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रविवार, जनवरी 05, 2020

वार्षिक संगीतमाला 2019 Top 25 : ये जो हो रहा है Ye Jo Ho Raha Hai

हिंदी फिल्मों में ऐसे बहुत सारे गीत होते हैं जो फिल्म के एलबम में तो होते हैं पर पूरी फिल्म बनते बनते संपादन के दौरान बाहर छिटक जाते हैं। आज का गीत एक ऐसा ही गीत है जिसे लिखा रश्मि विराग ने, धुन बनाई विनय राम तिवारी ने और गाया है ज्योतिका टांगरी ने। 


ये फिल्म थी घोस्ट जिसके बारे में मैं पहले ही कह चुका हूँ कि अलग अलग संगीतकारों द्वारा बनाए इस एलबम के कई गीत मधुर बन पड़े हैं। रश्मि विराग की जोड़ी अपने प्यारे बोलों से पहले भी मुझे प्रभावित करती रही है। किसी के लिए बढ़ रही नज़दीकियों को वो सहजता से कुछ यूँ बयाँ करते हैं कि  

ये जो हो रहा है, कुछ पता नहीं है
दिल धड़क रहा है, आँखों में नमी है
अगर प्यार है ये, तो होने दो इसको
अगर ख़्वाब है ये, तो सोने दो हमको

गीत के अंतरे भी प्रेम के मुलायम अहसासों से लबरेज़ हैं। इस साल का गुमनाम सा ये गीत अगर गीतमाला मैं है तो उसकी मुख्य वज़ह रश्मि विराग के रूमानी बोलों को विनय राम तिवारी की बेहद मधुर धुन का मिला साथ है। दो तीन बार सुन लेने के बाद इस गीत को बार बार गुनगुनाने की इच्छा करती है। मतलब ये कि विनय की धुन एक जल्दी मन में चढ़ने वाली धुन है। हिंदी फिल्म संगीत के लिए विनय एक नए नाम नहीं हैं। एक ज़माने में उन्होंने निखिल कामथ के साथ जोड़ी बनाकर दर्जनों फिल्मों में संगीत दिया था। पन्द्रह साल साथ काम करके ये जोड़ी टूट गयी। विनय अब लंदन में रहते हैं और इस साल उन्होंने आमेजन के लिए एक फिल्म  Forever भी निर्देशित की और उसके कुछ  गानों में संगीत भी दिया है ।

ज्योतिका टांगरी, असीस कौर और ध्वनि भानुशाली कुछ ऐसी गायिकाएँ हैं जिन्होंने पिछले साल काफी काम पाया है। पार्श्व गायन में हर साल मैं देखता हूँ कि कुछ नए नाम होते हैं जिन्हें बहुत सारी फिल्मों में काम मिलता है पर इनमें से बहुत कम ही बड़े बैनर की फिल्में होती हैं।

इस गीत की तरह ही ज्योतिका ने हॉफ गर्लफ्रेंड का मैं फिर भी तुझको चाहूँगी गाया था जो अंततः फिल्म में शामिल नहीं हुआ। हालांकि शादी में जरूर आना के गीत पल्लो लटके ने उन्हें ज़ी सिने एवार्ड जरूर दिला दिया। इस रूमानी गीत को भी उन्होंने भली भांति निभाया है। 

ये जो हो रहा है, कुछ पता नहीं है
दिल धड़क रहा है, आँखों में नमी है
ये जो हो रहा है...
अगर प्यार है ये, तो होने दो इसको
अगर ख़्वाब है ये, तो सोने दो हमको
ये जो हो रहा है...

तुम्हें देखते रहना, कुछ ना कहना
आदत बन गयी
जिस दिन ना दिखो तो जान की 
आफ़त बन गयी
राहें सब हमारी
तुम पे आ कर के थम गयी
ये जो हो रहा है...

इक चाँद का टुकड़ा आ गिरा है
पलकों पे मेरी
ये वक़्त मेहरबाँ हो गया है
हालत पे मेरी
जब से आ गये हो
रहने बाहों में तुम मेरी
ये जो हो रहा है...

इस गिटार प्रधान धुन में मुखड़े के पहले गिटार को साथ मिलता है सेक्सोफोन सदृश वाद्य का जबकि इंटरल्यूड में इलेक्ट्रिक गिटार का प्रयोग हुआ है। गीत में  गिटार (acoustic) की शब्दों के साथ होती टुनटुनाहट भली लगती है। सुनिए आज इस मधुर गीत को यहाँ..

