बचपन से किशोरावस्था तक रेडिओ मेरे जीवन का अभिन्न अंग रहा है। बीबीसी वर्ल्ड सर्विस का Sports Round Up हो या रेडिओ सीलोन की सिबाका गीत माला , विविध भारती का हवा महल हो या आकाशवाणी पटना का खदेड़न को मदर... ये सब के सब कार्यक्रम एक समय में हमारी दिनचर्या का हिस्सा होते थे। और शायद ऐसे ही कुछ कार्यक्रम आपके भी पसंदीदा रहे होंगे...
रेडियो से जुड़ी यादों और आज के समय में उसके महत्त्व पर विचारों को बाँटने के लिए एक सामूहिक चिट्ठा बनाया गया है रेडियोनामा । आप भी उससे जुड़ सकते हैं बशर्ते रेडियो ने आपके जीवन को भी किसी ना किसी रूप में छुआ हो और आप अपने विचारों को हम सब के साथ बाँटने को इच्छुक हों।
इसी सिलसिले में १९७९ के ओवल क्रिकेट टेस्ट के दौरान आँखों देखा हाल सुनाने वाले सुशील दोशी से जुड़ी कुछ यादें बाँटी हैं मैंने रेडियोनामा पर जो आप यहाँ पढ़ सकते हैं।
सीता जलप्रपात राँची का अनसुना पर खूबसूरत जलप्रपात Sita Falls, Ranchi
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रांची को जलप्रपातों का शहर कहा जाता है। हुंडरू, दशम, जोन्हा, पंचघाघ, हिरणी
और सीता जैसे ढेर सारे छोटे बड़े झरने बरसात के बाद अगले वसंत तक अपनी रवानी
में ...
4 दिन पहले
5 टिप्पणियाँ:
मजा आया पढ़कर. जल्द ही जुड़ते हैं आपके आदेशानुसार- कोशिश करके. :)
जी बिलकुल, आपके चुटीले अंदाज में रेडियों से जुड़ी यादें पढ़ना मज़ेदार होगा।
मनीष जी आप मुझे कैसे भूल गए आप radio की महफ़िल जमाये और हम न आए हो नही सकता
देख लिए हैं रेडियोनामा भी, पढ़ भी रिये हैं जब से शुरु हुआ! ;) मेरे लिए रेडियो का प्रयोग कोई खास नहीं रहा है, पर यदा कदा मोबाइल में मौजूद FM से किसी स्टेशन को लगा गाने आदि सुन टाईमपास अवश्य किया है। :)
सजीव भाई और अमित आपका स्वागत है रेडियोनामा में।
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