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बुधवार, फ़रवरी 12, 2020

वार्षिक संगीतमाला : एक शाम मेरे नाम के संगीत सितारे 2019

वार्षिक संगीतमाला की ये समापन कड़ी है 2019 के संगीत सितारों के नाम। पिछले साल रिलीज़ हुई फिल्मों के  बेहतरीन गीतों से तो मैंने आपका परिचय पिछले दो महीनों में तो कराया ही पर गीत लिखने से लेकर संगीत रचने तक और गाने से लेकर बजाने तक हर विधा में किस किस ने उल्लेखनीय काम किया यही चिन्हित करने का प्रयास है मेरी ये पोस्ट। तो आइए मिलते हैं एक शाम मेरे नाम के इन संगीत सितारों से।



साल के बेहतरीन गीत
पुराने गीतों पर रिमिक्स बनाने का चलन कोई नया नहीं है पर पिछले साल तो हद ही हो गयी। कुछ ऐसे एलबम आए जिनमें उनके आलावा कुछ था नहीं। इतने प्रतिभाशाली संगीतकारों के रहते हुए भी लोग मेहनत से बच कर इस तरह के शार्ट कट इख्तियार करने लगें तो ये सचमुच चिंता का विषय है। अगर संगीतमाला के आधे गीत महज चार पाँच एलबम में सिमट जाएँ तो सोचिए कि जो हर साल सौ से अधिक फिल्में बनती हैं उनमें कैसा संगीत परोसा गया होगा?

आइटम नंबर की तरह रैप सांग को हर एलबम बनाने की प्रवृति भी इस साल नज़र आई।  गली ब्वॉय ने रैप गीतों से कुछ सार्थक संदेश देने में एक अच्छी पहल की। मल्टी कंपोसर एलबमों की संख्या में और वृद्धि हुई। वहीं इस प्रवृति ने एक संगीत उद्योग में म्यूजिक सुपरवाइसर का एक नए पद ही ईजाद कर दिया जिसका काम अलग अलग संगीतकारों से फिल्म की कहानी के हिसाब से गाने बनवाना है। कुछ बेहद कम बजट की गुमनाम फिल्मों में भी ऐसे गीत निकल कर आए जो बेहद मधुर थे। कई नए युवा संगीतकारों, गायक और गीतकारों ने मिलकर सुरीले रंग बिखेरे। जैसे मैंने पिछली पोस्ट में बताया था मेरे लिए इस साल का सरताज गीत तेरी मिट्टी रहा। वार्षिक संगीतमाला में शामिल सारे गीतों की सूची एक बार फिर ये रही।



साल का सर्वश्रेष्ठ गीत :  तेरी मिट्टी, केसरी (अर्को प्रावो मुखर्जी, मनोज मुंतशिर, बी प्राक)

03. रुआँ रुआँ, रौशन हुआ Ruan Ruan
04. तेरा साथ हो   Tera Saath Ho
05. मर्द  मराठा Mard Maratha
06. मैं रहूँ या ना रहूँ भारत ये रहना चाहिए  Bharat 
07. आज जागे रहना, ये रात सोने को है  Aaj Jage Rahna
08. तेरा ना करता ज़िक्र.. तेरी ना होती फ़िक्र  Zikra
09. दिल रोई जाए, रोई जाए, रोई जाए  Dil Royi Jaye
10. कहते थे लोग जो, क़ाबिल नहीं है तू..देंगे वही सलामियाँ  Shaabaashiyaan
11 . छोटी छोटी गल दा बुरा न मनाया कर Choti Choti Gal
12. ओ राजा जी, नैना चुगलखोर राजा जी  Rajaji
13. मंज़र है ये नया Manzar Hai Ye Naya 
14. ओ रे चंदा बेईमान . बेईमान..बेईमान O Re Chanda
15. मिर्ज़ा वे. सुन जा रे...वो जो कहना है कब से मुझे Mirza Ve
16. ऐरा गैरा नत्थू खैरा  Aira Gaira
17. ये आईना है या तू है Ye aaina
18. घर मोरे परदेसिया  Ghar More Pardesiya
19. बेईमानी  से.. 
20. तू इतना ज़रूरी कैसे हुआ? Kaise Hua
21. तेरा बन जाऊँगा Tera Ban Jaunga
22. ये जो हो रहा है Ye Jo Ho Raha Hai
23. चलूँ मैं वहाँ, जहाँ तू चला Jahaan Tu chala 
24.रूह का रिश्ता ये जुड़ गया... Rooh Ka Rishta 

साल के बेहतरीन एलबम

अगर पूरे एलबम के लिहाज़ से देखा जाए तो कुछ छोटे बजट की फिल्मों ने भी अच्छा संगीत दिया जैसे कि गॉन केश, मोतीचूर चकनाचूर और घोस्ट। देशप्रेम के जज़्बे को उभारते केसरी और URI का भी संगीत काफी सराहा गया पर खिताबी जंग का मुकाबला इस बार त्रिकोणीय था। कलंक, मणिकर्णिका और कबीर सिंह के लगभग सभी गाने खासे लोकप्रिय हुए। जहाँ कबीर सिंह युवाओं की आवाज़ बना वही कलंक और मणिकर्णिका जैसी पीरियड फिल्मों ने पुरानी मेलोडी की यादें ताज़ा कर दीं। पर साल का सबसे बेहतरीन एलबम रहा कलंक जिसने
मणिकर्णिका से थोड़े अंतर से बाजी मारी ।

  • मणिकर्णिका : शंकर एहसान लॉय
  • कलंक  : प्रीतम
  • Uri: The Surgical Strike  : शाश्वत सचदेव
  • कबीर सिंह : कई संगीतकार
  • गॉन केश : कई संगीतकार

साल का सर्वश्रेष्ठ एलबम      :  कलंक, प्रीतम  

साल के कुछ खूबसूरत बोलों से सजे सँवरे गीत
इस साल कुछ नए और कुछ पुराने गीतकारों के बेहद अर्थपूर्ण गीत सुनने को मिले। नए लिखने वालों में अभिरुचि चंद  ने मंज़र है ये नया में मन में जोश भरने के साथ अपने प्रतीकों से गुलज़ार साहब की याद दिला दी वहीं अभिषेक मजाल अपने रूमानी गीत बेईमानी से में नए खूबसूरत बिंब भरते नज़र आए। प्रसून जोशी और जावेद अख्तर ने देशप्रेम के जज़्बे को कविता सरीखे शब्दों से नवाज़ा तो मनोज तेरी मिट्टी में सैनिक के दिल की आवाज़ बन कर उभरे। सीमा सैनी की बेइमान चंदा से नोक झोंक बड़ी प्यारी रही, वहीं रुआँ रुआँ में वरुण ग्रोवर ने अपने गहरे शब्दों से दिल जीता। अमिताभ ने कलंक के शीर्षक गीत इश्क़ का जोग विजोग फिर उभारा तो इरशाद कामिल ने आईना में रूमानियत से भरी बेहद दिलकश पंक्तियाँ रचीं। इतने सारे प्यारे गीतों में किसी एक को चुनना मेरे लिए बड़ा कठिन रहा और अंत में मैंने प्रसून जोशी की काव्यात्मकता और मनोज के दिल छूते भावों के आधार पर इन दोनों को ही संयुक्त रूप से साल के बेहतरीन लिखे गीतों में जगह दी है।

