बुधवार, जनवरी 18, 2023

एम एम कीरावनी : नाचो नाचो को छोड़िए क्या आपने उनके संगीतबद्ध ये गीत सुने हैं? M M Keeravani

संगीत हो या साहित्य हमें अपने कलाकारों का हुनर तब नज़र आता है जब वो किसी विदेशी पुरस्कार से सम्मानित होते हैं। हाल ही में एम एम करीम साहब जो दक्षिण की फिल्मों में एम एम कीरावनी के नाम से जाने जाते हैं को RRR के उनके गीत नाचो नाचो (नाटो नाटो) के लिए विश्व स्तरीय गोल्डन ग्लोब पुरस्कार से नवाज़ा गया।



सच पूछिए तो मुझे ये सुनकर कुछ खास खुशी नहीं मिली क्योंकि जिसने भी करीम के संगीत का अनुसरण किया है वो सहज ही बता देगा कि उन्होंने जो नगीने दक्षिण भारतीय और हिन्दी फिल्म संगीत को दिए हैं उनके समक्ष उनकी ये बेहद साधारण सी कृति है। पर हमारी मानसिकता तो ये है कि गोरी चमड़ी वालों ने पुरस्कार दिया नहीं और हम लहालोट होने लगे। मुझे चिंता इस बात की है ऐसे गीतों को पुरस्कार मिलता देख संगीत से जुड़ी नई पीढ़ी भारतीय संगीत की अद्भुत गहराइयों से गुजरे बिना इसे ही अपना आदर्श न मान ले।
करीम साहब तो अस्सी के दशक के आख़िर से ही दक्षिण में अपनी प्रतिभा की वज़ह से लोगों की नज़र में आने लगे थे पर हिंदी फिल्मों में पहली बार वो नब्बे के दशक के मध्य में आई फिल्म क्रिमिनल से लोकप्रिय हुए। इस फिल्म का उनका गीत तू मिले दिल खिले और जीने को क्या चाहिए आज भी जब बजता है तो मन झूम उठता है।
पर उनका हिंदी फिल्मों में सबसे बढ़िया काम मुझे एक अनजानी सी फिल्म इस रात की सुबह नहीं में लगता है। एक बेहद कसी पटकथा लिए हुई कमाल की फिल्म थी वो जिसमें उनका संगीतबद्ध गीत मेरे तेरे नाम नये हैं ये दर्द पुराना है जीवन क्या है तेज़ हवा में दीप जलाना है मन को अंदर तक भिगो डालता है। इसी फिल्म का चुप तुम रहो भी तब बेहद पसंद किया गया था। करीम का दुर्भाग्य ये भी रहा कि जिन हिंदी फिल्मों में शुरुआती दौर में उन्होंने उल्लेखनीय संगीत दिया वो ज्यादा नहीं चलीं। फिल्म ज़ख्म का वो सदाबहार गीत जाने कितने दिनों के बाद गली में आज चांद निकला हो या रोग का दर्द भरा नग्मा "मैंने दिल से कहा ढूंढ लाना खुशी..." आज भी लोगों की जुबां पर रहता है चाहे उन्हें उस फिल्म का नाम याद हो या नहीं। जिस्म के गीत "आवारापन बंजारापन.." और "जादू है नशा है..." का नशा तो श्रोताओं पर सालों साल रहा। सुर जैसी संगीतमय फिल्म में उनके गीत "कभी शाम ढले..", "जाने क्या ढूंढता है..", "दिल में जागी धड़कन ऐसे.." भी काफी सराहे गए थे।
हाल फिलहाल में स्पेशल 26 में उनका गीत "कौन मेरा क्या तू लागे" इतना सुरीला था कि इस गीत को जितनी बार भी सुनूं मन नहीं भरता। बेबी में उनका संगीतबद्ध गीत "मैं तुझसे प्यार नहीं करती" भी सुनने लायक है।
हर कलाकार चाहता है कि उसे उसके बेहतरीन काम से याद किया जाए। काश ऐसे गुणी संगीतकार को हम उनकी इन बेमिसाल कृतियों के लिए सम्मान देते। संगीत की इतनी शानदार विरासत रहने के बाद भी हम अच्छे भारतीय संगीत के लिए ऐसा पुरस्कार विकसित नहीं कर पाए जिसे पाने वाले पर सारी दुनिया ध्यान देती। इसीलिए आज हम गर्वित महसूस करने के लिए किसी गोल्डन ग्लोब या ग्रैमी की बाट जोहते हैं।

