मंगलवार, जनवरी 06, 2009

वार्षिक संगीतमाला 2008 :पायदान संख्या 22 - फ़लक तक चल साथ मेरे..

तो आज बारी है वार्षिक संगीतमाला की 22 वीं पायदान की। वैसे इस नग्मे और अगले आठ दस नग्मों में सब कमोबेश एक ही स्तर के हैं इसलिए इस गीत की रैंकिंग पर ज्यादा मत जाइएगा।




इस रोमांटिक नग्मे को इतना खूबसूरत बनाने में संगीतकार विशाल शेखर, गायक उदित नारायण और गीतकार क़ौसर मुनीर की बराबर की सहभागिता है। कौसर मुनीर पहली बार मेरी किसी गीतमाला का हिस्सा बनी हैं और मुझे उम्मीद है कि इनके लिखे कई और अच्छे नग्मे हमें आगे भी सुनने को मिलेंगे।

कौसर ने प्राकृतिक बिंबों का इस्तेमाल करते हुए इस गीत में प्यारी मुलायमियत भरी है जो दिल को छू जाती है। उदित भाई की आवाज इतनी स्पष्ट और सधी हुई है कि उसकी खनक देर तक गीत सुनने के बाद भी दिमाग में ताज़ी रहती है। महालक्ष्मी अय्यर ने उदित का बखूबी साथ दिया है।

पर टशन फिल्म के इस गीत में विशाल शेखर के संगीत को नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता। २४ वीं पायदान पर आपने देखा कि उन्होंने एक हिंगलिश गीत के लिए पाश्चात्य संगीत संयोजन का सहारा लिया जो कि गीत के मूड के साथ घुल मिल गया पर इस रूमानी नग्मे में भारतीय वाद्य यंत्रों का भी खूबसूरत इस्तेमाल किया है जो दिल को सुकून पहुँचाता है। गीत की काव्यात्मकता तो बेहतर है ही पर विशाल शेखर ने गीत में मस्ती का रंग भी संगीत के ज़रिए जोड़ दिया है

तो पहलें पढ़ें क़ौसर साहिबा का लिखा ये दिलकश गीत

फ़लक तक चल साथ मेरे, फ़लक तक चल साथ चल
ये बादल की चादर
ये तारों के आँचल
में छुप जाएँ हम, पल दो पल
फ़लक तक चल....

देखो कहाँ आ गए हम सनम साथ चलके
जहाँ दिन की बाहों में रातों के साये हैं ढलते
चल वो चौबारे ढूँढें जिन में चाहत की बूंदें
सच कर दे सपनों को सभी
आँखों को मीचे मीचे मैं तेरे पीछे पीछे
चल दूँ जो कह दे तू अभी
बहारों की छत हो, दुआओं के खत हो
पढ़ते रहें ये ग़ज़ल
फ़लक तक चल....

देखा नहीं मैंने पहले कभी ये नज़ारा
बदला हुआ सा लगे मुझको आलम ये सारा
सूरज को हुई है राहत रातों को करे शरारत
बैठा है खिड़की पर तेरी
हाँ..इस बात पर चाँद भी बिगड़ा, कतरा कतरा वो पिघला
भर आया आँखों में मेरी
तो सूरज बुझा दूँ , तुझे मैं सजा दूँ
सवेरा हो तुझ से ही कल
फ़लक तक चल साथ मेरे


और अब चलें उदित और महालक्ष्मी के साथ आसमान यानि फ़लक तक के सफ़र में



Related Posts with Thumbnails

14 टिप्पणियाँ:

कुश on जनवरी 06, 2009 ने कहा…

पूरी फिल्म में यही एक गीत मुझे पसंद आया था.. धन्यवाद लिरिक्स उपलब्ध करवाने के लिए..