  • अमिताभ भट्टाचार्य :      कलंक नहीं, इश्क़ है काजल पिया ….  
  • प्रसून जोशी           :      मैं रहूँ या ना रहूँ भारत ये रहना चाहिए...  
  • प्रसून जोशी           :      बोलो कब प्रतिकार करोगे 
  • वरुण ग्रोवर,          :      रुआँ रुआँ, रौशन हुआ... 
  • सीमा सैनी             :     ओ रे चंदा बेईमान ...
  • इरशाद कामिल     :      ये आईना है या तू है...
  • मनोज मुंतशिर       :      तेरी मिट्टी 
  • अभिषेक मजाल     :      बेईमानी से
  • अभिरुचि चंद         :      मंज़र है ये नया
  • जावेद अख्तर         :      मर्द मराठा

साल के सर्वश्रेष्ठ बोल : तेरी मिट्टी.. मनोज मुंतशिर /मैं रहूँ या ना रहूँ ...प्रसून जोशी

साल के गीतों की कुछ बेहद जानदार पंक्तियाँ 

जब आप पूरा गीत सुनते हैं तो कुछ पंक्तियाँ कई दिनों तक आपके होठों पर रहती हैं और उन्हें गुनगुनाते वक़्त आप एक अलग खुशी महसूस करते हैं। पिछले  साल के गीतों  की वो  बेहतरीन पंक्तियों जिनके शब्दों के साथ मेरे दिल की मँगनी हुई वे कुछ यूँ हैं 😃

  • तू झील खामोशियों की... लफ़्ज़ों की मैं तो लहर हूँ..एहसास की तू है दुनिया..छोटा सा मैं एक शहर हूँ
  • जिस्म से तेरे मिलने दे मुझे, बेचैन ज़िन्दगी इस प्यार में थी...उँगलियों से तुझपे लिखने दे ज़रा, शायरी मेरी इंतज़ार में थी
  • रुआँ रुआँ, रौशन हुआ...धुआँ धुआँ, जो तन हुआ...हाँ नूर को, ऐसे चखा..मीठा कुआँ, ये मन हुआ
  • काँधे पे सूरज, टिका के चला तू..हाथों में भर के चला बिजलियाँ..तूफां भी सोचे, ज़िद तेरी कैसी..ऐसा जुनून है किसी में कहाँ
  • मेरी नस नस तार कर दो और बना दो एक सितार..राग भारत मुझपे छेड़ो झनझनाओ बार बार
  • तरसे जिसको मोरे नैन चंदा, तू दिखे उसे सारी रैन चंदा..मैं जल जाऊँ तुझसे ओ चंदा, हाय लगाऊँ तुझपे ओ चंदा
  • दुनिया की नज़रों में ये रोग है..हो जिनको वो जाने, ये जोग है...इकतरफा शायद हो दिल का भरम...दोतरफा है, तो ये संजोग है
  • ओ माई मेरे क्या फिकर तुझे, क्यूँ आँख से दरिया बहता है, तू कहती थी तेरा चाँद हूँ मैं, और चाँद हमेशा रहता है
  • अग्नि वृद्ध होती जाती है, यौवन निर्झर छूट रहा है...प्रत्यंचा भर्रायी सी है, धनुष तुम्हारा टूट रहा है..कब तुम सच स्वीकार करोगे, बोलो, बोलो कब प्रतिकार करोगे?
  • सोच की दीवारों पे. तारीख लिख के चला है..साँसों की मीनारों पे, ख़्वाहिश रख के चला है..रह गया है गर्दिशों में..ये सवाल कैसा..इक मलाल है ऐसा
  • अग्नि हो कर मँगनी हो गई पानी से..

साल के बेहतरीन गायक
गायिकी की बात करूँ तो ये साल पुराने के साथ नए उभरते गायकों का भी रहा। शांतनु सुदामे द्वारा  मंज़र है ये नया का  जोशीला गायन ध्यान खींचने में सफल रहा। पापोन की नमकीन आवाज़ तेरा साथ है को एक अलग ही स्तर पर ले गयी। सोनू निगम मिर्जा वे और शर्त में अपनी उसी पुरानी लय में दिखे। वही अरिजीत सिंह ने हमेशा की तरह कलंक के शीर्षक गीत के उतार चढ़ाव को बखूबी निभाया। अरमान मलिक की आवाज़ की मुलायमियत तेरा जिक्र में मन को सहलाने वाली थी। पर ये साल पंजाबी गायिकों के लिए खास तौर से अच्छा रहा। सूफी गायिकी के लिए मशहूर करण ग्रेवाल ने चिट्ठिये का दर्द अपनी आवाज़ में उतार लिया तो वहीं अर्जुन हरजाई बड़ी मासूमियत से छोटी छोटी गल में मान जाने की वकालत करते रहे पर जिस आवाज़ ने गीत की पहली पंक्ति से रोंगटे खड़े कर दिए वो थी बी प्राक की आवाज़ जिन्होंने पंजाबी फिल्मों से पहली बार इस साल बालीवुड का रुख किया है। उनके गाये इस गीत के लिए अक्षर कुमार को भी कहना पड़ा कि ये उनके कैरियर के सबसे शानदार गाए गीतों में से एक है।



  • अरिजीत सिंह        :  कलंक नहीं, इश्क़ है काजल पिया …
  • पापोन                   :  तेरा साथ है 
  • कँवर ग्रेवाल          :  चिट्ठिये 
  • शांतनु सुदामे         : मंज़र है ये नया 
  • बी प्राक                 : तेरी मिट्टी 
  • अर्जुन हरजाई        : छोटी छोटी गल 
  • सोनू निगम            :  मिर्जा वे
  • अरमान मलिक      :  तेरा ना करता जिक्र

