अर्जुन हरजाई लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
अर्जुन हरजाई लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

शनिवार, जनवरी 25, 2020

वार्षिक संगीतमाला 2019 Top 15 : छोटी छोटी गल दा बुरा न मनाया कर Choti Choti Gal

अर्जुन हरजाई के संगीत से मेरी पहली मुलाकात लखनऊ सेंट्रल के गीत रंगदारी से हुई थी। उस गीत के बारे में बात करते हुए मैंने आपको बताया था कि किस तरह गीतकार कुमार (यानी कुमार राकेश)अर्जुन के लिए फिल्म जगत में कृष्ण सदृश सारथी साबित हुए थे। लखनऊ सेंट्रल 2017 में आई थी। पिछले दो सालों में फिल्मों में अर्जुन का काम बहुत दिखाई तो नहीं दिया पर ये खबर जरूर मिली कि इसी बीच वो अपनी स्कूल की प्रेमिका से परिणय सूत्र में बँध गए। पिछले साल उनके संगीतबद्ध गीत जज़मेंटल है क्या और मोतीचूर चकनाचूर जैसी फिल्मों में सुनाई दिए। 


अब क्रिकेट की भाषा में कहूँ तो उन्हें जो दो गेंदे मिलीं उसमें एक में उन्होंने छक्का लगा दिया। ज़ाहिर सी बात है उनके सारथी कुमार का भी इस सफलता में बराबर का हाथ रहा। कुमार को मैं आज के युग का आनंद बक्षी मानता हूँ। वे ज़मीन से उठे एक प्रतिभाशाली गीतकार हैं। जनता की नब्ज़ समझते हैं। कुमार अक़्सर कहा भी करते हैं कि गीतों में वो ऐसी हुकलाइन बनाने की कोशिश करते हैं जो समाज के परिवेश से निकल कर आई हो।
अगर अपनी बात करूँ तो उनके लिखे तमाम गीतों में मेरे निशां हैं कहाँ, मुझे जो भेजी थी दुआ, पानियों सा, रंगदारी, तेरा यार हूँ मैं बेहद पसंद हैं और इस फेरहिस्त में संगीतमाला की ग्यारहवीं पायदान का ये गीत भी शामिल हो गया है। इस साल की संगीतमाला में भी उनके लिखे तीन गीत हैं जिसमें दूसरा आज आप सुनेंगे।

अर्जुन हरजाई व कुमार राकेश 
फिल्म मोतीचूर चकनाचूर की नायिका का ख़्वाब है कि उसे ऍसा पति मिले जो "फॉरेन" यानी विदेशी धरती में ज़िंदगी गुजार रहा हो। अपने सपने को सच करने के लिए वो पड़ोस के अधेड़ लड़के से भी शादी के लिए तैयार हो जाती है पर उसकी नौकरी का सच जानकर नायिका के अरमानों पर ग्रहण लग जाता है।

पति पत्नी के इसी मनमुटाव पर कुमार को गीत लिखना था और उन्होंने बेहद प्यारा मुखड़ा लिखा छोटी छोटी गल दा बुरा न मनाया कर.. जे मैं मनावा मन वी जाया कर। अब कौन ऐसा होगा जो छोटी छोटी बातों पर रूठा ना हो या उसने ऐसी किसी बात पे किसी को माया ना हो।

यही वज़ह है कि जिसने भी इस गीत की मधुर धुन के साथ जब कुमार के इन बोलों को सुना तो उसे दिल में बसा लिया। कुमार की मूल भाषा वैसे भी पंजाबी है पर पंजाबी का इस्तेमाल करते हुए भी उन्होंने गीत का स्वरुप ऐसा रखा है जिसे हिंदीभाषी भी समझ सकें। मुखड़े की पकड़ को कुमार अंतरों में भी बनाए रखते हैं।

अर्जुन ने गीत में तबले के आलावा बाँसुरी और क्लारिनेट का प्रयोग किया है। इस गीत को गाने वाले भी वहीं हैं और उनके इस गीत की सफलता ये बताती है कि उनकी आवाज़ लोगों के दिलों तक पहुँची है। तो आइए सुनते हैं उनका गाया ये गीत


मिन्नतां करां मैं तां तेरियाँ वे
करे या न करे हेरा फेरियाँ वे
मिन्नतां करां मैं तां तेरियाँ वे
करे या न करे हेरा फेरियाँ वे

तेरे ही यकीण ते, मैं तां लग्गा जीण वे
दिल न दुखाया कर..
छोटी छोटी गल दा बुरा न मनाया कर
जे मैं मनावा मन वी जाया कर
छोटी छोटी गल दा बुरा न मनाया कर
जे मैं मनावा मन वी जाया कर

तू न पहचाने रब मेरा जाने
यारियां मैं पाइयां सच्चियाँ
जन्मा दे लायी दिल जोड़ेया मैं
डोरा न समझ कच्चियाँ
मैनू लग्गे डर वे, मैं जावां मर वे
अँख न चुराया कर
छोटी छोटी गल ...मन वी जाया कर