विश्व स्तरीय पुरस्कार किसी भी कलाकार के लिए सम्मान की बात है पर विश्व के संगीत प्रेमियों तक हमारी सबसे अच्छी कृति कैसे पहुंचे इस प्रक्रिया में और सुधार लाने की जरूरत है।

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M M Kareem के संगीतबद्ध मेरे चार पसंदीदा नग्मे


1. कौन मेरा, क्या तू लागे

2. मेरे तेरे नाम नये हैं


3. मैने दिल से कहा ढूंढ लाना खुशी


4. तू मिले दिल खिले


आशा है आपने भी ये गीत सुने होंगे ही। अगर न सुने हों तो सुनिएगा।
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19 टिप्पणियाँ:

Syed Shahroz Quamar on जनवरी 18, 2023 ने कहा…

सहमत

Kanchan Bisht Khetwal on जनवरी 18, 2023 ने कहा…

मेरे तेरे नाम नही सुना है।
अन्य 3 मेरे भी पसंदीदा हैं।

Manish Kumar on जनवरी 18, 2023 ने कहा…

@Kanchan Khetwal हां वो फिल्म उतनी लोकप्रिय नहीं हुई थी पर मुझे बेहतरीन लगी थी।

Anjali Kumar on जनवरी 18, 2023 ने कहा…

I think puraskar number of views and likes par bhi based hai .

Manish Kumar on जनवरी 18, 2023 ने कहा…

@ Anjali Kumar Views की बार करें तो भारत में पंजाबी पॉप को तो करोड़ों लोग देख लेते हैं। उनका कुछ पैमाना रहा होगा। पर अब तक जो अनुभव रहा है उससे इतना तो तय है कि भारतीय संगीत को परखने का उनका नज़रिया तो अलग है ही। अमेरिका में तो इस बात की भी बड़ी चर्चा थी कि ये गीत यूक्रेन के राष्ट्रपति भवन के बाहर फिल्माया गया है।

Smita Jaichandran on जनवरी 18, 2023 ने कहा…

Sach! Keeravani/MMKreem...umda Sangeet dete aayein Hai. Nato nato mein aisi koi khasiyat humein toh na dikhi ke golden globe ke hakdar bane. Par aajkal.ki peedhi ka Pata nahi ke kya bhaa Jaye.

Manish Kumar on जनवरी 18, 2023 ने कहा…

@ Smita Jaichandran गीत में सारा ध्यान तो दोनों हीरों के नाचने पर ही है। थिरकने थिरकाने वाले गीत तो हर साल हिट होते ही रहते हैं। जूरी ने कुछ और भी देखा होगा पर हम वैश्विक परिपेक्ष्य में उनसे और आशा भी नहीं रख सकते।
मेरी तो बस यही इच्छा है कि हमारे यहां भी संगीत से जुड़े ऐसे पुरस्कारों की रिवायत क़ायम हो जिसे मिलना सारे विश्व में एक उपलब्धि समझी जाए।

Sanjay Verma on जनवरी 18, 2023 ने कहा…

मनीष जी, आपकी बात से मैं भी बिल्कुल सहमत हूं, ऐसा ही तो गुणी संगीतकार ए आर रहमान के साथ भी हुआ था जब उनके एक गीत को ऑस्कर अवार्ड मिला था जबकि उस गीत से कहीं बेहतर गीतों की रचना उन्होंने की हुई है

Manish Kumar on जनवरी 18, 2023 ने कहा…

@ Sanjay Verma जी बिल्कुल हर कलाकार चाहता है कि उसे उसके बेहतरीन काम से याद किया जाए। विदेशी चश्मे से देखने पर स्लमडॉग मिलेनियर जैसे विषय लिए फिल्में वहां की जूरी के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाती हैं और उसका फायदा उस फिल्म की अन्य विधाओं से जुड़े कलाकारों को हो जाता है। विश्व के संगीत प्रेमियों तक हमारी सबसे अच्छी कृति कैसे पहुंचे इस प्रक्रिया में और सुधार लाने की जरूरत है।