साल के सर्वश्रेष्ठ गायक          :  बी प्राक, तेरी मिट्टी

साल की बेहतरीन गायिका
पिछले साल की अपेक्षा इस साल गायिकाओं को भी कई एकल गीत गाने का मौका मिला। कविता सेठ की आवाज़ बहुत सालों के बाद इस साल नुस्खा तराना में गूँजी। ज्योतिका टांगरी ने इस साल कई गीत गाए पर घोस्ट के लिए उनका गाया गीत काफी मधुर रहा। नई गायिकाओं में जिन आवाज़ों ने सबसे अधिक प्रभावित किया वो थीं आज जागे रहना में हिमानी कपूर और राजा जी में प्रतिभा सिंह बघेल। आशा है आने वाले सालों में इनके और गीत सुनने को मिलेंगे। बेहतरीन गायिका के लिए जीत का सेहरा लगातार दूसरे साल श्रेया घोषाल की झोली में गया । घर मोरे परदेशिया के शास्त्रीय आलाप हों या या ओ रे चंदा की मीठी चुहल वो दोनों ही गीतों में अपनी बेहतरीन गायिकी का सिक्का जमा गयीं।



  • हिमानी कपूर     : आज जागे रहना, ये रात सोने को है.
  • श्रेया घोषाल       : ओ रे चंदा बेईमान  
  • प्रतिभा बघेल     : ओ  राजा जी 
  • श्रेया घोषाल       : घर मोरे परदेसिया
  • कविता सेठ       : नुस्खा तराना
  • ज्योतिका टांगरी : ये जो हो रहा है

साल की सर्वश्रेष्ठ गायिका     :  श्रेया घोषाल (घर मोरे परदेसिया, ओ रे चंदा बेईमान)   

गीत में प्रयुक्त हुए संगीत के कुछ बेहतरीन टुकड़े

संगीत जिस रूप में हमारे सामने आता है उसमें संगीतकार संगीत संचालक और निर्माता की  बड़ी भूमिका रहती है पर संगीतकार की धुन हमारे कानों तक पहुँचाने का काम हुनरमंद वादक करते हैं जिनके बारे में हम शायद ही जान पाते हैं। वैसे आजकल गीतों में लाईव आर्केस्ट्रा का इस्तेमाल बेहद कम होता जा रहा है। ज्यादातर अंतरों के बीच प्री मिक्सड टुकड़े बजा दिए जाते हैं। फिर भी इस साल कलंक, केसरी, मणिकर्णिका, पानीपत जैसी फिल्मों के गीतों में लाइव रिकार्ड किए हुए भांति भांति के वाद्य गूँजे। विशाल भारद्वाज ने रुआँ रुआँ में गिटार को गीत के शब्दों के साथ बड़े करीने से समायोजित किया। संगीत संचालकों में आदित्य देव के काम ने बार बार ध्यान खींचा। कुछ गीतों में स्वीडन और थाइलैंड के विदेशी वादक समूहों का भी प्रयोग हुआ। कानों को मधुर लगने वाली  धुनों की चर्चा तो नीचे है पर सबसे ज्यादा दिल खुश हुआ विपिन पटवा के  तेरा साथ है के लिए किए गए संगीत संयोजन ने । घड़े, सितार और शहनाई के साथ तार वाद्यों की स्वरलहरी गीत के खत्म होने के बाद भी ज़हन में बजती रही।


  • रूआँ रूआँ : गिटार अंकुर मुखर्जी, विशाल भारद्वाज
  • तेरा साथ है गीत के अंत में तार वाद्यों पर आधारित धुन : विपिन पटवा
  • तेरी मिट्टी अंत में तार वाद्यों पर आधारित धुन प्रकाश वर्मा, आदित्य देव, अर्को प्रावो मुखर्जी
  • ऐरा गैरा प्रील्यूड/इंटरल्यूड : बुलबुल तरंग राशिद खाँ, मेंडोलिन, तापस राय. सितार सलमान खाँ, प्रीतम  
  • तेरा ना करता जिक्र प्रील्यूड : गिटार - केबा जरमिया,  असद खाँ
  • मिर्जा वे सिग्नेचर ट्यून : जीत गाँगुली
  • रुह का रिश्ता,इंटरल्यूड : आदित्य देव, सोनल प्रधान
  • जहाँ तू चला मिडनाइट मिक्स इंटरल्यूड : जसलीन रॉयल, अक्षय राहेजा

संगीत की सबसे कर्णप्रिय मधुर तान  : तेरा साथ है, विपिन पटवा 

संगीतमाला के समापन मैं अपने सारे पाठकों का धन्यवाद देना चाहूँगा जिन्होंने समय समय पर अपने दिल के उद्गारों से मुझे आगाह किया। आपकी टिप्पणियाँ इस बात की गवाह थीं कि आप सब का हिंदी फिल्म संगीत से कितना लगाव है। इस साल गीतमाला शुरु होने के पहले मैंने आप सबसे अपनी पसंद के गीतों का चुनाव करने को कहा था और साथ में ये बात भी कही थी कि जिन लोगों की पसंद सबसे ज्यादा इस गीतमाला के गीतों से मिलेगी उन्हें एक छोटा सा तोहफा दिया जाएगा मेरे यात्रा ब्लॉग मुसाफ़िर हूँ यारों की तरफ से। इस बार की प्रतियोगिता के सभी विजेताओं बठिंडा से अरविंद मिश्र, पटना से मनीष, लखनऊ से कंचन सिंह चौहान और कोयम्बटूर से स्मिता जयचंद्रन को मेरी तरफ से ढेर सारी बधाई।



एक बार फिर आप सभी का दिल से शुक्रिया इस सफ़र में साथ बने रहने के लिए। 

मंगलवार, दिसंबर 31, 2019

वार्षिक संगीतमाला 2019 : नया साल मनाइए इन पाँच झुमाने वाले गीतों के साथ Bollywood Top 5 Dance Numbers of 2019

वार्षिक संगीतमाला में साल के नायाब गीतों की फेरहिस्त तो कल से चलती ही रहेगी। पर साल के इस आख़िरी दिन एक ब्रेक लेना तो बनता है ना। नए साल के आने की मस्ती में थोड़ा बहुत तो आप सब भी थिरकेंगे।  तो चलिए आज मिलवाते हैं उन पाँच गीतों से जिन्होंने इस साल आपमें से बहुतों को थिरकाया होगा। ये ना कहिएगा कि इनके बोल कैसे हैं आज तो जी सिर्फ बीट्स देखनी है।



अब हमारे रैप मास्टर बादशाह गीत बनाएँगे तो नायिका का विश्लेषण तो कुछ यूँ ही होगा
ओ, Baby plan बनाती है..
पर कभी ना time पे आती है..
But जब नैन मिलाती है, 
तो traffic jam कराती है.....
.............
ना बंब है, ना पटाखा है 
ये लड़की पूरी दीवाली है,

