वार्षिक संगीतमाला की ग्यारहवीं पॉयदान पर स्वागत कीजिए संगीत बैंड ' Indian Ocean' का जो पहली बार किसी संगीतमाला का हिस्सा बन रहा है। पिछले कई महिनों से इनके द्वारा बनाए इस गीत के माध्यम से आप अपने देश के रंग रँगीले प्रजातंत्र के विभिन्न रूपों की झलक देखते रहे है। वैसे भी इस बात में क्या शक हो सकता है कि 'देस मेरा रंगरेज़ ये बाबू घाट-घाट यहाँ घटता जादू.....'।
निर्देशिका अनुषा रिज़वी ने पीपली लाइव के जिन दो गीतों के लिए 'Indian Ocean' को चुना उनमें से ये वाला गीत उनके एलबम 'झीनी' में शामिल था। हाँ ये जरूर हुआ कि मूलतः संजीव शर्मा के लिखे इस गीत के बोलों में पीपली लाइव के लिए गीतकार स्वानंद किरकिरे ने कुछ बदलाव किए और जो नतीजा निकला वो फिल्म रिलीज़ होने के पहले ही देश की जनता की जुबान पर आ गया।
अपने देश की विसंगतियों को ये गीत व्यंग्यात्मक दृष्टि से देखता जरूर है पर एक बाहरवाले के नज़रिए से नहीं बल्कि एक आम भारतीय के परिपेक्ष्य से। गीत के बोलों में जहाँ देश की मिट्टी का सोंधापन है वही यह गीत देश के वास्तविक हालातों का आईना भी पेश करता है। अब इन्हीं पंक्तियों को लें जिनमें देश का दर्द समाया सा लगता है..
राहुल की आवाज़ की ताकत और गहरापन इस ज़मीनी हक़ीकत को और पुख्ता करता है।
आइए इस गीत के अन्य पहलुओं पर चर्चा करने के पहले इस बैंड से आपका परिचय करा दूँ। बैंड 1984 में गिटार वादक सुस्मित सेन और गायक असीम चक्रवर्ती जो कि ताल वाद्यों में भी प्रवीण थे ने शुरु किया। 1990 में बैंड का नामाकरण Indian Ocean किया गया। 1991 में राहुल राम जो आज कल इस बैंड के मुख्य गायक हैं, इसका हिस्सा बने। 1994में अमित कीलम ड्रमर के रूप में बैंड में आए। दिसंबर २००९ में असीम का हृदय गति रुक जाने से असामयिक निधन हो गया। आजकल ये बैंड अपने नए एलबम '16/330 खजूर रोड' के लांच में व्यस्त है।
पूरे गीत में बैंड ने ताल वाद्यों और गिटार का बेहतरीन इस्तेमाल किया है। मुखड़े के बाद ही तबले, ढोलक , डमरू का जो सम्मिलित स्वर उभरता है वो आपको एकदम से देशी वातावरण में खींच ले जाता है। राहुल राम और उनके साथी प्पप परा रा..धूम ततक धिन के कोरस के साथ गीत में एक जोश और उर्जा सी भरते हैं।
पर गीत की सबसे सुंदर तान सुस्मित सेन की उँगलियों से निकलती हैं। गीत शुरु होने के 2.50 मिनट बाद लगभग चालिस सेकेंड तक सुस्मित अपनी थिरकती ऊँगलियों से वो जादू पैदा करते हैं कि मन मंत्रमुग्ध और ठगा सा रह जाता है। लगता है गिटार और सितार का अंतर ही समाप्त हो गया। सुस्मित अपने संगीत को अपने अनुभवों का निचोड़ बताते हैं। उन्हे जाज़ और रॉक से ज्यादा हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत पसंद आता है।(चित्र सौजन्य)
वैसे क्या आप जानते हैं कि बैंड के मुख्य गायक राहुल राम जो अपनी लंबी दाढ़ी और अलग सी वेश भूषा से अपनी अलग सी पहचान रखते हैं के पास पीएचडी की उपाधि भी है। और तो और राहुल नर्मदा बचाव आंदोलन का भी हिस्सा रह चुके हैं। अब अगर राहुल अपने आप को बुद्धिजीवियों में गिनते हों तो इसमें क्या गलत हो सकता है। यही वजह हे कि उनके साथी उन्हें 'लॉजिक बाबा' और 'ज्ञानदेव' के नाम से बुलाते हैं। (चित्र सौजन्य)
तो आइए सुनें इस गीत को
देस मेरा रंगरेज़ ये बाबू
घाट-घाट यहाँ घटता जादू
देस मेरा रंगरेज़ ये बाबू
देस मेरा रंगरेज़ ये बाबू
घाट-घाट यहाँ घटता जादू
राई पहाड़ है कंकर-शंकर
बात है छोटी बड़ा बतंगड़
राई पहाड़ है कंकर-शंकर
बात है छोटी बड़ा बतंगड़
इंडिया सर यह चीज़ धुरंधर
इंडिया सर यह चीज़ धुरंधर
रंग रँगीला परजातंतर
रंग रँगीला परजातंतर
प प रे .....
