://www.blogger.com/profile/08887831808377545412noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-40325487793375038032015-01-31T23:02:24.601+05:302015-01-31T23:02:24.601+05:30Wah! Arigit Singh.
Aaj ja ke suna aapka podcast. ...Wah! Arigit Singh.<br /><br />Aaj ja ke suna aapka podcast. Speechless.Sumithttps://www.blogger.com/profile/05871213787848120659noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-85640638712268569082015-01-31T00:59:18.971+05:302015-01-31T00:59:18.971+05:30लोरी व राजेश गोयल जी आप दोनों को अरिजित की गाई ये ...लोरी व राजेश गोयल जी आप दोनों को अरिजित की गाई ये ग़ज़ल और उससे जुड़ा मेरा आलेख पसंद आया जान के प्रसन्नता हुई।<br /><br />अरिजित के बारे में आपके कथन से सहमत हूँ राजेश जी<br />Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-60423711777072024842015-01-27T19:56:42.754+05:302015-01-27T19:56:42.754+05:30"गुलों में रंग भरे बाद ए नौबहार चले" ये..."गुलों में रंग भरे बाद ए नौबहार चले" ये ग़ज़ल मुझे उस समय से बेहद पसंद है जब इसके मायने भी मुझे पता नहीं थे । मगर आज आपकी बदौलत इस ग़ज़ल को अरिजित की आवाज़ में एक अलग ही अंदाज़ में सुनने का अवसर मिला और यकीन मानिये अरिजित का अंदाज ए बयां भी बेहद पसंद आया । खासतौर पर कहीं कहीं अरिजीत की आवाज़ की बेहद हल्की सी भर्राहट ग़ज़ल को एक अलग ही मक़ाम अता कर जाती है । एक बेहद उम्दा ग़ज़ल को एक अलगAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-24770698.post-39743527260295453492015-01-27T19:28:14.947+05:302015-01-27T19:28:14.947+05:30बहुत ख़ूबसूरती से " हैदर " के साथ आप &quo...बहुत ख़ूबसूरती से " हैदर " के साथ आप "<br />"गुलों में रंग भरे ………… " की भी समीक्षा कर गए। <br />आपके नज़रिये का जवाब नहीं ……… <br />मुझे बड़ा सुकून मिलता है इस ब्लॉग पर।lorihttps://www.blogger.com/profile/03402492232277005688noreply@blogger.com