Upendra Prasad Singh on जनवरी 18, 2023 ने कहा…

बिल्कुल सही कहा । नहीं may be corrected to नये in the song ‘ तेरे मेरे नाम नये हैं

Manish Kumar on जनवरी 18, 2023 ने कहा…

@ U P Singh जी सुधार लिया। शुक्रिया इंगित करने के लिए।

Harendra Srivastava on जनवरी 18, 2023 ने कहा…

कभी शाम ढले तो मेरे दिल में आ जाना.... पहली बार जब मैंने इस गाने को आज से लगभग 14 साल पहले 7वीं या 8वीं कक्षा में विविध भारती पर सुना था तो ये गाना मुझे इतना भा गया था कि मैं रेडियो पर सारा दिन इसी गाने के इंतजार में रहता था।

Manish Kumar on जनवरी 18, 2023 ने कहा…

@Harendra तो फिर कोई आया😁?

Manish on जनवरी 18, 2023 ने कहा…

तू मिले, दिल खिले... गीत बचपन मे चित्रहार में आता था। तब ये गीत उतना समझ में नहीं आता था। पर आज ये कुमार शानू के गाये सबसे बेहतरीन गीतों में एक लगता है। किरावनी साहब का गली में आज चाँद निकला... भी मुझे बेहद पसंद है!😊❤️

Manish Kumar on जनवरी 18, 2023 ने कहा…

Manish हाँ वो भी प्यारा गीत है उनका 🙂

Disha Bhatnagar on जनवरी 18, 2023 ने कहा…

He is one of my favorite music director. Many of his songs are based on ragas. He did very beautiful combination of ragas too. My favourite songs created by him are 'खाली हैं तेरे बिना -पहेली', 'ये कुसूर मेरा है-जिस्म2 , अभी-अभी- जिस्म2, गली में आज चाँद निकला - ज़ख्म, आ भी जा- सुर,और हाँ सबसे खूबसूरत मैं तुझसे प्यार नहीं करती - बेबी ,और भी बहुत सुंदर गीत है।

Manish Kumar on जनवरी 18, 2023 ने कहा…

@ Disha पहेली का धीरे जलना मुझे प्रिय था। खाली हैं तेरे बिना को सुनता हूँ। जिस्म 2 का एलबम तो शायद करीम साहब का नहीं है। मैं तुझसे प्यार नहीं करती तो मुझे भी बेहद पसंद है।

Razik Khan on जनवरी 19, 2023 ने कहा…

फ़िल्म उद्योग से जुड़ा होने के कारण मैं इसे अच्छी पहल मानता हूँ कि अब हमारी फ़िल्में भी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही है ये समय शिकायत करने का नहीं है साथ देने का है आपके इस पोस्ट से इसलिए भी खुशी मिल रही है कि लोग करीम सर की पिछले कामों को अब जानेंगे और यकीन मानिए ऐसा ही होता रहा है जब आपके average से काम को भी लोग praise करते हैं तो फिर उन्हें जानने की जिज्ञासा होती ही है आपके पुराने काम को भी जानें ऐसे ही तो लोग cult figure बनते है।

Manish Kumar on जनवरी 19, 2023 ने कहा…

@ Razik मेरी इन पुरस्कार देने वालों से कोई शिकायत नहीं हैं। उनकी सीमाएँ और जिस चश्में से वो पश्चिमी जगत के इतर के संगीत को देखते हैं उनसे भली भांति परिचित हूँ। करीब साहब का नाम हो रहा है ये भी खुशी की बात है।
पर मुझे इस बात की चाहत है कि भारत में दिये जाने वाले पुरस्कारों की साख इतनी बढ़े कि विश्व उसकी ओर ध्यान दे ताकि विश्व के लोगों को जब इन पुरस्कारों में भारत का नाम सुनाई दे तो वो यहाँ का श्रेष्ठतम सुनें। यही मेरे आलेख का केंद्रबि्दु है।

 

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