सात रंग सतरंगा मेला
बदरंगा सा बड़ा झमेला
सात रंग सतरंगा मेला
बदरंगा सा बड़ा झमेला
गिरा गगन से खजूर ने झेला
सुच-दुःख पकड़म-पकड़ी खेला
है..एक रंग गुनियों का निराला
एक रंग अज्ञानी
रंग रंग मैं होड़ लगी है
रंगरंगी मनमानी
देस मेरा रंगरेज़ ये बाबू
घाट-घाट यहाँ घटता जादू
देस मेरा रंगरेज़ ये बाबू
घाट-घाट यहाँ घटता जादू
सूखे नैना, रुखी अँखियाँ
धुँधला धुँधला सपना
आँसू भी नमकीन है प्यारे
जो टपके सो चखना
धुँधला धुँधला सपना प्यारे
धुँधला धुँधला सपना
सूखे नैना, रुखी अँखियाँ
सूखे नैना, रुखी
धुँधला धुँधला सपना प्यारे
धुँधला धुँधला सपना
देस मेरा रंगरेज़ ये बाबू हे....
और अगर आमिर खान को ड्रमर का रोल सँभालते देखना चाहें तो गीत का वीडिओ ये रहा...
निर्देशिका अनुषा रिज़वी ने पीपली लाइव के जिन दो गीतों के लिए 'Indian Ocean' को चुना उनमें से ये वाला गीत उनके एलबम 'झीनी' में शामिल था। हाँ ये जरूर हुआ कि मूलतः संजीव शर्मा के लिखे इस गीत के बोलों में पीपली लाइव के लिए गीतकार स्वानंद किरकिरे ने कुछ बदलाव किए और जो नतीजा निकला वो फिल्म रिलीज़ होने के पहले ही देश की जनता की जुबान पर आ गया।
अपने देश की विसंगतियों को ये गीत व्यंग्यात्मक दृष्टि से देखता जरूर है पर एक बाहरवाले के नज़रिए से नहीं बल्कि एक आम भारतीय के परिपेक्ष्य से। गीत के बोलों में जहाँ देश की मिट्टी का सोंधापन है वही यह गीत देश के वास्तविक हालातों का आईना भी पेश करता है। अब इन्हीं पंक्तियों को लें जिनमें देश का दर्द समाया सा लगता है..
