है आबिदों को ताअत-ओ-तज़रीद की खुशी
और जाहिदों को जुह्द की तमहीद की खुशी
रिंद आशिकों को है कई उम्मीद की खुशी
कुछ दिलबरों के वस्ल की कुछ दीद की खुशी
ऐसी न शब बरात, न बकरीद की खुशी
जैसी हर एक दिल में है इस ईद की खुशी
रोज़े की खुश्कियों से जो हैं ज़र्द-ज़र्द गाल
खुश हो गए वो देखते ही ईद का हिलाल
पोशाकें तन में हैं ज़र्द, सुनहरी, सफेद, लाल
दिल क्या कि हँस रहा है तन का बाल बाल
ऐसी न शब बरात, न बकरीद की खुशी
जैसी हर एक दिल में है इस ईद की खुशी
पिछले पहर से उठके नहाने की धूम है
शीर-ओ-शकर, सिवैयाँ पकाने की धूम है
पीर-ओ-जवां की नेमतें खाने की धूम है
लड़कों को ईदगाह के जाने की धूम है
ऐसी न शब बरात, न बकरीद की खुशी
जैसी हर एक दिल में है इस ईद की खुशी
क्या ही मुआनके की मची है उलट पलट
मिलते हैं दौड़-दौड़ के बाहम झपट-झपट
फिरते हैं दिलबरों के भी गलियों में गट के गट
आशिक मजे उड़ाते हैं हर दम लिपट-लिपट
ऐसी न शब बारात, न बकरीद की खुशी
जैसी हर एक दिल में है इस ईद की खुशी
जो जो कि उनके हुस्न की रखते हैं दिल में चाह
जाते हैं उनके साथ लगे ता-ब-ईदगाह
तोपों के शोर और दोगानों की रस्म-ओ-राह
म्याने, खिलौने, सैर, मजे ऐश वाह वाह
ऐसी न शब बारात, न बकरीद की खुशी
जैसी हर एक दिल में है इस ईद की खुशी
रोज़ों की सख्तियों में न होते अगर असीर
तो ऍसी ईद की न खुशी होती दिलपज़ीर
सब शाद है गदा से लगा शाह ता वज़ीर
देखा जो हमने खूब, तो सच है मियां नज़ीर
ऐसी न शब बरात, न बकरीद की खुशी
जैसी हर एक दिल में है इस ईद की खुशी
और चलते चलते अनीक धर को हार्दिक बधाई जो कल सा रे गा मा पा कि वोटों की गिनती में राजा और अमानत से बढ़त बनाने में सफल हुए और कोलकाता के लोगों को दुर्गा पूजा के पहले एक हसीन तोहफा दे गए। दस करोड़ से ज्यादा वोटों में पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे प्रतिभागियों के लिए वोट प्रतिशत ३४.४, ३३.२ और ३२.४ रहा जो इस बात को साबित करता है कि तीनों पर आम जनता का बराबर का प्रेम रहा। जीतना एक को था वो जीत गया पर असली जीत संगीत की हुई। तो ईद के इस मौके पर देखिए राजा हसन का गाया मातृभूमि प्रेम से ओतप्रोत ये गीत..
