इस संगीतमाला की शुरुआत में मैंने आपको हीमेश रेशमिया की फिल्म हैप्पी हार्डी और हीर के दो गाने सुनाए थे। पहला गीत था आदत और दूसरा तेरी मेरी कहानी । वे दोनों गीत तो बीस के नीचे की पायदानों पर सिमट गए थे।आज बारहवीं पायदान पर इस फिल्म का तीसरा और इस संगीतमाला में शामिल होने वाला आखिरी गीत ले कर आया हूँ जिसे गाया है अरिजीत सिंह और श्रेया घोषाल ने।
ये बात मैंने गौर की है कि प्रीतम की तरह ही हीमेश भी अपने गीतों में सिग्नेचर ट्यून का बारहा इस्तेमाल करते हैं। सिग्नेचर ट्यून मतलब संगीत का एक छोटा सा टुकड़ा जो पूरे गीत में बार बार बजता है। इन टुकड़ों की कर्णप्रियता इतनी ज्यादा होती है कि उसे एक बार सुन लेने के बाद आप उसके गीत में अगली बार बजने का इंतज़ार करते हैं।
एक खूबसूरत आलाप से ये गीत शुरु होता है और फिर पहले गिटार और उसी धुन का साथ देते तबले का जादू गीत के प्रति श्रोता का आकर्षण तेजी से बढ़ा देता है। सिग्नेचर ट्यून की तरह इस गीत की एक सिग्नेचर लाइन भी है जो हर अंतरे के बात लगातार दोहराई जाती है। वो पंक्ति है इश्क़ मेरा सरफिरा फ़साना ओ हीरिये मेरी सुन ज़रा, है इश्क़ मेरा सरफिरा फ़साना। इस गीत को लिखने वाले का नाम पढ़ कर मैं चकित रह गया। जी हाँ इस गीत को लिखा है संगीतकार विशाल मिश्रा ने जो संगीतमाला की पिछली पायदान पर गायक की भूमिका निभा रहे थे।
ओ हीरिये मेरी सुन ज़रा, है इश्क़ मेरा सरफिरा फ़साना
ओ हीरिये मेरी सुन ज़रा है इश्क़ मेरा सरफिरा फ़साना
है इश्क मेरा सरफिरा फ़साना
तेरी आँखों में हम अपनी ज़िन्दगी का हर एक सपना देखते हैं ओ रांझणा
ओ हीरिये मेरी सुन ज़रा है इश्क़ मेरा सरफिरा फ़साना
है इश्क मेरा सरफिरा फ़साना ...आ आ..
धूप में तुझसे ठंडक, सर्द में तुझसे राहत
रूह की तुम शिद्दत, आह की तुम चाहत
दवा दवा में तू है, ज़फा ज़फा में तू है
सफ़ा सफ़ा में तू है, मेरे ख़ुदा मेरे ख़ुदा
इश्क़ सोहबत जैसे वफ़ा, इश्क़ फितरत जैसे नशा
ओ हीरिये मेरी सुन ज़रा है इश्क मेरा सरफिरा फ़साना
अश्कों में तेरी खुशियाँ पल में बस बीती सदियाँ
दिन सी ये लगती रतियाँ, खट्टी मीठी ये बतियाँ
सबा सबा में तू है, हवा हवा में तू है
घटा घटा में तू है मेरे ख़ुदा, मेरे ख़ुदा, मेरे ख़ुदा..
इश्क कुदरत जैसे फ़ना, इश्क़ तोहमत जैसे सज़ा
ओ हीरिये मेरी सुन ज़रा है इश्क़ मेरा सरफिरा फ़साना ....
वार्षिक संगीतमाला 2020
