बॉलीवुड में अक्सर ऍसा होता रहा है कि जब कोई फिल्म विराट स्तर पर प्रदर्शित नहीं होती या फिर ज्यादा दिन नहीं चलती तो उसके गीत लोगों तक पहुँच ही नहीं पाते और गीतकार संगीतकार की सारी मेहनत पानी में चली जाती है। अब मुझे पूरा यक़ीन है कि आप में से बहुतों ने 'मनोरमा सिक्स फीट अंडर' के बारे में ज्यादा चर्चा नहीं सुनी होगी। समीक्षकों द्वारा अच्छा करारे जाने पर भी ये फिल्म सिनेमाघरों की शोभा ज्यादा दिनों तक नहीं बढ़ा पाई।
इसी फिल्म का एक गीत जो इसके प्रोमो को सुनते समय मन में अटक गया था आज आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ। इस गीत को गाया रूप कुमार राठौड़ और महालक्ष्मी ऐयर ने और इसके बोल लिखे मनोज तापड़िया ने। इस गीत की धुन बनाई जयेश गाँधी ने जो बतौर गायक तो कई फिल्मों में अपना स्वर दे चुके हैं पर संगीतकार की हैसियत से शायद उनकी ये पहली फिल्म है।
आतिफ असलम, मुस्तफ़ा ज़ाहिद सरीखे पाकिस्तानी गायकों के ऊँचे सुरों को पूरे कौशल से लगा सकने की महारत को जो लोकप्रियता भारत में मिली है उससे प्रभावित होकर संगीतकार यहाँ के गायकों को भी वैसे गीत दे रहे हैं। ज़ुबीन गर्ग हों , कृष्णा हों या फिर मिथुन शर्मा इन सबने इस genre के गीतों में कमाल किया है। इसलिए जब रूप कुमार राठौड़ को ऊँचे सुरों में मैंने गाते सुना
आँखों के, आलों में, चाहत की लौ जलने दो...
तो विस्मय के साथ साथ मन मुग्ध हो गया।
शब्दों की बात करें तो मनोज तापड़िया के बोल प्रेमियों की आपसी कशमकश को व्यक्त करते दिखते हैं। जिंदगी में अपने करीबी से कई बार आप कुछ नहीं कह कर भी बहुत कुछ कह जाते हैं। रिश्तों के उलझे धागों में से कई सवाल बाहर निकल कर ऐसे आते हैं जिनके जवाब आँखें , होठों से ज्यादा बेहतर तरीकें से दे पाती हैं...
तेरे सवालों के वो जवाब जो मैं दे ना दें ना सकूँ
पिघले से अरमां हैं, दो पल के मेहमां हैं
आँखों के, आलों में, चाहत की लौ जलने दो
तेरे सवालों के वो जवाब जो मैं दे ना दें ना सकूँ
कह रही है जो नज़र तुझे है खबर की नहीं
कह रही है तेरी नज़र तू बेखबर तो नहीं
तेरे बिना जिंदगी है अधूरी, तेरे बिना क्या है जीना
पिघले से अरमां हैं, दो पल के मेहमां हैं
आँखों के आलों में चाहत की लौ जलने दो
तुम कहो तो मैं रोक लूँ, जो तुम कहो तो नहीं
सीने में है ये कैसी खलिश, तेरी कशिश तो नहीं
तेरे बिना जिंदगी है अधूरी, तेरे बिना क्या है जीना
पिघले से अरमां हैं, दो पल के मेहमां हैं
आँखों के आलों में चाहत की लौ जलने दो
तेरे सवालों के वो जवाब जो मैं दे ना दें ना सकूँ
तेरे बिना जिंदगी है अधूरी, तेरे बिना क्या है जीना
तो आइए सुनते हैं छठी पायदान के इस गीत को
इस संगीतमाला के पिछले गीत

आतिफ असलम, मुस्तफ़ा ज़ाहिद सरीखे पाकिस्तानी गायकों के ऊँचे सुरों को पूरे कौशल से लगा सकने की महारत को जो लोकप्रियता भारत में मिली है उससे प्रभावित होकर संगीतकार यहाँ के गायकों को भी वैसे गीत दे रहे हैं। ज़ुबीन गर्ग हों , कृष्णा हों या फिर मिथुन शर्मा इन सबने इस genre के गीतों में कमाल किया है। इसलिए जब रूप कुमार राठौड़ को ऊँचे सुरों में मैंने गाते सुना
आँखों के, आलों में, चाहत की लौ जलने दो...