Abhishek Ojha on जनवरी 06, 2009 ने कहा…

श्रृंखला जम रही है ! मैं तो देख रहा हूँ रहमान के कितने गाने आते हैं.

siddheshwar singh on जनवरी 06, 2009 ने कहा…

वार्षिक संगीतमाला से मुझे दो फायदे हो रहे हैं-

१.अच्छा संगीत सुनने का लाभ, खासकर उनको जिन्हें नया समझ कर ध्यान नहीं दिया था.
२. बिनाका/सिबाका सुनने के दौर की पुनरावॄति हो रही है.

*लो साहब , एक कहावत--सी बन गई -'कान क्या चाहें-अच्छा संगीत' !

pallavi trivedi on जनवरी 06, 2009 ने कहा…

bahut din baad aana hua yaha...aate hi ek achcha geet dekhne ko mila. shukriya.

Urvashi on जनवरी 07, 2009 ने कहा…

I heard this song only after my friend asked me to. And I didn't like it too much. Then suddenly one day I heard it and liked it a lot! :)

My fav song from Tashan is Dil Haara...

कंचन सिंह चौहान on जनवरी 07, 2009 ने कहा…

ye surila geet mujhe bhi sunane me achchha lagta hai.

एस. बी. सिंह on जनवरी 07, 2009 ने कहा…

इस गीत को कई बार सुना और इसका आनंद लिया है। अक्सर बच्चों के साथ । पुनः सुनवाने का शुक्रिया।
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं ।

Yunus Khan on जनवरी 07, 2009 ने कहा…

बढिया गीत ।
बुरी फिल्‍म के अच्‍छे गीतों में से एक ।

नीरज गोस्वामी on जनवरी 07, 2009 ने कहा…

युनुस भाई ने ठीक कहा ये एक ऐसी फ़िल्म का गीत है जिसे दर्शक सिनेमा हाल से बहार निकलते ही भूल जाना चाहता है...मुझे २४ वीं पायदान का गीत २३वीं से अधिक अच्छा लगता है...पसंद अपनी अपनी...
नीरज

पारुल "पुखराज" on जनवरी 07, 2009 ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
पारुल "पुखराज" on जनवरी 07, 2009 ने कहा…

pehli baar suna...bada mazaa aa raha hai magar ...halkey halkey bah rahey hain...lafz-dhun ke saath

बेनामी ने कहा…

yeah i'd forgotten how much i liked this song - thanks! :)

i made a list of faves in 2008 too, but i think your list is going to remind me of many more.

travel30 on जनवरी 08, 2009 ने कहा…

arre wah bahut sundar geet hai.. Aapki Varshik Sangeetmala 2008 to khoob jami hume dekhte hai no. 1 ka taaj kise hasil hota hai :-)

Rohit Tripathi

Free IITJEE Preparation

PrincessJasmine on जनवरी 28, 2009 ने कहा…

maine socha nahin tha ki Tashan mein ache gaane bhi hai...cool!

 

मेरी पसंदीदा किताबें...

सुवर्णलता
Freedom at Midnight
Aapka Bunti
Madhushala
कसप Kasap
Great Expectations
उर्दू की आख़िरी किताब
Shatranj Ke Khiladi
Bakul Katha
Raag Darbari
English, August: An Indian Story
Five Point Someone: What Not to Do at IIT
Mitro Marjani
Jharokhe
Mailaa Aanchal
Mrs Craddock
Mahabhoj
मुझे चाँद चाहिए Mujhe Chand Chahiye
Lolita
The Pakistani Bride: A Novel


Manish Kumar's favorite books »

स्पष्टीकरण

इस चिट्ठे का उद्देश्य अच्छे संगीत और साहित्य एवम्र उनसे जुड़े कुछ पहलुओं को अपने नज़रिए से विश्लेषित कर संगीत प्रेमी पाठकों तक पहुँचाना और लोकप्रिय बनाना है। इसी हेतु चिट्ठे पर संगीत और चित्रों का प्रयोग हुआ है। अगर इस चिट्ठे पर प्रकाशित चित्र, संगीत या अन्य किसी सामग्री से कॉपीराइट का उल्लंघन होता है तो कृपया सूचित करें। आपकी सूचना पर त्वरित कार्यवाही की जाएगी।

एक शाम मेरे नाम Copyright © 2009 Designed by Bie