रूहां उत्ते तेरा नाम लिखेया मैं, कागज ना समझ कोई वे
छड के मैं सारी दुनियां ओ माही, इक बस तेरी होइ वे
तैनू दित्ता हक़ वे मैनु कोल रख वे
हथ न छुड़ाया कर
छोटी छोटी गल ...मन वी जाया कर


वार्षिक संगीतमाला 2019 
01. तेरी मिट्टी Teri Mitti
02. कलंक नहीं, इश्क़ है काजल पिया 
03. रुआँ रुआँ, रौशन हुआ Ruan Ruan
04. तेरा साथ हो   Tera Saath Ho
05. मर्द  मराठा Mard Maratha
06. मैं रहूँ या ना रहूँ भारत ये रहना चाहिए  Bharat 
07. आज जागे रहना, ये रात सोने को है  Aaj Jage Rahna
08. तेरा ना करता ज़िक्र.. तेरी ना होती फ़िक्र  Zikra
09. दिल रोई जाए, रोई जाए, रोई जाए  Dil Royi Jaye
10. कहते थे लोग जो, क़ाबिल नहीं है तू..देंगे वही सलामियाँ  Shaabaashiyaan
11 . छोटी छोटी गल दा बुरा न मनाया कर Choti Choti Gal
12. ओ राजा जी, नैना चुगलखोर राजा जी  Rajaji
13. मंज़र है ये नया Manzar Hai Ye Naya 
14. ओ रे चंदा बेईमान . बेईमान..बेईमान O Re Chanda
15.  मिर्ज़ा वे. सुन जा रे...वो जो कहना है कब से मुझे Mirza Ve
16. ऐरा गैरा नत्थू खैरा  Aira Gaira
17. ये आईना है या तू है Ye aaina
18. घर मोरे परदेसिया  Ghar More Pardesiya
19. बेईमानी  से.. 
20. तू इतना ज़रूरी कैसे हुआ? Kaise Hua
21. तेरा बन जाऊँगा Tera Ban Jaunga
22. ये जो हो रहा है Ye Jo Ho Raha Hai
23. चलूँ मैं वहाँ, जहाँ तू चला Jahaan Tu chala 
24.रूह का रिश्ता ये जुड़ गया... Rooh Ka Rishta 

सोमवार, फ़रवरी 19, 2018

वार्षिक संगीतमाला 2017 पायदान #11 ज़िन्दगी तेरे रंगों से, रंगदारी ना हो पायी.. Rangdari

वार्षिक संगीतमाला में दूसरी बार प्रवेश ले रहा है लखनऊ सेंट्रल का एक और गीत जिसमें मायूसी भी है और जीवटता भी। इसे फिर अपनी आवाज़ से सँवारा है अरिजीत सिंह ने। पर इस गीत के साथ जो नया नाम जुड़ा है वो है युवा संगीतकार अर्जुन हरजाई का। 


अर्जुन की मुंबई फिल्म जगत में संघर्ष गाथा करीब एक दशक पुरानी है। घर में संगीत का माहौल था। माँ पिताजी गायिकी से जुड़े थे । 2006 की बात है जब  इंटर के बाद  मुंबई में संगीत सीखने के लिए उन्होंने  सुरेश वाडकर के संगीत संस्थान में दाखिला लिया। साथ ही साथ साउंड इंजीनियरिंग की विधा में उनकी सीखने की पहल ज़ारी रही।  फिर कुछ दिनों बाद उनका काम माँगने का सिलसिला शुरु हुआ। ख़ैर फिल्मों में काम तो नहीं मिला पर जिंगल को संगीतबद्ध करने का प्रस्ताव मिला जिसे उन्होंने बखूबी निभाया। फिर तो विज्ञापनों के लिए संगीत देने के प्रस्तावों की झड़ी लग गयी।  फिल्मों में बतौर संगीत निर्देशक पहली बार वो 2014 TITU MBA और फिर गुड्डू इंजीनियर में नज़र आए। पर उन्हें बड़ा ब्रेक टीवी धारावाहिक POW बंदी युद्ध के में मिला।

अर्जुन अपने कैरियर में सबसे बड़ा योगदान गीतकार कुमार का मानते हैं जिन्होंने उनकी भेंट निर्माता व निर्देशक निखिल आडवाणी से करायी। POW के बाद निखिल ने लखनऊ सेंट्रल के लिए तीन गीतों को संगीतबद्ध करने का जिम्मा अर्जुन को सौंपा। इसी फिल्म के एक और चर्चित गीत तीन कबूतर में अर्जुन ने गिटार के आलावा आम जरूरत की चीजों से बाकी का संगीत तैयार किया क्यूँकि गाना जेल के अंदर क़ैदियों पर फिल्माना था जिनके पास गिटार के आलावा कुछ भी नहीं था। जहाँ तक रंगदारी की बात है ये एक शब्द प्रधान गीत है जिसमें अर्जुन द्वारा  गिटार और बाँसुरी पर आधारित संगीत संयोजन  कुमार यानि गीतकार राकेश कुमार के भावों को उभारने में मदद करता है।