वार्षिक संगीतमाला 2019 
01. तेरी मिट्टी Teri Mitti
02. कलंक नहीं, इश्क़ है काजल पिया 
03. रुआँ रुआँ, रौशन हुआ Ruan Ruan
04. तेरा साथ हो   Tera Saath Ho
05. मर्द  मराठा Mard Maratha
06. मैं रहूँ या ना रहूँ भारत ये रहना चाहिए  Bharat 
07. आज जागे रहना, ये रात सोने को है  Aaj Jage Rahna
08. तेरा ना करता ज़िक्र.. तेरी ना होती फ़िक्र  Zikra
09. दिल रोई जाए, रोई जाए, रोई जाए  Dil Royi Jaye
10. कहते थे लोग जो, क़ाबिल नहीं है तू..देंगे वही सलामियाँ  Shaabaashiyaan
11 . छोटी छोटी गल दा बुरा न मनाया कर Choti Choti Gal
12. ओ राजा जी, नैना चुगलखोर राजा जी  Rajaji
13. मंज़र है ये नया Manzar Hai Ye Naya 
14. ओ रे चंदा बेईमान . बेईमान..बेईमान O Re Chanda
15.  मिर्ज़ा वे. सुन जा रे...वो जो कहना है कब से मुझे Mirza Ve
16. ऐरा गैरा नत्थू खैरा  Aira Gaira
17. ये आईना है या तू है Ye aaina
18. घर मोरे परदेसिया  Ghar More Pardesiya
19. बेईमानी  से.. 
20. तू इतना ज़रूरी कैसे हुआ? Kaise Hua
21. तेरा बन जाऊँगा Tera Ban Jaunga
22. ये जो हो रहा है Ye Jo Ho Raha Hai
23. चलूँ मैं वहाँ, जहाँ तू चला Jahaan Tu chala 
24.रूह का रिश्ता ये जुड़ गया... Rooh Ka Rishta 

सोमवार, फ़रवरी 05, 2018

वार्षिक संगीतमाला 2017 पायदान # 14 : ले जा मुझे साथ तेरे, मुझको ना रहना साथ मेरे. Tere Mere

वार्षिक संगीतमाला की अगली सीढ़ी पर इस साल पहली बार प्रवेश कर रही है संगीतकार अमाल मलिक और गायक अरमान मलिक की जोड़ी। पिछले कुछ सालों में भाइयों की इस जोड़ी ने अलग अलग गीतकारों के साथ कुछ कमाल के गीत दिए हैं। पर जब जब रश्मि विराग यानि रश्मि सिंह और विराग मिश्रा की युगल गीतकार जोड़ी के साथ इन्होंने काम किया है बात कुछ और बनती नज़र आई है। 2016 में इनकी ही तिकड़ी ने मैं रहूँ या ना रहूँ तुम मुझमें कहीं बाकी रहना जैसा कमाल का गीत हम श्रोताओं को दिया था। इसके आलावा बोल दो, ना ज़रा, खामोशियाँ, मुस्कुराने की वज़ह तुम हो जैसे लोकप्रिय गीतों में भी ये टीम शामिल थी।



पिछले साल अक्टूबर में आयी सैफ़ अली खाँ की फिल्म शेफ में यही तिकड़ी एक बार फिर साथ आई। संगीतकार अमाल मलिक को जातीय तौर पर इस गीत से बहुत लगाव है। वो कहते हैं कि पिछले कुछ दिनों से उनकी ज़िदगी में जो अनुभव हुए उसका ही कुछ निचोड़ इस गीत में उभर के आया है।

गीतकार विराग मिश्र इस गीत में जो भाव पैदा कर सके हैं उसका वो बराबर का श्रेय अमाल को देते हैं। ये गीत उन्होंने अमाल के साथ मिल कर लिखा । अमाल के मन में एकदम साफ था कि वो गीत के शब्दों में कौन से भाव उत्पन्न करना चाहते हैं। संगीतकार अपने विचारों में इतना स्पष्ट हो तो ये एक चुनौती होती है गीतकार के लिए कि वो अपनी लेखनी से संगीतकार के जज़्बातों को शब्द दे सके।

विराग मिश्र और अमाल मलिक

ये गीत उस परिस्थिति को बयाँ करता है जब दो चाहने वाले हालात, अहम और गलतफहमियों के कुचक्र में फँसकर अलग हो जाते हैं।  गीत की पंक्ति ना तू ग़लत, ना मैं सही सुनते हुए मुझे येशेर याद आ जाता है..

