निशात खान लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
निशात खान लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

गुरुवार, फ़रवरी 16, 2012

वार्षिक संगीतमाला 2011 - पॉयदान संख्या 5 : कैसे कहें अलविदा, मेहरम...कैसे बने अजनबी, हमदम ?

शास्त्रीय संगीत के महारथी कलाकारों का हिंदी फिल्म संगीत में संगीत निर्देशन करना कोई नई बात नहीं रही है। आपको तो याद ही होगा कि यशराज फिल्म के बैनर तले संतूर वादक शिव कुमार शर्मा और बाँसुरी वादक हरि प्रसाद चौरसिया ने 'शिवहरि' के नाम से तमाम फिल्मों में सफल संगीत निर्देशन किया था। इसी सिलसिले में एक नया नाम जुड़ा है प्रसिद्ध सितार वादक उस्ताद निशात खान का जिनकी संगीत निर्देशित फिल्म 'ये साली ज़िंदगी' का गीत है वार्षिक संगीतमाला की पाँचवी पॉयदान पर। सवाल ये उठता है कि सितार की परंपरा को पीढ़ियों से निभाने वाले परिवार से ताल्लुक रखने वाले उस्ताद इमरत खाँ के सुपुत्र को संगीत निर्देशन का ख़्याल क्यूँ आया ?

दरअसल अमेरिका में बसे निशात खान पश्चिमी शास्त्रीय संगीत के धुरंधरों के साथ सितार की जुगलबंदी करते रहे हैं। कुछ सालों पहले मुंबई में उनकी मुलाकात फिल्म निर्देशक सुधीर मिश्रा से हुई जिन्हें उन का विदेशी कलाकारों के साथ किया गया फ़्यूजन बहुद पसंद आया। वर्षों बाद जब सुधीर को अपनी फिल्म 'ये साली ज़िंदगी' के लिए इस तरह के संगीत की दरकार हुई तो उन्हें निशात खान का ख्याल आया। निशात साहब ने पारंपरिक शास्त्रीय संगीत के इतर एक बॉलीवुड थ्रिलर का संगीत देने की सुधीर मिश्रा की पेशकश को एक चुनौती के रूप में स्वीकार किया। निशात साहब के संगीत निर्देशन का अपना एक नज़रिया है जिसके बारे में वो कहते हैं

"..मैं जब संगीत बनाता हूँ तो बहुत ज्यादा सोचता नहीं हूँ कि ये फिल्म में कैसा लगेगा वो कैसा लगेगा। जो मेरे दिल को बहुत अच्छा लगता है मैं वो सब सामने रख देता हूँ। उनमें से जो संगीत फिल्म के निर्देशक को पटकथा की परिस्थितियों के अनुरूप लगता है वो रख लेते हैं। इसी तरह जब मैं अपने कनसर्ट में जाता हूँ तो ज्यादातर मेरे को मालूम नहीं होता कि मैं कौन सा राग बजाऊँगा? मैं वहाँ जाता हूँ बैठता हूँ आवाज जाँचता हूँ और फिर उस पल जो मन में आता है वही बजा देता हूँ।.."

निशात खान ने इस गीत को गवाया है जावेद अली से। ये वही जावेद हैं जिन्हें पिछले साल आप बच्चों के सा रे गा मा पा में बतौर जज टीवी के पर्दे पर देख चुके हैं। जोधा अकबर से अपनी पहचान बनाने वाले जावेद ने रावण, जब वी मेट, गजनी, युवराज,दिल्ली ६, आक्रोश और रॉकस्टार में गाए गीतों से अपनी कामयाबी का सफ़र ज़ारी रखा है। जावेद को जो शोहरत आज मिली है वो उनकी फिल्म जगत में पिछले एक दशक से की गई लगातार मेहनत का नतीजा है।

पाँचवी पॉयदान का ये गीत पिछली पॉयदानों पर बजने वाले रूमानी गीतों से अलहदा है क्यूँकि यहाँ प्रेम की उमंग नहीं बल्कि जुदाई की पीड़ा है। नायक के लिए अलविदा कहने का वक़्त तो आ गया है पर कैसे वो उन साथ गुजारे लमहों, उन खुशनुमा यादों को एक झटके से अपने दिल से अलग कर ले? विरह की वेदना को मन में समाए जब जावेद ये गीत गाते हैं किरदार का दर्द अपना सा लगता है। निशात खाँ का संगीत गीत के मूड के अनुरुप है और गीतकार स्वानंद किरकिरे के बोल दिल में नश्तर की तरह चुभते हें जब वो कहते हैं

जिए जाओ जो तुम, जी ही जाएँगे हम
यादों के ज़ख़्म पर जिंदगी मरहम

तो आइए डूबते हैं इस उदास करते भावनात्मक नग्मे में



कैसे कहें अलविदा, मेहरम
कैसे बने अजनबी, हमदम
भूल जाओ जो तुम, भूल जाएँगे हम
ये जुनूँ ये प्यार के लमहे नम
कैसे कहें अलविदा, मेहरम
कैसे कहें....

गेसू रेशम, लब पर शबनम
वो बहकता सा दिल
वो दहकता सा तन
भूल जाओ जो तुम, भूल जाएँगे हम
ये जुनूँ ये प्यार के लमहे नम
कैसे कहें अलविदा, मेहरम
कैसे कहें

वो रातें वो सहर
वो सुकूँ के पहर
भूल जाएँगे हम, भूले क्यूँ हम मगर ?
जिए जाओ जो तुम, जी ही जाएँगे हम
यादों के ज़ख़्म पर जिंदगी मरहम


फिल्म ये साली ज़िंदगी में इस गीत को फिल्माया गया है इरफान खान और चित्रांगदा सिंह पर



गीत तो आप ने सुन लिया पर ये तो बताइए क्या इस गीत के संगीत में कहीं भी सितार का प्रयोग हुआ है?
 

मेरी पसंदीदा किताबें...

सुवर्णलता
Freedom at Midnight
Aapka Bunti
Madhushala
कसप Kasap
Great Expectations
उर्दू की आख़िरी किताब
Shatranj Ke Khiladi
Bakul Katha
Raag Darbari
English, August: An Indian Story
Five Point Someone: What Not to Do at IIT
Mitro Marjani
Jharokhe
Mailaa Aanchal
Mrs Craddock
Mahabhoj
मुझे चाँद चाहिए Mujhe Chand Chahiye
Lolita
The Pakistani Bride: A Novel


Manish Kumar's favorite books »

स्पष्टीकरण

इस चिट्ठे का उद्देश्य अच्छे संगीत और साहित्य एवम्र उनसे जुड़े कुछ पहलुओं को अपने नज़रिए से विश्लेषित कर संगीत प्रेमी पाठकों तक पहुँचाना और लोकप्रिय बनाना है। इसी हेतु चिट्ठे पर संगीत और चित्रों का प्रयोग हुआ है। अगर इस चिट्ठे पर प्रकाशित चित्र, संगीत या अन्य किसी सामग्री से कॉपीराइट का उल्लंघन होता है तो कृपया सूचित करें। आपकी सूचना पर त्वरित कार्यवाही की जाएगी।

एक शाम मेरे नाम Copyright © 2009 Designed by Bie