तो विस्मय के साथ साथ मन मुग्ध हो गया।
शब्दों की बात करें तो मनोज तापड़िया के बोल प्रेमियों की आपसी कशमकश को व्यक्त करते दिखते हैं। जिंदगी में अपने करीबी से कई बार आप कुछ नहीं कह कर भी बहुत कुछ कह जाते हैं। रिश्तों के उलझे धागों में से कई सवाल बाहर निकल कर ऐसे आते हैं जिनके जवाब आँखें , होठों से ज्यादा बेहतर तरीकें से दे पाती हैं...
तेरे सवालों के वो जवाब जो मैं दे ना दें ना सकूँ
पिघले से अरमां हैं, दो पल के मेहमां हैं
आँखों के, आलों में, चाहत की लौ जलने दो
तेरे सवालों के वो जवाब जो मैं दे ना दें ना सकूँ
कह रही है जो नज़र तुझे है खबर की नहीं
कह रही है तेरी नज़र तू बेखबर तो नहीं
तेरे बिना जिंदगी है अधूरी, तेरे बिना क्या है जीना
पिघले से अरमां हैं, दो पल के मेहमां हैं
आँखों के आलों में चाहत की लौ जलने दो
तुम कहो तो मैं रोक लूँ, जो तुम कहो तो नहीं
सीने में है ये कैसी खलिश, तेरी कशिश तो नहीं
तेरे बिना जिंदगी है अधूरी, तेरे बिना क्या है जीना
पिघले से अरमां हैं, दो पल के मेहमां हैं
आँखों के आलों में चाहत की लौ जलने दो
तेरे सवालों के वो जवाब जो मैं दे ना दें ना सकूँ
तेरे बिना जिंदगी है अधूरी, तेरे बिना क्या है जीना
तो आइए सुनते हैं छठी पायदान के इस गीत को
इस संगीतमाला के पिछले गीत
- पायदान ७ - मैं जहाँ रहूँ, मैं कहीं भी हूँ, तेरी याद साथ है.. गीत - जावेद अख्तर संगीत - हीमेश रेशमिया चलचित्र - नमस्ते लंदन
- पायदान ८ - जब से तेरे नैना. मेरे नैनों से, लागे रे... गीत - समीर संगीत - मोन्टी शर्मा चलचित्र - साँवरिया
- पायदान ९ - क्यूँ दुनिया का नारा जमे रहो ? गीत - प्रसून जोशी संगीत - शंकर-अहसान-लॉए चलचित्र - तारे जमीं पर
- पायदान १० - आमि जे तोमार... गीत - समीर संगीत - प्रीतम चलचित्र - भूलभुलैया
- पायदान ११ - धागे तोड़ लाओ चाँदनी से नूर के... गीत - गुलज़ार संगीत- शंकर-अहसान-लॉए चलचित्र- झूम बराबर झूम
- पायदान १२ - हम तो ऐसे हैं भैया.. गीत - स्वानंद किरकिरे संगीत- शान्तनु मोइत्रा चलचित्र - लागा चुनरी में दाग
- पायदान १३ - ना है ये पाना, ना खोना ही है गीत - इरशाद कामिल संगीत- प्रीतम चलचित्र - जब वी मेट
- पायदान १४ - चंदा रे चंदा रे धीरे से मुसका.. गीत - स्वानंद किरकिरे संगीत- शान्तनु मोइत्रा चलचित्र - एकलव्य दि रॉयल गार्ड
- पायदान १५ - जब भी सिगरेट जलती है.. गीत - गुलज़ार संगीत - विशाल भारद्वाज चलचित्र - नो स्मोकिंग'
- पायदान १६ - रोज़ाना जिये रोज़ाना मरें.. गीत - मुन्ना धीमन संगीत - विशाल भारद्वाज चलचित्र - निशब्द
- पायदान १७ - बम बम बोले..... गीत - प्रसून जोशी संगीत - शंकर-अहसान-लॉए चलचित्र - तारे जमीं पर
- पायदान १८ - हलके हलके रंग छलके ..... गीत - जावेद अख्तर संगीत - विशाल-शेखर चलचित्र - हनीमून ट्रैवल्स प्राइवेट लिमिटेड
- पायदान १९ - लमहा ये जाएगा कहाँ..... गीत - प्रशांत पांडे संगीत - अग्नि चलचित्र - दिल दोस्ती ईटीसी
- पायदान २० - जिंदगी ने जिंदगी भर गम दिए... गीत - सईद क़ादरी संगीत - मिथुन चलचित्र - दि ट्रेन
