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प्रवेश मलिक |
इस ज्यूकबॉक्स का पहला गीत ही माया ठगनी है। यहाँ आप पूरा गीत सुन पाएँगे।
डंका उसका बोलेगा,, डंडा जिसके हाथ में
कोयल हुई रिटायर, कौवे गायें दरबारी
बिल्ली करती है भैया, यहाँ दूध की चौकीदारी

जिन्दगी यादों का कारवाँ है.खट्टी मीठी भूली बिसरी यादें...क्यूँ ना उन्हें जिन्दा करें अपने प्रिय गीतों, गजलों और कविताओं के माध्यम से! अगर साहित्य और संगीत की धारा में बहने को तैयार हैं आप तो कीजिए अपनी एक शाम मेरे नाम..
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प्रवेश मलिक |
मुझे अच्छा लगता है जब लोग मेरा काम सराहते हैं। पर एक मँजा हुआ गीतकार समझे जाने के लिए मुझे अभी ढेर सारा काम करना है। जब हम गुलज़ार साहब के कृतित्व पर टिप्पणी करते हैं तो हमारे ज़ेहन में उनका वर्षों से किया गया अच्छा काम रहता है। मैं अपनी एक सफलता से खुश नहीं होना चाहता और ना ही किसी एक विफलता से निराश।
हमने इसके संगीत को पवित्र रखने की कोशिश की है जिससे की इसका हर गीत एक प्रार्थना के समक्ष लगे। आप देखेंगे कि फिल्म के प्रेम गीतों में भी एक भक्ति का भाव उभर कर आता है। इसके लिए हमने गीतों की गति मंद रखी ताकि उनके अंदर के भाव श्रोताओ तक पहुँचे।
आप भी सोच रहे होंगे कि ये बंदा पहेलियाँ ही बुझाता रहेगा या गायिका का नाम भी बताएगा। तो चलिए आपकी उत्सुकता भी शांत किए देते हैं। ये गायिका हैं श्रुति पाठक जिनका फैशन फिल्म के लिए गाया गीत मर जावाँ... बेहद लोकप्रिय हुआ था और पिछले साल मेरी संगीतमाला की 16 वीं पॉयदान पर बजा भी था। पर उस पोस्ट में श्रृति के बारे में आपसे ज्यादा बातें नहीं हो पाई थीं।
27 वर्षीय श्रुति पाठक गुजरात से ताल्लुक रखती हैं। संगीत की प्रारंभिक शिक्षा श्रुति ने अपने गुरु दिवाकर ठाकुर जी से अहमदाबाद में ली। स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद वो मुंबई आ गईं। फिलहाल वो सुनील गुरगावकर से संगीत की शिक्षा ले रही हैं। यूँ तो श्रुति का नाम फैशन फिल्म के संगीत रिलीज होने के बाद चमका पर उन्हें गाने का पहला मौका ले के पहला पहला प्यार... के रीमिक्स वर्सन (एलबम - बेबी डॉल) को गाने में मिला था। अगला मौका मिलने में श्रुति को 3 साल लग गए और इसके लिए नवोदित संगीतकार अमित त्रिवेदी से उनकी जान पहचान काम आई जिन्होंने फिल्म Dev D में उन्हें गाने का मौका दिया।
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि श्रुति गाने के साथ साथ गीत लिखने का शौक भी रखती हैं। देव डी के गीत पायलिया .... को गाने के साथ उसे अपनी कलम से सँवारने का काम भी उन्होंने किया। श्रुति सोनू निगम की जबरदस्त प्रशंसक हैं और रोज़ कम से कम दो घंटे का समय रियाज़ में देती हैं।
आखिर क्या खास है श्रुति की आवाज़ में.. कुछ ऐसा कि आप उस आवाज़ की गहराइयों में डूबते चले जाएँ। ऐसी आवाज़ रूमानियत भरे नग्मों को आपकी संवेदनाओं के काफी करीब ले जाने की क्षमता रखती है। इसीलिए फैशन के बास फिल्म कुर्बान में जब संगीतकार सलीम सुलेमान के सामने एक शादी शुदा जोड़े के बीच प्रणय दृश्य की परिस्थिति आई तो एक बार फिर उन्होंने श्रुति पाठक को ही चुना। और श्रृति ने गीतकार प्रसून जोशी के शब्दों में निहित भावनाओं को बखूबी अपनी आवाज़ के साँचे में ढाल कर श्रोताओं तक पहुँचा दिया।
तो आइए सुनें कुर्बान फिल्म का ये गीत।
ओ रसिया...रसिया..
बावली सी प्रीत मोरी
अब चैने कैसे पावे
आ जा रसिया मोहे
अंग लगा ले
अंग लगा ले..अंग लगा ले
गेसुओं सी काली रतियाँ
अधरों पे काँपे बतियाँ
सांवली सी साँसे मोरी
अरज सुनावें
आके मोरी श्वेत प्रीत पे
रंग सजा दे
बावली सी प्रीत मोरी ....
और हाँ अगर पहले अंतरे के बाद की आवाज़ आपको अलग तरह की लगे तो बता दूँ कि गीत के बीच की ये पंक्तियाँ करीना कपूर ने पढ़ी हैं।
तन एक, जाँ एक
अपना खूँ ज़हाँ एक
ऐसे लिपटे रुह से रुह
कि हो जाए ईमाँ एक...
आशा है श्रुति की इस खास आवाज़ का फ़ायदा संगीतकार आगे भी उठाते रहेंगे जिससे हम जैसे संगीतप्रमियों को उनकी आवाज़ के अन्य आयामों का भी पता चल सके।
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