बुधवार, जुलाई 30, 2025

वार्षिक संगीतमाला 2024 Top 25: इश्क़ है ये इश्क़ है Mismatched

वार्षिक संगीतमाला की अगली पायदान पर गाना वो जिसका एक हिस्सा कव्वाली है तो दूसरा हिस्सा ठुमरी की शक्ल में है और इन हिस्सों के बीच में इश्क़ से इबादत का सफ़र तय करता एक रूमानी गीत भी है। ये गीत है "इश्क़ है ये इश्क़ है...."। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि OTT पर Mismatched Season III में सम्मिलित ये गीत Spotify के वॉयरल गीतों की सूची में कई दिनों तक अव्वल नंबर पर बना रहा था। ज़ाहिर है Gen Z ने इस गीत को हाथों हाथ लिया था। 

राजशेखर ने इस गीत को लिखा पहले और फिर अनुराग ने इसकी धुन बनाई। इसी सीरीज़ के पिछले सत्र में उन्होंने एक नज़्म ऐसे क्यूँ लिखी थी जो काफी सराही गई थी। राजशेखर की इस बात पर मैं भी यकीं करता हूँ कि कव्वाली या ग़ज़ल का युग चला गया ये गलत सोच है। दरअसल बहुत निर्माता निर्देशक भ्रम पाल लेते हैं कि ऐसे जोनर नहीं चलेंगे पर सच ये है कि अगर कोई गीत कथ्य के अनुरूप पूरी ईमानदारी से बनाया जाता है तो नव युवा से प्रौढ़ जनता के बीच श्रोताओं का एक बड़ा वर्ग उसे मन से स्वीकार करता है। 


जहाँ तक मेरी पसंद का सवाल है तो मुझे इस गीत का सबसे प्यारा हिस्सा लगी राग नंद पर आधारित मधुबंती बागची की गायी ठुमरी जिसे अलग से ना जाने मैं कितनी ही बार सुन चुका हूँ। साथ ही इस गीत की दूसरी खासियत रही इश्क़ को सूफियत के रंग में रँगने वाले राजशेखर के लिखे बेहतरीन बोल। जब भी मैं किसी फिल्म में बतौर गीतकार राजशेखर का नाम देखता हूँ तो ये आशा बँध जाती है कि फिल्म के गीतों में कविता की एक धारा बहती जरूर दिखाई देगी। चाहे वो मीरा का भक्ति राग हो या सूफी संतो की वाणी, इश्क़ के आसमानी सफ़र की अंतिम मंजिल एक ही है और इसीलिए राजशेखर कया खूब लिखते हैं...

बरसी है मुझ पे मेहर आसमानी, मोहब्बत का देखो असर आसमानी
पैरों के नीचे ज़मीं उड़ रही है, है इश्क़ में हर सफ़र आसमानी

गीत की शुरुआत कव्वाली से होती है जिसकी शब्द रचना जानदार है। पर राग देश पर आधारित मुखड़े में संगीतकार अनुराग सैकिया की धुन को सुनकर एक डेजा वू का अहसास होता है मानो वो उतार चढाव पहले भी किसी गीत में सुने से हों। कव्वाली में रोमी की गायिकी में सुकून कम शोर ज्यादा सुनाई देता है पर सुकून की इस कमी को वरुण जैन की मखमली आवाज़ और मधुबंती बागची की ठुमरी पूरा कर देती है। राग नंद या नंद कल्याण से मेरा प्रेम तबका है जब मैंने इस पर आधारित एक ठुमरी अज हूँ न आए श्याम, बहुत दिन बीते सुनी थी। मधुबंती की आवाज़ एक अलग ही बुनावट लिए हुए है और उसमें इस बंदिश "मोपे ये करम भी कीजे...लागे नहीं तुम बिन जियरा...ऐसी बेखुदी ही दीजे ...मोपे ये करम भी कीजे" सुनना मन को प्रेम और सुकून से भर देता है। 

तो चलिए पूरे गीत को सुनने से पहले ये टुकड़ा आपको सुनवाता चलूँ




देखो तो क्या ही बात है, कमबख्त इस जहां में
ये इश्क़ है जिसने इसे रहने के काबिल कर दिया