इस गीत को लिखा कुमार ने जो पंजाबी फिल्मों के जाने माने गीतकार हैं और हिंदी पंजाबी मिश्रित डांस नंबर्स लिख लिख कर हिंदी फिल्मों में खासा नाम कमा चुके हैं। पर मैं उनसे तब ज्यादा प्रभावित हुआ हूँ जब उन्होंने अपने गीतों में दर्द के बीज बोए हैं। उनके लिखे दो गीत मुझे खास तौर पर दिल के बेहद करीब लगे थे। एक तो शंघाई फिल्म का गाना जो भेजी थी दुआ और दूसरे Oh My God का मेरे निशाँ हैं कहाँ

इसी कड़ी में जुड़ा है लखनऊ सेंट्रल का ये गीत जो एक ऐसे इंसान की व्यथा का चित्रण कर रहा है जों जिंदगी के रंगों से अपना तारतम्य नहीं बैठा पाया है। फिर भी नायक ने  जिंदगी से प्रेम करना नहीं छोड़ा है।  जिंदगी ने कभी उससे दुश्मनी निभाई भी है तो कभी वो बिल्कुल पास आ कर धड़कन की तरह धड़की भी है। इसीलिए वो ज़िदगी से परेशान जरूर है पर नाउम्मीद नहीं। उसके मन की ऊहापोह को कुमार कुछ यूं व्यक्त करते हैं... 

ज़िन्दगी तेरे रंगों से, रंगदारी ना हो पायी
लम्हा लम्हा कोशिश की, पर यारी ना हो पायी
तू लागे मुझे दुश्मन सी, कभी लगे धड़कन सी
जुड़ी जुड़ी बातें हैं, टूटे हुए मन की..रंगदारी..



कुमार कहते हैं कि अगर ख़्वाबों को पूरा करना कठिन हो जाए तो इसका ये मतलब नहीं कि आँखें ख़्वाब देखना छोड़ दें। आखिर मंजिल की राह दुर्गम ही क्यूँ ना हो सच्चा राही तो उन पर चलता ही चलेगा । इन भावों में रंगदारी शब्द का प्रयोग अनूठा भी है और सार्थक भी।


रंगदारी..रंगदारी.. रंगदारी रंगदारी
आँखों से ना छूटेगी, ख़्वाबों की रंगदारी
रंगदारी..रंगदारी.. रंगदारी रंगदारी
राहों से ना रूठेगी, मंजिल की रंगदारी.. रंगदारी..

चाहे मुझे तोड़ दे तू, दर्दों में छोड़ दे
मेरी ओर आते हुए, रास्तों को मोड़ दे
मोड़ दे.. मोड़ दे
तोहमतें लगा दे चाहे, सर पे इल्ज़ाम दे
कर दे  ख़ुदा से दूर, काफिरों का नाम दे
नाम दे.. नाम दे
ये ख्वाहिशें है पागल सी, आसमां के बादल सी
बरसी तो धुल जाएगी, रौशनी ये काजल सी

ज़िन्दगी तेरे रंगों से...

गीत के अंतिम अंतरे में जीवन से  लड़ने की नायक की जुझारु प्रवृति को उन्होंने उभारने  की कोशिश की है। बादलों से पागल ख़्वाहिशों की उनकी तुलना और फिर उसके बरसने से कालिमा के छँटने का  भाव श्रोताओं में एक धनात्मक उर्जा का संचार कर देता है। अरिजीत एक बार फिर नायक की पीड़ा को अपनी गायिकी से यूँ बाहर ले आते हैं कि सुनने वाला भी नायक के चरित्र से अपने आपको एकाकार पाता है। तो आइए सुनते हैं ये गीत.. 

वार्षिक संगीतमाला 2017

 

मेरी पसंदीदा किताबें...

सुवर्णलता
Freedom at Midnight
Aapka Bunti
Madhushala
कसप Kasap
Great Expectations
उर्दू की आख़िरी किताब
Shatranj Ke Khiladi
Bakul Katha
Raag Darbari
English, August: An Indian Story
Five Point Someone: What Not to Do at IIT
Mitro Marjani
Jharokhe
Mailaa Aanchal
Mrs Craddock
Mahabhoj
मुझे चाँद चाहिए Mujhe Chand Chahiye
Lolita
The Pakistani Bride: A Novel


Manish Kumar's favorite books »

स्पष्टीकरण

इस चिट्ठे का उद्देश्य अच्छे संगीत और साहित्य एवम्र उनसे जुड़े कुछ पहलुओं को अपने नज़रिए से विश्लेषित कर संगीत प्रेमी पाठकों तक पहुँचाना और लोकप्रिय बनाना है। इसी हेतु चिट्ठे पर संगीत और चित्रों का प्रयोग हुआ है। अगर इस चिट्ठे पर प्रकाशित चित्र, संगीत या अन्य किसी सामग्री से कॉपीराइट का उल्लंघन होता है तो कृपया सूचित करें। आपकी सूचना पर त्वरित कार्यवाही की जाएगी।

एक शाम मेरे नाम Copyright © 2009 Designed by Bie