कुछ तुमको भी अज़ीज़ हैं अपने सभी उसूल
कुछ हम भी इत्तिफाक़ से जिद के मरीज हैं

लेकिन अकेले रहकर नायक समझ पाता है कि उसे अपने हमसफ़र की कितनी ज्यादा जरूरत है। इसलिए विराग लिखते हैं ले जा मुझे साथ तेरे, मुझको ना रहना साथ मेरे.. । बड़ी सहज पर दिल को छूने वाली पंक्तियाँ हैं ये। गीत के अंतरों  में विरह की मानसिक पीड़ा का चित्रण तो है ही, साथ ही ये उम्मीद भी कि राहों  से भटके हुए प्रेमी फिर मिलेंगे। 

अमाल खुद इस गीत के संगीत  संयोजन को पश्चिम और पूर्व का संगम मानते हैं। इस गीत को संगीतबद्ध करते समय उन्हें लगा कि इसमें एक भारतीयता होनी चाहिए और उसे उन्होंने Soft Rock Country Music वाली आवाज़(जिसे वे ख़ुद भी काफी पसंद करते हैं) से मिलाने की कोशिश की।गीत के प्रील्यूड में गिटार की टुनटुनाहट बड़ी प्यारी लगती हे और वो रह रह के पूरे गीत में आ आ कर कानों को सुकून देती हैं। गीत के बोलों के साथ ढोलक और सुराही जैसे ताल वाद्य संगत देते हैं। वहीं इंटरल्यूड्स में एक बार बाँसुरी की धुन भी उभर कर आती है। तो सुनिए अरमान मलिक की आवाज़ में ये नग्मा...

तेरे मेरे दरमियाँ हैं बातें अनकही
तू वहाँ है मैं यहाँ क्यूँ साथ हम नहीं
फैसले जो किये, फासले ही मिले
राहें जुदा क्यूँ हो गयी, ना तू ग़लत, ना मैं सही
ले जा मुझे साथ तेरे, मुझको ना रहना साथ मेरे..
ले जा मुझे.. ले जा मुझे..

थोड़ी सी दूरियाँ हैं थोड़ी मजबूरियाँ हैं
लेकिन है जानता मेरा दिल
हो.. इक दिन तो आएगा जब तू लौट आयेगा तब
फिर मुस्कुराएगा मेरा दिल सोचता हूँ यहीं
बैठे बैठे यूँ ही
राहें जुदा क्यूँ हो गयी  ले जा मुझे.. ले जा मुझे..

यादों से लड़ रहा हूँ, खुद से झगड़ रहा हूँ
आँखों में नींद ही नहीं है हो..
तुझसे जुदा हुए तो लगता ऐसा है मुझको
दुनिया मेरी बिखर गयी है
दोनों का था सफ़र, मंजिलों पे आकर
राहें जुदा क्यूँ हो गयी  ले जा मुझे.. ले जा मुझे..

सुन मेरे ख़ुदा, बस इतनी सी मेरी दुआ
लौटा दे हमसफ़र मेरा, जाएगा कुछ नहीं तेरा
तेरे ही दर पे हूँ खड़ा, जाऊँ तो जाऊँ मैं कहाँ
तकदीर को बदल मेरी मुझपे होगा करम तेरा..





वार्षिक संगीतमाला में अब तक

15. ये मौसम की बारिश... ये बारिश का पानी
16.  मेरे रश्के क़मर तूने पहली नज़र
17. सपने रे सपने रे
18. कि चोरी चोरी चुपके से चुपके से रोना है ज़रूरी 
19. नज़्म नज़्म 
20 . मीर ए  कारवाँ  
21. गुदगुदी गुदगुदी करने लगा  हर नज़ारा 
22. दिल उल्लू का पठ्ठा है 
23. स्वीटी  तेरा ड्रामा 
24. गलती से mistake 
25 .तेरी मेरी इक कहानी है

शुक्रवार, मई 06, 2016

मैं रहूँ या ना रहूँ ...तुम मुझ में कहीं बाकी रहना Main Rahoon Ya Na Rahoon

अंग्रेजी गानों की तरह बाजार में म्यूजिक वीडियो उतारने का सिलसिला बहुत पुराना नहीं है।  एक दशक पहले की ही तो बात है हीमेश रेशमिया के म्यूजिक एलबम को लोगों ने इतना हाथों हाथ लिया था कि शादी विवाह में जाना मुश्किल हो गया था । जहाँ देखो झलक दिखला जा...आ जा आ जा आ जा ख़ैर पागलपन का वो दौर साल भर चला और फिर थम सा गया। पर पिछले साल टी सीरीज ने सिंगल्स को नए तरीके से बाजार में निकाला। म्यूजिक वीडियो में कलाकार को ना तरज़ीह देकर बड़े बड़े अदाकारों को लिया गया। जाने माने निर्देशकों को फिल्म को शूट करने का काम मिला। गीतों को देख कर विश्वास ही नहीं हुआ कि ये किसी फिल्म के नहीं हैं।