सूखे नैना, रुखी अँखियाँ
धुँधला धुँधला सपना
आँसू भी नमकीन है प्यारे
जो टपके सो चखना
राहुल की आवाज़ की ताकत और गहरापन इस ज़मीनी हक़ीकत को और पुख्ता करता है।
आइए इस गीत के अन्य पहलुओं पर चर्चा करने के पहले इस बैंड से आपका परिचय करा दूँ। बैंड 1984 में गिटार वादक सुस्मित सेन और गायक असीम चक्रवर्ती जो कि ताल वाद्यों में भी प्रवीण थे ने शुरु किया। 1990 में बैंड का नामाकरण Indian Ocean किया गया। 1991 में राहुल राम जो आज कल इस बैंड के मुख्य गायक हैं, इसका हिस्सा बने। 1994में अमित कीलम ड्रमर के रूप में बैंड में आए। दिसंबर २००९ में असीम का हृदय गति रुक जाने से असामयिक निधन हो गया। आजकल ये बैंड अपने नए एलबम '16/330 खजूर रोड' के लांच में व्यस्त है।
पूरे गीत में बैंड ने ताल वाद्यों और गिटार का बेहतरीन इस्तेमाल किया है। मुखड़े के बाद ही तबले, ढोलक , डमरू का जो सम्मिलित स्वर उभरता है वो आपको एकदम से देशी वातावरण में खींच ले जाता है। राहुल राम और उनके साथी प्पप परा रा..धूम ततक धिन के कोरस के साथ गीत में एक जोश और उर्जा सी भरते हैं।
पर गीत की सबसे सुंदर तान सुस्मित सेन की उँगलियों से निकलती हैं। गीत शुरु होने के 2.50 मिनट बाद लगभग चालिस सेकेंड तक सुस्मित अपनी थिरकती ऊँगलियों से वो जादू पैदा करते हैं कि मन मंत्रमुग्ध और ठगा सा रह जाता है। लगता है गिटार और सितार का अंतर ही समाप्त हो गया। सुस्मित अपने संगीत को अपने अनुभवों का निचोड़ बताते हैं। उन्हे जाज़ और रॉक से ज्यादा हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत पसंद आता है।(चित्र सौजन्य)
वैसे क्या आप जानते हैं कि बैंड के मुख्य गायक राहुल राम जो अपनी लंबी दाढ़ी और अलग सी वेश भूषा से अपनी अलग सी पहचान रखते हैं के पास पीएचडी की उपाधि भी है। और तो और राहुल नर्मदा बचाव आंदोलन का भी हिस्सा रह चुके हैं। अब अगर राहुल अपने आप को बुद्धिजीवियों में गिनते हों तो इसमें क्या गलत हो सकता है। यही वजह हे कि उनके साथी उन्हें 'लॉजिक बाबा' और 'ज्ञानदेव' के नाम से बुलाते हैं। (चित्र सौजन्य)
तो आइए सुनें इस गीत को
देस मेरा रंगरेज़ ये बाबू
घाट-घाट यहाँ घटता जादू
देस मेरा रंगरेज़ ये बाबू
देस मेरा रंगरेज़ ये बाबू
घाट-घाट यहाँ घटता जादू
राई पहाड़ है कंकर-शंकर
बात है छोटी बड़ा बतंगड़
राई पहाड़ है कंकर-शंकर
बात है छोटी बड़ा बतंगड़
इंडिया सर यह चीज़ धुरंधर
इंडिया सर यह चीज़ धुरंधर
रंग रँगीला परजातंतर
रंग रँगीला परजातंतर
प प रे .....
सात रंग सतरंगा मेला
बदरंगा सा बड़ा झमेला
सात रंग सतरंगा मेला
बदरंगा सा बड़ा झमेला
गिरा गगन से खजूर ने झेला
सुच-दुःख पकड़म-पकड़ी खेला
है..एक रंग गुनियों का निराला
एक रंग अज्ञानी
रंग रंग मैं होड़ लगी है
रंगरंगी मनमानी
देस मेरा रंगरेज़ ये बाबू
घाट-घाट यहाँ घटता जादू
देस मेरा रंगरेज़ ये बाबू
घाट-घाट यहाँ घटता जादू
सूखे नैना, रुखी अँखियाँ
धुँधला धुँधला सपना
आँसू भी नमकीन है प्यारे
जो टपके सो चखना
धुँधला धुँधला सपना प्यारे
धुँधला धुँधला सपना
सूखे नैना, रुखी अँखियाँ
सूखे नैना, रुखी
धुँधला धुँधला सपना प्यारे
धुँधला धुँधला सपना
देस मेरा रंगरेज़ ये बाबू हे....
और अगर आमिर खान को ड्रमर का रोल सँभालते देखना चाहें तो गीत का वीडिओ ये रहा...