अब इस बंब गाने को सुनने के लिए पहले थोड़ी साँस तो ले लीजिए

 

अब आपने क्या सोचा की डांस सिर्फ शहर के गबरू जवान और बेबी बेबी कहने वाली कन्याओं को आता है। नहीं जी अपनी गाँव की छोरियाँ कम थोड़े हैं। ये भी बेबी बेबी गा सक्के हैं पर इनका निशाना कहीं और है। गोल्ड मेडल जीतने की खुशी में कैसे गाँव का छोटा सा कमरा डांस फ्लोर बन जावे है ये देखो बस आप

इत्ती क्या fight है, अपनी तो night है

क्या wrong-right है, सब भूल जा

हो क्या जो कल्ली हो, मस्ती में टल्ली हो

थोड़ी सी झल्ली हो, सब भूल जा

अरे सोचो नहीं, अरे रोको नहीं

चाहे दुनिया कहे तुमको बोल्ड, बोल्ड, बोल्ड
ओ baby gold, gold, gold...


गाँव शहर के डांस तो देख लिए आपने पर वो पुरानी हवेली में नाचवाली का डांस तो नहीं देखा ना। दिखा देंगे दिखा देंगे पर उसके लिए आपको ऐरा गैरा नत्थू खैरा बनना पड़ेगा और नाचवालियों का चक्कर लगाएँगे तो थोड़े कलंकित भी हो जाएँगे हुजूर

रात लेके आयी है जश्न तारी, आए हाए हाए
ग़म गलत करने की है अपनी बारी, आए हाए हाए
आज नाचें गाएं ज़रा इश्क़ विश्क़ फरमाएं
और जान जलाने वाली भाड़ में जाए सारी दुनियादारी आए हाए हाए


अब सैयाँ को आप ऍरा गैरा नत्थू खैरा बनाओगे तो वो पत्नी छोड़कर वो कि तलाश में निकलेगा। पर यहाँ तो देख रहा हूँ धीमे धीमे ही सही कार्ति आर्यन जनाब दो नावों में एक साथ सवारी कर रहे हैं। हुस्न की परियों के साथ अपना scene set करने का उनका अंदाज़ तो देखिए


तेरा हुस्न तो सबसे आला है
मुझे पागल करने वाला है

आज नशा तेरा करदे

तेरा आशिक मरने वाला है

सच-सच बोल, हकीकत या ये dream है?
धीमे-धीमे, धीमे-धीमे
धीमे-धीमे, धीमे-धीमे
Set मेरा scene है, scene है, scene है

और जनाब आज की महफिल का अंजाम एक ऐसे गीत से जिसके गीत के बोलों को याद करने की जरूरत नहीं। बस एक शब्द "बाला" का बार बार जाप कीजिए और और नाचते समय भाव भंगिमा ये याद रखते हुए बनाइए कि हमारे पूर्वज बंदर थे। तो देर किस बात की चलिए शुरु करते हैं बाला बाला बाला बाला.. बाला बाला बाला बाला..ये साल भी चला गया साला 😃😃


 

तो हुज़ूर खूब नाच गा कर नए साल का स्वागत कीजिए। कल से फिर शुरु होगी वार्षिक संगीतमाला की हिट परेड। एक शाम मेरे नाम की तरफ़ से आप सबको नए साल की हार्दिक शुभकामनाएँ !

वार्षिक संगीतमाला 2019 
01. तेरी मिट्टी Teri Mitti
02. कलंक नहीं, इश्क़ है काजल पिया 
03. रुआँ रुआँ, रौशन हुआ Ruan Ruan
04. तेरा साथ हो   Tera Saath Ho
05. मर्द  मराठा Mard Maratha
06. मैं रहूँ या ना रहूँ भारत ये रहना चाहिए  Bharat 
07. आज जागे रहना, ये रात सोने को है  Aaj Jage Rahna
08. तेरा ना करता ज़िक्र.. तेरी ना होती फ़िक्र  Zikra
09. दिल रोई जाए, रोई जाए, रोई जाए  Dil Royi Jaye
10. कहते थे लोग जो, क़ाबिल नहीं है तू..देंगे वही सलामियाँ  Shaabaashiyaan
11 . छोटी छोटी गल दा बुरा न मनाया कर Choti Choti Gal
12. ओ राजा जी, नैना चुगलखोर राजा जी  Rajaji
13. मंज़र है ये नया Manzar Hai Ye Naya 
14. ओ रे चंदा बेईमान . बेईमान..बेईमान O Re Chanda
15.  मिर्ज़ा वे. सुन जा रे...वो जो कहना है कब से मुझे Mirza Ve
16. ऐरा गैरा नत्थू खैरा  Aira Gaira
17. ये आईना है या तू है Ye aaina
18. घर मोरे परदेसिया  Ghar More Pardesiya
19. बेईमानी  से.. 
20. तू इतना ज़रूरी कैसे हुआ? Kaise Hua
21. तेरा बन जाऊँगा Tera Ban Jaunga
22. ये जो हो रहा है Ye Jo Ho Raha Hai
23. चलूँ मैं वहाँ, जहाँ तू चला Jahaan Tu chala 
24.रूह का रिश्ता ये जुड़ गया... Rooh Ka Rishta 

रविवार, दिसंबर 29, 2019

वार्षिक संगीतमाला 2019 Top 30 : बोलो कब प्रतिकार करोगे? Bolo Kab Pratikar Karoge ?

वार्षिक संगीतमाला में पिछली पोस्ट थी माँ को याद करते एक संवेदनशील गीत की। उसके पहले चिट्ठिये, इक मलाल और तुम ही आना जैसे गीतों से आप मिल ही चुके हैं। प्रेम, वात्सल्य  और विरह के रंगों के बाद अब बारी एक ऐसे गीत की जिसके शब्दों में इतनी ताकत है कि वो आपके शरीर में उर्जा का संचार कर दे।

प्रसून जोशी एक ऐसे गीतकार है जिन्होंने हिंदी कविता का परचम फिल्मी गीतों में बड़ी शान से फहरा रखा है। तारे ज़मीं से लेकर फिर मिलेंगे और लंदन ड्रीम्स से लेकर भाग मिल्खा भाग तक जिस खूबसूरती से उन्होंने ठेठ हिंदी शब्दों का प्रयोग किया है वो अस्सी के दशक से आज तक शायद ही किसी गीतकार के गीतों में मिलेगा। फिर मिलेंगे  के गीत के लिए जब वो कहते हैं

झील एक आदत है तुझमें ही तो रहती है और नदी शरारत है, तेरे संग बहती है
उतार ग़म के मोजे जमीं को गुनगुनाने दे कंकरों को तलवों में, गुदगुदी मचाने दे
खुल के मुस्कुरा ले तू, दर्द को शर्माने दे...