ऐसा ही एक सिंगल रिलीज़ हुआ नवंबर में जो फिल्माया गया इमरान हाशमी और ईशा गुप्ता की जोड़ी पर। क्या बोल रचे रश्मि विराग की जोड़ी ने। हमारी अधूरी कहानीमें इनके लिखे गीतों ने काफी यश कमाया था। इस गीत में कितना हिस्सा रश्मि सिंह और कितना विराग मिश्रा का था ये तो वही जानते हैं पर गीतकार के साथ साथ  इस पति पत्नी की जोड़ी के लिखे गीतों में ये गीत मुझे सबसे बेहतरीन लगता है।


कितनी मासूमियत, कितनी पवित्रता, कितना अपनापन है इस गीत के बोलों में! कितना सलोना सा मुखड़ा रचा इन्होंने मैं रहूँ या ना रहूँ तु मुझ में कहीं बाकी रहना । जितना प्यारा मुखड़ा है उतनी ही नर्मी अंतरों में भी है। प्रकृति के रूपों में अपने हमदम को महसूस करने की बात उन्होंने तरह तरह से कही है। कभी बारिश, कभी धूप तो कभी हवाओं का सहारा ले के। एक बानगी देखिए....

हवाओं में लिपटा हुआ मैं 
गुज़र जाऊँगा तुमको छू के 
अगर मन हो तो रोक लेना 
ठहर जाऊँगा इन लबों पे

हाय ! ऐसे अंतरे को सुन के कौन ना मचल मचल जाए। वैसे प्रेम की परिणिति है ही वो स्थिति जहाँ कुछ नहीं कहते हुए भी अपने अंदर की भावनाओं के ज्वार को हम उन तक पहुँचा देते हैं इसलिए तो गीतकार ने लिखा है कुछ कहूँ  या ना  कहूँ...तुम मुझको सदा सुनते रहना.। रश्मि का ख़ुद अपने गीतों के बारे में कहना है
"मेरे गीत दर्द, प्यार और आशा का एक खुला ख़त है। मैं चाहती हूँ कि इन्हें हर कोई पढ़े। दुनिया से जाने के बाद लोग मेरे गीतों को याद रखें और उन्हें सुनकर मुस्कुराएँ। आप मेरे गीतों को उन तिनकों की तरह समझ सकते हैं जो मैंने आपके दिल रूपी सागर की तरफ फेंका  है। मैं रहूँ या ना रहूँ के ज़रिए बतौर लेखक मैंने बेहतर करने की कोशिश की है अपने आप को सहज, विनम्र और बेफिक्र रखते हुए।"
संगीतकार अमल मलिक (जो संगीतकार अनु मलिक के भतीजे हैं) कहते हैं कि जब मैंने रश्मि विराग के इन खूबसूरत शब्दों को सुना तो मुझे लगा कि इसमें गायक की आवाज़ को ही ऊपर रखना होगा गिटार, पियानो और बॉस को अंडरप्ले करते हुए। अमल की इस मधुर संगीत रचना ने रश्मि विराग के बोलों में एक नई जान फूँक दी और बाकी का काम तो उनके छोटे भाई अरमान मलिक ने अपनी गायिकी से बखूबी किया ही।



मैं रहूँ या ना रहूँ 
तुम मुझ में कहीं बाकी रहना 
मुझे नींद आये जो आखिरी 
तुम ख्वाबों में आते रहना
बस इतना है तुमसे कहना...
मैं रहूँ या ना रहूँ ...

किसी रोज़ बारिश  जो आये 
समझ लेना बूँदों  में मैं हूँ 
सुबह धूप तुमको सताए 
समझ लेना किरणों में मैं हूँ  

कुछ कहूँ  या ना  कहूँ 
तुम मुझको सदा सुनते रहना
बस इतना है तुमसे कहना...

हवाओं में लिपटा हुआ मैं 
गुज़र जाऊँगा तुमको छू के 
अगर मन हो तो रोक लेना 
ठहर जाऊँगा इन लबों पे

मैं दिखूँ  या ना दिखूँ 
तुम मुझको महसूस करना
मैं रहूँ या ना रहूँ 
तुम मुझ में कहीं बाकी रहना 

गीत के वीडियो की शूटिंग हुई गोवा में और इमरान और ईशा की जोड़ी को लोगों ने इस वीडियो में खासा पसंद भी किया । इमरान कहते हैं कि इस गीत की मेलोडी और बोल एक बार सुनते ही मैंने इसे करने की हामी निर्माता भूषण कुमार को दे दी थी। हाँ, पर एक मुगालता रह गया कि मेरी फिल्मों के उलट, यहाँ लड़की मुझे नहीं मिली।




 

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