रौशनी ही रौशनी है चार-सू जो चार-सू
इश्क़ है ये इश्क़ है इश्क़ है इश्क़ है
जो छुपा है हर नज़र में हर तरफ जो रूबरू
इश्क़ है ये इश्क़ है इश्क़ है इश्क़ है

तुमसे मिले तो कुछ गुनगुनी सी होने लगी है सर्दियां
तुमसे मिले तो देखो शहर में खिलने लगी हैं वादियां
साया मेरा है तू और मैं तेरा
तू दिखे या ना दिखे तू तेरी खुशबू कूबकू
इश्क़ है ये इश्क़ है इश्क़ है इश्क़ है

कोई कहता इश्क़ हमें आबाद करता है
कोई कहता इश्क़ हमें बर्बाद करता है
जेहन की तंग दीवारों से उठकर
मैं कहता हूं इश्क़ हमें आज़ाद करता है

मोपे ये करम भी कीजे
मोपे ये करम भी कीजे
लागे नहीं तुम बिन जियरा
ऐसी बेखुदी ही दीजे ़़मोपे ये करम भी कीजे

हाँ.. साया मेरा हो तू और मैं तेरा
ये ही मेरी वहशतें हैं ये ही मेरी जुस्तजू
इश्क़ है ये इश्क़ है इश्क़ है इश्क़ है

बरसी है मुझ पे मेहर आसमानी, मोहब्बत का देखो असर आसमानी
पैरों के नीचे ज़मीं उड़ रही है, है इश्क़ में हर सफ़र आसमानी
तुमसे मिले तो बैठे बिठाए, छूने लगे हैं आसमां
तुमसे मिले तो छोटा सा किस्सा, बनने को है एक दास्तां

ये ही गीत का पूरा ऑडियो

मिसमैच्ड की कहानी किशोरावस्था से युवावस्था की ओर बढ़ते युवाओं की है जिन्हें रिश्ते इसी इश्क़ की बुनियाद पर पल बढ़ तो कभी बिखर रहे हैं।
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6 टिप्पणियाँ:

Swati Gupta on जुलाई 31, 2025 ने कहा…

सूफी रंग में रंगा गीत.. साथ ही कव्वाली और ठुमरी का अनोखा मेल... वाकई बेहतरीन गाना है।
जिस तरह से आजकल के गीतकार और संगीतकार सूफी और शास्त्रीय संगीत को अपने गीतों में प्रयोग कर रहे हैं तो क्या यह माना जाए कि वो संगीत का पुराना वाला दौर वापस आएगा

Manish Kumar on जुलाई 31, 2025 ने कहा…

Swati Gupta कई नए निर्देशक तो गीतों को फिल्म की कहानी में एक व्यवधान की तरह मानते हैं। इसलिए हिंदी फिल्मों में उस दौर को लौटता मैं नहीं देख पा रहा हूं। हां स्वतंत्र संगीत और ओटीटी में हर तरह के संगीत को पनपने की प्रबल संभावना है क्योंकि वहां लीक से हट कर चलने की हिम्मत है।

Manish on जुलाई 31, 2025 ने कहा…

बहोत खूबसूरत...वैसे क़व्वाली सुनना मुझे बेहद पसंद है...और मधुबन्ति कि आवाज़ में मो पे ये करम भी कीजे...सच मे बहोत खूबसूरत है❗🥰❤️

Manish Kumar on जुलाई 31, 2025 ने कहा…

Manish हां ठुमरी का हिस्सा थोड़ा सा पर बेहद सुकून देने वाला है।

Raj Shekhar on जुलाई 31, 2025 ने कहा…

Bahut shukriya Manish ji. Itne pyaar se gaane ke bare men likhne ke liye.
Aapko yah jaankar khushi hogi ke ishq hai qareeb 3 mahino tak Spotify par no 1 song tha.

Manish Kumar on जुलाई 31, 2025 ने कहा…

वाह क्या बात है। युवा पीढ़ी आपके गीतों पर झूम रही है। ये सफ़र यूं ही चलता रहे यही मेरी शुभकामना है🙂

 

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