तो दिल करता है कि उनको गले लगा लूँ। इतनी प्यारी कविता गीतों में कहाँ मिुलती है। लंदन ड्रीम्स में उनका चटपटा सा गीत था मन को अति भावे और मिसाल के तौर पर ये अंतरा देखिए कि कैसे उन्होंने इसमें संकेत, निकट, क्षण जैसे ठेठ हिंदी शब्दों का इस्तेमाल कितनी सहजता से कर दिया।

संकेत किया प्रियतम ने आदेश दिया धड़कन ने
सब वार दिया फिर हमने, हुआ सफल सफल जीवन
अधरों से वो मुस्काई काया से वो सकुचाई
फिर थोड़ा निकट वो आई था कैसा अद्भुत क्षण

मैं आज ये चर्चा इसलिए छेड़ रहा हूँ क्यूंकि इस साल भी मणिकर्णिका के लिए प्रसून ने एक गीत में  अंग्रेजों के जुल्म के खिलाफ आवाज़ उठाने के लिए जोश भरते हुए ऐसे अंतरे लिखे हैं जिसे पढ़ कर  वाह वाह निकलती है।  फिल्म की कहानी से पनपा ये परिस्थिजन्य गीत इस संगीतमाला का हिस्सा है तो वो प्रसून के इन ओजमयी बोलों के लिए। उनकी लिखी इन पंक्तियों पर गौर फरमाइए

अग्नि वृद्ध होती जाती है, यौवन निर्झर छूट रहा है
प्रत्यंचा भर्रायी सी है, धनुष तुम्हारा टूट रहा है
कब तुम सच स्वीकार करोगे, बोलो, बोलो कब प्रतिकार करोगे?

गीत का दूसरा अंतरा भी उतना ही प्रभावी है

कम्पन है वीणा के स्वर में, याचक सारे छन्द हो रहे
रीढ़ गर्व खोती जाती है, निर्णय सारे मंद हो रहे
क्या अब हाहाकार करोगे?,बोलो, बोलो कब प्रतिकार करोगे?

प्रसून अपने गीतों में हिदी कविता की मशाल यूँ ही जलाए रहें आगे भी उनसे ऐसी आशा है। तो आइए सुनते हैं सुखविंदर और शंकर महादेवन के सम्मिलित स्वर में इस गीत को। इस फिल्म का संगीत दिया है शंकर अहसान और लॉय की तिकड़ी ने।


 

प्रथम पच्चीस के आस पास रहने वाले इन छः गीतों की कड़ियों में आख़िरी कड़ी होगी ऐसे गीत की जिसके बोल आप तभी समझ पाएँगे अगर फिल्म में नायिका की समस्या का आपको पहले से भान हो।

वार्षिक संगीतमाला 2019 
01. तेरी मिट्टी Teri Mitti
02. कलंक नहीं, इश्क़ है काजल पिया 
03. रुआँ रुआँ, रौशन हुआ Ruan Ruan
04. तेरा साथ हो   Tera Saath Ho
05. मर्द  मराठा Mard Maratha
06. मैं रहूँ या ना रहूँ भारत ये रहना चाहिए  Bharat 
07. आज जागे रहना, ये रात सोने को है  Aaj Jage Rahna
08. तेरा ना करता ज़िक्र.. तेरी ना होती फ़िक्र  Zikra
09. दिल रोई जाए, रोई जाए, रोई जाए  Dil Royi Jaye
10. कहते थे लोग जो, क़ाबिल नहीं है तू..देंगे वही सलामियाँ  Shaabaashiyaan
11 . छोटी छोटी गल दा बुरा न मनाया कर Choti Choti Gal
12. ओ राजा जी, नैना चुगलखोर राजा जी  Rajaji
13. मंज़र है ये नया Manzar Hai Ye Naya 
14. ओ रे चंदा बेईमान . बेईमान..बेईमान O Re Chanda
15.  मिर्ज़ा वे. सुन जा रे...वो जो कहना है कब से मुझे Mirza Ve
16. ऐरा गैरा नत्थू खैरा  Aira Gaira
17. ये आईना है या तू है Ye aaina
18. घर मोरे परदेसिया  Ghar More Pardesiya
19. बेईमानी  से.. 
20. तू इतना ज़रूरी कैसे हुआ? Kaise Hua
21. तेरा बन जाऊँगा Tera Ban Jaunga
22. ये जो हो रहा है Ye Jo Ho Raha Hai
23. चलूँ मैं वहाँ, जहाँ तू चला Jahaan Tu chala 
24.रूह का रिश्ता ये जुड़ गया... Rooh Ka Rishta 

वार्षिक संगीतमाला 2019 Top 30 : ओ माँ याद आती हो O Maa from RAW

सुन रहा है ना तू और तू है कि नहीं जैसे गीतों से युवाओं के दिल में स्थान बनाने वाले अंकित तिवारी पिछले तीन चार सालों से बतौर गायक उतना प्रभाव छोड़ने में सफल नहीं रहे हैं। इसकी एक वज़ह ये भी रही कि उन्होंने ज्यादातर रूमानी गीतों तक अपनी आवाज़ को सीमित रखा और उनकी धुनों की रंगत भी बहुत कुछ एक जैसी रही। इस साल उनके तीन एकल गीतों में सबसे जानदार नग्मा रहा फिल्म रोमियो अकबर वाल्टर का जहाँ वो अपनी पहचान से अलग किस्म का गीत गाते सुनाई दिए।  

माँ को याद करते हुए इस गीत को सुनकर मेरे ज़हन में सबसे पहले शंकर महादेवन का तारे ज़मीं के लिए गाया हुआ माँ मेरी माँ याद आ गया।


अंकित तिवारी  और गीतकार प्रिंस दुबे की जोड़ी इस गीत को उस ऊँचाई तक तो नहीं ले जाती पर इतना जरूर है कि गीत खत्म होते होते आँखों के कोर नम जरूर हो जाते हैं। वैसे भी माँ को याद करता कोई भी गाना भावुक तो कर ही देता है।

अंकित अपनी आवाज़ का दर्द श्रोताओं तक पहुँचाने में सफल रहे हैं। मुखड़े के पहले बाँसुरी और अंतरों के बीच तार वाद्यों के बीच बजता सरोद गीत की गंभीरता को उभारता है। आज जैसा शोर गीतों में झलकता है उसे देखते हुए ऐसी संवेदनशीलता कानों को सुकून जरूर देती है।

