तो दोस्तों वक़्त आ गया है वार्षिक संगीतमाला 2011 के पच्चीस गीतों की उल्टी गिनती शुरु करने का। गीतमाला की पच्चीस वीं पॉयदान पर है फिल्म 'हम तुम शबाना' का एक हल्का फुल्का नुग्मा जिसमें दो आशिक बहलाने की कोशिश कर रहे हैं अपनी महबूबा को।
इस तरह के गाने कॉलेज के ज़माने में यार दोस्तों की खिंचाई करने में बड़े काम आते थे। जहाँ पता लगता कि अमुक बालक अमुक कन्या से सेंटी तो है पर कुछ कह ना पाने के दर्द से लाचार है तो ऐसे गाने काम में लिये जाते। बस उधर से कन्या बालक के साथ आती दिखी और इधर से समवेत कोरस शुरु। मसलन सागर किनारे 'बालक' पुकारे 'उस कन्या' के बिना उसका कोई नहीं है। अब अगर आपके साथ भी परिस्थिति रूठने मनाने की हो तो समीर के लिखे इस गीत में शबाना की जगह अपनी उन का नाम जोड़िए और हो जाइए शुरु
भोली भोली आँखों में नाराज़गी है क्यूँ
मीठी मीठी बातों में ये बेरुखी है क्यूँ
खोए खोए ना रहो,गुमसुम रहो ना यूँ
जान ले तू जान ले Girl I am in love with you
हे ना ना ना शबाना ऐसे रूठो ना
हे ना ना ना शबाना मुस्कुराओ ना
हे ना ना ना सजा ले होठों पे हँसी
हे ना ना ना बन जाएगी मेरी ज़िंदगी
वाकई क्या अंदाज है इस मान मुन्नवल का...
नवोदित संगीतकार सचिन जिगर के संगीतबद्ध इस गीत को गाया है राघव माथुर ने।
अब राघव माथुर कहने को तो देशी नाम है पर हैं ये कनाडा के निवासी। तीस वर्षीय पॉप गायक माथुर अमेरिका व यूके में खासी लोकप्रियता अर्जित कर चुके हैं। वर्ष 2004 में यूके टॉप टेन की लिस्ट में राघव के तीन गीत "So Confused", "Can't Get Enough" and "It Can't Be Right बजे। 2005 में उनका सोलो 'Angel Eyes' भी खूब चला। राघव की आवाज़ यहाँ के गायकों से अलग तो है पर आगे कितनी चल पाएगी ये तो वक़्त ही बताएगा। वैसे उनकी शुरुआत तो अच्छी हुई है। तो आइए सुनें ये गीत
फिल्म में ये गीत फिल्माया गया है तुषार कपूर, मिनिस्हा लांबा और श्रेयस तलपड़े पर