तो आइए सुनते हैं अंकित को उन्हीं द्वारा संगीत निर्देशित इस गीत में।



धूप जब सताये
आँचल से ढक लेती हो
चोट जब भी आये
संग मेरे रो देती हो
तावीज़ जो मैं निकाल दूँ
परेशान हो जाती हो तुम
किसी की बुरी नज़र लग जायेगी
प्यार से बताती हो तुम
ओ माँ याद आती हो
ओ माँ याद आती हो
ओ माँ याद आती हो
कहना तेरा जो ना मानूँ
इक अजीब सा दर्द होता है
आँखें भले ही ना रोयें
पर दिल ये मेरा रोता है
मुझे भी फिकर तेरी है माँ
पर मैं कहता नहीं
तेरा यूँ चुप रहना माँ
अच्छा मुझे लगता नही
ओ माँ याद आती हो

 

वार्षिक संगीतमाला 2019 
01. तेरी मिट्टी Teri Mitti
02. कलंक नहीं, इश्क़ है काजल पिया 
03. रुआँ रुआँ, रौशन हुआ Ruan Ruan
04. तेरा साथ हो   Tera Saath Ho
05. मर्द  मराठा Mard Maratha
06. मैं रहूँ या ना रहूँ भारत ये रहना चाहिए  Bharat 
07. आज जागे रहना, ये रात सोने को है  Aaj Jage Rahna
08. तेरा ना करता ज़िक्र.. तेरी ना होती फ़िक्र  Zikra
09. दिल रोई जाए, रोई जाए, रोई जाए  Dil Royi Jaye
10. कहते थे लोग जो, क़ाबिल नहीं है तू..देंगे वही सलामियाँ  Shaabaashiyaan
11 . छोटी छोटी गल दा बुरा न मनाया कर Choti Choti Gal
12. ओ राजा जी, नैना चुगलखोर राजा जी  Rajaji
13. मंज़र है ये नया Manzar Hai Ye Naya 
14. ओ रे चंदा बेईमान . बेईमान..बेईमान O Re Chanda
15.  मिर्ज़ा वे. सुन जा रे...वो जो कहना है कब से मुझे Mirza Ve
16. ऐरा गैरा नत्थू खैरा  Aira Gaira
17. ये आईना है या तू है Ye aaina
18. घर मोरे परदेसिया  Ghar More Pardesiya
19. बेईमानी  से.. 
20. तू इतना ज़रूरी कैसे हुआ? Kaise Hua
21. तेरा बन जाऊँगा Tera Ban Jaunga
22. ये जो हो रहा है Ye Jo Ho Raha Hai
23. चलूँ मैं वहाँ, जहाँ तू चला Jahaan Tu chala 
24.रूह का रिश्ता ये जुड़ गया... Rooh Ka Rishta 

शनिवार, दिसंबर 28, 2019

वार्षिक संगीतमाला 2019 Top 30 : बहुत आई-गई यादें, मगर इस बार तुम ही आना Tum Hi Aana

साल के शानदार गीतों की फेरहिस्त में आज वो गीत जिससे पिछले गीत के उलट आप सब वाकिफ होंगे। जी हाँ ये गीत है फिल्म मरजावाँ बहुत आई-गई यादें, मगर इस बार तुम ही आना। हाँ जो बात आपको नहीं पता होगी वो ये कि इस मधुर गीत की संगीतकार पायल देव हैं जिनका मेरे शहर राँची से बेहद करीब का नाता रहा है। झारखंड के रामगढ़ से ताल्लुक रखने वाली पायल की पढ़ाई लिखाई राँची से हुई। पायल की गायिकी से मेरा परिचय उनके बाजीराव मस्तानी में गाए गीत अब तोहे जाने ना दूँगी से हुआ। बतौर संगीतकार इस साल उन्हें एक नई पारी शुरु करते देख मुझे बेहद खुशी हुई। जानना नहीं चाहेंगे कि ये गीत कैसे बना? :)


पायल ने गीत की धुन चार साल पहले ही बनाई थी और उसे उन्होंने अपनी आवाज़ में  रिकार्ड भी कर रखा था। ज़ुबीन और कुणाल से साथ संगीत की एक बैठक में काम किसी दूसरे गीत पर चल रहा था कि अचानक पायल ने अपनी धुन गुनगुनाई। धुन ज़ुबीन और गीतकार कुणाल वर्मा  को इतनी अच्छी लगी कि उन्होंने उस पर तुरंत काम करना शुरु कर दिया। मिनटों में गीत लिख भी लिया गया और घने भर में ये बन कर तैयार भी हो गया। 

प्रेम या विरह गीतों के साथ सहूलियत ये होती है कि आप उन्हें बड़े मजे से किसी फिल्म की कहानी में जोड़ सकते हैं। मरजावाँ के इस गीत के साथ भी यही हुआ यानी गीत पहले बना और कहानी पीछे से आई। 

जुबीन एक बेहतरीन आवाज़ के मालिक हैं और उन्होंने इस गीत को भी पूरे दिल से निभाया है। मुखड़े में बजती पियानिका और अंतरों के बीच बाँसुरी और सारंगी की धुन भी मधुर है। संगीत निर्माण में आदित्य देव का काम बेहतरीन है। गीत का मुखड़ा मुझे जावेद अख्तर साहब की उस ग़ज़ल की याद दिला देता है जिसमें उन्होंने लिखा था

अबकि बार आना तो जाने के लिए मत आना
सिर्फ अहसान जताने के लिए मत आना

उनके कहे में शिकायत थी और वहीं कुणाल के लिखे में एक कातर सा अनुरोध

बहुत आई-गई यादें, मगर इस बार तुम ही आना
इरादे फिर से जाने के नहीं लाना, तुम ही आना

तो आइए सुनते हैं ये गाना जिसे फिल्म में निभाया है सिद्धार्थ मल्होत्रा और तारा सुतारिया की जोड़ी ने 

तेरे जाने का ग़म और ना आने का ग़म
फिर ज़माने का ग़म क्या करें?
राह देखे नज़र, रात भर जाग कर
पर तेरी तो ख़बर ना मिले
बहुत आई-गई यादें, मगर इस बार तुम ही आना
इरादे फिर से जाने के नहीं लाना, तुम ही आना
मेरी दहलीज़ से होकर बहारें जब गुज़रती हैं
यहाँ क्या धूप , क्या सावन, हवाएँ भी बरसती हैं
हमें पूछो क्या होता है, बिना दिल के जिए जाना
बहुत आई-गई यादें, मगर इस बार तुम ही आना
कोई तो राह वो होगी, जो मेरे घर को आती है
करो पीछा सदाओं का, सुनो, क्या कहना चाहती है?
तुम आओगे मुझे मिलने, ख़बर ये भी तुम ही लाना
बहुत आई-गई यादें, मगर इस बार तुम ही आना

 

चिट्ठिये, एक मलाल और तुम ही आना के बाद कल बारी एक ऐसे गीत की जो शायद आपके लिए अनसुना ही होगा। तो आज के लिए यहीं इजाज़त। कल फिर मिलेंगे संगीतमाला एक ऐसे गीत से जो मेरी पसंदीदा सूची में 26 से 30 के बीच मँडराता रहा। :)

वार्षिक संगीतमाला 2019 
01. तेरी मिट्टी Teri Mitti
02. कलंक नहीं, इश्क़ है काजल पिया 
03. रुआँ रुआँ, रौशन हुआ Ruan Ruan
04. तेरा साथ हो   Tera Saath Ho
05. मर्द  मराठा Mard Maratha
06. मैं रहूँ या ना रहूँ भारत ये रहना चाहिए  Bharat 
07. आज जागे रहना, ये रात सोने को है  Aaj Jage Rahna
08. तेरा ना करता ज़िक्र.. तेरी ना होती फ़िक्र  Zikra
09. दिल रोई जाए, रोई जाए, रोई जाए  Dil Royi Jaye
10. कहते थे लोग जो, क़ाबिल नहीं है तू..देंगे वही सलामियाँ  Shaabaashiyaan
11 . छोटी छोटी गल दा बुरा न मनाया कर Choti Choti Gal
12. ओ राजा जी, नैना चुगलखोर राजा जी  Rajaji
13. मंज़र है ये नया Manzar Hai Ye Naya 
14. ओ रे चंदा बेईमान . बेईमान..बेईमान O Re Chanda
15.  मिर्ज़ा वे. सुन जा रे...वो जो कहना है कब से मुझे Mirza Ve
16. ऐरा गैरा नत्थू खैरा  Aira Gaira
17. ये आईना है या तू है Ye aaina
18. घर मोरे परदेसिया  Ghar More Pardesiya
19. बेईमानी  से.. 
20. तू इतना ज़रूरी कैसे हुआ? Kaise Hua
21. तेरा बन जाऊँगा Tera Ban Jaunga
22. ये जो हो रहा है Ye Jo Ho Raha Hai
23. चलूँ मैं वहाँ, जहाँ तू चला Jahaan Tu chala 
24.रूह का रिश्ता ये जुड़ गया... Rooh Ka Rishta 

शुक्रवार, दिसंबर 27, 2019

वार्षिक संगीतमाला 2019 Top 30 : इक मलाल है ऐसा Ek Malaal

वार्षिक संगीतमाला में चल रही है उन छः गीतों की बातें जो अंतिम 25 में स्थान बनाने में ज़रा सा के लिए रह गए। कल चिट्ठिये की चर्चा के बाद बारी है फिल्म मलाल के एक गीत की। संजय लीला भंसाली इस फिल्म के निर्माता होने के साथ साथ संगीत निर्देशक भी हैं।

संजय लीला भंसाली के संगीत के साथ  दिक्कत ये है कि कई बार उनके  गानों में संगीत का परिवेश एक सा होता है और उन्हें सुनते वक़्त Deja Vu का अहसास होता है पर दूसरा पक्ष ये भी है कि इसके बावज़ूद उनके गाने सुनने में अच्छे लगते हैं। ऐसे तो महाराष्ट्र की पृष्ठभूमि में रची बसी इस फिल्म के कई गीतों में मराठी तड़का है पर कत्थई कत्थई और इक मलाल विशुद्ध हिंदी गीत हैं। 

इसे गाया है शैल हाडा ने शैल संजय लीला भंसाली की फिल्मों से एक दशक से भी ज्यादा जुड़े हुए हैं। साँवरिया फिल्म का शीर्षक गीत हो या हाल फिलहाल में पद्मावत का खलबली शैल संजय की फिल्मों का अभिन्न हिस्सा रहें हैं। व्यक्तिगत तौर पर मुझे गुज़ारिश का उनका गीत तेरा जिक्र है सबसे पसंद है।





इक मलाल एक बेहद छोटा सा गीत है जिसे प्रशांत इंगोले की गहरे भाव ली हुई शब्द रचना और शैल हाडा की खूबसूरत गायिकी मन में बैठने को मजबूर कर देती है। ज़िंदगी में अचानक अपने प्रिय के चले जाने के बाद हमें अपनी गलतियाँ अपना दोष काटने दौड़ता है। साझी ख्वाहिशें का दुखंद अंत मन में कई सवाल खड़े कर देता है। शायद अगर मैंने ऐसा किया होता तो उसकी ये परिणिति नहीं हुई होती ऐसे ख्यालों या यूँ कहें मलाल बार बार मन को मथते हैं। प्रशांत इन्हीं भावों को गीत में कुछ यूँ प्रकट करते हैं।


इक मलाल है ऐसा

इक मलाल है

इक मलाल है ऐसा

इक मलाल है

बुन रहा है रंजिशों का

है ये जाल कैसा

इक मलाल है ऐसा

इक मलाल है

सोच की दीवारों पे
तारीख लिख के चला है
साँसों की मीनारों पे
ख़्वाहिश रख के चला है
रह गया है गर्दिशों में
ये सवाल कैसा
इक मलाल है ऐसा...




एक छोटी सी फिल्म का ये गाना आपमें से बहुतों के लिए अनसुना ही होगा। तो आइए सुनते हैं इस गीत कोमलाल का ये गीत नवोदित कलाकारों मीज़ान जाफरी और शरमिन पर फिल्माया गया है।


वार्षिक संगीतमाला 2019 
01. तेरी मिट्टी Teri Mitti
02. कलंक नहीं, इश्क़ है काजल पिया 
03. रुआँ रुआँ, रौशन हुआ Ruan Ruan
04. तेरा साथ हो   Tera Saath Ho
05. मर्द  मराठा Mard Maratha
06. मैं रहूँ या ना रहूँ भारत ये रहना चाहिए  Bharat 
07. आज जागे रहना, ये रात सोने को है  Aaj Jage Rahna
08. तेरा ना करता ज़िक्र.. तेरी ना होती फ़िक्र  Zikra
09. दिल रोई जाए, रोई जाए, रोई जाए  Dil Royi Jaye
10. कहते थे लोग जो, क़ाबिल नहीं है तू..देंगे वही सलामियाँ  Shaabaashiyaan
11 . छोटी छोटी गल दा बुरा न मनाया कर Choti Choti Gal
12. ओ राजा जी, नैना चुगलखोर राजा जी  Rajaji
13. मंज़र है ये नया Manzar Hai Ye Naya 
14. ओ रे चंदा बेईमान . बेईमान..बेईमान O Re Chanda
15.  मिर्ज़ा वे. सुन जा रे...वो जो कहना है कब से मुझे Mirza Ve
16. ऐरा गैरा नत्थू खैरा  Aira Gaira
17. ये आईना है या तू है Ye aaina
18. घर मोरे परदेसिया  Ghar More Pardesiya
19. बेईमानी  से.. 
20. तू इतना ज़रूरी कैसे हुआ? Kaise Hua
21. तेरा बन जाऊँगा Tera Ban Jaunga
22. ये जो हो रहा है Ye Jo Ho Raha Hai
23. चलूँ मैं वहाँ, जहाँ तू चला Jahaan Tu chala 
24.रूह का रिश्ता ये जुड़ गया... Rooh Ka Rishta 

गुरुवार, दिसंबर 26, 2019

वार्षिक संगीतमाला 2019 Top 30 : कितने बेचैन होते होंगे, छोटे छोटे नैन रोते होंगे Chitthiye

वार्षिक संगीतमाला की शुरुआत तो अगले साल पहली जनवरी से होगी पर उसके पहले जिक्र होगा बारी बारी से उन छः गानों का जो वार्षिक संगीतमाला के बेहद करीब आकर बाहर रह गए। भले ही ये संगीतमाला में नहीं हों पर इन्होंने मेरी गीतमाला में लगभग उतने ही अंक प्राप्त किए हैं जितने कि अंतिम के कुछ गीतों ने। अब तक आप सबने जो पसंद बताई है उसका कोई गीत इस छः गीतों में है तो आप उसे भी अपने स्कोर में शामिल कर सकते हैं।


आजकल हिंदी फिल्मी गीतों में पंजाबी बोलों का मिश्रण इस क़दर बढ़ गया है कि कई बार तो इन्हें सुनकर कोफ़्त सी होने लगती है। इसका एक कारण ये है कि जितने भी डांस या रैप नंबर हैं उनके मशहूर गायक पंजाब से आते हैं और आजकल की फिल्मों में इन्हीं गीतों की तूती बोल रही है। ऐसे गीतों में बेब्बी, सोणी, कुड़ी, रब्बा जैसे तमाम रटे रटाए पंजाबी शब्दों का इस तरह समावेश ऐसे होता है जैसे हर सब्जी में धनिया डलता हो।

इसके बावज़ूद कुछ गीत अपनी संवेदनशीलता से एक अलग पहचान छोड़ जाते हैं। ऐसा ही एक गीत संगीतमाला का हिस्सा भी है जबकि दूसरे को आज आपके सामने ले के आ रहा हूँ। इसे गाया है पंजाब के एक चर्चित सूफी गायक कँवर ग्रेवाल ने। कँवर ग्रेवाल संगीत के पुराने विद्यार्थी रहे हैं और उनकी गहरी आवाज़ इस गीत में पिता और बेटी के रिश्तों में आई खटास की पीड़ा सहज अभिव्यक्त कर देती है। रोचक कोहली का गिटार और तबला गीत में बहते दर्द में मरहम लगाने का काम करता है। गुरप्रीत सैनी के बोल तो सामान्य हैं पर गीत के एक अंतरे की ये पंक्तियाँ खास तौर पर असर डालती हैं।

कितने बेचैन होते होंगे, छोटे छोटे नैन रोते होंगे 
सहमे सहमे जागते अकेले, तन्हा सारी रात सोते होंगे 
काश कि तेरे नाल बह के, रो लैंदा तेरे दुख ले के
बोल तेरे ख्वाबाँ दी, डोर कित्थे टूटिए
जिंद मेरी रूठिये... चिट्ठिए नि चिट्ठिए

इस फिल्म में पिता और पुत्री का किरदार निभाया है वास्तविक पिता पुत्री अनिल कपूर और सोनम कपूर ने।

 

आपमें से बहुतों की पसंद में ये गीत था और मुझे भी कँवर की गायिकी भा गयी थी पर पच्चीस गीतों की बाध्यता की वज़ह से इसे अंतिम पच्चीस में स्थान नहीं मिल पाया। बहरहाल इस गीत के साथ आपमें से बहुतों का खाता खुल चुका होगा जो एक शाम मेरे नाम की इस प्रतियोगिता का हिस्सा बने हैं। अगर आपने ये गीत सुन लिया है तो इस गीतमाला की अगली पेशकश सुनना ना भूलें जिसे फिल्म मलाल से लिया गया है।

वार्षिक संगीतमाला 2019 
01. तेरी मिट्टी Teri Mitti
02. कलंक नहीं, इश्क़ है काजल पिया 
03. रुआँ रुआँ, रौशन हुआ Ruan Ruan
04. तेरा साथ हो   Tera Saath Ho
05. मर्द  मराठा Mard Maratha
06. मैं रहूँ या ना रहूँ भारत ये रहना चाहिए  Bharat 
07. आज जागे रहना, ये रात सोने को है  Aaj Jage Rahna
08. तेरा ना करता ज़िक्र.. तेरी ना होती फ़िक्र  Zikra
09. दिल रोई जाए, रोई जाए, रोई जाए  Dil Royi Jaye
10. कहते थे लोग जो, क़ाबिल नहीं है तू..देंगे वही सलामियाँ  Shaabaashiyaan
11 . छोटी छोटी गल दा बुरा न मनाया कर Choti Choti Gal
12. ओ राजा जी, नैना चुगलखोर राजा जी  Rajaji
13. मंज़र है ये नया Manzar Hai Ye Naya 
14. ओ रे चंदा बेईमान . बेईमान..बेईमान O Re Chanda
15.  मिर्ज़ा वे. सुन जा रे...वो जो कहना है कब से मुझे Mirza Ve
16. ऐरा गैरा नत्थू खैरा  Aira Gaira
17. ये आईना है या तू है Ye aaina
18. घर मोरे परदेसिया  Ghar More Pardesiya
19. बेईमानी  से.. 
20. तू इतना ज़रूरी कैसे हुआ? Kaise Hua
21. तेरा बन जाऊँगा Tera Ban Jaunga
22. ये जो हो रहा है Ye Jo Ho Raha Hai
23. चलूँ मैं वहाँ, जहाँ तू चला Jahaan Tu chala 
24.रूह का रिश्ता ये जुड़ गया... Rooh Ka Rishta 

 

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